मोदी सरकार दे रही डिस्कांउट में सस्ता सोना खरीदने का मौका, घर बैठे ही ऑनलाइन ऐसे करें बुक
नई दिल्ली: देश में सोने में निवेश करने का ऑप्सन सबसे अच्छा माना जाता है। जिसमें जोखिम का अंदेशा कम रहता है और रिटप्न सुरक्षित होता है। गोल्ड में लोगों का निवेश के रुझान को देखते हुए सरकार लोगों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने का ऑप्सन देती है। आप को बता दें कि इस में गोल्ड खरीदने का मौका मिल रहा है। जिससे आप भी अपने निवेश की जर्नी को शुरु कर सकते हैं।
आप को बता दें कि केन्द्र सरकार लोगों को सस्ती कीमत पर सोना बेच रही है। सस्ता सोना खरीदने का यह आखिरी मौका है। सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 की तीसरी सीरीज के तहत सोने की बिक्री शुरू कर रही है। इसमें कोई भी निवेश कर सकता है। RBI भारत सरकार की ओर से यह स्कीम पेश करती है। Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23 की तीसरी सीरीज आज से ओपेन हो रही है।
5,409 रुपये प्रति ग्राम में करें खरीददारी
यह बिक्री सिर्फ पांच दिन के लिए 19 दिसंबर से लेकर 23 दिसंबर तक होगी। रिजर्व बैंक की ओर से इस स्कीम के तहत गोल्ड की कीमत 5,409 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है। अगर आप इसमें निवेश करना चाहते हैं तो इसे अभी खरीद सकते हैं।
50 रुपये प्रति ग्राम पर छूट ऐसे खरीद SGB
SBG स्कीम 2022-23 को कॉमर्शियल बैंकों (स्माल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक और रिजनल ग्रामीण बैंक), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL), क्लियर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), कुछ डाकघर और स्टॉक एक्सचेंज- NSE और BSE से खरीद सकते हैं।
वही केंद्रीय बैंक इस स्कीम के तहत डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन तरीके से सोना खरीदने वाले लोगों को 50 रुपये प्रति ग्राम पर छूट भी दे रही है। RBI के अनुसार, ऐसे निवेशकों को 5,359 रुपये प्रति ग्राम पर देना होगा। आप को बता दें कि घर बैठे ही SBG स्कीम 2022-23 की बुकिंग कर सकते हैं।
SGB खरीदने से पहले जान लें काम की बातें
Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23 के तहत गोल्ड बॉन्ड का टेन्योर 8 साल तक होता है और 5 साल के बाद इस स्कीम से निकलने की अनुमति दी जाती है।
वही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) पर अलग-अलग टैक्स के नियम हैं। SGB से होने वाला लाभ अगर मैच्योरिटी तक आयोजित किया जाता है, तो टैक्स नहीं लगाया जाता है।
अगर SGBs को 3 साल से पहले बेचा जाता है, तो पूंजीगत लाभ निवेशक की आय में जोड़ा जाता है और लागू आयकर स्लैब के आधार पर टैक्स लगाया जाता है।
समर्थन के लिए वित्तीय फर्में चुन रहा है सिडबी
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने उन वित्तीय कंपनियों की पहचान शुरू कर दी है, जिन्हें वह सूक्ष्म उधारी के लिए समर्थन बढ़ाएगा। सिडबी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिव सुब्रमण्यन रमणन ने यह जानकारी दी है। बिजनेस स्टैंडर्ड के बीएफएसआई सम्मेलन में रमणन ने कहा कि लघु उद्योगों को कर्ज देने वाले सरकारी बैंक ने एक बार फिर यह देखना शुरू किया है कि सूक्ष्म वित्त संस्थानों में किस तरह से पूंजी लाई जाए।
सथ ही सिडबी की फंडों के फंड की गतिविधि में तमाम वेंचर कैपिटल और निजी इक्विटी फर्मों को पूंजी मुहैया कराती है। रमणन ने कहा, ‘निजी इक्विटी कारोबार के ऊपरी छोर पर काम करेगी, जहां विकास तेज है और तेजी से पैसा बनाया जा सकता है। सिडबी विकास के लिए प्रयासरत है।’ ,साथ ही सिडबी की ‘प्रयास’ योजना के तहत सूक्ष्म उधारी करीब 600 करोड़ रुपये है और इस योजना में 1,00,000 से 5,00,000 रुपये तक कर्ज मुहैया कराया जाता है। रमणन ने कहा कि उसकी 75 शाखाओं से उधारी नहीं दी जा सकती है, लेकिन छोटे कस्बों और गांवों में कर्ज देने के लिए एमएफआई, एनजीओ और बैंकिंग प्रतिधिनिधियों के साथ साझेदारी के माध्यम से उधारी दी जाएगी।
रमणन ने कहा, ‘हमें पूरी तरह डिजिटलीकृत प्लेटफॉर्म मिले हैं, जहां गलियों में मौजूद व्यक्ति टैब के साथ उपलब्ध हैं। उनके पास सभी आंकड़े हैं और वे हमें इसे भेजते हैं। हमारे पास सामान्य कारोबारी नियम हैं और मोटे तौर पर 48 घंटे के भीतर हम उन सूक्ष्म उद्यमों को उनके खाते में सीधे कर्ज देने में सक्षम होते हैं।’ उनका मानना है कि प्रयास के माध्यम से कर्ज की मात्रा बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं हैं, क्योंकि यह अपने साझेदार संस्थाओं पर निर्भर है। सिडबी अपना धन इन्क्यूबेटर्स और एक्सेलरेटर्स में लगाने पर भी काम कर रहा है।
रमणन ने कहा कि सिडबी को नैशनल इनोवेशन फंड के साथ ज्यादा काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमने उनके साथ काम करना बंद कर दिया है। हमें इसे फिर से शुरू करने की जरूरत है। वहां अन्य कई लोग होंगे, जो कई छोटी परियोजनाओं में इक्विटी लाने में सक्षम होंगे।’ योजनाएं विफल होने से सिडबी चिंतित नहीं हो सकती है। रमणन ने कहा कि अगर 1,000 कंपनियों में धन डाला जाता है और केवल 50 काम करती हैं तो उसके पैसे वापस मिल जाते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सिडबी ने विश्व बैंक की ऊर्जा कुशलता योजना के तहत पिछले 5 साल में करीब 300 इकाइयों का वित्तपोषण किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने करीब 3 लाख टन सीओ2 उत्सर्जन घटाया है। हमने विश्व संगठनों के साथ सफल साझेदारी की है। हम विश्व बैंक के साथ सोलर रूफटॉप योजना में आगे बढ़ रहे हैं। हम 1,000 एमएसएमई में 1,000 सोलर रूफटॉप स्थापित करेंगे।’
उन्होंने कहा कि एमएसएमई 1 करोड़ रुपये से 2.5 करोड़ रुपये तक निवेश के साथ सोलर रूफटॉप हासिल कर सकते हैं, जिससे उनकी बिजली की सभी जरूरतें पूरी हो जाएंगी और 36 से 42 महीने के भीतर उनकी पूंजी निकल आएगी और संयंत्र 15 साल और चलेंगे।
रमणन ने कहा कि हम ऊर्जा कुशल सौर पैनल, रूफटॉप सौर पैनल के दौर में प्रवेश कर रहे हैं। ये बिजली के विकल्प हैं, जो किसी भी कारोबार का आधार है।
NPS Scheme : एनपीएस स्कीम में 200 रुपये करें इन्वेस्ट और पेंशन के रूप में पाए हर महीने 50,000
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) एक सरकार समर्थित पेंशन स्कीम है जो व्यक्तियों को उनकी सेवानिवृत्ति के लिए सेविंग करने और काम करना बंद करने के बाद नियमित आय प्राप्त करने की अनुमति देती है। एनपीएस स्कीम के तहत, व्यक्ति प्रति दिन 200 रुपये के रूप में एक सेवानिवृत्ति कोष बनाने के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं जो प्रति माह 50,000 रुपये तक की पेंशन प्रदान कर सकता है।
जानिए एनपीएस योजना के लिए आवेदन कैसे करें:
एनपीएस योजना के लिए आवेदन करने के लिए, व्यक्तियों को नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट (एनपीएस ट्रस्ट) की वेबसाइट पर जाना होगा और एनपीएस अकाउंट के लिए रजिस्टर करना होगा। वे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए उपस्थिति के बिंदु (पीओपी) या उपस्थिति के बिंदु - सेवा प्रदाता (पीओपी-एसपी) पर भी जा सकते हैं। पीओपी और पीओपी-एसपी मध्यस्थ हैं जो इन्वेस्टर को एनपीएस से संबंधित सेवाएं प्रदान करते हैं।
एक बार जब कोई व्यक्ति एनपीएस अकाउंट के लिए रजिस्टर्ड हो जाता है, तो वे पेंशन फंड और इन्वेस्ट ऑप्शन चुनकर स्कीम में इन्वेस्ट शुरू कर सकते हैं। एनपीएस दो प्रकार के इन्वेस्ट ऑप्शन प्रदान करता है: टीयर I ऑप्शन और टीयर II ऑप्शन । टीयर I ऑप्शन एक अनिवार्य अकाउंट है जिसे व्यक्तियों को एनपीएस स्कीम में भाग लेने के लिए खोलना होगा। यह एक दीर्घकालिक इन्वेस्ट अकाउंट है जिसे व्यक्ति के 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले वापस नहीं लिया जा सकता है। टीयर II ऑप्शन एक स्वैच्छिक अकाउंट है जिसे व्यक्ति टीयर I ऑप्शन के अतिरिक्त खोल सकते हैं। यह एक लचीला खाता है जो व्यक्तियों को किसी भी समय अपना धन निकालने की अनुमति देता है।
जानिए एनपीएस स्कीम के फायदे:
एनपीएस स्कीम के लाभों में टैक्स लाभ, लचीलापन और स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना धन का पेशेवर प्रबंधन शामिल है। NPS स्कीम के तहत, व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80CCD (1B) के तहत प्रति वर्ष 50,000 रुपये तक की कर कटौती का दावा कर सकते हैं। वे अपने नियोक्ता द्वारा एनपीएस स्कीम में किए गए योगदान के लिए धारा 80CCD (1C) के तहत प्रति वर्ष 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त कर कटौती का दावा भी कर सकते हैं।
एनपीएस योजना इन्वेस्टर को उनकी जरूरतों के अनुरूप पेंशन फंड और इन्वेस्ट ऑप्शन चुनने की अनुमति देकर उन्हें लचीलापन भी प्रदान करती है। एनपीएस स्कीम के तहत कई पेंशन फंड उपलब्ध हैं, जिनमें सरकारी क्षेत्र का पेंशन फंड, कॉर्पोरेट क्षेत्र का पेंशन फंड और वैकल्पिक इन्वेस्ट कोष शामिल हैं। प्रत्येक पेंशन फंड की एक अलग इन्वेस्ट रणनीति होती है, और व्यक्ति वह चुन सकते हैं जो उनके जोखिम सहनशीलता और इन्वेस्ट लक्ष्यों के साथ संरेखित हो।
एनपीएस स्कीम भी पेशेवर रूप से प्रबंधित की जाती है, जिसमें पेंशन फंड अनुभवी फंड मैनेजरों द्वारा देखे जाते हैं। फंड मैनेजर रिटर्न को अधिकतम करने और जोखिम को कम करने के लिए फंड को संपत्ति के विविध पोर्टफोलियो, जैसे स्टॉक, बॉन्ड और रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करते हैं।
जानिए कौन कर सकता है एनपीएस योजना के लिए आवेदन:
एनपीएस स्कीम स्व-नियोजित व्यक्तियों, वेतनभोगी कर्मचारियों और व्यापार मालिकों सहित भारत के सभी नागरिकों के लिए खुली है। यह अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और विदेशी नागरिकों के लिए भी खुला है जो भारत में काम कर रहे हैं। एनपीएस स्कीम में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष है।
Gold Bond: सोने में लगाना चाहते हैं पैसा तो आपके पास है बड़ा मौका, सरकार से इतने रुपए में खरीद सकते हैं गोल्ड
सोना एक ऐसी संपत्ति है, जो भविष्य में कभी भी काम आ सकता है। पिछले कुछ सालों में सोने के दाम तेजी से बढ़े हैं। फिलहाल सोने की कीमत 54000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास है। ऐसे में अगर आप भी सोने में पैसा निवेश करना चाहते हैं तो 19 दिसंबर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (SGB) 2022-23 की नई सीरिज खुलने वाली है।
Sovereign Gold Bond Scheme: सोना एक ऐसी संपत्ति है, जो भविष्य में कभी भी काम आ सकता है। पिछले कुछ सालों में सोने के दाम तेजी से बढ़े हैं। फिलहाल सोने की कीमत 54000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास है। हालांकि, आने वाले समय में सोने के दाम 60 हजार रुपए तोला से भी ज्यादा होंगे। ऐसे में अगर आप भी सोने में पैसा निवेश करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। 19 दिसंबर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (SGB) 2022-23 की नई सीरिज खुलने वाली है। सोमवार को रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) जारी करेगा। सरकारी गोल्ड बॉन्ड (SGB) की तीसरी सीरिज सब्सक्रिप्शन के लिए 19 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच खुली रहेगी।
जानें 1 ग्राम सोने का इश्यू प्राइस :
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गोल्ड बॉन्ड के लिए इश्यू प्राइस 5,409 रुपए प्रति ग्राम तय किया है। रिजर्व बैंक दो स्टेज में सरकारी गोल्ड बॉन्ड स्कीम जारी करेगा। निवेश के लिए ये योजनाएं दिसंबर और मार्च में खुलेंगी। इस वित्त वर्ष की तीसरी सीरीज की शुरुआत 19 दिसंबर से हो रही है। वहीं, चौथी सीरीज की शुरुआत 6 से 10 मार्च, 2023 के बीच होगी। बता दें कि सरकार की ओर से ये बॉन्ड रिजर्व बैंक जारी करता है।
ऑनलाइन आवेदकों को मिलेगी 50 रुपए की छूट :
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्टमेंट के लिए आवेदन 19-23 दिसंबर तक एक्सेप्ट किए जाएंगे। इसके बाद 27 दिसंबर को गोल्ड बॉन्ड आवेदकों को इश्यू किए जाएंगे। बता दें कि गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 999 प्योरिटी वाले गोल्ड पर बेस्ड होता है। गोल्ड बॉन्ड के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने वाले और डिजिटल मोड के जरिए पेमेंट करने वाले आवेदकों को प्रति यूनिट 50 रुपए की छूट भी मिलेगी।
1 ग्राम सोने से शुरू कर सकते हैं निवेश :
बता दें कि रिजर्व बैंक समय-समय पर नियम और शर्तों के साथ गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। इस गोल्ड बॉन्ड की सरकारी गारंटी होती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए नगद, डिमांड ड्राफ्ट या फिर नेट बैंकिंग के जरिए भी पेमेंट किया जा सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत कोई भी एक ग्राम सोना खरीदकर इसमें इन्वेस्टमेंट चालू कर सकता है।
खरीद सकते हैं अधिकतम 4 किलो सोना :
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में किसी एक फाइनेंशियल ईयर के दौरान कोई इंडीविजुअल या अविभाजित हिंदू परिवार अधिकतम 4 किलो सोना खरीद सकता है। हालांकि, ट्रस्ट के लिए ये सीमा 20 किलो तय की गई है। वहीं, इसमें निवेश के लिए कम से कम 1 ग्राम सोना खरीदना पड़ेगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नॉमिनेटेड डाक घरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी खरीदा जा सकता है।
Sovereign Gold Bond Scheme: बड़ी काम की है ये सरकारी स्कीम, मिलेगा शानदार फायदा, पढ़े पूरी डिटेल
जो लोग सोना खरीदना चाहते हैं, उसमें निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉऩ्ड स्कीम शुरु हो रही है जिसमें आप एक तरीके से सस्ता सोना खरीद सकते हैं। सोने के लिए अपने बजट के बराबर पैसा लगाकर शानदार मुनाफा हासिल कर सकते हैं
Sovereign Gold Bond Scheme: जो लोग सोना खरीदना चाहते हैं, उसमें निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना बॉऩ्ड स्कीम शुरु हो रही है जिसमें आप एक तरीके से सस्ता सोना खरीद सकते हैं. सोने के लिए अपने बजट के बराबर पैसा लगाकर शानदार मुनाफा हासिल कर सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 सीरीज 3 का सब्सक्रिप्शन शुरू कर दिया है, जो पांच दिनों के लिए ओपन रहेगा. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इशू प्राइस 999 शुद्ध सोने की कीमत के आधार पर तय होता. इस बार नई किस्त का इशू प्राइस 5409 रुपये प्रतिग्राम रखा गया है.
आरबीआई की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 सीरीज III के लिए सब्सक्रिप्शन अवधि 19-23 दिसंबर, 2022 तक रहेगी, जबकि इसके जारी होने की तिथि 27 दिसंबर रहेगी. यह भी पढ़े: PM Suraksha Bima Yojana: बड़ी फायदेमंद है यह सरकारी स्कीम, मात्र 20 रुपये के प्रीमियम पर पाएं 2 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस
कौन खरीद सकता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ?
आरबीआई की ओर से जारी नए सर्कुलर के अनुसार, कोई भी व्यक्ति, एचयूएफ, ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल संस्था सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकती है। किसी भी व्यक्ति या संस्था को कम से कम 1 ग्राम या उसके गुणज में सोना खरीदना होगा। एक व्यक्ति एवं एचयूएफ अधिकतम 4 किलो गोल्ड और ट्रस्ट एवं संस्थाएं अधिकतम 20 किलो गोल्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं.
ऑनलाइन खरीद पर मिलेगा डिस्काउंट
भारतीय रिजर्व बैंक के साथ एग्रीमेंट में, भारत सरकार ने उन निवेशकों को डिस्काउंट देने का फैसला किया है जो ऑनलाइन आवेदन करते हैं अगर कोई व्यक्ति या संस्था डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदती है, तो उसे प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा। इन निवेशकों के लिए गोल्ड बांड का निर्गम मूल्य रु. 5,359 रुपये प्रति ग्राम होगा.
SBI के माध्यम से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) कैसे खरीदें
1. क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके एसबीआई नेट बैंकिग में लॉग इन करें
2. मेन मेनू से ‘ई-सर्विस’ पर क्लिक करें
3. ‘सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम’ पर क्लिक करें
4. यदि आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
5. हेडर टैब से ‘रजिस्टर’ चुनें, फिर ‘नियम और शर्तें’, फिर ‘आगे बढ़ें’.
6. अपनी सभी डिटेल के साथ नॉमिनेशन और अन्य डिटेल जोड़ें
7. NSDLया CDSL से डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट चुनें जहां आपका डीमैट अकाउंट है
8. डीपी आईडी, क्लाइंट आईडी दर्ज करें और ‘सबमिट’ टैब पर स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना क्लिक करें
9. डिटेल की पुष्टि करें और ‘सबमिट’ टैब पर क्लिक करें
10। रजिस्ट्रेशन के बाद हेडर टैब से ‘खरीदारी’ चुनें
11. नॉमिनेशन क्वांटिटी, नॉमिनेशन डिटेल दर्ज करें
12. अपना ओटीपी दर्ज करें और ‘पुष्टि करें’ पर क्लिक करें
Don't miss out on this golden opportunity!
SOVEREIGN GOLD BONDS SCHEME 2022-23 Tranche-III opens from 19th Dec - 23rd Dec, 2022
Know more: https://t.co/toePwiynMR#SovereignGoldBond #AzadiKaAmritMahotsavWithSBI #SBI pic.twitter.com/W4rLKCSI2W
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) December 18, 2022
ऑफलाइन कहां से खरीद सकते हैं?
आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को सभी बड़े बैंकों के माध्यम से खरीद सकते हैं, जैसे जैसे एसबीआई और एचडीएफसी बैंक। निर्धारित डाकघरों से भी इसकी खरीद हो सकती है। किसी भी लघु वित्त बैंक, भुगतान बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), एनएसई और बीएसई से भी इन बॉन्ड्स को खरीद सकते हैं.
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश की सरकारी स्कीम है। भारत सरकार की ओर से RBI सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है. इसमें भौतिक रूप से सोने की खरीद के बजाय डिजिटल गोल्ड में निवेश की सुविधा होती है.सरकार ने 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की थी। इसके तहत वित्त वर्ष में 4 बार सब्सक्रिप्शन का मौका मिलता है। इस बार सब्सक्रिप्शन के लिए तीसरी सीरीज 19 से 23 दिसंबर तक खुली रहेंगी. इस वित्त वर्ष की चौथी सीरीज 6 से 10 मार्च तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी. इससे पहले, जनवरी और अगस्त 2022 में SGB में निवेश की सुविधा दी गई थी.
एक बार में कितना गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी 8 साल की होती है. इस दौरान 2.5% की सालाना दर से ब्याज मिलता है, यानी 8 साल में 20 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. 5वें साल से आपको विड्रॉल ऑप्शन मिल जाता है और ब्याज भी मिलने लगता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम एक ग्राम सोने का निवेश किया जा सकता है, और व्यक्तियों, एचयूएफ, और ट्रस्टों और अन्य समान संस्थाओं के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में निवेश की जा सकने वाला अधिकतम निवेश क्रमश: चार किलोग्राम, चार किलोग्राम और बीस किलोग्राम है। अच्छी बात ये है कि इसे नाबालिग के नाम पर भी खरीदा जा सकता है.
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