शेयर बाजार में चाहते हैं पैसा कमाना तो इन 5 पसंदीदा ट्रेडिंग रणनीतियों के बारे में आपको होगा जानना
शेयर बाजार में ट्रेडिंग की कई रणनीतियां हैं लेकिन यहां पर हम सबसे ज्यादा लोकप्रिय रणनीतियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं
ट्रेडर्स चाहें तो हर प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत को समझकर ट्रेडिंग में रणनीतियों के संयोजन का उपयोग भी कर सकते हैं
ट्रेडिंग का मतलब सिक्टोरिटीज को खरीदना और बेचना होता है। ट्रेडिंग भी कई प्रकार की होती हैं। एक दिन से लेकर सालों के लंबे अंतराल के लिए भी ट्रेडिंग की जाती है। इसके साथ ही अलग-अलग बाजारों के माहौल और वहां मौजूद जोखिम से जुड़ी विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियां (trading strategies) शेयरों में कारोबार करने के समय अपनाई जाती हैं।
यहां पर हम कुछ ट्रेडिंग रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं जो बाकी रणनीतियों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ये रणनीतियां निवेशकों को तर्कसंगत निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
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इंट्राडे ट्रेडिंग जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक एक ही दिन में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। वे शेयर बाजार के बंद होने के समय से पहले ट्रेडिंग बंद कर देते हैं। एक ही दिन में वे मुनाफा और घाटा बुक करते हैं।
निवेशक इन शेयरों में एक दिन में कुछ सेकंड, घंटे के लिए या इसमें दिन भर में कई बार ट्रेड ले सकते हैं। इसलिए इंट्राडे एक अत्यधिक वोलाटाइल ट्रेडिंग रणनीति मानी जाती और इसके लिए तेजी से निर्णय लेना होता है।
पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
पोजिशनल ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहां शेयर्स को महीनों या सालों के लंबे समय तक रखा जाता है। ऐसे शेयरों में समय के साथ भाव में बड़ी बढ़त की अपेक्षा के साथ मुनाफा कमाने की उम्मीद की जाती है। निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ कंपनी का टेक्निकल ग्राउंड देखकर इस शैली को अपनाते हैं।
इसलिए इस प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति में आमतौर पर बाजार के रुझान और उतार-चढ़ाव जैसी अल्पकालिक जटिलताओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग आमतौर पर स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहां निवेशक शेयरों के भाव में और तेजी की उम्मीद में एक दिन से अधिक समय तक शेयरों को अपने पास रखते हैं। स्विंग ट्रेडर्स आने वाले दिनों में बाजार की गतिविधियों और रुझानों की भविष्यवाणी करने के लिए जाने जाते हैं।
इंट्राडे ट्रेडर्स और स्विंग ट्रेडर्स के बीच स्टॉक को अपने पास रखने की समय सीमा में महत्वपूर्ण अंतर होता है। इसलिए कहा जाता है कि ज्यादातर टेक्निकल ट्रेडर्स स्विंग ट्रेडिंग की कैटेगरी में आते हैं।
टेक्निकल स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग ट्रे़डिंग (Technical Trading)
टेक्निकल ट्रेडिंग में ऐसे निवेशक शामिल हैं जो शेयर बाजार में प्राइस चेंज की भविष्यवाणी करने के लिए अपने तकनीकी विश्लेषण ज्ञान का उपयोग करते हैं। इस ट्रेडिंग शैली में कोई विशेष समय-सीमा नहीं होती है क्योंकि यह एक दिन से लेकर महीनों तक के लिए भी हो सकती है।
बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकांश ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल्स का उपयोग करते हैं। हालांकि स्टॉक की कीमतों का निर्धारण करते समय सबसे महत्वपूर्ण टेक्निकल एनालिसिस बाजार की परिस्थिति होती है।
फंडामेंटल ट्रेडिंग (Fundamental Trading)
फंडामेंटल ट्रेडिंग का मतलब स्टॉक में निवेश करना होता है जहां ट्रेडर्स समय के साथ स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग भाव में तेजी की उम्मीद के साथ कंपनी के स्टॉक को खरीदता है। इस तरह की ट्रेडिंग में 'बाय एंड होल्ड' रणनीति में विश्वास किया जाता है।
इस प्रकार की ट्रेडिंग आमतौर पर कंपनी के फोकस्ड इंवेंट्स में किया जाता है। इसके लिए फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स, नतीजों, ग्रोध और मैनेजमेंट क्वालिटी का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया जाता है।
मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रेडिंग रणनीतियाँ बहुत काम की होती हैं और निवेशक को उस ट्रेडिंग शैली पर निर्णय लेने में मदद करती हैं जिसे वे अपनाना चाहते हैं। प्रत्येक प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत की गहन समझ के साथ ट्रेडर्स चाहें तो रणनीतियों के संयोजन का उपयोग करके भी शेयरों में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)
स्विंग ट्रेडिंग क्या है | Swing Trading Kya Hai
स्विंग ट्रेडिंग के बारे में एक बात जान लो कोई स्टॉक लगातार अगर गिर रहा है और स्टॉक के फंडामेंटल अच्छे हैं तो आप चेक कर सकते हे कि वह स्टॉक कहा से पलट सकता है। जहा से रिवर्सल आ रहा है उस स्टॉक को हम ले सकते हे।शेयर बाजार में समय के आधार पर 3 तहर के ट्रेडिंग होते जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग ( 1 दिन के अंदर) , स्विंग ट्रेडिंग ( < 1 महीना ) और पोजिशनल ट्रेडिंग ( > 1 महीना ) । आप डेरिवेटिव्स में फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रक्ट ख़रीद कर स्विंग ट्रेडिंग कर सकते है।आपको अच्छे से फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानने केलिए नीच दिए गए लेक को पढ़े।
इक्विटी बाजार में ट्रेडिंग 2 सेगमेंट होते है
1) कैश ट्रेडिंग
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप मॉर्निज के बिना आपके खुदके पैसों ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप शेयर की दिलीविरी लेकर खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत कम रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम भी बहोत कम होता है। शेयर बाजार में पेशे आदर ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग नहीं करते है । इसमें लेवल लघु समय ( < 1 वर्ष ) के निवेशक ट्रेडिंग करते है।
2) डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप ब्रोकर मॉर्निज पैसों के साथ आपके ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप स्टॉक ( ITC , HDFC , Reliance ) , करेंसी ( USD/INR ) , इंडेक्स ( NIFTY 50 / SENSEX ) और कमोडिटी ( Cruid Oil , Gold , Silver ) की दिलीविरी लिए बिना खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत ज्यादा रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम बहोत ज्यादा होता है। शेयर बाजार में पेशेदार ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग करते है ।
डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है
a) फ्यूचर ट्रेडिंग
शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।
b) ऑप्शन ट्रेडिंग
शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।
ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?
बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।
1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक
Option Trading Strategies
विकल्प रणनीतियाँ सभी देशों में पूरी तरह से मुफ़्त ऐप है। फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत मुश्किल काम है। यह ऐप आपको फ्यूचर्स और ऑप्शन का ज्ञान देता है। यह आपको इंट्राडे ट्रेडिंग (डे ट्रेडिंग) या पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए F&O में ट्रेडिंग रणनीतियां सीखने के लिए उदाहरणों के साथ शिक्षा देता है।
शुरुआती लोगों के लिए विकल्प ट्रेडिंग एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। और जब विकल्प अस्थिरता और मूल्य निर्धारण कार्रवाई की गणना करना कठिन होता है, तो विकल्प बेचने की रणनीतियों को खोजना काफी कठिन होता है। इस वित्तीय शैक्षिक एपीपी द्वारा आप अपने विकल्प कौशल को बढ़ा सकते हैं और एक विशेषज्ञ विकल्प व्यापारी बन सकते हैं।
यह ऐप प्रदान करता है
1. डायरेक्शनल स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग ट्रेडिंग, वोलैटिलिटी, हेजिंग, आर्बिट्रेज और स्विंग ट्रेडिंग के लिए ऑप्शन और ऑप्शन स्ट्रैटेजी के बारे में जानकारी।
2. विकल्प ग्रीक और यह विकल्पों की कीमत को कैसे प्रभावित करता है।
3. प्रीमियम मूल्य कार्रवाई पर विकल्प प्रीमियम और समाप्ति का प्रभाव (साप्ताहिक, मासिक)।
4. इसके अलावा सभी विकल्प रणनीतियाँ: जैसे
बुलिश रणनीतियाँ:
1. लंबी कॉल (कॉल खरीदें),स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग
2. शॉर्ट पुट (सेल पुट), ऑप्शन राइटिंग
3. बुल कॉल स्प्रेड (कवर कॉल)
4. बुल पुट स्प्रेड (ऑप्शन स्प्रेड)
मंदी की रणनीतियाँ:
1. लांग पुट (पुट खरीदें)
2. शॉर्ट कॉल (सेल कॉल), बिक्री विकल्प
3. बेयर पुट स्प्रेड (प्रोटेक्टिव पुट)
4. भालू कॉल स्प्रेड (बैकस्प्रेड)
रेंज बाउंड ट्रेडिंग रणनीतियाँ:
1. लघु गला घोंटना विकल्प रणनीति
2. लघु तितली विकल्प रणनीति
3. लघु लौह कोंडोर रणनीति
4. लघु स्ट्रैडल विकल्प रणनीति
बड़ा कदम (अस्थिर बाजार विकल्प) रणनीतियाँ:
1. लॉन्ग स्ट्रैंगल ऑप्शन स्ट्रैटेजी
2. लंबी तितली विकल्प रणनीति
3. लांग आयरन कोंडोर रणनीति
4. लांग स्ट्रैडल विकल्प रणनीति
साथ ही विशेष विकल्प रणनीतियाँ जैसे कैलेंडर स्प्रेड मार्जिन और वायटैलिटी से बचने के लिए।
कृपया इस ऐप को रेट करें क्योंकि आपकी रेटिंग हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
अस्वीकरण: वित्तीय ज्ञान देने के लिए यह केवल शिक्षा ऐप है। किसी भी तरह से यह कोई सुझाव नहीं दे रहा है या ट्रेडिंग को प्रोत्साहित नहीं कर रहा है। यदि आपको कोई अनुचित सामग्री मिलती है तो आप [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग
Stock Market Beginner Guide –
अगर आपको Trading कि ABCD भी पता नही तो ये Book आपको मदत करेगी इस Book मी ट्रेडिंग क्या हें ये आपण बिलकुल आसान भाषा में समजाया हें
ये Stock Market Beginner Guide आपको बिलकुल फ्री में मिलने वाली हे हमारी ट्रेडिंग कि पाठशाला E-book के सात… पर आपको जल्दी कराना होगा क्यूकी ये Limited Time के लिये हि Available हें
Stock Market की 15 Best Videos –
दोस्तों आपके लिए खास Selected विडियो हमने लाये है, स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग ये वीडियो मे एक नए बन्दे को जो स्टॉक मार्केट के बारे मे ज्यादा जानकारी नहीं रखता या नहीं है। खास उन लोगो के लिए ये वीडियो लाये है
जब आप हमरी ट्रेडिंग की पाठशाला ईबुक पढेंगे और ये सभी वीडियो देखेंगे तो आपको Definitely सक्सेस मिलेगा।
Positional Trading क्या है – पोजीशनल ट्रेडिंग कैसे करे
आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि Positional Trading Kya Hai और Positional Trading Kaise Kare. लोग हर साल लाखों रुपए का मुनाफा कमाते हैं क्योंकि यह ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है जो कि आपको अन्य ट्रेडिंग और से ज्यादा मुनाफा कमा कर दे सकती हैं चलिए जानते हैं पोजीशनल ट्रेडिंग के बारे.
Positional Trading Kya Hai
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Positional Trading Meaning in Hindi
Positional Trading का Hindi Meaning “स्थिति का व्यापार” करना होता है। इस ट्रेडिंग में हम लोग एक महीने से ज्यादा की ट्रेडिंग करते है.
Positional Trading Kya Hota Hai
जिस ट्रेडिंग में हम 1 महीने से ज्यादा की ट्रेडिंग करते है उसे ही Positional Trading कहा जाता है.
Positional Trading Kya Hai
What is Positional Trading in Hindi: स्टॉक मार्केटिंग की एक इसी स्ट्रेटेजी है जिसमे हम किसी भी एक कंपनी के शेयर को कम से कम 1 महीने से लेकर 1 साल के अन्दर तक होल्ड कर के रखते है. इसके बाद जब उस शेयर में उछाल आये तब आप उसको बैच कर मुनाफा कमा सकते है.
Positional Trading में हम Share को 1 महीने से लेकर 1 साल के अन्दर तक होल्ड करके रख सकते है. इसके बाद जब शेयर मार्केट में उछाल आता है. अप इस शेयर को बैच कर मुनाफा कमाते है.
उदाहारण के तौर पर आप किसी भी कंपनी के शेयर को 1000 रूपए के 10 शेयर को खरीदते है. जिसके कुछ महीने बाद उस शेयर में 20% का उछाल आता है. आप इस शेयर को इस भाव में बैच देते है. जिससे आपके यह 1000 के शेयर की कीमत 1200 रूपए हो जाती है. इस तरह आप इसमें 200 रूपए का प्रॉफिट कमा लेते है.
Positional Trading Kaise Kare
Positional Trading करने के लिए आपको सबसे पहले यह तय करना है की आप शेयर को कितने दिन रख सकते है. आप शेयर को कम से कम 1 महीने तक जरुर होल्ड करके रखे. जिससे आपको इसमें नुकशान होने की उम्मीद ना रहे.
इसके बाद आप किसी भी एक कंपनी के शेयर को खरीद सकते है. उदाहरण के तौर पर आप किसी भी कंपनी के 2000 की प्राइस के 10 शेयर को खरीदते है. इसके बाद आप 1900 की प्राइस के 10 शेयर और खरीद लीजिये.
इसके कुछ महीने बाद इसी एक शेयर की कीमत बढ़ कर 2500 हो जाती है. तो आपको एक शेयर पर 500 रूपए का प्रॉफिट हो जाता है. इसी तरह आपके पास 20 शेयर के 10,000 रूपए का प्रॉफिट हो जाता है.
Positional Trading Me Stop Loss Kaise Lagaye
Positional Trading में स्टॉप लोस लगाने के लिए आपको सबसे पहले इसकी एक योजना बनानी होगी. इसमें आपको यह तय करना होगा की शेयर के कितना निचे गिरने पर अपने आप बिक जाये और कितना प्रॉफिट होने पर वो शेयर अपने आप बिक जाए.
अगर आप नहीं जानते Stop Loss क्या है तो इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आप हमारी नीचे दी स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग गई पोस्ट को पढ़े इसमें आपको सारी जानकारी मिल जायगी.
उदाहरण के तौर पर आप किसी कंपनी के कंपनी के 200 रूपए का 1 शेयर ख़रीदा. इसके बाद आप इस शेयर पर 180 का स्टॉप लोस लगा दीजिये. जिससे की यह शेयर के भाव 180 से निचे गिरे तो यह अपने आप बिक जाये. जिससे आपको नुकशान ज्यादा ना हो.
इसके अलावा आप इस स्टॉप लोस को प्रॉफिट में भी लगा सकते है. आप इस शेयर को 240 पर लगा सकते स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग है. जिससे की यह शेयर के भाव जैसे ही 240 हो जाये तो यह शेयर अपने आप ही बिक जाए.
इस तरह अप Positional Trading में स्टॉप लोस लगा सकते है. जिससे आपको नुकशान होने से बच जाए ओए आपको मुनाफा भी अच्छा हो जाये.
Positional Trading Ke Fayde
Positional Trading से हमें बहुत ज्यादा मुनाफा होता है. इसके बहुत से और भी फायदे होते है जैसे की-
Positional Trading में हमें यह बहुत ही आसानी से पता चल जाता है की आपको किसी भी शेयर को कब खरीदना है और किस शेयर को कब बेचना है. इससे आपको इसमें नुकशान होने की गुंजाइश कम होती है.
Positional Trading को हम पार्ट टाइम करके भी बहुत मुनाफा कमाया जा सकता है. क्योंकि इसमें ट्रेड बहुत कम होते है जिससे हम इस शेयर की अच्छे से एनालिसिस कर सकते है. एनालिसिस करने की बाद हम इसमें और भी शेयर को जोड़ सकते है.
अगर आप Positional Trading के लिए शेयर को खरीदते है तो आपको इसमें वोलेटिलिटी बहुत कम होती है. इस कारन इस पर स्टॉप लोस का ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है.
Positional Trading Ke Nuksan
Positional Trading में हमें एक शेयर को बहुत लम्बे समय तक होल्ड करके रखना होता है. इस कारन इसकी वजह से पूरी Capital Block हो जाती है.
Capital Block होने के कारन इसमें आपको बहुत ज्यादा मुनाफा नहीं होता है. पर आपको इसमें नुकशान भी नहीं होता है.
Positional Trading Se Paise Kaise Kamaye
Positional Trading एक बाकि सभी से आसन ट्रेडिंग है क्योंकी इसमें आपको रोज रोज मार्केट वाच करने की जरुरत नहीं है.
आपको बस एक बार एक कंपनी के शेयर पर रिसर्च करना है और उस कंपनी के शेयर को खरीद कर रख लेना है एक बार आप उस कंपनी के शेयर को खरीद लेते है तो बस आपको कुछ महीने का इंतज़ार करना है ताकि जैसे की उस शेयर की कीमत बढ़ जाये आप उसे बेच कर अच्छा मुनाफा कमा सके .
Positional Trading में एक बाद जरुरर याद रखे की जब भी आप शेयर ख़रीदे तो ऐसी कंपनी के शेयर को ख़रीदे जिस कंपनी के शेयर में 6 महीने के अन्दर उछाल आये और उसके शेयर की कीमत बढ़ जाये ताकि आप जब उस शेयर को बैचे तब आपको ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो सके.
अगर आपको हमारी यह पोस्ट Positional Trading Kya Hai से जुड़े कुछ और प्रश्न पूछने है तो अप हमसे निचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है.
अगर आपको हमारी यह पोस्ट पोजीशनल ट्रेडिंग क्या है अच्छी लगी तो इसको अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे. जिससे उनको भी पोजीशनल ट्रेडिंग के बारे में पता चल सके.
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