BHIM Aadhaar Pay
Bhim Aadhaar-Indian Bank is an Indian Bank mobile application available on the Google Play Store for Aadhaar Enabled Payment System (AEPS). It Enables Merchant to receive digital payments from customers through Aadhaar Authentication. Both Customer and Merchant should have their Aadhaar linked to their Bank Account. BHIM Aadhaar–Indian Bank allows the खोलने के लिए मुख्य सिग्नल merchant to accept payment from a customer of any bank by authenticating the customer’s biometric directly from customer’s bank account.
पूर्वोत्तर रेलवे: सिग्नल कारखाने में भी बनेंगे इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर, आरडीएसओ ने दी निर्माण की मंजूरी
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में सिग्नल का बड़ा कारखाना है, लेकिन अभी तक यहां इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर नहीं बनाया जाता था। दूसरे जोन के कारखानों पर रेल प्रशासन निर्भर था।
पूर्वोत्तर रेलवे के सिग्नल कारखाने में भी जल्द ही इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बनने लगेंगे। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) ने पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन को इसके निर्माण की अनुमति दे दी है। रेल प्रशासन ने अब तैयारी भी शुरू कर दी है।
रेलवे क्रॉसिंगों पर अब इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर लगाए जा रहे हैं। जिन क्रॉसिंग पर गाड़ियों की आवाजाही ज्यादा है, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में सिग्नल का बड़ा कारखाना है, लेकिन अभी तक यहां इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर नहीं बनाया जाता था। दूसरे जोन के कारखानों पर रेल प्रशासन निर्भर था। अब कारखानों में संसाधनों के बढ़ाने के बाद टूल्स और जरूरी उपकरण को भी बनाने की तैयारी शुरू की गई है। इसी क्रम में इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बनाने के लिए आरडीएसओ में आवेदन किया गया था। आरडीएसओ ने तैयारियों को परखने के बाद इसे मंजूरी दे दी है।
अलग वर्कशॉप बनेगा
सिग्नल कारखाना में इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बनाने के लिए अलग से वर्कशॉप भी बनेगी। इस वर्कशॉप में तैयार इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर को मांग के अनुरूप दूसरे जोन में भी भेजा जाएगा।
ऐसे काम करता है इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर
इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर क्रॉसिंग के 180 मीटर पहले लगे सिग्नल से जुड़ा होता है। ट्रेन जब क्रॉसिंग के सिग्नल के पहले होती है तो कंट्रोल रूम की सूचना पर ऑपरेटर बटन दबाकर फाटक को गिरा देता है। फाटक गिरने के बाद खोलने के लिए मुख्य सिग्नल ट्रेन को ऑटो ग्रीन सिग्नल मिल जाता है। इसी तरह ट्रेन के गुजरने पर सिग्नल मिलने पर ऑपरेटर फाटक को उठा देता है।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि व्यस्त क्रॉसिंगों पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर लगाने का कार्य किया जा रहा है, जिससे बैरियर को खोलने और बंद करने में कम समय लगता है। रोड यूजर्स को भी इससे सुविधा मिलेगी। गोरखपुर सिग्नल कारखाने में लिफ्टिंग बैरियर बनाने के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए एक कार्य स्वीकृत है। यह कार्य प्रगति पर है। इस कार्य के पूर्ण होने पर पूर्वोत्तर रेलवे एवं अन्य रेलों की आवश्यकता पर यहां इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बनाया जा सकेगा।
विस्तार
पूर्वोत्तर रेलवे के सिग्नल कारखाने में भी जल्द ही इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बनने लगेंगे। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) ने पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन को इसके निर्माण की अनुमति दे दी है। रेल प्रशासन ने अब तैयारी भी शुरू कर दी है।
रेलवे क्रॉसिंगों पर अब इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर लगाए जा रहे हैं। जिन क्रॉसिंग पर गाड़ियों की आवाजाही ज्यादा है, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में खोलने के लिए मुख्य सिग्नल सिग्नल का बड़ा कारखाना है, लेकिन अभी तक यहां इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर नहीं बनाया जाता था। दूसरे जोन के कारखानों पर रेल प्रशासन निर्भर था। अब कारखानों में संसाधनों के बढ़ाने के बाद टूल्स और जरूरी उपकरण को भी बनाने की तैयारी शुरू की गई है। इसी क्रम में इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बनाने के लिए खोलने के लिए मुख्य सिग्नल आरडीएसओ में आवेदन किया गया था। आरडीएसओ ने तैयारियों को परखने के बाद इसे मंजूरी दे दी है।
अलग वर्कशॉप बनेगा
सिग्नल कारखाना में इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बनाने के लिए अलग से वर्कशॉप भी बनेगी। इस वर्कशॉप में तैयार इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर को मांग के अनुरूप दूसरे जोन में भी भेजा जाएगा।
ऐसे काम करता है इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर
इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर क्रॉसिंग के 180 मीटर पहले लगे सिग्नल से जुड़ा होता है। ट्रेन जब क्रॉसिंग के सिग्नल के पहले होती है तो कंट्रोल रूम की सूचना पर ऑपरेटर बटन दबाकर फाटक को गिरा देता है। फाटक गिरने के बाद ट्रेन को ऑटो ग्रीन सिग्नल मिल जाता है। इसी तरह ट्रेन के गुजरने पर सिग्नल मिलने पर ऑपरेटर फाटक को उठा देता है।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि व्यस्त क्रॉसिंगों पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर लगाने का कार्य किया जा रहा है, जिससे बैरियर को खोलने और बंद करने में कम समय लगता है। रोड यूजर्स को भी इससे सुविधा मिलेगी। गोरखपुर सिग्नल कारखाने में लिफ्टिंग बैरियर बनाने के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए एक कार्य स्वीकृत है। यह कार्य प्रगति पर है। इस कार्य के पूर्ण होने पर पूर्वोत्तर रेलवे एवं अन्य रेलों की आवश्यकता पर यहां इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बनाया जा सकेगा।
Delhi: पंखा रोड को सिग्नल व जाम मुक्त बनाने को लेकर प्रयास शुरू, हजारों लोगों को मिलेगी राहत
दिल्ली के लगभग तीस जाम प्रभावित तिराहों व चौराहों को सिग्नल व जाम मुक्त करने के लिए बैक टू बैक यू-टर्न व्यवस्था सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। इस अध्ययन में विशेषकर यू-टर्न खोलने के स्थानों को चिन्हित किया गया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तम नगर से सागरपुर के बीच पंखा रोड को सिग्नल व जाम मुक्त करने को लेकर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। बैक टू बैक यू-टर्न व्यवस्था के माध्यम से इस रोड पर स्थित टी- प्वाइंट व चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल्स व सेंट्रल वर्ज को बंद किए जाने की योजना पर काम चल रहा है। पिछले वर्ष ही इस योजना पर काम किया गया था और यातायात पुलिस की ओर से लोक निर्माण विभाग को पत्र भी भेज दिया गया था। किंतु बीच में कोरोना संकट के चलते आगे का कार्य नहीं हो सका।
सड़क सुरक्षा व सड़क सुधार आदि विषयों के समाधान हेतु कार्यरत सामाजिक संस्था गुरु हनुमान सोसाइटी ऑफ इंडिया ने यातायात खोलने के लिए मुख्य सिग्नल पुलिस के साथ मिलकर योजना तैयार की थी। संस्था के राष्ट्रीय महासचिव अतुल रणजीत कुमार ने बताया कि बैक टू बैक यू-टर्न व्यवस्था के अंतर्गत टी-प्वाइंट अथवा चौराहों पर मुख्य मार्ग के सेंट्रल वर्ज को स्थाई रूप से बंद कर दिया जाता है। साथ ही ट्रैफिक सिग्नल्स को भी जलते-बुझते मोड पर कर दिया जाता है। मुख्य मार्ग पर दाएं मुड़ने अथवा मुख्य मार्ग से जुड़ रहे मार्ग पर सीधे जाने के लिए मुख्य मार्ग पर यू-टर्न खोले जाते हैं। मुख्य मार्ग पर बंद सेंट्रल वर्ज से लगभग 100-200 मीटर पहले व 100-200 मीटर आगे पर्याप्त चौड़ाई के यू-टर्न खोल दिए जाते हैं, जहां से यू-टर्न लेकर वाहन अपने गंतव्य की ओर बढ़ जाते हैं।
दिल्ली के लगभग तीस जाम प्रभावित तिराहों व चौराहों को सिग्नल व जाम मुक्त करने के लिए बैक टू बैक यू-टर्न व्यवस्था सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष संस्था द्वारा जनकपुरी सर्कल के यातायात निरीक्षक सुधीर यादव के साथ पंखा रोड के सभी ट्रैफिक सिग्नल्स का अध्ययन किया गया था। इस अध्ययन में विशेषकर यू-टर्न खोलने के स्थानों को चिन्हित किया गया था। यातायात पुलिस पश्चिमी परिक्षेत्र के तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त वीनू बंसल ने लोक निर्माण विभाग को पत्र भेज कर पंखा रोड पर बैक टू बैक यू-टर्न व्यवस्था लागू करने के लिए कहा था, लेकिन इस पर आगे का काम नहीं हो सका।
वर्तमान यातायात निरीक्षक भास्कर शर्मा ने योजना से जुड़ी जानकारी एकत्रित कर फिर से इस रोड का निरीक्षण किया है। गुरु हनुमान संस्था द्वारा लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर योजना पर कार्य करने का आग्रह किया गया है। आशा है कि एक माह के भीतर पंखा रोड पर बैक टू बैक यू-टर्न व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
RSS के हिंदू सम्मेलन को कलकत्ता हाईकोर्ट का ग्रीन सिग्नल, पुलिस ने नहीं दी थी इजाजत
बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 14 जनवरी के कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करना है. इससे पहले बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस को आरएसएस के कार्यक्रम पर फैसला लेने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया था.
इंद्रजीत कुंडू
- कोलकाता,
- 13 जनवरी 2017,
- (अपडेटेड 13 जनवरी 2017, 2:51 PM IST)
कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरएसएस को मैदान एरिया के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में 14 जनवरी को कार्यक्रम करने के लिए हरी झंडी दिखा दी है. आरएसएस ने 'हिंदू सम्मेलन' के लिए कोलकाता में दो जगह सुझाई थी, लेकिन पुलिस ने गुरुवार को दोनों जगहों पर ही अनुमति देने से इनकार कर दिया था. पुलिस ने गंगासागर मेले की तैयारियों का हवाला देते हुए आरएसएस को अपने कार्यक्रम को स्थगित करने के लिए कहा था.
बता दें कि खोलने के लिए मुख्य सिग्नल आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 14 जनवरी के कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करना है. इससे पहले बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस को आरएसएस के कार्यक्रम पर फैसला लेने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया था.
गुरुवार को पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया तो आरएसएस की बंगाल यूनिट ने दोबारा कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
खोलने के लिए मुख्य सिग्नल
डाक टिकट संग्राहक जमा खाता
भारत में सभी डाक टिकट संग्रह कार्यालयों में 1.8.1965 से एक घरेलू डाक टिकट संग्राहक जमा खाता (पीडीए) प्रणाली शुरू की गई थी। जो ग्राहक इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं उन्हें स्मरणीय/ विशेष रूप से जारी टिकटों की आपूर्ति की जाती है; जारी होने के पहले दिन (एफडीसी), सूचना पत्रक और नई डाक स्टेशनरी की आपूर्ति होती है। घरेलू डाक टिकट संग्राहक खाताधारक अन्य डाक टिकट संग्राहक कार्यालयों और डाकघरों, जहाँ उनका खाता है, द्वारा जारी की गईं डाक टिकट संबंधी वस्तुएँ भी ब्यूरो से माँगकर प्राप्त कर सकते हैं ।
डाक टिकट संग्राहक पटल सभी प्रमुख डाकघरों में चल रहे हैं। कार्यालयों में डाक टिकट संग्राहक ब्यूरो के अलावा डाक टिकट संग्राहक पटल भी डाक टिकट संग्राहक जमा खाता खोलने के लिए पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेगा। साथ ही उस पटल के मुख्य ब्यूरो द्वारा की जाने वाली सामग्री की आपूर्ति भी करेगा जिससे ग्राहकों को पंजीकरण पटल से बुक करने का विकल्प प्राप्त होगा।
डाक टिकट संग्राहक जमा खाता खोलने के लिए मुख्य सिग्नल कैसे खोलें : यदि कोई डाक टिकट संग्राहक ब्यूरो के साथ डाक टिकट संग्राहक जमा खाता संचालित करना चाहता है, तो निर्धारित प्रारूप में एक आवेदन डाक टिकट संग्राहक ब्यूरो को भेजा जा सकता है।
सेवा की शर्तें : न्यूनतम जमा राशि रुपए 200/- नकद या मनीऑर्डर द्वारा प्रेषित करके या भारत में भुनाने योग्य चेक/ ड्राफ्ट द्वारा खाता खोला जा सकता है। ग्राहकों को प्रेषण के साथ डाक टिकट संग्राहक वस्तुओं के प्रकार और मात्रा स्पष्ट रूप से इंगित करना चाहिए जो वे नए स्टाम्प के प्रत्येक अंक के साथ खरीदना चाहते हैं। आवेदन पत्र में इंगित वस्तुएँ, बिना ग्राहक के दोबारा कहे स्वत: ग्राहक को प्रेषित कर दिए जाएँगे।
प्रेषण का तरीका और डाक टिकट संग्रहण संबंधी वस्तुओं के प्रेषण के लिए शुल्क : यदि ग्राहक की कोई विशेष इच्छा नहीं है कि वस्तुएँ बीमाकृत पोस्ट द्वारा उसे भेजी जाएँ तो ये वस्तुएँ खोलने के लिए मुख्य सिग्नल पंजीकृत डाक द्वारा "डाक सेवा से" मुफ्त भेजी जाएँगी। डाक टिकट संग्राहक जमा खाता धारक डाक टिकट संग्राहक ब्यूरो के पटल पर फोन करके भी प्रत्येक अंक के जारी होने के बाद ये वस्तुएँ प्राप्त कर सकता है।
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