Stock Broker क्या होता है ? What is Stock Broker in Hindi | Stock Broker meaning in hindi |
Stock Broker meaning in hindi : - Share Market में Stock Broker की भूमिका बहुत ही अहम् बिटकॉइन ब्रोकर फीस होती है क्योंकि बिना Broker के हम शेयर bazar में पैसे नहीं लगा सकते हैं.
आज के समय चीजें काफी Fast होती जा रही है ऐसे में शहर ही नहीं बल्कि गॉंव के लोग भी घर बैठे अपने पैसे को सही ढंग से शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं ये सिर्फ Stock Broker के ही सुविधा का परिणाम है.
इसलिए दोस्तों आज के इस लेख में हमलोग जानेंगे की Stock Broker Kya Hai | Stock Broker क्या होता है ? What is Stock Broker in Hindi | Stock Broker meaning in hindi .
यदि आप शेयर बाजार के बारे में जानना चाहते हैं तो यह लेख आपकी मदद करेंगे -
- Share Market क्या है ? पूरी जानकरी
- शेयर बाजार में पैसे कैसे लगाये?
Stock Broker क्या होता है ? What is Stock Broker in Hindi
Stock Broker meaning :- हम Stock Market में Direct किसी Share को नहीं खरीद सकते हैं इसके लिए हमें किसी कंपनी या किसी फर्म की आवश्यकता होती है. जो हमारे सभी Order (Buy या Sell) को Stock Exchange तक पहुँचाने में हमारी मदद करती है.
जो कंपनी या जो व्यक्ति हमारे Order को मार्किट तक पोछाने की काम करते है उसको ही स्टॉक ब्रोकर ( Stock Broker) कहलाते है. स्टॉक ब्रोकर कोई व्यक्ति, कंपनी या कोई फॉर्म हो सकता है जो रजिस्टर है स्टॉक एक्सचेंज में.
हम किसी भी Buy या Sell Order को Treding Account के मदद से देते हैं और जैसे ही हम अपना Order लगाते हैं उसके अगले सेकंड ही Broker उसे बिटकॉइन ब्रोकर फीस Stock Exchange तक पहुंचा देते हैं और Order कम्पलीट हो जाता है.
Stock Broker काम कैसे करती है?
हमें Stock Market में किसी शेयर को खरीदने और बेचने के लिए किसी भी Broker के पास अपना Treding Account Open करना पड़ता है. जिसमें हम अपना कोई भी Order जैसे - किसी Share कब , कितनी क्वांटिटी खरीदना या बेचना है.
जैसे ही हम Order लागते हैं उसके तुरंत बाद Stock Broker उस Order को Stock Exchange तक पहुंचा देते हैं और हमारा Order कम्पलीट .
मान लीजिये की हम A कंपनी के 20 शेयर को खरीदने के लिए Order दिए है तो जैसे ही वो Order स्टॉक एक्सचेंज तक पहुँचता है तो " स्टॉक एक्सचेंज " अब उस व्यक्ति खोजेगा जो A कंपनी के 20 शेयर को बेच रहा है. जब वो मिल जायेगा तो आपका Order कम्पलीट हो जायेगा.
सुनने से लगता है की ये बहुत ही लंबी प्रक्रिया है लेकिन यह सब बहुत Fast में होता है. जिसमें हमारे और स्टॉक एक्सचेंज के बीच स्टॉक ब्रोकर मध्यस्ता की काम करती है.
Demat Account: डीमैट खाता खुलवा रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, फायदे में रहेंगे
Demat Account: शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोला जाता है. बिना डीमैट अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं की जाती है.
By: ABP Live | Updated at : 24 Jan 2022 06:44 AM (IST)
Demat Account: डीमैट अकाउंट (Demat account) के बारे में आपने जरूर सुना होगा, लेकिन बहुत से लोग डीमैट अकाउंट के बारे में नहीं जानते. दरअसल शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोला जाता है. बिना डीमैट अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं की जाती है. आज हम आपको बता रहे हैं कि डीमैट अकाउंट खोलते समय कौन-कौन सी बातों पर ध्यान देना होता है.
ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
- ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं.
- आजकल ज्यादातर मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं.
- इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) की फीस ली जा सकती है.
इन बातों की करें जांच
- डीमैट अकाउंट की फीस, सालाना मेंटेनेंस चार्ज, ट्रांजेक्शन फीस.
- ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों बिटकॉइन ब्रोकर फीस के बीच बड़ा अंतर हो सकता है.
अन्य सुविधाएं
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- आपको ब्रोकरेज हाउस क्या-क्या सुविधाएं देगा यह जरूर जान लें.
- कुछ ब्रोकरेज हाउस इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा के अतिरक्त भी कई प्रकार की अन्य सेवाएं देते हैं.
- जैसे कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं. यह रिसर्च आपको सही जगह निवेश करने में मदद करती है.
डीमैट और ट्रेडिंग खाता
- आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं तो यह सबसे अच्छा है.
- ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है.
- ध्यान रखें कि डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.
- ट्रेडिंग खाते के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.
पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
- कुछ ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते हैं.
- इससे निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलती है.
कनेक्टिविटी
- कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही बिटकॉइन ब्रोकर फीस इस्तेमाल किया जा सकता है.
- ब्रोकरेज हाउस दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है यह जानना जरूरी है.
- वैसे ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना बिटकॉइन ब्रोकर फीस हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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Published at : 24 Jan 2022 06:43 AM (IST) Tags: Stock Market demat account broker हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
bitcoin ke fayde aur nuksan kya hai
आज की मेरे इस Article Bitcoin के लाभ और हानि क्या है इनके महत्व क्या है में आपको Bitcoin को इस्तेमाल करने के कुछ फायदे और नुकसान के बारे बिटकॉइन ब्रोकर फीस में बता रहा हूँ, ताकि आपको इसके बारे में और भी कुछ जानकारी मिल सके।
इस तरह से आपको Bitcoin क्या है ये कैसे काम करते हैं खरीदने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके।
अगर आप एक Bitcoin User नहीं हैं या तो फिर आप भी Bitcoin User बनना चाहते हैं, और Bitcoin को आप भी खरीदना चाहते हैं तो आपको मैं इसकी जानकारी दे रहा हूँ।
तो चलिए अब इसके बारे मे जानते हैं कि Bitcoin को Use करने के क्या-क्या फायदे - नुकसान हैं
Bitcoin को Use करने के फायदे
अगर आप Bitcoins का Use कर रहे हैं या इसको Use करने के बारे में सोच रहे हैं, और अपने लिए Bitcoin खरीदना चाहते हैं।
तो मैं आपको बता रहा हूँ कि आपको Bitcoin को Use करने से बहुत फायदे हो सकते हैं।
तो अब हम जानते हैं कि Bitcoin इस्तेमाल करने के अच्छे फायदों के बारे में
यह सबसे ज्यादा इसलिए ही popular है, कि अगर आप लम्बे समय (6 Months या फिर 1 Year) के लिए Bitcoin में Invest करते है तो काफी फायदा हो सकता है।
क्योकि अभी तक के Record के अनुसार Bitcoin की value लगातार बढ़ रहा रहा है।
लेकिन इसकी value कम भी हो सकता है। उस स्थिति में आपको loss का भी सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए अगर आप इस Bitcoin में Investment करना चाहते हैं तो यह आपको बहुत ज्यादा लाभ दे सकता है।
और आप इसको कम में खरीदकर ज्यादा पैसे में बेचकर अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
Bitcoin में आपका transaction fee credit card and debit card से payment करने के मुकाबले बहुत ही कम होता है।
इसलिये आप किसी International Transaction के लिए Bitcoin का इस्तेमाल कर सकते हैं, आपको transaction fee कम लगेगा।
Bitcoin में हमारा Account कभी भी block नहीं होता जैसे कभी कभी किसी कारण से bank हमारे credit या debit card को block कर देता है, तो वो समस्या यहाँ नहीं होती।
Bitcoin आज पूरे world में इस्तेमाल किया जाने लगा है। यही इसका एक मुख्य फायदा भी है।
यह पूरी दुनिया में चलने लगा है, और आप इसको पूरे World में इस्तेमाल कर सकते हैं।
Bitcoin का Use आप किसी भी देश में कभी भी कर सकते हैं।
Bitcoins में बिटकॉइन ब्रोकर फीस आप अगर long term के लिए investment करेगें तो आपको इससे काफी Profit हो सकता है।
क्यूंकि ऐसा Record में देखा गया है, की bitcoin की Price जो कि निरंतर बढ़ रहा है।
तो आगे चल कर हो सकता है, आपको इससे बहुत Profit मिले।
Bitcoin का account कभी भी block नहीं होता है।
जैसे कभी-कभी किसी कारण से bank हमारे credit या फिर debit card को block कर देता है, तो Bitcoin में ऐसी कोई System नहीं होती है।
Bitcoin पर Government की भी कोई नजर नही होती है, और यह tax free भी होता है।
यानी कि कोई भी देश की Government इस पर tax नहीं लगा सकती है।
Bitcoin जो कि Use करने में आसान और एकदम secure होता है। इस पर आपकी security ओर personal informations का पूरा ध्यान रखा जाता है।
इन सभी के अलावा भी इस Bitcoin के बहुत से फायदे होते हैं।
इसलिए अगर आप Bitcoin का Use करते हैं तो यह आपके लिए काफी हद तक फायदेमंद होता है, और इसमें किसी भी तरह का Risk बहुत कम रहता है।
Bitcoin को Use करने के नुकसान
Bitcoin के इस्तेमाल में सिर्फ फायदे ही होते हैं। इसके कुछ नुकसान भी होते हैं।
क्या आप जानते हैं Bitcoin को Use करने से कुछ नुकसान के बारे में
इस Bitcoin को Control करने के लिए कोई Government Authority नही है।
इसकी Rate and Price काफी Fluctuate (कम -ज्यादा) करता रहता है। इसलिए कभी-कभी ये Risky भी हो सकता है।
अगर आपका account कभी hack हो जाता है, तो आप अपने सारे bitcoins खो देंगे और इसे वापस बिटकॉइन ब्रोकर फीस भी नहीं लाया जा सकता।
इस Bitcoin में आपकी मदद कोई भी देश की Government नहीं कर पाएगी।
जब आप Online कोई सामन Bitcoin का use करके खरीदेंगे तो हो सकता है कि Seller आपको खराब सामान send कर दे।
तो आप उसे Return करके Bitcoin Refund नही पा सकते है।
बहुत से Online merchant (seller),, payment के लिए Bitcoin को Accept नही करते।
Bitcoin से आप बहुत से online popular Companies और Stores and Shops मिल जायेंगे जहाँ पर आप Bitcoin का use करके products and services को खरीद सकते है।
भारत मे Bitcoin का कोई भी भविष्य नहीं देखने को मिल रहा है। हमारे भारत की सरकार समय-समय पर इस Bitcoin को लेकर चेतावनी देती रहती है।
इसलिए हो सकता है कि Bitcoin भारत में शायद आगे चलकर Baned हो जाये या फिर Bitcoin Buying and Selling बंद हो जाये।
Bitcoin की Price निरंतर कम और ज्यादा होती रहती है। इसलिए इसमें loss होने का खतरा ज्यादा रहता है।
हो सकता है कि आप ज्यादा पैसे में Bitcoin खरीदें ओर फिर इसकी कीमत कम हो जाये। इसलिए इसमें आपको Loss होने की Risk बनी रहती है।
DeFi क्या है? Defi कैसे कार्य करता है? (सम्पूर्ण जानकारी)
DeFi क्या है? (What is Defi In Hindi)
DeFi एक Decentralized Finance सुविधा है जो ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर कार्य करता है. इसमें किसी बैंक, थर्ड पार्टी या ब्रोकर की भागीदारी नहीं होती है. इसके साथ आप DeFi के जरिये fund ट्रांसफर कुछ मिनट में ही कर सकते है. यहाँ सबसे अच्छी बात है की इसमें transaction fee बैंको की तुलना में बहुत कम होता है. हालाँकि, ये फीस अलग अलग ब्लॉकचैन नेटवर्क पर निर्भर करती है.
DeFi का उपयोग करने के लिए बैंको की तरह KYC प्रक्रिया की जरुरत नहीं होती है. इसमें सिर्फ आपको एक crypto wallet चाहिए। जिसके जरिए आप Defi का उपयोग कर सकते है.
जब हम बैंक से लेन देन करते है तो इसके लिए बैंक ट्रांसक्शन फीस के नाम पर कुछ पैसे चार्ज करता है और साथ ही हमारे पैसो का उपयोग कहाँ और कैसे करना है. ये सभी निर्णय का अधिकार बैंक के पास होता है. जबकि Defi में पैसो का पूरा नियत्रंण हमारे पास होता है और Defi में होने वाले पूरा लेन देन का रिकॉर्ड ब्लॉकचैन में स्टोर होता है जिसे कोई भी देख सकता है.
आजकल, अधिकतर DeFi applications (Dapps) में Ethereum नेटवर्क का उपयोग हो रहा है. Decentralized Finance के जरिये ट्रांसक्शन प्रकिया में लोग ब्लॉकचैन नेटवर्क का उपयोग करके लेन देन करते है. DeFi थर्ड पार्टी और बीच के सभी ब्रोकर को हटा कर लेन देन की प्रक्रिया और अधिक तेज़ बनाता है.
Defi कैसे कार्य करता है? (How Defi Work In Hindi)
सभी क्रिप्टोकोर्रेंसी की तरह DeFi भी ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के ऊपर कार्य करता है जो एक decrealized system है. इसमें किसी भी एक बैंक या संस्था का नियंत्रण नहीं होता. सभी वित्तीय ट्रांससेशन ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के उपयोग से संपन्न होता है.
इस लेन देन के दौरान कोई भी middle man शामिल नहीं होता है. मिडिल मैन का मतलब बैंको से है क्योकि बैंक से पैसे लेते समय हमे मध्यस्ता की जरुरत होती है DeFi में सभी लेन देन का रिकॉर्ड ब्लॉकचैन में स्टोर रहता है जिसे कोई भी देख सकता है.
इसमें Peer-to-peer (P2P) के जरिये वित्तीय लेन देन होता है जिसमें दो पक्ष के लेन देन के बीच कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं होता है और दोनों पक्ष आसानी से क्रिप्टोकोर्रेंसी का आदान प्रदान करते है.
Defi के फायदे (Advantages of Defi In Hindi)
- DeFi का उपयोग करने के लिए आपको अपनी जानकारी जैसे ईमेल ID, मोबाइल नंबर, पता और नाम शेयर करने की जरुरत नहीं पड़ती है. यह अपने यूजर की सिक्योरिटी और गोपनीयता का ख्याल रखता है.
- DeFi में आपको बैंक की तरह अपना अकाउंट नहीं खुलवाना होता है. इसमें सिर्फ क्रिप्टो वॉलेट होना चाहिए जिससे आप लेन देन कर सके.
- DeFi में जितने लोगो के द्वारा लेन बिटकॉइन ब्रोकर फीस देन होता है उन सभी का रिकॉर्ड पब्लिक ब्लॉकचैन में स्टोर रहता है जिसे कोई भी देख सकता है. इसमें पारदर्शिता रखी जाती है.
- इसका इस्तेमाल Decentralized Exchange में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के लिए कर सकते है और साथ ही token को stake करके भी रख सकते है.
Defi के नुकसान (Disadvantages of Defi In Hindi)
- हालाँकि, ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी बहुत सुरक्छित माना जाता है जिसे हैक करना बहुत ही कठीन कार्य है लेकिन इसके बावजूद कोई इसे कर देता है तो इससे होने वाला नुकसान की जिम्मेदारी आपको खुद लेना होगा. इसकी भरपाई नहीं मिलता है.
- चूँकि, यह एक Decrentailezed system के ऊपर कार्य करती है जिसकी वजह से इसका कोई नियम-क़ानून नहीं होता है इसलिए इसमें आपके पैसो की जिम्मेदारी खुद रखना पड़ता है.
- Ethereum Blockchain के लेन देन में अधिक फीस देना पड़ता है जिस कारण से ट्रेडिंग करना बहुत महँगा हो जाता है.
- सभी डेफी एप्लीकेशन के साथ private key दिया जाता है जिसे अच्छी तरह से संभाल कर रखना पड़ता है क्योंकि अगर ये प्राइवेट की खो जाती है तो इसे दोबारा प्राप्त करना नामुमकिन होता है और इसके साथ में आपके क्रिप्टो वॉलेट में मौजूद सभी कॉइन का भी नुकसान हो जाता है.
Defi और Traditional Finance में अंतर (Difference between Defi and Traditional Finance In Hindi)
Defi | Traditional Finance |
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आपके पैसो का पूरा नियंत्रण आपके पास होता है. | किसी बैंक के पास आपके पैसो का नियंत्रण होता है. |
आप नियंत्रित करते है की आपके पैसे कहाँ जाएगा और कैसे खर्च होगा. | आपको बैंक पर भरोसा करना पड़ता है की वे आपके पैसे कहीं जोखिम में न डाल दें. |
इसमें लेन देन की प्रक्रिया में कुछ मिनट लगते है. | Manual प्रक्रिया के कारण भुगतान में कुछ दिन भी लग सकते है. |
इसमें पारदर्शिता होती है जिनमें आप लेन देन की सभी जानकारी देख सकते है. | इसमें आप इनकी लेन देन और लोन का रिकॉर्ड नहीं देख सकते है. |
Defi हमेशा खुला रहता है. आप कभी भी इसका इस्तेमाल कर सकते है. | कभी कभी बैंक कर्मचारियो के ब्रेक लेने के कारण बंद होता है. |
Conclusion
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में में हमने Decentralized Finance (DeFi) के बारे में बात की और जाना कि DeFi क्या है? (What is DeFi In Hindi) DeFi और Traditional Finance में क्या अंतर है? (Difference Between Defi and Traditional Finance In Hindi)
आशा करता हूँ कि आपको DeFi Kya Hai? के बारे में सारी जानकारी मिल चुकी होगी।
यदि आपको अभी भी What is DeFi In Hindi से संबंधित कोई भी अब भी प्रश्न है तो वह आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं और यदि आपको ये आर्टिकल पढ़ कर अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जो कि क्रिप्टोकरंसी technology में इंटरेस्ट रखते हैं उन्हें जरूर शेयर करें।
Financial Enthusiast | Investor | Passionate To Learn And Teach About Crypto, Cryptocurrency, Finance And Investing
Pledge/Re-pledge Mechanism के कारण नियामक परिवर्तन
निवेशक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए Pledge/Re-pledge Mechanism के कारण नियामक परिवर्तन
अगस्त 2020 तक, शेयरों के उपयोग के माध्यम से व्यापार के तंत्र को संपार्श्विक के रूप में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अपने डीमैट होल्डिंग्स का उपयोग करके एक्सपोज़र लेने के इच्छुक निवेशकों को अब ब्रोकर के पक्ष में अपनी होल्डिंग गिरवी रखनी होगी, जिसके माध्यम से वे वर्तमान तंत्र के खिलाफ व्यापार करते हैं, जहां इन्वेस्टर्स के शेयर ब्रोकर के संपार्श्विक खाते में शारीरिक रूप से स्थानांतरित हो जाते हैं। निवेशक का डीमैट खाता। आइए हम बुनियादी सवालों से गुजरते हैं कि मौजूदा तंत्र क्या था और नया तंत्र कैसे काम करेगा
वर्तमान तंत्र क्या है?
वर्तमान में यदि निवेशक पूंजी बाजार में व्यापार करना चाहता है, तो वह धनराशि के हस्तांतरण के माध्यम से या पदों के सृजन के लिए संपार्श्विक / मार्जिन आवश्यकताओं की ओर डीमैट होल्डिंग्स के हस्तांतरण के माध्यम से ऐसा कर सकता है। बिटकॉइन ब्रोकर फीस हम डिमैट होल्डिंग के हस्तांतरण के विकल्प पर ध्यान केंद्रित करेंगे क्योंकि यह विषय है।
यह डीमैट खाते पर ब्रोकर को दिए गए पीओए के उपयोग के माध्यम से होता है जिससे निवेशक को हर बार होल्डिंग्स को हस्तांतरित करने के लिए एक निर्देश स्लिप देने की आवश्यकता नहीं होती है, इसके बजाय ब्रोकर निवेशक की ओर से ऐसा करता है क्योंकि इससे निवेशक को परिचालन में आसानी होती है। बदले में ब्रोकर इन्वेस्टर्स के मार्जिन दायित्व को पूरा करने के लिए खुद के लिए सीमा / मार्जिन प्राप्त करने के लिए सीएम / सीसी के लिए एक ही प्रतिज्ञा करके इन्वेस्टर्स कॉलेटरल का उपयोग करता है। बिटकॉइन ब्रोकर फीस वर्तमान प्रक्रिया लगभग 2 दशकों से चल रही है।
नया तंत्र कैसे काम करेगा?
प्रस्तावित तंत्र में, इन्वेस्टर्स होल्डिंग्स को ब्रोकर के संपार्श्विक खाते में शारीरिक रूप से स्थानांतरण नहीं मिलेगा, इसके बजाय यह केवल ब्रोकर के पक्ष में एक ग्रहणाधिकार बनाएगा जिसके माध्यम से निवेशक ट्रेड करना / पदों का सृजन करना चाहता है। इस पैर को मार्जिन प्लेज के रूप में जाना जाता है। बदले में ब्रोकर सीमा प्राप्त करने के लिए सीएम / सीसी के पक्ष में और अधिक प्रतिज्ञा करेंगे, जिसे मार्जिन रेप्लेज कहा जाता है। निवेशक डीमैट में स्थिति को देखने में सक्षम होगा कि कितना गिरवी रखा गया है और ब्रोकर द्वारा कितनी बार बदले गए हैं।
प्रतिज्ञा बनाने के लिए, निवेशक अपने दम पर अनुरोध शुरू कर सकता है या दलाल द्वारा ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) सुविधा के माध्यम से शुरू किए गए अनुरोध की पुष्टि कर सकता है। नई प्रक्रिया मौजूदा तंत्र में सामना किए गए दोनों प्रमुख मुद्दों को हल करने में मदद करेगी, जिसके तहत ब्रोकर केवल एकमात्र उपयोग कर सकते हैं, गिरवी रखे गए शेयरों की भरपाई कर सकते हैं और कहीं और नहीं और दूसरी बात यह है कि सीएम / सीसी ब्रोकर को केवल निवेशकों की सीमा तक सीमा प्रदान करेंगे ब्रोकर द्वारा जवाब दिए गए शेयरों के मूल्य के बावजूद मार्जिन आवश्यकता।
इसके अलावा नए तंत्र में पारदर्शिता निवेशकों को विश्वास दिलाएगी w.r.t. उनकी पकड़ सुरक्षित है। नए तंत्र में बदलाव को भी पोस्ट करें, दलालों को अपने मौजूदा संपार्श्विक खाते में पड़े सभी शेयरों को संबंधित निवेशक डीमैट खाते में जारी करने और अपने संपार्श्विक खाते को बंद करने और केवल नए तंत्र के माध्यम से शेयर लेने के लिए अनिवार्य है।
प्रस्तावित प्रणाली में चुनौतियां
कई निवेशकों ने डिपॉजिटरी डेटाबेस में अपने नवीनतम मोबाइल नंबर / ईमेल आईडी को अपडेट नहीं किया होगा, जिससे ओटीपी प्राप्त करना मुश्किल हो जाएगा और लॉकडाउन की स्थिति को अपडेट करना ही अपने आप में एक चुनौती होगी। इसके अलावा, ओटीपी संस्कृति को प्रभावी रूप से अपनाने के लिए निवेशकों को एक ज्ञान हस्तांतरण की भी आवश्यकता होगी क्योंकि यह पुरानी पीढ़ी के निवेशकों के लिए भी लागू होगा जो कि तकनीकी जानकार नहीं हो सकते हैं।
निवेशकों के अंत में आने वाली चुनौतियों के अलावा, डिपॉजिटरीज को भी सिस्टम को विकसित करने और एपीआई के उपयोग के माध्यम से सुविधा को वास्तविक समय में उपलब्ध कराने के लिए सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। यदि प्रतिज्ञा निर्देशों को समय में देरी के साथ संसाधित किया जाता है, तो यह निवेशकों को व्यापार / स्थिति बनाने के लिए वास्तविक समय के आधार पर सीमाएं प्राप्त नहीं कर सकता है और इस तरह पूरी तरह से एक अलग दर पर निष्पादन निष्पादित करता है।
डिपॉजिटरी द्वारा पोस्ट कार्यान्वयन, दलालों को नए तंत्र को अपनाने के लिए अपने बैक ऑफिस और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को बदलने की भी आवश्यकता होगी ताकि निवेशकों को नए तंत्र में मूल रूप से स्विच किया जा सके।
संक्षेप में, नया ढांचा प्रतिभूतियों को संभालने के मामले में बहुत पारदर्शिता लाएगा और निश्चित रूप से निवेशकों के अंत में आत्मविश्वास और आराम को बढ़ावा देगा। हालांकि यह व्यापार के लिए ओटीपी के माध्यम से चिह्नित शेयरों को स्थानांतरित करने के लिए क्लाइंट एंड पर परिचालन बिटकॉइन ब्रोकर फीस कार्य को बढ़ाएगा। निवेशकों को ओटीपी ढांचे की नई पद्धति का उपयोग करना सीखना होगा। मूल समयरेखा के अनुसार 1 जून से प्रभावी होने वाला तंत्र अब महामारी की वजह से 1 अगस्त तक बढ़ गया है।
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