इंडेक्स फंड्स बनाम ईटीएफ - इंडेक्स फंड्स को म्यूचुअल फंड्स के समान संरचित किया जाता है। उन्हें रोजाना सीधे म्यूचुअल फंड से खरीदा जा सकता है। इंडेक्स फंड में निवेश करने के लिए किसी डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है और यह SIPs को आसानी से सेट कर सकता है। ईटीएफ अनिवार्य रूप से इंडेक्स फंड हैं जिनका एक्सचेंज पर कारोबार होता है। इसलिए, ईटीएफ की कीमत गतिशील है और अंतर्निहित शेयरों की लाइव कीमतों को ट्रैक करती है - यह उन निवेशकों के लिए प्रभावी बनाती है जो ईटीएफ का उपयोग करके व्यापार करना चाहते हैं। दोनों (इंडेक्स फंड्स और ईटीएफ) लंबी अवधि के धन सृजन के मामले में समान रूप से प्रभावी हैं। हालांकि, निवेशकों को एक्सचेंजों पर कीमतों में अंतर और ईटीएफ के लिए अंतर्निहित स्टॉक (जिसे iNAV कहा जाता है) पर नजर रखनी चाहिए। एक्सचेंज पर ट्रेडिंग की कमी के कारण भारत में ईटीएफ अक्षम हैं। इसलिए, निवेशकों को एक्सचेंजों पर खरीदारी करने से पहले सही कीमत की जांच करनी चाहिए।

50 रुपये से कर सकते हैं शुरुआत

धनतेरस के ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं दिन 50 रुपये में भी खरीद सकते हैं गोल्ड, करना होगा ये काम

aajtak.in

धनतेरस की खरीदारी शुरू हो चुकी है. इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है. इसलिए लोग सोना और उससे बनी ज्वैलरी की खरीदारी करते हैं. कुछ लोग इस दिन सोना खरीदकर निवेश की भी शुरुआत करते हैं. अगर आप निवेश के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, तो आप 50 रुपये में सोना खरीद सकते हैं. सोने के निवेश के लिए तमाम ऑप्शन में से एक है गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF). अब गोल्ड ईटीएफ क्या है पहले समझ लेते हैं.

क्या है गोल्ड ईटीएफ?

गोल्ड ईटीएफ गोल्ड बुलियन में निवेश करते हैं. लेकिन ये फिजिकल मेटल के रूप में निवेश नहीं होता है. इसे इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेंट में म्यूचुअल फंड यूनिट्स की तरह रखा जाता है. ये एक डीमैट खाते में जमा होता है. गोल्ड ईटीएफ की भी स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है. अगर आप निवेश करना चाहते हैं, तो कभी भी गोल्ड ईटीएफ को खरीद सकते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार बेच भी सकते हैं.

गोल्ड ईटीएफ में निवेश निखार सकता है इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो, ऐसे समझें रिस्क और रिटर्न का पूरा समीकरण

Gold ETF Investment

सोना हमेशा से ही निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. अतीत में भी इसने लंबी अवधि के लिए बेहतर रिटर्न दिए हैं, साथ ही पोर्टफोलियो में रिस्क एडजेस्टमेंट के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में भी इसने अहम भूमिका निभाई है. इसके अलावा, इसे मुद्रास्फीति, प्रणालीगत जोखिम और मुद्रा की कीमतों में कमी से बचाव का सबसे अच्छा साधन भी माना जाता है. ऐसे में निवेशक गोल्ड को बेहतर और सुरक्षित निवेश की श्रेणी में रखते हैं.

इसी कड़ी में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (एएमसी) के प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रेटजी हेड चिंतन हरिया का कहना है कि गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो की चमक को निवेशक निखार सकते हैं. चिंतन हरिया ने कहा कि सोना हमेशा से ही निवेशकों के बीच निवेश का सबसे सुरक्षित साधन रहा है. उन्होंने कहा कि सोना चलनिधि की तरह होता है, इसमें कोई क्रेडिट जोखिम नहीं होता है, साथ ही इसे आसानी से उपलब्ध नहीं होने का फायदा भी मिलता है.

पैसिव फंड में निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, नहीं चूकेंगे कमाई से

पैसिव फंड में भी निवेश करना फायदे का सौदा है। (Pti)

नई दिल्‍ली, प्रतीक ओसवाल। इक्विटी निवेश की बढ़ती लोकप्रियता के साथ म्यूचुअल फंड निवेशकों के दीर्घकालिक निवेश का एक बड़ा हिस्सा बन रहे हैं। म्यूचुअल फंड्स में - पिछले 1-2 वर्षों में इंडेक्स फंड की लोकप्रियता बढ़ रही है। पैसिव फंड्स जिनमें इंडेक्स फंड और ईटीएफ होते हैं, वे अमेरिका में काफी लोकप्रिय हैं और अब भारत में भी ऐसा ही आकर्षण प्राप्त कर रहें हैं।

पैसिव फंड्स ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं क्या होते हैं?

अधिकांश म्यूचुअल फंडों के विपरीत, जहां एक फंड मैनेजर अंतर्निहित शेयरों में निवेश करने के लिए जिम्मेदार होता है, इंडेक्स फंड को फंड मैनेजर की जरूरत नहीं होती है। निफ्टी, सेंसेक्स और अन्य लोकप्रिय इंडेक्स पैसिव फंडों के माध्यम से रेप्लिकेट किए जाते हैं। भारत में म्यूचुअल फंड की बढ़ती संख्या के साथ - इंडेक्स फंड्स लंबी अवधि के निवेश के लिए एक सरल लेकिन प्रभावी समाधान प्रदान करते हैं। पैसिव फंड पारंपरिक फंडों की तुलना में सस्ते भी होते हैं।

क्या है चांदी का ETF, कब-कौन और कैसे लगा सकता है इसमें पैसा, जानिए इससे जुड़ी सभी काम की बातें

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जल्द ही आप गोल्ड ईटीएफ की तरह चांदी में भी निवेश कर सकेंगे. बाजार नियामक सेबी ने सिल्वर ईटीएफ में निवेश के लिए मानक जारी कर दिए हैं। ये मानदंड नौ दिसम्बर, 2021 से प्रभावी होंगे. नववर्ष के अवसर पर बाजार में सिल्वर ईटीएफ लांच होने के आसार हैं. इसमें आप बिना रिस्क के निवेश कर सकेंगे.

भारत में चांदी को गरीबों का सोना कहा जाता है. त्योहारों और शादी-विवाह जैसे विशेष अवसरों पर जो लोग महंगा होने की वजह से सोना नहीं खरीद पाते वे चांदी खरीद कर अपनी खुशियों में इजाफा करते हैं.

अभी तक चांदी में सिल्वर बार, कॉइन और ज्वेलरी के रूप में ही निवेश करने का विकल्प था. इसमें शुद्धता को लेकर बड़ा जोखिम रहता था. निवेशकों को धोखाधड़ी का अहसास तभी होता था जब वह चांदी की इन वस्तुओं को बाजार में बेचने जाते थे.

अब गोल्ड ईटीएफ की तरह सिल्वर यानी चांदी से जुडे़ ETF आ रहे है…

सिल्वर ईटीएफ का सीधा मतलब है कि जैसे लोग स्टॉक को खरीदते और बेचते हैं, वैसे ही सिल्वर ईटीएफ की खरीद-बिक्री भी हो सकेगी. इससे सिल्वर में कमाई के मौके बढ़ जाएंगे. शेयर या स्टॉक में भी यही होता है कि कोई निवेशक जैसे फायदे का सौदा देखता है, वह बेचकर मुनाफा कमा लेता है. सिल्वर ईटीएफ के साथ भी ऐसा ही होगा.

(1) सिल्वर ईटीएफ लांच होने के बाद लोगों को इन तमाम चिंताओं से मुक्ति मिल जाएगी. इससे गोल्ड ईटीएफ की तरह चांदी में भी निवेश का मौका मिलेगा. खास बात यह है कि चांदी खरीदने के लिए लोगों को बड़ी रकम की जरूरत नहीं पड़ेगी. ईटीएफ के जरिए एक ग्राम चांदी भी खरीदी जा सकती है.

(2) इसका मतलब यह हुआ कि यदि चांदी का हाजिर भाव 66,000 रुपए प्रति किलोग्राम है. ऐसे में आप ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं महज 66 रुपए से भी चांदी में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. जब भी कुछ रकम जुड़े उससे चांदी खरीद लें. इस तरह थोड़ा-थोड़ा करके बड़ी मात्रा में चांदी जोड़ सकते हैं. ईटीएफ में निवेश का एक और बड़ा फायदा यह है कि इसमें चांदी के रखरखाव और सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है.

खास बातें

  • मेकिंग चार्जेज पर जरूर करनी चाहिए बात
  • एसजीबी सोने में निवेश पर ब्याज देते हैं
  • ईटीएफ एक प्रकार से म्यूचुअल फंड की तरह है.

अकसर देखा जाता है कि लोग सोने में निवेश इसलिए भी करते हैं क्योंकि यह न केवल एक बेहतर विकल्प बल्कि समय पर इसे आसानी से नकद ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं में बदला भी जा सकता है. वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि हाथ में सोना नकदी का अच्छा विकल्प है तो गोल्ड में डिमैट के जरिए निवेश जैसे ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) और एसजीबी (सोवरिन गोल्ड बॉन्ड) कीमत लगातार बनाए रखता है. जो भी लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं वह खरीदने के लिए अकसर सही समय देखते हैं. यह जरूरी है कि इसके लिए टैक्स कानून की भी समझ हो.

जानकारों का कहना है कि सोना केवल बाजार की भावनाओं के आधार पर नहीं लेना चाहिए. सबसे पहले हमें तीन बेसिक बातों के बारे में जानना चाहिए. सोने, गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड बॉन्ड को समझना भी जरूरी है.

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