निदा फ़ाज़ली उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार कवि रहे हैं। जिन्होंने आम बोलचाल की भाषा में शेरो शायरी लिखकर और उर्दू कविता लिखकर पाठकों के मन को छुआ है उनसे उनका जन्म 12 अक्टूबर 1938 को दिल्ली में हुआ था। उनकी पहली पुस्तक ‘लफ्जों का पुल’ थी। उन्हें ‘खोया हुआ था कुछ’ नामक रचना के लिए 1999 का साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला। अपनी गद्य रचनाओं में शेरो शायरी को पिरोकर वे थोड़े में नहीं बहुत बहुत कुछ कह जाते हैं।
धुरी बिंदु रणनीति के अनुसार व्यापार करने के नियम
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लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के धुरी बिंदु रणनीति के अनुसार व्यापार करने के नियम आधार पर स्पष्ट कीजिए।
By mindians Uncategorized December 19, 2022 December 19, 2022 Updated On December 19, 2022 December 19, 2022
लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक अनेक बदलावों को महसूस किया है। लेखक के अनुसार ग्वालियर से बंबई की दूरी में संसार में काफी कुछ बदल गया है। ग्वालियर का लेखक का घर बेहद बड़ा था, जहाँ पर बड़ा आंगन था। पहले के घर बड़े-बड़े होते थे और परिवार भी बड़े बड़े होते थे और परिवार के सभी सदस्य मिलजुल कर रहते थे। अब बंबई जैसे महानगरों में लोग एकल परिवार में सिमट कर रह गए हैं और डब्बेनुमा घरों में रहते हैं।
लेखक वर्सोवा स्थित जिस जगह पर रहता था, वहाँ पर पहले दूर-दूर तक घना जंगल था। वहां पर पेड़-पौधे, परिंदे और दूसरे जानवर रहते थे। अब वहाँ पर समुंदर के किनारे लंबी-चौड़ी बस्ती बन गई है और इस बस्ती के बसाए जाने के कारण कितनी ही परिंदे और जानवरों का घर छिन गया है। कुछ तो छोड़ शहर कर चली गए और जो रह गए उन्हें अपने घर के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।
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