आरक्षण संशोधन विधेयक पर संशय बरकरार : 6वें दिन भी राजभवन से नहीं मिली अनुमति, CM ने कहा – ‘किसी को कोर्ट जाने से रोका जा सकता है क्या?’
छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक को विधानसभा के सदन से पारित हुए 6 दिन बीतने को है लेकिन अभी तक राज्यपाल ने इस आरक्षण संशोधन विधेयक पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए हैं । ऐसे में तमाम तरह की अटकलों का दौर भी शुरू हो चुका है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी आज इस मसले पर बयान दिया है ।
आपको बताते चलें कि कुछ दिन पहले ही प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने बयान दिया था और कहा था कि राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं होना, उनको चिंतित करता है । आपको बताते चलें कि सदन में सर्वसम्मति से 2 दिसंबर को ही आरक्षण संशोधन विधेयक पारित हो गया था । उसके बाद पांच मंत्रियों ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात कर आरक्षण संशोधन विधेयक उनको(राज्यपाल) सौंपा था ।
माना जा रहा था कि आरक्षण संशोधन विधेयक पर एक दिन में ही राज्यपाल का हस्ताक्षर हो जाएगा लेकिन अब 6 दिन बीतने को है । लेकिन, अभी तक राज्यपाल ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं । जानकारों का मानना है कि राज्यपाल का अगर हस्ताक्षर हो भी जाएगा बावजूद इसके यह मामला कोर्ट में चला जाएगा और हो सकता है कि इस आरक्षण संशोधन विधेयक पर एक बार फिर कोर्ट स्टे लगा दे ।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
पत्रकारों ने राजभवन के कोर्ट वाली शंका पर सीएम से भी सवाल किए। सीएम बघेल ने कहा ” राज्यपाल जी…राजभवन से जो बयान आया था.. हम लोग तो उसी को मानेंगे.. जैसे विधानसभा प्रस्ताव पारित होगा तत्काल हस्ताक्षर किया जाएगा लेकिन अभी तक तो नहीं हुआ है। किसी को कोर्ट जाने से रोका जा सकता है क्या ? कोर्ट में क्या फ़ैसला होगा इसका पहले से कोई कैसे अनुमान लगा सकता है। अभी से कुछ कहना तो.. लेकिन जिस हिसाब से राज्यपाल महोदया ने जो बयान दिया था, एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है कि तत्काल होगा और जिस प्रकार से रुक रहा है तो ये किस प्रकार के संकेत हैं समझा जा सकता है। ”
आरक्षण संशोधन विधेयक का विरोध भी
छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर सवर्ण समाज लगातार प्रदर्शन कर रहा है । प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर में युवा वर्ग लगातार इस आरक्षण संशोधन विधेयक का विरोध कर रहा है । आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर सवर्ण समाज के युवाओं का कहना है कि जब पूरे देश में 10 प्रतिशत आरक्षण सामान्य वर्ग के गरीब तबके के लोगों के लिए रखा गया है, तो छत्तीसगढ़ में 4% क्यों किया जा रहा है । युवाओं का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही साफ कर दिया है कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकता, फिर छत्तीसगढ़ में 76% आरक्षण की आवश्यकता क्यों पड़ रही है?
नए आरक्षण संशोधन विधेयक में क्या?
छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदन में 02 दिसंबर 2022 को सर्वसम्मति से पारित हुए आरक्षण संशोधन विधेयक में एसटी वर्ग को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग(OBC) को 27 प्रतिशत, एसटी वर्ग को 13 प्रतिशत और सवर्ण समाज के गरीब तबके को 4 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा । इस प्रकार कुल 76 प्रतिशत आरक्षण नए आरक्षण संशोधन विधयेक के हिसाब से मिलेगा ।
राज्यपाल को क्या है अधिकार?
संविधान के अनुच्छेद 200 के अनुसार राज्यों की विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को मंजूरी के लिए राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत करना होता है। राज्यपाल इस पर अपनी सहमति या अनुमति दे सकता है। इसे अस्वीकृत कर सकता है अथवा राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयक को सुरक्षित रख सकता है।
विपक्ष ने सत्तापक्ष पर बोला हमला
प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व पूर्व संसदीय कार्य मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा है कि कांग्रेस आरक्षण के मामले में निम्न स्तरीय राजनीति कर रही है। बेतुके आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेसी बिना वजह चिंता जता रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जो विधेयक लाया है, उसका संवैधानिक परीक्षण आवश्यक है। राज्यपाल यदि यह चाहती हैं कि आरक्षण कानूनी पेचीदगियों में न फंसे तो इसमें कांग्रेस को क्या तकलीफ है? क्या कांग्रेस यही चाहती है कि पहले वह जिस तरह आदिवासी और ओबीसी का हक छिनवाती रही है, वैसा ही अब भी हो। राजभवन का उद्देश्य पवित्र है।
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एससी एसटी एक्ट व महिला उत्पीड़न के झूठे मुकदमों का है बोलबाला – राजस्थान पुलिस
11 जनवरी 2021 को जयपुर में राजस्थान के डीजीपी मोहनलाल राठौड़ द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई जिसमें साल 2020 के अपराधों पर बात करते हुए मोहनलाल राठौड़ ने आंकड़ों के साथ कुछ चीजें पेश की और वह इस प्रकार थी कि 2020 में राजस्थान में करीबन 7017 मुकदमें एससी एसटी एक्ट सिटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हुए जांच में पाया गया कि करीबन करीबन 42% के आसपास 3000 से ज्यादा मुकदमे फर्जी तरीके से मांगी है वह सामाजिक दुर्भावना को मध्य नजर रखते हुए बदले की भावना के मद्देनजर रखते हुए किसी व्यक्ति विशेष को बदनाम करने के मध्य नजर रखते हुए फर्जी दर्ज कराए गए इसी के साथ महिला उत्पीड़न में भी फर्जी मुकदमों का दायरा 40% से ज्यादा का रहा कहीं ना कहीं महिला उत्पीड़न हो यह sc-st एट्रोसिटी एक्ट हो यह इस बात को दर्शाता है कि किस प्रकार से जाति के नाम पर अधिकारों के नाम पर लोग कानून का दुरुपयोग करते हैं जब 21 मार्च 2018 को सर्वोच्च न्यायालय ने इन सभी रिपोर्ट से तंग आकर एससी एसटी एक्ट पर संशोधन तथा बिना जांच गिरफ्तारी ना करने की बात कही उसके बाद राजनीति के चाटुकार नेताओं ने केंद्र सरकार तक इस बात की शिकायत करते हुए 2 अप्रैल 2018 को आप सब साक्षी हैं कि किस प्रकार पूरे भारत को आग के हवाले कर दिया गया हिंदुस्तान के संसाधनों को तोड़ा गया थोड़ा गया और करीबन करीबन हजारों करोड रुपए का नुकसान आम जनता के टैक्स से बनी हुई संसाधनों पर किया गया उस समय भी उन तमाम अपराधियों पर जब कानूनी कार्यवाही करने हेतु मुकदमे दर्ज हुए तो राजस्थान की वर्तमान सरकार में अपनी सरकार बनते ही सारे के सारे ऐसे मुकदमों को वापस ले लिया गया इस प्रकार से किसी कानून को राजनीतिक रंग देना इस बात की ओर संकेत करता है कि गुनहगार और अपराधी को सह भी देने वाली यह सरकारें ही मुख्य रूप से देश के संसाधनों को नुकसान पहुंचाने में पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं सुप्रीम कोर्ट को इस बात का एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है भी संज्ञान लेना चाहिए कि ऐसे कौन लोग हैं जो ऐसी अव्यवस्थाओं के पक्षधर है ऐसे लोगों पर भी अंकुश लगाने का प्रयास करना चाहिए
2018 के दौर में केंद्र एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है सरकार के करीबन 16 मंत्री जिसमें मुख्य रुप से अर्जुन राम मेघवाल रामविलास पासवान थावरचंद गहलोत रामदास अठावले तथा अन्य sc-st समुदाय से आने वाले नेताओं और मंत्रियों का एक दल प्रधानमंत्री जी से 28 मार्च 2018 को मिला तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस सुझाव को तुरंत प्रभाव से वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया और जब दबाव बनता नहीं दिखा तो 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के नाम पर पूरे हिंदुस्तान के संसाधनों को नुकसान पहुंचाने का कार्य किया उसके बाद जो मुकदमे तोड़ने वाले अपराधियों पर दर्ज हुए थे उनको भी वापस लेने की पैरवी इन मंत्रियों द्वारा लगातार की गई वर्तमान की राजस्थान डीजीपी की इस रिपोर्ट से यह भाग बिल्कुल एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है तय हो जाती है कि कहीं ना कहीं एससी एसटी एक्ट के नाम पर इस कानून का भरपूर दुरुपयोग होता आ रहा है क्योंकि मैं बता दूं कि केंद्र सरकार द्वारा इस प्रकार के मुकदमे दर्ज होने पर पीड़ित को मुआवजे के नाम पर सहायता राशि दी जाती है और उस सहायता राशि को प्राप्त करने के साथ-साथ किसी से भी किसी भी प्रकार की बदले की भावनाओं को पूरी करने के चक्कर में कोई भी व्यक्ति किसी पर भी एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करवा कर प्रताड़ित कर सकता है और यह जो 40% झूठे मामले हैं यह कहीं ना कहीं उसी संदर्भ में है
अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम
अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, जिसे एससी / एसटी अधिनियम के रूप में भी जाना जाता है, को भेदभाव और अत्याचार के खिलाफ हाशिए के समुदायों की रक्षा के लिए लागू किया गया था।
कानून में विभिन्न अपराधों या व्यवहारों से संबंधित अपराधों को सूचीबद्ध किया गया है जो आपराधिक अपराधों को दर्शाता है और अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के आत्म-सम्मान और सम्मान को तोड़ता है, जिसमें आर्थिक, लोकतांत्रिक, और सामाजिक अधिकारों, भेदभाव, शोषण और दुर्व्यवहार से इनकार शामिल है। कानूनी प्रक्रिया।
अधिनियम की धारा 18 के तहत, अपराधियों को अग्रिम जमानत का प्रावधान उपलब्ध नहीं है। कोई भी लोक सेवक, जो जानबूझकर इस अधिनियम के तहत अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करता है, 6 महीने तक कारावास के साथ सजा के लिए उत्तरदायी है। एससी और एसटी के खिलाफ अपराधों के रूप में “अत्याचार” के अधिक उदाहरणों को जोड़कर अधिनियम को अधिक कठोर बनाने के लिए 2015 में मूल अधिनियम में एक संशोधन जोड़ा गया था।
विवादास्पद कानून ने एससी / एसटी समुदायों द्वारा अन्य समुदायों के सदस्यों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करके बड़े पैमाने पर दुरुपयोग के मामलों से एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है संबंधित देश में एक बड़ी बहस को हवा दी है। इसे संज्ञान में लेते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2018 के फैसले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के कड़े प्रावधानों को कम कर दिया था।
हालांकि, केंद्र सरकार ने SC / ST अत्याचार अधिनियम से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश को रद्द करने के लिए एक और संशोधन अधिनियम लाया। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम, 2018 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।
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Rajasthan BSTC Previous Year Question Paper in Hindi
राजस्थान बीएसटीसी पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र – Rajasthan BSTC की परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए इस पोस्ट में Rajasthan BSTC Previous Year Question Paper दिया गया है तो अगर आपने Rajasthan BSTC के लिए आवेदन किया है तो आप भी हमारी आज की इस पोस्ट से बहुत लाभ उठा सकते है और ऐसे ही प्रश्नों से सम्बन्धित हमने हमारी वेबसाइट पर पहले भी बहुत से मोक टेस्ट और ऑनलाइन टेस्ट पेपर दिए है तो आप वहां से भी तैयारी कर सकते है अगर दोस्तों आपको हमारी यह पोस्ट फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे |
BSTC Previous Year Question Paper pdf Download
निर्देश (प्रश्न 1-3)—दिए गए विकल्पों में से सम्बन्धित अक्षरों/शब्द/संख्या को चुनिए
Rajasthan BSTC Important Gk Question And Answers In Hindi 2022 Pdf Part 2 - GyAAnigk
इसलिए, यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो देश भर के शीर्ष कॉलेजों में Admission लेना चाहते हैं या सरकारी नौकरी की किसी भी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं, तो आपके लिए करंट अफेयर्स ( Current Affairs) और सामान्य ज्ञान ( General Knowledge ) विषयों की जानकारी रहना बहुत जरूरी है
आज के इस पोस्ट Rajasthan BSTC Important Gk Question Answers In Hindi Pdf Part 2 - GyAAnigk में हम उन सवालों की चर्चा करेंगे जो BSTC 2022 में आ सकते हैं।
इस पोस्ट में हमने 50 से भी अधिक सामान्य ज्ञान ( GENERAL KNOWLEDGE ) के सवालों को जोड़ा है जो आपके आने वाले BSTC 2022 में आ सकते हैं।
- BSTC कब किया जाता है?
- BSTC क्या है?
- BSTC कितने वर्ष का कोर्स होता है?
इत्यादि इसी तरह के सवालों का जवाब मिलेगा तो इस पोस्ट को अंतिम तक जरूर पढ़े। और हां आप हमारे Site से Pdf File फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं।
Rajasthan BSTC Gk Question In Hindi 2022 Pdf Download - GyAAnigk
प्रश्न 5:- अरावली श्रेणियों के एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है मध्य मेवाड़ क्षेत्र में स्थित तंग रास्तों को स्थानीय भाषा में क्या कहा जाता है?
- उत्तर :- जैसलमेर (38401KM²),
- बाड़मेर (28327 KM²) और
- बीकानेर (27244 KM²)।
- उत्तर :- जयपुर 66 लाख 26 हजार 178
- जोधपुर 36 लाख 87 हजार 165
- अलवर 36 लाख 74 हजार 179
- उत्तर :- गुरु शिखर (1722 मीटर) और
- सेर (1597 मीटर)
- उत्तर :-पंजाब
- गुजरात
- मध्य प्रदेश
- हरियाणा और
- उत्तर प्रदेश।
बीएसटीसी (BSTC) में आने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न 2022 Pdf Download - GyAAnigk
- उत्तर :- कोटा (2 बार)
- बारां
- झालावाड़
- चित्तोडगढ (2 बार)
- भीलवाड़ा
- धोलपुर
- करोली
- सवाईमाधोपुर
- प्रतापगढ़ और
- बांसवाड़ा।
BSTC Gk Question In Hindi Pdf Download 2022 - GyAAnigk
प्रश्न 55:- जैसलमेर (क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा जिला), धौलपुर (क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे छोटा जिला) से कितना गुना बड़ा है?
अगर आपको भी इस विषय ( Rajasthan BSTC Important Gk Question Answers In Hindi pdf 2 - GyAAnigk ) के बारे में कुछ भी जानकारी है तो Comment Box में जरूर बताएं ताकि आपको जो जानकारी है वह सबको प्राप्त हो सके।
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Haryana Krishi Yantra Anudaan yojana: कृषि यंत्र अनुदान योजना मल्टी क्रॉप थ्रेसर व चिसेल प्लाऊ पर मिलेगी 50% सब्सिडी
किसानों को खेती में सुविधा देने के लिए सरकार सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करा रही है। सरकार विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी प्रदान करती है। आवेदन आमंत्रित हैं। वर्तमान एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है में मध्यप्रदेश में किसानों को फसल थ्रेसर और छेनी हल पर भारी अनुदान दिया जा रहा है।
इन कृषि यंत्रों पर किसानों को 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है। राज्य के किसानों से आवेदन मांगे गए हैं। जिलेवार लक्ष्य भी जारी कर दिए गए हैं। जो किसान इन कृषि यंत्रों को सब्सिडी पर प्राप्त करना चाहते हैं, वे आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों का चयन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा।
इसके बाद चयनित किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। आज ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में हम किसानों को मल्टी क्रॉप थ्रेसर और छेनी हल पर मिलने वाली सब्सिडी और आवेदन प्रक्रिया और दस्तावेजों की जानकारी दे रहे हैं।
पुराना ट्रैक्टर खरीदें
किस कृषि यंत्र पर सब्सिडी दी जा रही है
किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ दिया जायेगा जो कि कृषि यांत्रिकी निदेशालय मध्यप्रदेश द्वारा दिया जायेगा। वे इस प्रकार हैं-
1. मल्टी क्रॉप थ्रेशर / एक्सियल फ्लो पैडी थ्रेशर
मल्टीक्रॉप थ्रेशर किसानों के लिए एक बहुमुखी कृषि मशीनरी है। यह मल्टीक्रॉप थ्रेशिंग मशीन गेहूं, धान, मक्का, ज्वार, सरसों, सोयाबीन, तुअर, चना, मूंगफली, मसूर, राई, अरहर और मूंगफली जैसी फसलों की थ्रेश करने के साथ-साथ अनाज को साफ करके निकाल देती है।
2. छेनी हल
इस मशीन का मुख्य कार्य फसल के अवशेषों को मिट्टी के ऊपर छोड़ कर मिट्टी को ढीला करना और पलटना है। छेनी वाले हल का उपयोग मिट्टी पलटने के लिए किया जाता है। यह खेत में मिट्टी को आसानी से पलटने का काम करता है।
मल्टी क्रॉप थ्रेशर/एक्सियल फ्लो पैडी थ्रेशर, छेनी हल पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी
कृषि अभियांत्रिकी विभाग किसानों को विभिन्न कृषि यंत्रों पर 40 से 50 प्रतिशत तक अलग-अलग सब्सिडी देता है। एससी, एसटी और महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाती है। साथ ही आम किसानों को भी सब्सिडी का एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है लाभ दिया जाता है। जो किसान सब्सिडी पर कृषि यंत्र खरीदना चाहते हैं, वे किसान ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर उपलब्ध सब्सिडी कैलकुलेटर पर कृषि यंत्र की लागत के अनुसार सब्सिडी की जानकारी देख सकते हैं।
किसान को डिमांड ड्राफ्ट बनाना होगा
किसानों को कृषि यंत्र के आवेदन के साथ 5 हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट बनवाना होगा। आपको इसे आवेदन के साथ विरासती राशि के रूप में जमा करना होगा। ये डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) संबंधित जिले के सहायक कृषि अभियंता के नाम से बनवाने होंगे। कृषि मशीनरी छेनी हल के आवेदन के लिए वर्तमान में डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) की आवश्यकता नहीं है। मल्टीक्रॉप थ्रेशर/एक्सियल फ्लो धान थ्रेशर के लिए 5,000 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा करना होगा। डिमांड ड्राफ्ट जिले के सहायक कृषि अभियंता के नाम से होना चाहिए।
कृषि मशीनरी पर सब्सिडी के लिए आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए किसानों को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार हैं:
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आवेदक किसान का आधार
बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की प्रति
जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए)
ट्रैक्टर पंजीकरण (ट्रैक्टर चालित कृषि यंत्रों के लिए किसान के पास ट्रैक्टर पहले से ही होना चाहिए)।
किसानों को आवेदन के समय बैंक ड्राफ्ट की स्कैन कॉपी भी संलग्न करनी होगी।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए आवेदन कैसे करें
उपरोक्त मशीनरी पर सब्सिडी के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन प्राप्त होने के बाद विभाग द्वारा जारी लक्ष्य के अनुसार किसानों का चयन किया जायेगा. मध्य प्रदेश में सभी प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए किसान ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल https://dbt.mpdage.org/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए किसान 22 नवंबर 2022 दोपहर 12 बजे से 29 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
कृषि यंत्रों की लॉटरी नवंबर को होगी
राज्य के किसान उपरोक्त मशीनों के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्राप्त आवेदनों में से लक्ष्य के विरुद्ध लॉटरी निकाली जाएगी। लॉटरी 30 नवंबर को निकाली जाएगी। लॉटरी के बाद चयनित किसानों की सूची और प्रतीक्षा सूची दोपहर 3 बजे पोर्टल पर प्रदर्शित की जाएगी।
अधिकतम अंक: 5
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