Mahoba News: जीएसटी छापेमारी पर बिफरे व्यापारी, बाजार बंद कर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी
जीएसटी छापेमारी के विरोध में व्यापारियों ने चेतावनी दी कि यदि यह कार्रवाई बंद नहीं हुई तो आगे पूरा बाजार बंद कर दिया जाएगा और फिर धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा.
By: ABP Ganga | Updated at : 12 Dec 2022 09:53 AM (IST)
(व्यापारियों ने जीएसटी छापेमारी का किया विरोध)
UP News: महोबा (Mahoba) में जीएसटी सर्वे छापेमारी (GST Raid) से व्यापारी दहशत में हैं. बाजार में पसरे सन्नाटे से व्यापारियों का बड़ा नुकसान हो रहा है. ऐसे में आज इकट्ठा हुए व्यापारियों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. जिला उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले व्यापारियों ने प्रदर्शन करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को संबोधित ज्ञापन सदर विधायक को सौंपा है. व्यापारियों ने जीएसटी सर्वे छापेमारी को बंद करने की मांग की है. व्यापारियों ने चेतावनी दी कि यदि ये छापेमारी बंद नहीं हुई तो पूरा बाजार बंद कर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा.
प्रदेश स्तर पर जीएसटी सर्वे छापेमारी अभियान चल रहा है. इस सर्वे छापेमारी से महोबा के व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है जिसके चलते अधिकतर बाजार बंद दिखाई दे रहे हैं. जीएसटी टीम की छापेमारी से डरे व्यापारी अपनी दुकानों को बंद किए हैं, जिसको लेकर व्यापारियों में बड़ा आक्रोश है. जिला उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष भागीरथ नगायच के नेतृत्व में इकट्ठा हुए व्यापारियों ने जीएसटी सर्वे छापेमारी के खिलाफ प्रदर्शन किया. शहर के उदल चौक से सड़कों पर उतरे व्यापारी पैदल नारेबाजी करते हुए निकले और सदर विधायक राकेश गोस्वामी के आवास पहुंचकर नारेबाजी की गई. जहां सीएम को संबोधित ज्ञापन सदर विधायक राकेश गोस्वामी को सौंपा गया. व्यापारियों ने सदर विधायक से जीएसटी सर्वे छापेमारी को बंद किए जाने की मांग की.
व्यापारियों ने की यह मांग
व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी के सर्वे से व्यापारी भयग्रस्त और दहशत में हैं. इस छापेमारी से इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार को बढ़ावा हो रहा है और व्यापारी समाज का उत्पीड़न भी बढ़ता जा रहा है. अचानक जीएसटी सर्वे छापेमारी से व्यापारी डरे हुए हैं. व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी टीम के अभियान में छापेमारी करने का तरीका सही नहीं है इसे बंद करना चाहिए. यदि किसी व्यापारी की शिकायत है तो उससे पूछताछ की जा सकती है लेकिन इस तरीके से टीमें बनाकर दुकानों में जाकर छापेमारी करना व्यापारियों के हित में नहीं है.
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Published at : 12 Dec 2022 09:53 AM (IST) Tags: uttar pradesh mahoba GST Raid हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: States News in Hindi
CM और वित्त मंत्री से करेंगे शिकायत, GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी
देहरादून: प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी सर्वे (GST survey) और छापेमारी के नाम पर व्यापारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है. व्यापारियों का कहना है कि सरकार के हर कदम के साथ व्यापारी वर्ग कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है, लेकिन जीएसटी के नाम पर अधिकारी सरकार को गलत जानकारी दे रहे हैं. इस मामले को लेकर व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात करेगा. इसके बाद भी अगर व्यापारियों की मांग पूरी नहीं होती तो उन्हें लामबंद होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.
बीते रोज गुरुवार को प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के सलाहकार समिति की बैठक हुई. बैठक के बाद व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा कि व्यापारी पहले से ही विभिन्न प्रकार के टैक्स पूरी ईमानदारी के साथ जमा कर रहे हैं लेकिन अब टैक्स संग्रह बढ़ाने के नाम पर व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार हमारे साथ बैठकर वार्ता करे और हम पूरी तरह से सरकार का सहयोग करने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि बाजार में सर्वे छापेमारी के नाम पर जीएसटी अधिकारी के आने से सही काम कर रहे व्यापारी भी दहशत में आ जाते हैं. इससे बाजार से ग्राहक भी भाग जाता है और इसका खामियाजा व्यापारी वर्ग को आर्थिक नुकसान से उठाना पड़ता है. इसके साथ ही टैक्स के रूप में सरकार को भी नुकसान उठाना पड़ता है. अनिल गोयल ने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार इसमें हमारा सहयोग ले और मिल बैठकर चर्चा करें. हम भी सरकार को सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. व्यापारियों का कहना है कि व्यापारी अपने व्यापार में ₹10 लगाता है तो सरकार को बैठे-बिठाए उस 10 रुपए में 30% का पार्टनर बनाता है. उसके बावजूद सारा भार व्यापारियों के ऊपर डाला जा रहा है. इससे बेहतर यह है कि सरकार हमारे साथ बैठकर वार्ता करे और चर्चा करे कि उसे कैसे ठीक किया जा सकता है?GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी
जीएसटी की छापेमारी के विरोध में व्यापारी सड़क पर उतरे, कहा बंद हो सर्वे
उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर प्रदेश व्यापी जीएसटी सर्वे के विरोध में सोमवार को भारतीय उद्योग व्यापार मंडल बांदा.
उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर प्रदेश व्यापी जीएसटी सर्वे के विरोध में सोमवार को भारतीय उद्योग व्यापार मंडल बांदा ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजकर सर्वे पर अविलंब रोक लगाने की मांग की है।भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष अमित सेठ भोलू के नेतृत्व में व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। साथ ही इस संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश व्यापी जीएसटी सर्वे के कारण व्यापारी वर्ग दहशत में हैं। इस सर्वे से इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा और व्यापारी समाज का उत्पीड़न होगा। जिससे इमानदार व्यापारी परेशान होंगे। इस संबंध में जिला अध्यक्ष अमित सेठ भोलू ने बताया कि पिछले कई दशकों से इस तरह के सर्वे बंद है। लेकिन विशेष अनुसंधान शाखा द्वारा शिकायत के आधार पर सर्वे का कानून जीएसटी में है। वर्तमान में प्रदेश में सभी बाजारों में चल रहे जनरल सर्वे से व्यापारी दहशत में है। इसलिए सर्वे को बंद करा कर व्यापारियों को राहत प्रदान की जाए।
प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार राज, राकेश गुप्ता दद्दू, मोहम्मद इरफान, राजेश गुप्ता, राहुल गुप्ता, नईम नेता, मोहम्मद इरफान, राहुल गुप्ता, बाबूलाल शिवहरे, शांतनु कुमार इत्यादि दर्जनों व्यापारी शामिल रहे। बताते चलें कि पिछले 1 हफ्ते से जनपद मुख्यालय में जीएसटी के सर्वे को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। जिले में अब तक आधा दर्जन व्यापारियों के प्रतिष्ठानों में छापा पड़ चुका है। जिससे स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश व्याप्त है। इस संबंध में व्यापारियों के एक समूह द्वारा 1 दिन पहले ज्ञापन देकर विरोध व्यक्त किया जा चुका है। इसके बाद भी कार्रवाई पर रोक नहीं लगी है।
CM और वित्त मंत्री से करेंगे शिकायत, GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी
देहरादून: प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी सर्वे (GST survey) और छापेमारी के नाम पर व्यापारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है. व्यापारियों का कहना है कि सरकार के हर कदम के साथ व्यापारी वर्ग कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है, लेकिन जीएसटी के नाम पर अधिकारी सरकार को गलत जानकारी दे रहे हैं. इस मामले को लेकर व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात करेगा. इसके बाद भी अगर व्यापारियों की मांग पूरी नहीं GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी होती तो उन्हें लामबंद होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.
बीते रोज गुरुवार को प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के सलाहकार समिति की बैठक हुई. बैठक के बाद व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा कि व्यापारी पहले से ही विभिन्न प्रकार के टैक्स पूरी ईमानदारी के साथ जमा कर रहे हैं लेकिन अब टैक्स संग्रह बढ़ाने के नाम पर व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार हमारे साथ बैठकर वार्ता करे और हम पूरी तरह से सरकार का सहयोग करने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि बाजार में सर्वे छापेमारी के नाम पर जीएसटी अधिकारी के आने से सही काम कर रहे व्यापारी भी दहशत में आ जाते हैं. इससे बाजार से ग्राहक भी भाग जाता है और इसका खामियाजा व्यापारी वर्ग को आर्थिक नुकसान से उठाना पड़ता है. इसके साथ ही टैक्स के रूप में सरकार को भी नुकसान उठाना पड़ता है. अनिल गोयल ने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार इसमें हमारा सहयोग ले और मिल बैठकर चर्चा करें. हम भी सरकार को सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. व्यापारियों का कहना है कि व्यापारी अपने व्यापार में ₹10 लगाता है तो सरकार को बैठे-बिठाए उस 10 रुपए में 30% का पार्टनर बनाता है. उसके बावजूद सारा भार व्यापारियों के ऊपर डाला जा रहा है. इससे बेहतर यह है कि सरकार हमारे साथ बैठकर वार्ता करे और चर्चा करे कि उसे कैसे ठीक किया जा सकता है?
GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी
जीएसटी छापों के विरोध में उतरे व्यापारी, तत्काल प्रभाव से रोके सरकार
मेरठ, 12 दिसम्बर (हि.स.)। जीएसटी छापों के विरोध में सोमवार को व्यापारी सड़कों पर उतर आए। उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश के बैनर तले व्यापारियों ने जीएसटी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जीएसटी एडिशनल कमिश्मनर को सौंपकर छापे रोकने की मांग उठाई।
उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश के प्रांतीय GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के नेतृत्व में सोमवार को व्यापारियों ने जीएसटी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडिशनल कमिश्नर को सौंपकर तत्काल प्रभाव से जीएसटी छापे रोकने की मांग उठाई। लोकेश अग्रवाल ने कहा कि वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों द्वारा बाजारों में जाकर शासन से प्राप्त लिस्ट बताकर 40 लाख से कम टर्नओवर का व्यापार करने वाले व्यापारियों के यहां सर्वे-छापे के नाम पर दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई से व्यापारियों में भय व्याप्त है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद दो साल लगातार लॉकडाउन का प्रभाव रहा है, जिससे व्यापार जगत में भारी अस्थिरता का माहौल है। अब किसी प्रकार व्यापारी संभलना शुरू हुआ है।
जीएसटी अधिकारियों द्वारा पंजीयन बढ़ाने के नाम पर की जा रही कार्रवाई पूरी तरह से गलत है, क्योंकि वैट में पांच लाख तक का व्यापार करने वाले व्यापारी को ही रजिस्ट्रेशन से छूट प्राप्त थी, परन्तु जीएसटी में 40 लाख तक का व्यापार करने वाले व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन से छूट प्राप्त है। वैट के मुकाबले जीएसटी में पंजीकरण भारी संख्या में बढ़े हैं तथा सरकार को भी प्रतिमाह लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि व्यापारी देश हित में बढ़-चढ़ कर राजस्व में योगदान दे रहा है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारी के प्रतिष्ठानों पर पुलिस बल को साथ में लेकर सर्वे-छापे की कार्रवाई के नाम पर व्यापारियों में भय का वातावरण बनाया जा रहा है। मानवीय भूलों को आधार बनाकर लाखों रुपये जुर्माना आरोपित कर व्यापारियों को जेल भेजने का भय दिखाकर जबरदस्ती जमा करवाया जा रहा है। इन सबसे व्यापारी अनावश्यक मुकदमों के जाल में फंस जाएगा तथा व्यापारी उत्पीड़न को बढ़ावा मिलेगा। व्यापार नष्ट होने से सरकार को राजस्व का नुकसान होगा तथा व्यापारियों में सरकार की छवि भी खराब होगी।
व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि यदि जीएसटी विभाग सभी व्यापारियों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करना चाहता है, तो पहले उसे जीएसटी काउन्सिल को प्रस्ताव भेजना पड़ेगा। जीएसटी काउन्सिल में पारित होने के बाद केन्द्र सरकार द्वारा लोकसभा व राज्यसभा में पारित कराकर जीएसटी एक्ट में संशोधन कराना पड़ेगा। उसके पश्चात ही 40 लाख तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए बाध्य किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के विरुद्ध की जा रही सभी प्रकार के जीएसटी सर्वे-छापे की कार्रवाई तत्काल प्रभाव से रोकी जाए। ऐसा नहीं होने पर व्यापारी उग्र आंदोलन करेंगे। प्रदर्शन करने वालों में प्रांतीय मीडिया प्रभारी विजय मान, जिलाध्यक्ष राजकुमार त्यागी, अतुल्य, निशांक अग्रवाल, संजय कुमार आदि शामिल रहे।
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