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डिजिटल मुद्रा लाने की जल्दबाजी नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) शुरू करने में जल्दबाजी नहीं करने वाला है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि पायलट परियोजना के निष्कर्षों पर विचार करने के बाद सीबीडीसी पेश की जाएगी। इसे बगैर किसी व्यवधान के पेश करने का विचार है, इसलिए केंद्रीय बैंक बहुत सावधानी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार के इस साल के बजट में घोषणा की गई थी कि आरबीआई वित्त वर्ष 23 में डिजिटल रुपया शुरू करेगा।

रिजर्व बैंक ने मध्य प्रदेश डिजिटल मुद्रा ऋण डिजिटल मुद्रा ऋण और तमिलनाडु में एक पायलट परियोजना के निष्कर्षों के आधार पर 2023 में डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण शुरू करने की योजना भी बनाई है।

थोक खंड में सीबीडीसी के लिए प्रायोगिक परियोजना 1 नवंबर से शुरू की गई है। इस प्रायोगिक परियोजना के तहत सरकारी प्रतिभूतियों के द्वितीयक बाजार के लेन-देन का निपटान होगा। पहले दिन, 275 करोड़ रुपये के 48 सौदे किए गए और दूसरे दिन 290 करोड़ रुपये के 45 सौदे किए गए।

हालांकि दास ने व्यापक रूप से सीबीडीसी शुरू करने की तारीख नहीं बताई। यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह से सीबीडीसी शुरू करने की कोई निश्चित तिथि नहीं देना चाहता हूं क्योंकि यह कुछ ऐसा है जिस पर हम काफी सावधानी से आगे बढ़ेंगे। हम बहुत जल्दबादी नहीं दिखाना चाहते हैं। हम प्रायोगिक परियोजना के अनुभवों से सीखना चाहते हैं, जो अभी चल रही है।’

आरबीआई के गवर्नर ने कहा, ‘यहां कुछ तकनीकी और प्रक्रिया संबंधी चुनौतियां भी होंगी। हम उन सभी पहलुओं का पता लगाना चाहते हैं और इसे इस तरीके से पेश करना चाहते हैं कि इसे लाने की पूरी प्रक्रिया और उसके बाद के परिणाम में कोई व्यवधान न आए।

दास ने सीबीडीसी की प्रायोगिक परियोजना की शुरुआत को देश में मुद्रा और मुद्रा के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बताया। आरबीआई ने सीबीडीसी को डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी वैध मुद्रा के रूप में परिभाषित किया है। मुद्रा की जगह लेने के बजाय सीबीडीसी उसका पूरक होगा। यह उपयोगकर्ताओं के लिए भुगतान का एक अतिरिक्त साधन होगा।

खुदरा क्षेत्र के लिए सीबीडीसी की प्रायोगिक परियोजना इसी माह शुरू होगी। दास ने कहा, ‘सीबीडीसी प्रायोगिक परियोजना से मिले अनुभवों और ऐंड-टू-ऐंड डिजिटाइज्ड केसीसी ऋण से मिली सीख के आधार पर हमारा प्रयास है कि निकट भविष्य में सीबीडीसी को पूरी तरह से शुरू किया जाए। दरअसल खुदरा खंड में सीबीडीसी का प्रायोगिक परीक्षण इस महीने के अंत में शुरू किया जाएगा।’

इस महीने की शुरुआत में जारी आरबीआई के कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक, सीबीडीसी को शुरू करने की प्रमुख प्रेरणाओं में भुगतान प्रणाली में भौतिक नकदी प्रबंधन, दक्षता और नवाचार में शामिल परिचालन लागत में कमी, सीमा पार से भुगतान स्थान में नवाचार को बढ़ावा देना और जनता को ऐसे अनुभव देना शामिल है जो कोई भी निजी आभासी मुद्राएं प्रदान कर सकती हैं।

एड-टू-एंड डिजिटल ऋणों से मिले अनुभवों के आधार पर किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए केसीसी शुरू किया जाएगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार होता है तो 2023 तक आरबीआई द्वारा इसे शुरू किए जाने की उम्मीद है।

इन 4 शहरों में आज से लॉन्च हो जाएगा RBI का डिजिटल रुपया, जानिए पूरी डिटेल

RBI Digital Rupee : पहले चरण में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लोग भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-आर के साथ लेनदेन कर सकेंगे.

इन 4 शहरों में आज से लॉन्च हो जाएगा RBI का डिजिटल रुपया, जानिए पूरी डिटेल

Digital Rupee : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा डिजिटल रुपये-होलसेल सेगमेंट में पायलट के तौर पर शुरू करने के एक महीने बाद, केंद्रीय बैंक गुरुवार यानी 1 दिसंबर को खुदरा डिजिटल रुपये (E-R) के लिए पहला चरण लॉन्च करने जा रहा है. केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक ने 1 दिसंबर, 2022 को खुदरा डिजिटल रुपये (E-R) के लिए पहला पायलट लॉन्च करने की घोषणा की है. पहले चरण में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लोग भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट (Digital Wallet) के माध्यम से ई-आर के साथ लेनदेन कर सकेंगे.

बता दें कि मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लोग भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-आर के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे और पहले चरण में 1 दिसंबर 2022 से मोबाइल फोन/उपकरणों पर संग्रहीत होंगे, जिसे बाद में नौ और शहरों में विस्तारित किया जाएगा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह पायलट प्रोजेक्ट शुरुआत में चार शहरों, मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर को कवर करेगा और बाद में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक इसका विस्तार किया जाएगा.

ईआर-आर एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करता है. आरबीआई ने कहा कि यह उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा जो वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं. यह बिचौलियों और बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा. बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट में डिजिटल रुपी क्रिएशन, डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल यूज की पूरी प्रोसेस को बारीकी से परखा जाएगा. इस टेस्ट से मिली लर्निंग पर रिटेल डिजिटल रुपी में बदलाव होंगे फिर सभी के इस्तेमाल के लिए इसे जारी किया जाएगा.

डिजिटल रुपये से ऐसे होगा लेन-देन

  • उपयोगकर्ता भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन / उपकरणों पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ईआर-आर के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे.
  • लेन-देन व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति-से-व्यापारी (P2M) दोनों हो सकते हैं.
  • मर्चेंट स्थानों पर प्रदर्शित त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है.

ये बैंक शुरू करेंगे डिजिटल रुपया

पहला चरण देश भर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के चार बैंकों के साथ शुरू होगा. केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस पायलट में चरणबद्ध भागीदारी के लिए आठ बैंकों की पहचान की गई है. बाद में चार और बैंकों, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को इस पायलट में शामिल किया जाएगा.

e-rupee को लाने की वजह

यह रुपए के मौजूदा डिजिटल स्वरूप की जगह नहीं लेगा, बल्कि लेनदेन का एक और माध्यम उपलब्ध कराएगा. RBI का मानना है कि ई-रुपी डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देगा. नगद अर्थव्यवस्था घटाने का लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी. लेनदेन की लागत घटाने में भी मदद मिलेगी. पेमेंट सिस्टम अधिक प्रभावी बनेगा.

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English News Headline : RBI will launch digital currency in these 4 cities of India.

Digital Currency: रिटेल सेक्टर के लिए डिजिटल रुपया कब तक लॉन्च करेगा RBI? गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया

आरबीआई थोक ई-रुपये के पायलट परीक्षण के बाद इसी महीने खुदरा ई-रुपये का परीक्षण शुरू कर देगा. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह बात कही है. उन्होंने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की शुरुआत को देश में मुद्राओं के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बताया.

रिटेल सेक्टर के लिए डिजिटल रुपया कब तक लॉन्च करेगा रिजर्व बैंक

RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में भारत की डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोग्राम शुरू किया है. चुनिंदा बैंकों को सेकेंडरी मार्केट के लेन-देन में इसका इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है. पहले दिन बैंकों ने करेंसी के डिजिटल रूप का इस्तेमाल करते हुए 275 करोड़ का कारोबार किया. अब खबर है कि आरबीआई ई-रुपये का रिटेल ट्रायल इसी महीने शुरू कर सकता है.

आरबीआई थोक ई-रुपये के पायलट परीक्षण के बाद इसी महीने खुदरा ई-रुपये का परीक्षण शुरू कर देगा. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह बात कही है. उन्होंने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की शुरुआत को देश में मुद्राओं के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बताया. मंगलवार को सीमित बैंकों के बीच थोक लेनदेन के लिए ई-रुपये की शुरुआत की गई थी. उन्होंने कहा कि इससे कारोबार करने का तरीका काफी हद तक बदल जाएगा.

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आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यहां बैंकरों के वार्षिक एफआईबीएसी सम्मेलन में कहा, खुदरा कारोबार के लिए सीबीडीसी का परीक्षण इस महीने के अंत में शुरू किया जाएगा. हम तारीख की घोषणा अलग से करेंगे. उन्होंने कहा कि आरबीआई 'निकट भविष्य में' सीबीडीसी को पूरी तरह पेश करना चाहता है. हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बतायी.

दास ने कहा, मैं एक तय तारीख नहीं बताना चाहता, जिस समय तक सीबीडीसी को पूरी तरह पेश किया जाएगा, क्योंकि इस संबंध में हमें बहुत सावधानी से आगे बढ़ना है. दुनिया में ऐसा पहली बार हो रहा है. हम बहुत जल्दबाजी करना नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी चुनौतियां हो सकती हैं, कुछ प्रक्रिया संबंधी चुनौतियां हो सकती हैं और आरबीआई उन सभी पहलुओं को दूर करना चाहता है.

केंद्रीय बैंक सीबीडीसी को इस तरह पेश करना चाहता है ताकि कोई डिजिटल मुद्रा ऋण समस्या पैदा न हो. दास ने इस दौरान कृषि ऋण को डिजिटल करने पर पायलट परियोजना के अनुभवों को बताया और कहा कि आरबीआई 2023 में इसे छोटे कारोबारी ऋणों के लिए विस्तारित करना चाहता है. (इनपुट : भाषा)

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क्या है 'डिजिटल रुपया और इससे लोगों को कितना होगा फायदा? क्या ई-रुपया पर ब्याज भी मिलेगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) केंद्रीय बैंक खुदरा ग्राहकों के लिए डिजिटल मुद्रा 'डिजिटल रुपया' का पायलट परीक्षण एक माह के भीतर शुरू कर सकता है। आरबीआई ने एक बयान में इस बात की जानकारी दी है।

क्या है 'डिजिटल रुपया और इससे लोगों को कितना होगा फायदा? क्या ई-रुपया पर ब्याज भी मिलेगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) केंद्रीय बैंक खुदरा ग्राहकों के लिए डिजिटल मुद्रा 'डिजिटल रुपया' का पायलट परीक्षण एक माह के भीतर शुरू कर सकता है। आरबीआई ने एक बयान में इस बात की जानकारी दी है। आइए जानते हैं डिजिटल रुपया डिजिटल मुद्रा ऋण क्या है और इससे ग्राहकों को क्या-क्या फायदा मिलेगा.

  • एक केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा देश की मुख्य मुद्रा का डिजिटल रूप है
  • इसे केंद्रीय बैंक द्वारा जारी और विनियमित किया जाता है
  • सीबीडीसी से वित्तीय समावेशन के साथ भुगतान दक्षता बढ़ती है
  • आपराधिक गतिविधि रोकती है, अंतरराष्ट्रीय भुगतान विकल्पों में सुधार करती है
  • संभावित रूप से शुद्ध लेनदेन
  • लागत को कम करती है

एलपीजी सिलेंडर 115 रुपये सस्ता हो गया, 14.2 Kg सिलेंंडर के ये हैं आज के रेट

धन भेजने का खर्च घटेगा
विश्व बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7 से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है, जबकि डिजिटल करेंसी के आने से इस मद में 2 तक की कमी आएगी।

बिना इंटरनेट केभी लेनदेन

करंसी विशेषज्ञों के मुताबिक ई-रुपया टोकन आधारित होगा। इसका मतलब यह है कि आप जिस व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं, उसकी पब्लिक 'की' के जरिये भेज सकते हैं। यह एक ईमेल आईडी जैसा हो सकता है। आपको पैसे भेजने के लिए पासवर्ड डालना होगा। ई- रुपया बिना इंटरनेट के भी काम करेगा। हालांकि, इस पर विस्तार से जानकारी आनी बाकी है।

क्या ब्याज भी मिलेगा

आरबीआई के मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक ई-रुपया पर कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने इसकी वजह बताते हुए कहा है कि अगर यह कदम उठाया जाता है यानी इसपर ब्याज दिया जाता है तो बड़ी संख्या में लोग पैसे निकालकर बैंकों से ई-रुपया में बदलने में जुट सकते हैं। इससे मुद्रा बाजार में अस्थिरता आ सकती है।

यह देश अपना चुके हैं क्रिप्टोकरंसी

केंद्रीय बैंक की तरफ से डिजिटल मुद्रा जारी करने वाला भारत पहला देश होगा। इसके पहले दुबई (यूएई) , रूस, स्वीडन, जापान, एस्तोनिया और वेनेजुएला जैसे देश खुद की क्रिप्टोकरंसी लॉन्च कर चुके हैं।

डिजिटल मुद्रा से आरबीआई की कैश मैनेजमेंट की लागत होगी कम

नई दिल्ली (आईएएनएस)| आरबीआई ने 1 नवंबर से होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रुपया लॉन्च करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है और बाद में एक महीने के भीतर रिटेल सेगमेंट में एक और प्रोजेक्ट लाने की योजना है। केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) को अपनाने के पीछे कई कारण हैं, जैसे वित्तीय समावेशन को बढ़ाना और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना।

माना जाता है कि डिजिटल रुपये की ओर बढ़ने का एक प्रमुख कारण भौतिक नकदी प्रबंधन से जुड़ी लागत को कम करना है। आरबीआई के एक कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है कि भारत में कैश मैनेजमेंट की लागत महत्वपूर्ण बनी हुई है। 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 के दौरान सुरक्षा मुद्रण पर किया गया कुल खर्च 4,984.80 करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष (1 डिजिटल मुद्रा ऋण जुलाई, 2020 से 31 मार्च, 2021) 4,012.10 करोड़ रुपये के मुकाबले अधिक है।

यह लागत, जिसमें पैसे की छपाई की पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन (ईएसजी) लागत शामिल नहीं है, मुख्य रूप से चार स्टेकहॉल्डर्स आम जनता, व्यवसायों, बैंकों और आरबीआई द्वारा वहन किया जाता है। सीबीडीसी रुपए जारी करने वाले कार्य के समग्र मूल्य को प्रभावित करते हैं। यह मुद्रण, भंडारण, परिवहन, बैंक नोटों के प्रतिस्थापन आदि से जुड़ी लागतों से संबंधित ऑपरेशनल लागत को कम करता है।

आरबीआई के कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है, शुरूआत में, सीबीडीसी निर्माण या जारी करने की स्थिरता में महत्वपूर्ण निश्चित बुनियादी ढांचे की लागत हो सकती है, लेकिन बाद में मार्जिनल ऑपरेटिंग लागत बहुत कम होगी। फिजिकल करेंसी की तुलना में सीबीडीसी का उपयोग करते हुए कैश मैनेजमेंट की लागत-प्रभावशीलता एक सकारात्मक संकेत देती है, जिसे पर्यावरण के अनुकूल भी माना जा सकता है।

कॉन्सेप्ट नोट में आगे कहा गया, देश की उच्च नकदी आवश्यकता को पूरा करने के लिए, सीबीडीसी लागत को कम करेगा। इसके अलावा, भौगोलिक प्रसार को देखते हुए, जहां भौतिक नकदी उपलब्ध कराना एक चुनौती भरा काम है, ऐसे में सीबीडीसी से सहज लेनदेन की सुविधा की उम्मीद है।

सीबीडीसी की शुरूआत के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारण कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने के लिए डिजिटलीकरण के उपयोग को आगे बढ़ाना है। सीबीडीसी महामारी कोविड-19 जैसी किसी भी अनिश्चित स्थिति में नकदी के बजाय केंद्रीय बैंक के पैसे रखने का एक पसंदीदा तरीका हो सकता है। इससे देश में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

सीबीडीसी सीमा पार से भुगतान में इनोवेशन को बढ़ावा दे सकता है, लेनदेन को तात्कालिक बना सकता है और टाइम जोन, एक्सचेंज रेट के अंतर के साथ-साथ सभी न्यायालयों में कानूनी और नियामक आवश्यकताओं से संबंधित प्रमुख चुनौतियों को दूर करने में मदद कर सकता है।

सीबीडीसी की इंटरऑपरेबिलिटी का मतलब है कि भुगतान प्रणाली के लिए एक एंकर के रूप में केंद्रीय बैंक के पैसे की भूमिका को मजबूत करते हुए क्रॉस-बॉर्डर और क्रॉस-करेंसी के खतरे को कम करना। इसलिए, सीमा पार से भुगतान में चुनौतियों को कम करने में सीबीडीसी का संभावित उपयोग एक बेहतर तकनीक है।

वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल रुपया भी एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकता है। उपयुक्त डिजाइन विकल्पों के साथ, सीबीडीसी विभिन्न लेनदेन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जनता को डिजिटल मनी प्रदान कर सकता डिजिटल मुद्रा ऋण है। एक विकल्प के रूप में ऑफलाइन कार्यक्षमता सीबीडीसी को इंटरनेट के बिना लेन-देन करने की अनुमति देगी और इस प्रकार, खराब या बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले डिजिटल मुद्रा ऋण डिजिटल मुद्रा ऋण क्षेत्रों में पहुंच को सक्षम करेगी। साथ ही, उन लोगों तक पहुंच को सरल बनाएगी, जिन्हें ऋण की आवश्यकता है।

आरबीआई नोट में कहा गया है कि सीबीडीसी की यूनिवर्सल एक्सेस विशेषताएं, जिसमें ऑफलाइन कार्यक्षमता, यूनिवर्सल एक्सेस डिवाइस का प्रावधान और कई डिवाइसों में संगतता शामिल है। यह लचीलापन, पहुंच और वित्तीय समावेशन के कारणों के लिए समग्र सीबीडीसी प्रणाली में सुधार करके गेम चेंजर साबित होगी।

सबसे महत्वपूर्ण बात, सीबीडीसी क्रिप्टो एसेट्स के प्रसार की स्थिति में आम आदमी के विश्वास की रक्षा कर सकता है।

बढ़ते क्रिप्टो एसेट्स मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के फाइनेसिंग से संबंधित महत्वपूर्ण जोखिम पैदा कर सकता है। इसके अलावा, क्रिप्टो एसेट्स का उपयोग मौद्रिक नीति के उद्देश्यों के लिए खतरा हो सकता है, इसकी वजह यह है कि इससे समानांतर अर्थव्यवस्था का निर्माण हो सकता है और मौद्रिक नीति संचरण और घरेलू मुद्रा की स्थिरता को कमजोर कर सकता है। यह विदेशी मुद्रा विनियमों के प्रवर्तन को भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है।

सीबीडीसी जनता को एक खतरे से मुक्त वर्जुअल करेंसी प्रदान कर सकता है जो उन्हें प्राइवेट वर्जुअल करेंसी में लेनदेन के जोखिम के बिना वैध लाभ प्रदान करेगी। इसलिए, यह जनता को असामान्य स्तर की अस्थिरता से बचाने के अलावा सुरक्षित डिजिटल मुद्रा की मांग को पूरा कर सकता है, जो इनमें से कुछ वर्जुअल डिजिटल संपत्ति का अनुभव है।

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