जानिए WhatsApp और WhatsApp Business में क्या फर्क है, फायदे भी जानें

पॉपुलर छोटे व्यापारियों के लिए WhatsApp Business की सुविधा देता है. ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं कि WhatsApp और WhatsApp Business में क्या फर्क है तो चलिए जानते हैं.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 10 Sep 2020 09:03 AM (IST)

भारत समेत दुनियाभर में WhatsApp काफी पॉपुलर ऐप है. इस ऐप के अरबों एक्टिव यूजर्स हैं. जहां एक तरफ ऐप परिवार और दोस्तों को आपस में संपर्क में रखता है वहीं व्हाट्सएप छोटे व्यवसायों के विकास के लिए व्हाट्सएप बिजनेस के जरिए कई अवसर प्रदान कर रहा है. व्हाट्सएप बिजनेस का मकसद बिजनेस और ग्राहकों को जोड़ना है. ऐप को खास तौर पर छोटे व्यवसायों को ग्राहकों के साथ संवाद बनाने और उनके ऑर्डर्स को मैनेज करने के लिए डिजाइन किया गया है.

क्या है WhatsApp Business? मोटे तौर पर व्हाट्सएप बिजनेस को छोटे बिजनेस मालिकों के लिए बनाया गया है. व्हाट्सएप के माध्यम से आप वेबसाइट और शेयर मार्केट एप्स इस्तेमाल करने के फायदे ईमेल एड्रेस जैसी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने के लिए एक बिजनेस प्रोफाइल बना सकते हैं. इसका यूज अपने प्रोडक्ट्स को दिखाने के लिए कैटलॉग बनाने के लिए कर सकते हैं. अपने प्रोडक्ट की वैराइटी शेयर कर सकते हैं, ऑर्डर ले सकते हैं. साथ ही ग्राहकों के सवालों के जवाब दे सकते हैं.

WhatsApp और WhatsApp Business में क्या है फर्क ? WhatsApp और WhatsApp Business भले ही एक जैसे दिखते हों, लेकिन दोनों अलग-अलग ऐप हैं. व्हाट्सएप एक मैसेजिंग ऐप है जो आपको अपने परिवार और दोस्तों के संपर्क में रखने के लिए है. वहीं व्हाट्सएप बिजनेस आपके व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए एक प्लेटफॉर्म है. ये ऐप आपको अपने ग्राहकों के साथ संवाद करने और अपने ब्रांड को विकसित करने के लिए बनाया गया है. दो ऐप के बीच सुविधाओं का भी अंतर है. दोनों ऐप में कुछ विशेषताएं कॉमन हैं लेकिन व्हाट्सएप बिजनेस में बिजनेस प्रोफाइल और बिजनेस मैसेजिंग टूल जैसी विशेष सुविधाएं दी गई हैं.

WhatsApp Business के फायदे WhatsApp Business छोटे व्यापारियों के कारोबार को बढ़ावा देने में मदद करता है. इससे काम करना और व्यापारियों का आपस में संपर्क काफी आसान हो जाता है. साथ ही इसके जरिए बिजनेस में सेंपल वगेरह एक्सचेंज करने में भी मदद मिलती है. इसके जरिए ऑर्डर के लेन देन में काफी आसानी होती है. ये सीधे व्यापार और ग्राहकों को आपस में जोड़ता है.

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Published at : 10 Sep 2020 09:03 AM (IST) Tags: difference between WhatsApp and WhatsApp Business WhatsApp Business Whatsapp हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Technology News in Hindi

पहला शेयर कैसे खरीदे | How do I buy first share 6 step

शेयर मार्केट में सबसे यादगार लम्हा वो होता है जब आप पहला इन्वेस्ट करने जा रहे हैं। नए लोगों को पहले बहुत सारे शेयर पसंद भी आते है लेकिन कौन सा खरीदें फैसला लेना बहुत मुश्किल होता हैं। आपने से जिन लोगों ने पहले से शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किया है तो आप लोगों को जरुर पहला इन्वेस्टमेंट याद होगा। आज हम इस पोस्ट की जरिए सीखेंगे नए लोग शेयर मार्केट में पहला शेयर कैसे खरीदे how to buy first share in share market। शेयर मार्केट एप्स इस्तेमाल करने के फायदे 6 एसे टिप्स जो आपको मदद करेगी शेयर मार्केट में बहत अच्छा स्टॉक सेलेक्ट करने में। जिससे आपको बहुत ज्यादा फ़ायदा होगा।

शेयर मार्केट में पहला शेयर कैसे खरीदे how to buy first share in share market:-

आप लोगों ने बहुत बार देखा होगा न्यूज़ में आता रहता है SEBI, RBI, stock exchange कुछ कंपनी को जुर्माना लगाते है या नोटिस भेजते रहते हैं। तो अगर ऐसी कंपनी है जो गलत काम करके बार बार फाइन या वार्निंग लगा रहे है सरकारी एजेंसी। शेयर मार्केट एप्स इस्तेमाल करने के फायदे आपको एसी कंपनी से दूर रहना चाहिए। हमेशा एक बात का ध्यान रखिए अगर एक गलती पकड़ में आयी है तो जरुर बहुत गलतिया एसे होंगे जो पकड़ में नहीं आयी हैं और कभी ना कभी आयेंगी। जो भी अच्छा कंपनी होता है हमेशा विवाद से दूर रहते हैं। जो भी कंपनी ज्यादा विवाद में रहते है नए निवेशक ऐसे कंपनी के शेयर में दूर रहना ही बेहतर हैं।

लोगों के मन में जरूर आता है जिस भी कंपनी पर आप इन्वेस्ट करेंगे अगर कंपनी डूब गया तो, पैसा लेकर भाग गया तो इस प्रॉब्लम से बचने के लिए आपको प्रतिष्ठित कंपनी को ही चुनना चाहिए। नए इन्वेस्टर ऐसी मैनेजमेंट वाली कंपनी को सुनना चाहिए जिनके बारे में बहुत सालों से अच्छा अच्छा सुनते आ रहे हैं। और जिनके मैनेजमेंट को मार्केट बहुत अच्छा आदर करता हैं. जिससे आपका पैसा सुरक्षित रहेगा।

हमारे ऊपर जब भी कर्ज होता है तब टेंशन बना रहता है। ठीक उसी तरह शेयर मार्केट कंपनी पर जब ज्यादा कर्ज रहता शेयर मार्केट एप्स इस्तेमाल करने के फायदे है एसी कंपनी में ज्यादातर ग्रोथ में कमी आता हैं। इसलिए आपको ज्यादा कर्ज वाली कंपनी से दूर रहना चाहिए। जितना कर्ज फ्री कंपनी रहेगी उसकी दिवालिया होने की संभावना उतना ही कम होता हैं। और आपका इन्वेस्टमेंट सुरक्षित होगा।

शेयर खरीदने से पहले क्या देखे:-

  • बिक्री और लाभ में बढ़ोतरी:-

आप जिस भी कंपनी शेयर मार्केट एप्स इस्तेमाल करने के फायदे में निवेश करना चाहते है आपको चेक करना चाहिए कंपनी में बिक्री और लाभ में बढ़ोतरी हो रही है या नहीं। बिक्री और लाभ दोनों को बढ़ना बहुत जरुरी है अगर एक बढ़ रहा है तो वो काफी नहीं। जैसे अगर बिक्री बढ़ रही है और मुनाफा नहीं हो रही, ये ज्यादा अच्छी बात नहीं हैं। बिना मुनाफे में sales कोई भी कंपनी बड़ा सकते है। लेकिन अच्छा कंपनी वो है जो बिक्री के साथ मुनाफा भी बढ़ा रहा हैं। नए लोग शेयर मार्केट में पहला शेयर जो कंपनी दोनों (Sales and Profit) एक साथ बढ़ रही है एसी कंपनी में निवेश करना चाहिए।

  • पूंजी पर वापसी (Return on Capital):-

बहुत सारे ऐसे बिज़नस होता है जो बिक्री पर मार्जिन बहुत होता है. लेकिन हाई मार्जिन होना काफी नहीं है। हम बिज़नस अच्छा है या बुरा ऐसे निर्धारित कर सकते है बिज़नस में पहले पैसा लगा कितना था। इसको चालू करने में, चलाए रखने के लिए संपूर्ण कितना पैसा लगा और उस पैसा शेयर मार्केट एप्स इस्तेमाल करने के फायदे में रिटर्न कितना आया। उस पर निर्भर करता हैं बिज़नस अच्च्छा है या बुरा। आपको ये देखना है कंपनी का Return on Capital अच्छा हैं। अगर बढ़िया है तो, ऐसे बिज़नस में पैसा लगाने से आपको जरुर मुनाफ़ा होगा।

शेयर मार्केट में पहला शेयर कैसे खरीदे how to buy first share in share market

जरुर ध्यान रखिए शेयर मार्केट से शेयर खरीदने से पहले :-

थोड़े समय कर लिए कोई भी Product मार्केटिंग या कुछ भी करके तो बेच सकता है। लेकिन लंबे समय के लिए उस कंपनी का Product पॉपुलर होंगे कि नहीं। इसके लिए आपको ग्राहक संतुष्टि को जानना बहुत जरुरी हैं। जो लोग उस कंपनी से खरीद रहे है वो दोबारा खरीदेंगे की नहीं। इसे जानने के लिए आपको एसी कंपनी के शेयर को खरीदना चाहिए जिस कंपनी का Product आप खुद इस्तेमाल करते हैं। इससे आपको अच्छा शेयर मिलेगा और आने वाले समय में जबरदस्त मुनाफा कमाके देंगे।

हमारी राय:-

किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले आपको ये 6 टिप्स जरुर फॉलो करना चाहिए। जिससे आपको अच्छा कंपनी में निवेश करने में मदद मिलेगी। और आपको आनेवाले समय में जरुर जबरदस्त मुनाफा कमाके देगी। आप हमेशा इस बात का ध्यान रखिए किसी के बताए हुवे शेयर पर आख बंद करके इन्वेस्ट बिल्कुल ना शेयर मार्केट एप्स इस्तेमाल करने के फायदे करे। खुद ही Research करे कौन सा शेयर आपके लिए अच्छा हैं।

शेयर मार्केट से जुड़ी सभी जानकारी पाने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं। जिससे आपको इन्वेस्ट करने में मदद मिलेगी और सीखने को मिलेगा।

हेजिंग क्या है | Hedging Meaning In Stock Market In Hindi

आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे की हेजिंग क्या है (Hedging Meaning In Stock Market In Hindi) और हेजिंग कैसे करे ,हेजिंग करने के क्या फायदे है और निवेशक हेजिंग का सहारा क्यों लेते है इन सभी सवालो के जवाब इस आर्टिकल में है अगर आपको समझना है की हेजिंग क्या है तो इस आर्टिकल को पूरा पड़े |

Table of Contents

हेजिंग क्या है (what is Hedging in Hindi) :

हेजिंग एक अंग्रेजी सब्द है जिसका अर्थ मेढ होता है मेढ़ खेती से जुड़ा हुआ एक शब्द है जब हम खेती करते है तब हमें मेढ़ की आवश्यकता होती है जिसका हमें निर्माण करना होता है ताकि फसलो को प्रयाप्त रूप में पानी मिल सके सीधे भाषा में कहे तो पानी के रुकावट के लिए मेढ़ का उपयोग किया जाता है हलाकि खेती और शेयर बाज़ार में काफी अंतर होता है लेकिन हम जानते है शेयर बाज़ार में नुकशान सबसे बड़ा कारण होता है तो उसी नुकशान से बचने के लिए हेजिंग तकनिकी अपनाई जाती है हेजिंग किसी कमोडिटी की कीमतों में होने वाले उतार चड़ाव के नुकशान से बचने का तरीका है जिसे हम हेजिंग कहते है

उधारण : हम इसे उधारण से समझते है मानलो वर्तमान समय में L&T का प्राइस 1500 के आसपास चल रहा है अगर आप L&T का फ्यूचर खरीदना चाहते है यानी आपको लगता है की L&T का स्टॉक इस महीने ऊपर जायेगा अगर L&T बड गया तो आपको मुनाफा हो जायेगा अगर निचे आया तो आपको थोडा या भारी नुकशान उठाना पड़ सकता है अगर L&T के फ्यूचर के साथ 1200 या 1500 का put खरीद लेते है तो आपकी पोजीशन अगर हेज L&T बड गया तो आपको प्रॉफिट होगा और put में आपका थोडा नुकशान होगा लेकिन ओवरआल देखा जाये तो आप प्रॉफिट में ही रहोगे |

Hedging Meaning In Stock Market In Hindi :

Hedging को स्पष्ट तरीके से समझने के लिए हम आपको एक उधाहरण देते है मानलो कोई कंपनी कपडे का व्यापर करती है यदि कपड़ो की कीमतों में वृधि होती है टी कंपनी को अपने मुनाफे को खोने की अधिक चिंता रहती है कपड़ो की कीमतों की अनिश्चितता से खुद को बचाने के लिए यह एक फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट है जो इसे फ्यूचर में एक पूर्व निर्धारित मूल्य एवं तारीख पर कपडे खरीदने में सक्षम रहेगा इस तरह कंपनी कमोडिटी की कीमतों में उतार चड़ाव से खुद को बचाएगी, आपके इन्वेस्टमेंट को बाज़ार के तेजी मंदी से होने वाले नुकशान से बचना है तो आपको हेजिंग करना बहुत जरुरी है |

निवेशक हेजिंग का सहारा क्यों लेते है :

दोस्तों कमोडिटी हो या शेयर बाज़ार सिक्योरिटी या कमोडिटी से return की गारंटी नहीं होती है इसकी वजह यह है की किसी को पता नहीं होता की भविष्य में किसी सिक्योरिटी या कमोडिटी की कीमत बढेगी या घटेगी इससे उन लोगो का जोखिम बड जाता है जो किसी कमोडिटी का इस्तेमाल करते है उधाहरण के लिए चिप्स बनाने के लिए आलू का इस्तेमाल करने वाला उधमी, इसलिए निवेशक या कारोबारी जोखिम कम करने के लिए हेजिंग का सहारा लेते है जिससे हेजिंग से नुकशान की सम्भावनाये कम हो जाती है |

Hedging कैसे की जाती है :

हेजिंग कैसे करे और किन किन बातो को ध्यान में रखना होता है ताकि आप हेजिंग सही तरीके से कर सकते है हम आपको एक YouTube विडियो प्रोवाइड कर रहे है इसे देखकर प्रक्टिकल रूप में सिख सकते है जिनके चैनल का नाम है paisa to banega तो इसे जरुर देखे

शेयर मार्केट एप्स इस्तेमाल करने के फायदे

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जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.

  • nupur praveen
  • Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्‍कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.

यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर

शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.

स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्‍वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्‍वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्‍वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर शेयर मार्केट एप्स इस्तेमाल करने के फायदे आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.

कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न

स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे

– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न

भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.

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