सेज अधिनियम के मुख्‍य उद्देश्‍य है :

‘मेक इन इंडिया’ के 8 वर्ष पूरे: प्रमुख उपलब्धियां

भारत सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम मेक इन इंडिया (Make in India), जो निवेश को सुगम बनाता है, इनोवेशन को बढ़ावा देता है, कौशल विकास में वृद्धि करता है तथा विनिर्माण अवसंरचना वर्ग में सर्वश्रेष्ठ का निर्माण करता है, 25 सितंबर, 2022 को आठ वर्ष पूरे कर लिया

मेक इन इंडिया 2014 में लॉन्च किया गया था। मेक इन इंडिया ने 27 सेक्टरों में पर्याप्त उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें विनिर्माण तथा सेवाओं जैसे रणनीतिक सेक्टर भी शामिल हैं।

मेक इन इंडिया: प्रमुख उपलब्धियां

विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए, भारत सरकार ने एक उदार और पारदर्शी नीति बनाई है जिसमें अधिकांश सेक्टर ऑटोमैटिक रूट के तहत FDI के लिए खुले हैं। भारत में FDI इनफ्लो वित्त वर्ष 2014-15 में 45.15 बिलियन डॉलर था और तबसे लगातार आठ वर्षों तक निरंतर वृद्धि हुई है जो रिकॉर्ड FDI इनफ्लो तक पहुंच गई है।

भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र

EPZ Centre

कांडला में 1965 में एशिया के पहले ईपीजेड के खोले जाने के साथ, भारत निर्यात को बढावा देने में निर्यात प्रसंस्‍करण क्षेत्र (ईपीजेड) मॉडल की प्रभावोत्‍पादकता स्‍वीकार करने वाले पहले देशों में एक था । नियंत्रणों एवं मंजूरियों की विविधता; विश्‍व स्‍तरीय अवसरंचना का अभाव; और एक अस्‍थिर वित्‍तीय व्‍यवस्‍था के कारण निवेश आकर्षित करने के लिए 8 विकल्प सामने आने वाली दिक्‍कतों का सामना करने तथा भारत में अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए, अप्रैल 2000 में विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) नीति की घोषणा की गई ।

इस नीति का उद्देश्‍य केंद्र एवं राज्‍य दोनों निवेश आकर्षित करने के लिए 8 विकल्प ही स्‍तर पर न्‍यूनतम संभावित विनियमनों के साथ आकर्षक वित्‍तीय प्रोत्‍साहन तथा गुणवत्‍ता – पूर्ण अवसंरचना की सहायता से सेज को आर्थिक विकास का वाहक बनाना था । भारत में सेज 1.11.2000 से 09.02.2006 तक विदेश व्‍यापार नीति के प्रावधानों के तहत कार्यरत रहा और आवश्‍यक वैधानिक प्रावधानों के माध्‍यम से वित्‍तीय प्रोत्‍साहनों को प्रभावी बनाया गया ।

Best SIP for 5 Years Investment 2022: इस साल चुनें ये बेहतरीन एसआईपी, पांच निवेश आकर्षित करने के लिए 8 विकल्प साल में कमा सकते हैं बैंक एफडी से भी अधिक रिटर्न

Best SIP for 5 Years Investment 2022: इस साल चुनें ये बेहतरीन एसआईपी, पांच साल में कमा सकते हैं बैंक एफडी से भी अधिक रिटर्न

निवेशक अपने लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

Best SIP for 5 Years Investment 2022: बैंकों की एफडी लंबे समय से निवेश के लिए आकर्षक विकल्प रहा है लेकिन पिछले कुछ समय से इसकी कम दरों के चलते इसकी लोकप्रियता कम हो रही है. महंगाई से तुलना करने पर रिटर्न के माइनस में चले जाने की आशंका रहती है. ऐसे में निवेशक अपने लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

इक्विटी फंड में 5 साल के लिए बेहतरीन एसआईपी

  • Axis Bluechip Fund Monthly SIP: यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है जिसका ट्रैक रिकॉर्ड बहुत शानदार रहा है और लंबे समय में बड़ी पूंजी तैयार करने के लिए बेहतरीन प्लान है. इसके तहत मुख्य रूप से लार्ज कैप कंपनियों के लार्ज कैप स्टॉक्स में पैसे लगाए जाते हैं. उदाहरण के लिए अगर इस प्लान के तहत पांच साल के लिए 10 हजार रुपये की एसआईपी करते हैं तो आप 6 लाख रुपये का निवेश करेंगे जो 5 साल में 7.24 लाख रुपये बन जाएंगे.
  • ICICI Prudential Bluechip Fund: यह एक ओपन-एंडेड स्कीम है जिसका पैसा लार्ज कैप स्टॉक्स में लगाया जाता है. अब तक के ट्रैक रिकॉर्ड के हिसाब से इसमें 10 हजार रुपये की एसआईपी 5 साल में 6.29 लाख रुपये बन सकता है.
  • SBI Bluechip Fund: इस फंड का पैसा इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में लगाया जाता है जो लंबे समय में पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए 8 विकल्प बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार है. इस योजना के तहत निवेश आकर्षित करने के लिए 8 विकल्प 10 हजार रुपये की पूंजी से 5 साल में 6.3 लाख रुपये या मार्केट कंडीशन के हिसाब से इससे अधिक की पूंजी बनाई जा सकती है.

डेट फंड्स में 5 साल के लिए बेहतरीन एसआईपी

  • HDFC Short Term Debt Fund: यह एक शॉर्ट-ड्यूरेशन फंड और मॉडेरेटली लो-रिस्क डेट म्यूचुअल फंड है. इसमें हर महीने लगाए गए दस हजार रुपये पांच साल में 7.4 लाख रुपये बन सकते हैं यानी कि 6 लाख रुपये के निवेश पर 1.4 लाख रुपये का मुनाफा. इस फंड में कोई एंट्री और एग्जिट लोड नहीं है.
  • Aditya Birla Sun Life Savings Fund: यह भी पांच साल के लिए बेहतरीन एसआईपी है और कम अवधि में ही शानदार मुनाफा कमाया जा सकता है. बैंक एफडी की तुलना में यह अधिक शानदार विकल्प साबित हो सकता है. अगर आप इसमें हर महीने 10 हजार रुपये लगाते हैं तो पांच साल में 6.81 लाख रुपये की पूंजी बना सकते हैं. इसका 93.8 फीसदी पैसा डेट फंड्स में लगाया जाता है.
  • SBI Magnum Medium Duration Fund: यह मीडियम ड्यूरेशन फंड है और इसका पैसा डेट फंड्स, सरकारी सिक्योरिटीज और बहुत कम रिस्क वाली सिक्योरिटीज में लगाया जाता है. यह ऐसे निवेशकों के लिए निवेश का बेहतरीन विकल्प हो सकता है जो अधिक रिस्क नहीं उठा सकते हैं.
  • Nippon India Low Duration Fund: यह एक ओपन-एंडेड डेट म्यूचुअल फंड है. इसमें पैसे लगाने पर मॉडेरेटेली कम है और यह ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर है जो शॉर्ट टर्म में अपनी पूंजी बढ़ाना चाहते हैं. इस फंड का पैसा मनी मार्केट सिक्योरिटीज और डेट म्यूचुअल फंड्स में लगाया जाता है.
  • L&T Low Duration Fund: यह एक ओपन एंडेड डेट फंड है जो ऑप्टिमल रिटर्न के लिए जाना जाता है. इस स्कीम को रिलायंस म्यूचुअल फंड ने 2007 में लॉन्च किया था और इसके तहत हर महीने 10 हजार रुपये की एसआईपी करते हैं तो पांच साल में आपके पैसे 7.29 लाख रुपये बन सकते हैं.
  • (सोर्स: पॉलिसीबाजार)

भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र

EPZ Centre

कांडला में 1965 में एशिया के पहले ईपीजेड के खोले जाने के साथ, भारत निर्यात को बढावा देने में निर्यात प्रसंस्‍करण क्षेत्र (ईपीजेड) मॉडल की प्रभावोत्‍पादकता स्‍वीकार करने वाले पहले देशों में एक था । नियंत्रणों एवं मंजूरियों की विविधता; विश्‍व स्‍तरीय अवसरंचना का अभाव; और एक अस्‍थिर वित्‍तीय व्‍यवस्‍था के कारण सामने आने वाली दिक्‍कतों का सामना करने तथा भारत में अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए, अप्रैल 2000 में विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) नीति की घोषणा की गई ।

इस नीति का उद्देश्‍य केंद्र एवं राज्‍य दोनों ही स्‍तर पर न्‍यूनतम संभावित विनियमनों के साथ आकर्षक वित्‍तीय प्रोत्‍साहन तथा गुणवत्‍ता – पूर्ण अवसंरचना की सहायता से सेज को आर्थिक विकास का वाहक बनाना था । भारत में सेज 1.11.2000 से 09.02.2006 तक विदेश व्‍यापार नीति के प्रावधानों के तहत कार्यरत रहा और आवश्‍यक वैधानिक प्रावधानों के माध्‍यम से वित्‍तीय प्रोत्‍साहनों को प्रभावी बनाया गया ।

‘मेक इन इंडिया’ के 8 वर्ष पूरे: प्रमुख उपलब्धियां

भारत सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम मेक इन इंडिया (Make in India), जो निवेश को सुगम बनाता है, इनोवेशन को बढ़ावा देता है, कौशल विकास में वृद्धि करता है तथा विनिर्माण अवसंरचना वर्ग में सर्वश्रेष्ठ का निर्माण करता है, 25 सितंबर, 2022 को आठ वर्ष पूरे कर लिया

मेक इन इंडिया 2014 में लॉन्च किया गया था। मेक इन इंडिया ने 27 सेक्टरों में पर्याप्त उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें विनिर्माण तथा सेवाओं जैसे रणनीतिक सेक्टर भी शामिल हैं।

मेक इन इंडिया: प्रमुख उपलब्धियां

विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए, भारत सरकार ने एक उदार और पारदर्शी नीति बनाई है जिसमें अधिकांश सेक्टर ऑटोमैटिक रूट के तहत FDI के लिए खुले हैं। भारत में FDI इनफ्लो वित्त वर्ष 2014-15 में 45.15 बिलियन डॉलर था और तबसे लगातार आठ वर्षों तक निरंतर वृद्धि हुई है जो रिकॉर्ड FDI इनफ्लो तक पहुंच गई है।

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