ट्रेडिंग को आसान शब्दों में कहे तो किसी प्रोडक्ट या सेवा को कम दाम में खरीदना और उच्च दाम पर बेंच देना ट्रेडिंग कहलाता है, ट्रेडिंग का मतलब किसी स्टॉक की खरीदना और बेंचना भी ट्रेडिंग कहलाता है ट्रेडिंग का मुख्य मकशद कम दाम में खरीदना और उच्च दाम पर बेंच देना

scalping trading meaning in hindi स्काल्पिंग ट्रेडिंग

scalping trading meaning in hindi आर्टिकल में आप जानने वाले है की scalping trading क्या है. शेयर मार्किट में इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट तो आप कर ही रहे होगे लेकिन क्या आपको पता है की स्काल्पिंग ट्रेडिंग किसे कहते है?

स्काल्पिंग ट्रेडिंग का हेतु कम समय में मुनाफा प्राप्त करना होता है. जैसे हम इंट्राडे में माकेट ओपन होने के बाद शेयर की खरीदी करके मार्किट क्लोज होने से पहले उस शेयर को बेच देते है वैसे ही स्काल्पिंग ट्रेडिंग में बहुत ही कम समय अवधि में शेयर को खरीद के बेच देना होता.

स्काल्पिंग ट्रेडिंग का उदेश्य किसी भी शेयर में आये जरा भी उछाल या गिरावट को मुनाफा में बदलना होता है.स्काल्पिंग ट्रेडिंग बहुत ही अनुभव और शेयर मार्किट का ज्ञान लेकर करनी चाहिए. स्काल्पिंग ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस की टेक्निक्स का भी उपयोग होता है अब हम इस आर्टिकल scalping trading meaning in hindi में स्काल्पिंग ट्रेडिंग के बारे में डिटेल में समजते है.

scalping trading meaning in hindi

Table of Contents

स्कालिपिंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी ही जिसमे आप किसी भी शेयर को कुछ सेकंड और मिनिट के लिए खरीदते है और शेयर का भाव जैसे ही थोडा बढ़ता है आप उसे ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है बेच देते है. स्काल्पिंग ट्रेडिंग ज्यादा क्वांटिटी के साथ की जाती है क्यूंकि आपको शेयर का भाव थोडा सा ही बढ़ते ही उसे बेच देना होता है.

स्काल्पिंग ट्रेडिंग में आप बहुत की कम समय में शेयर को खरीद के बेच देते है या बेचे हुए शेयर को कुछ ही सेकंड्स या मिनिट में खरीद लेते है. मतलब स्काल्पिंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में शेयर में आये थोड़े से भी उछाल या गिरावट को पकडके उससे मुनाफा कमाने का हेतु होता है.

स्काल्पिंग ट्रेडिंग में बहुत ही छोटी समय अवधि के टाइम फ्रेम का उपयोग किया जाता है. अगर आप किसी इंडिकेटर, मूविंग एवरेज, या कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न का उपयोग करते है तो आप शोर्ट टाइम फ्रेम का उपयोग करते है.

scalping trading example:

स्काल्पिंग ट्रेडिंग को में आपको एक एक्साम्प्ल देकर समजाता हु. जैसे की मान लो की कोई शेयर अभी २०० पे ट्रेड कर रहा है आप को लगता है की ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है इस शेयर का भाव थोडा ऊपर जा सकता है. अब आप इस शेयर को २०० के भाव पर १००० शेयर को खरीद लेते है और जैसे ही इस शेयर का भाव २.२० पैसे हो जाता है आप उसे बेच देते है.

इस प्रकार सिर्फ २० या ३० पैसे या ५० पैसे के उछाल पे भी आप शेयर को बेच देते है. अब आपके पास १००० शेयर थे आपको २० पैसे प्रति शेयर के हिसाब से आपको २०० रुपये मिल जायेंगे. अगर आप इस शेयर को १ रुपये के ऊपर जाने के बाद बेचते है तो आपको १००० का प्रॉफिट होगा. इस प्रकार स्काल्पिंग ट्रेडिंग में शेयर के भाव में आ रही तेजी या गिरावट को सेकंड्स और मिनिट के ट्रेड में फायदा कमाना होता है.

Scalping trading strategy in hindi

स्काल्पिंग ट्रेडिंग करने के लिए कुछ स्ट्रेटेजी होती है जिसे जानना आपके लिए जरुरी है. स्काल्पिंग ट्रेडिंग में कौनसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उपयोग किया जाता है उनसके बारे में हम इस आर्टिकल scalping trading meaning in hindi आर्टिकल में जानेंगे.

सपोर्ट लेवल: छोटे टाइम फ्रेम में सपोर्ट लेवल को निकाल के आप उस सपोर्ट लेवल से शेयर को खरीद के बेच सकते है. सपोर्ट ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है लेवल निकाल ने के लीये आप चार्ट पे सपोर्ट लेवल खिंच सकते है. सपोर्ट लेवल निकाल ने के लिए ट्रेंड लाइन या कैंडलस्टिक कैंडल का भी उपयोग कर सकते है लेकिन ये सब शोर्ट टाइम फ्रेम में आपको करना होगा.

रेसिस्टेंट लेवल: आप चार्ट पे रेसिस्टेंट लेवल खिंच के ट्रेंड लाइन खिंच के या कैंडलस्टिक कैंडल का उपयोग करके , पाइवोट पॉइंट का उपयोग करके भी आप रेसिस्टेंट लेवल निकाल सकते है. पाइवोट पॉइंट क्या है और इनका कैसे उपयोग करे इनके बारे में आपको पता ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है नहीं है तो आप मेरा आर्टिकल पाइवोट पॉइंट क्या होता है ये आर्टिकल पढ़े.

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लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

ट्रेडर बनने के लिए पहले आपके पास बेसिक स्किल होना अति आवश्यक है जैसे शेयर मार्किट क्या है? और शेयर मार्किट में कैसे इन्वेस्ट किया जाता है उसके बाद ट्रेडिंग क बारे में भी कुछ जानकारी होनी चाहिए जैसे ट्रेडिंग त्रादंग कितने प्रकार के होते है और ट्रेड कैसे किया जाता है.

ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास पहले एक डीमैट अकाउंट होना अतिआवश्यक है जिस प्रकार बैंक में पैसा जमा निकाशी के लिए सेविंग और करंट अकाउंट खुलवाते है उसी प्रकार शेयर मार्किट में निवेश और ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट क आवश्यकता होती है.

डीमैट खाता आप अपने घर से बस 5 मिनट में अपना अकाउंट बना सकते है ऐसे बहुत सरे मार्किट में ब्रोकर है जो डीमैट खाता खोलते है जैसे उपस्टेक्स, एंजेल वन , ग्रो और बहुत सारे

अगर अपने अभी तक अपना डीमैट खाता नहीं खोला है तो आप Upstox में अपना अकाउंट बना सकते है इसकी सर्विस काफी अच्छी होने के साथ इसका इंटरफ़ेस इंटरफ़ेस यूजर फ्रेंडली है इसका इस्तेमाल में करीब 5 साल से कर रहा हूँ.

ट्रेडिंग कैसे सीखे (Trading Kaise Sikhe)

ट्रेडिंग सिखने के लिए आज बहूत सारे तरीके है आप ट्रेडिंग घर बैठे ऑनलाइन सिख सकते है आज ऐसे भूत सरे प्लेटफॉर्म है जिसके माध्यम से आप ट्रेडिंग सिख सकते है

यूट्यूब : आज ऐसे हजारो चैनल है जो फ्री में ट्रेडिंग सिखाते है लेकिन में आपको निचे पांच ऐसे चैनल के नाम बता रहा हूँ जिसमे मेने भी बहुत कुछ सिका और आप भी सिख सकते है

01Vivek Bajaj
02Neeraj Joshi
03Fin Baba
04Puskar Raj Thakur

अगर आप ट्रेडिंग की शुरुवात करना चाहते है तो आप Upstox में अपना अकाउंट बना सकते है इसका इस्तेमाल में पिछले 5 साल से कर रहा हूँ

खरीद नेताओं की नाम हॉर्स ट्रेडिंग का मतलब क्या है

खरीद नेताओं की नाम हॉर्स ट्रेडिंग का मतलब क्या है

इन दिनों सोशल मीडिया पर हॉर्स ट्रेडिंग काफी ट्रेंड कर रहा है। बड़ी मशक्कत के बाद भी जब जनता ने उन्हें कुर्सी पर बैठने का फुल समर्थन नहीं दिया तो भी वे परेशान न हुए। उन्हें पता है कि कुर्सी पर नैतिक तरीके से बैठने ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है के बीसियों विकल्प बंद होने के बावजूद भी अनैतिक हजारों विकल्प खुले रहते हैं। जिसे कुर्सी पर बैठना हो वह साम, दाम, दंड, भेद, चटा, पटा, मंत्री पदों के हसीन सपने दिखा कैसे भी कुर्सी पर बैठ ही जाता है।

जिसे जो बकना हो बकता रहे। बस, मन में कुर्सी पर बैठने की जिद होनी चाहिए। अपने पास कटी-फटी कैसी भी हो, एक अदद दलील होनी चाहिए। अपने घोड़ों से बाजार में नोटों की गड्डियों के आगे भी एकजुट रहने की सख्त अपील होनी चाहिए। ज्यों ही हाईकमान के आदेश पर अपनी कुर्सी में जरूरत के हिसाब से जुते घोड़े होने के बाद भी सरकार बनाने को और समर्थन खरीदने गधे पर भ्रष्टाचार की अशर्फियां लादे वे अचानक मुझसे टकराए तो मैं उस हाल में उन्हें देख सन्न रह गया।

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

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Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

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