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Cryptocurrency मे Initial coin offering (ICO) यानि प्रारम्भिक सिक्का पेशकश क्या होता है जानिए हिन्दी मे ?
प्रारंभिक सिक्का पेशकश एक तरह से नई Cryptocurrency की शुरुआत करने के लिए पैसा जुटाने का तरीका है I जिसको crowd funding कहते है । यह शेयर मार्केट में आने वाले IPO के जैसा है लेकिन बहुत भिन्न है I ICO, blockchain की तकनीकी पर कार्य करते है. I इसमें Blockchain क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ICO घोटाले से कैसे बचें या नई Cryptocurrency शुरू करने वाला पहले अपना डिजिटल टोकन मिंट करते हैं और शुरुआती निवेशक को Bitcoin क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ICO घोटाले से कैसे बचें या और किसी Cryptocurrency के बदले अपना नया डिजिटल टोकन देता है I
मास्टर कॉइन ने जुलाई 2013 मे initial coin offering (ICO) आयोजित किया था । इसके बाद जुलाई 2014 मे Etherium ने टोकन बिक्री करके क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ICO घोटाले से कैसे बचें 31000 BTC फंड इकट्ठा किया था जो जो उस समय लगभग 18.3 मिलियन डॉलर के बराबर था । Etherium एक अग्रणी ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म है जो ICO के लिए 80 % से अधिक मार्केट की हिस्सेधारी रखता है । ERC-20 मानक पर Etherium आधारित है ।
ICO और IPO में क्या अन्तर है? | What is the difference between ICO and IPO ?
ICO क्रिप्टोकरन्सी की दुनिया मे IPO की तरह है , IPO में कंपनियां पैसे के बदले उचित मुल्य के बराबर कंपनी के शेयर देती है जो एक हिस्सेदारी की तरह है, जबकि ICO मे क्रिप्टोकरन्सी स्टार्ट अप या कंपनी फंड के रूप मे कोई और क्रिप्टो जैसे कि Bitcoin या Etherium लेती है या Fiat money लेती हैं I इनके बदले लॉन्च होने वाले क्रिप्टो की एक मात्रा निवेशकों को टोकन के रूप मे बेचा जाता है I क्रिप्टो के परियोजना के सफलतापूर्वक आयोजन या ICO के लक्ष्य पूरा होने के बाद टोकन को भविष्य की क्रिप्टो के रूप मे प्रचारित क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ICO घोटाले से कैसे बचें किया जाता है I IPO के लिए सरकारी नियम और शर्तें होती है लेकिन ICO के लिए कोई भी सरकारी नियामक नहीं होता इसलिए यह एक जोखिम वाला निवेश होता है ।
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ICO कैसे कार्य करता है जानिए हिन्दी मे ?| How ICO works in hindi ?
नया क्रिप्टो लांच करने वाली कंपनी या स्टार्ट अप फंड जमा करने के लिए ICO लेकर आता है I कंपनी सबसे पहले ICO के द्वारा जमा करने वाली राशि के लिए एक ढांचा या structure बनाते है I इस ढ़ाचे या structure का लक्ष्य फंड को इकट्ठा करने के तरीके से होता है । यह ढ़ाचा या structure तीन तरह से हो सकता है ।
- टोकन और संख्या और मुल्य का निश्चित होना | Fixed tokens and fixed price.
- निश्चित टोकन की संख्या और एक परिवर्तनीय मुल्य Fixed tokens and variable price
- परिवर्तनीय टोकन संख्या और निश्चित मुल्य | Variable number of tokens and fixed price.
ICO का मूलभूत ढांचा बनाने के बाद कंपनी या स्टार्टअप एक श्वेत-पत्र (white paper ) बनाती है जो कि सम्भावित निवेशकों को वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है. I परियोजना का प्रमोटर श्वेत-पत्र के जरिए निम्नलिखित जानकारी देता है
ICO के रिस्क क्या है ? | What are the risk associated in ICO in hindi ?
वर्तमान मे ICO को लेकर कोई भी सरकारी विनिमय नहीं है । कानूनी विनिमय और प्रवर्तन की कमी के कारण ICO मे घोटाले बहुत हुए है। इस वजह से 2018 मे ICO से संबंधित कई घोटाले भी हुए है । इसलिए निवेश करने से पहले पूरी जानकारी करना जरूरी है । रग पुल (Rug पुल) जैसा घोटाला इसमे होने की संभावना बहुत ज्यादा है ।
ICO मे निवेश करने मे फंड डूबने मे से बचने की कोई गारंटी नहीं है । ICO मे घोटाले से बचने के लिए निम्न तरीके कर सकते है । कोशिश करे की केवल प्रतिस्थित क्रिप्टो इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म से ही ICO मे इन्वेस्ट करे ।
- सुनिश्चित करे की परियोजना के प्रोमोटर क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ICO घोटाले से कैसे बचें की प्रतिष्ठा अच्छी हो ।
- सुनिश्चित करे की परियोजना के प्रोमोटर या डेवलपर ने जो लक्ष्य दिए है वह स्पष्ट है ।
- सुनिश्चित करे की ICO लॉन्च करने वाली कंपनी और ICO का श्वेत पत्र 100 % पारदर्शी हो
- एक निवेशक के तौर पर यह नैतिक जिम्मेदारी है की ICO के कानूनी नियमों और शर्तों की समीक्षा स्वयं करे । चूंकि पारंपरिक नियामक आमतौर पर इस स्थान की देखरेख नहीं करते हैं, इसलिए यह जानना जरूरी है की यह ICO वैध है।
- सुनिश्चित करे की आईसीओ फंड एस्क्रो वॉलेट में संग्रहीत हैं। इस प्रकार के वॉलेट के लिए कई एक्सेस कुंजियों की आवश्यकता होती है, जो घोटालों से उपयोगी सुरक्षा प्रदान करती है।
बड़े क्रिप्टो करेंसी घोटाले का खुलासा, यूक्रेन के नाम पर डार्क वेब से उड़ाई क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ICO घोटाले से कैसे बचें जा रही मोटी रकम
- बड़े क्रिप्टो करेंसी घोटाले का खुलासा
- यूक्रेन के नाम पर ठग रहे साइबर जालसाज
- डार्क वेब से उड़ाई जा रही मोटी रकम
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यूक्रेन की बदहाली के नाम पर साइबर घोटाला
डार्क वेब, इंटरनेट की वर्चुअल दुनिया का वो हिडेन हिस्सा है, जिसे वेब का उपयोग करने वाला हर कोई एक्सेस नहीं कर सकता. पिछले महीने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से इसका महत्व बढ़ गया क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ICO घोटाले से कैसे बचें है. कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस रूस में लोगों के लिए समाचार लाने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनकी सेवाओं को सीमित कर दिया गया है. ट्विटर ने सेंसरशिप से बचने और उपयोगकर्ता की गोपनीयता की रक्षा के लिए एक डार्क वेब सेवा भी क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ICO घोटाले से कैसे बचें शुरू की है.
फेक भ्रामक विज्ञापन दिखाकर हो रही ठगी
युद्धग्रस्त देश के प्रति लोगों की संवेदना और एकजुटता का फायदा उठाने के लिए डार्क वेब से क्रिप्टो करेंसी का यह घोटाला नया नहीं है. डार्क वेब का इस्तेमाल चोरी के क्रेडिट कार्ड खरीदने, अवैध नशीले पदार्थों और अन्य आपराधिक गतिविधियों की खरीद के लिए साइबर अपराधियों द्वारा पहले भी किया जाता रहा है.
क्या होते हैं Crypto Token, आप खुद भी बनाकर बेच सकते हैं अपना टोकन, जानिए कैसे
Cryptocurrency Explainer : क्रिप्टो टोकन और क्रिप्टो कॉइन में है बड़ा फर्क. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आप अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी (how to make cryptocurrency) कैसे बना सकते हैं? इस सवाल का काफी सीधा जवाब हो सकता है, जो आपको चौंका सकता है. पिछले कुछ सालों में ढेरों क्रिप्टोकरेंसी डेवेलप की गई हैं, जिनमें से सबसे पॉपुलर बिटकॉइन, इथीरियम, डॉजकॉइन और लाइटकॉन जैसी करेंसीज़ हैं. सीधे शब्दों में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ICO घोटाले से कैसे बचें कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी होती होती है, जो कॉइन या टोकन (token) किसी भी रूप में हो सकती है. ये दोनों ही चीजें एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं. इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि अपना खुद का क्रिप्टो टोकन कैसे बनाया जा सकता है और क्रिप्टो कॉइन से अलग कैसे होता है.
क्रिप्टो टोकन क्या होते हैं?
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कॉइन और टोकन दोनों ही क्रिप्टोकरेंसी हैं, लेकिन फर्क ये होता है कि कॉइन्स अपनी खुद की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती हैं. ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता होता है, जिसपर ब्लॉक पर होने वाले ट्रांजैक्शन का डेटा स्टोर होता है. हर ब्लॉक अपने पिछले ब्लॉक से एक यूनीक हैश कोड के जरिए जुड़ा होता है.
टोकन डिजिटल संपत्ति के वर्ग में रखे जाते हैं और ये पहले से मौजूद किसी अन्य ब्लॉकचेन पर काम करते हैं. उदाहरण के लिए इथीरियम एक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है और इसका अपना टोकन ईथर है. लेकिन ईथर की ही तरह कई दूसरे टाइप के टोकन्स भी हैं, जो इथीरियम प्लेटफॉर्म पर रन करते हैं.
कॉइन्स अपने खुद के डिजिटल बहीखाते पर चलते हैं और उनकी वैल्यू उनकी वेल्थ ट्रांसफर करने को लेकर है यानी कि वो दरअसल, पूंजी हैं. वहीं, टोकन का अपना कोई प्लेटफॉर्म नहीं होता है, ये किसी और प्लेटफॉर्म पर रन करते हैं. कॉइन्स, जोकि बस डिजिटल ही हो सकती है, टोकन किसी फिजिकल यानी असली चीज को भी दर्शा सकते हैं. यानी कि टोकन एक तरीके के ऑनलाइन कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जिन्हें ऑफलाइन भी किसी चीज से असाइन किया जा सकता है, जैसे कि कोई टिकट, या कूपन या ऐसे ही कोई रिडीम किए जा सकने वाले पॉइंट्स.
क्रिप्टो टोकन रिलीज कैसे किए जाते हैं?
जिस तरह शेयर मार्केट में IPO यानी इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग खुलते हैं, वैसे ही टोकन्स को इनीशियल कॉइन्स ऑफरिंग (ICO) के जरिए रिलीज किया जाता है. टोकन को क्राउडसेल्स के जरिए इंट्रोड्यूस किया जाता हैै. निवेशक ICO खत्म हो जाने के बाद भी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध टोकन खरीद सकते हैं. अगर कोई नया टोकन बनाना है तो यह क्राउडसेल्स पर बनेगा और इन्हें कोई भी बना सकता है. जिनकी दिलचस्पी होगी, वो टोकन में निवेश करेंगे या फिर उस टोकन को पहले से मौजूद कॉइन्स के जरिए फंड करेंगे. हालांकि, यह एक जोखिम भरा कदम हो सकता है, क्योंकि टोकन वाला निवेशक पैसे लेकर भाग सकता है.
आमतौर पर धारणा यह है कि अपना क्रिप्टो टोकन बनाना बहुत ही जटिल और लंबी प्रक्रिया है और इसके लिए बहुत ही बारीक तकनीकी जानकारियां और कोडिंग आनी चाहिए. हालांकि, अब यह बात बहुत सही नहीं है. अब ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म हैं, जहां लोग अपना खुद का टोकन बना सकते हैं. उदाहरण के लिए- एक यूजर-फ्रैंडली ऐप्लीकेशन, CoinTool, है जो लोगों को अपना खुद का क्रिप्टो कॉइन बनाने का मौका देता है. इस ऐप पर आप अपने टोकन का नाम और सिंबल चूज़ कर सकते हैं.
प्रेफरेंस स्टॉक की खूबी और खामी
प्रेफरेंस स्टॉक की खूबी संक्षेप में नीचे बताई गई है।
कंपनी की एसेट पर अधिक दावा - कंपनी के दिवालिया होने की स्थिति में प्रेफरेंस शेयरहोल्डर्स का कंपनी के एसेट पर कॉमन शेयरहोल्डर्स के मुकाबले अधिक दावा होता है।
अतिरिक्त इन्वेस्टर लाभ - कनवर्टिबल प्रेफरेंस स्टॉक इन्वेस्टर्स को निश्चित संख्या में कॉमन शेयरों के बदले में इस तरह के प्रेफरेंस शेयर में ट्रेड करने का अधिकार देता है। यदि इन सामान्य शेयरों का मूल्य बढ़ना शुरू हो जाता है, तो यह ट्रेड विशेष रूप से आकर्षक हो सकता है।
प्रेफरेंस स्टॉक की पहली खामी यह है कि प्रेफरेंस स्टॉकहोल्डर्स के पास वोटिंग का अधिकार नहीं होता है जो कॉमन स्टॉकहोल्डर्स के पास होता है। इसलिए कंपनी को ऐसे शेयरहोल्डर्स से ऐसे जुड़ी नहीं रहती है जैसे वह पारंपरिक इक्विटी शेयरहोल्डर्स से जुड़ी रहती है।
निष्कर्ष
कंपनियां अक्सर प्रेफरेंस स्टॉक इशू करती हैं क्योंकि इससे उन्हें कई तरह से फायदा होता है। ऐसे शेयरहोल्डर्स को वोटिंग अधिकार न होने से कंपनी के पास ताकत होती है क्योंकि उनके पास कामकाज में ज़्यादा कंट्रोल होता है। इसके अलावा, कॉलेबल प्रेफरेंस स्टॉक के साथ, कंपनियों के पास अपने हिसाब से शेयरों की पुनर्खरीद का अधिकार होता है। इन्वेस्टर के रूप में, प्रेफरेंस स्टॉक में इन्वेस्टमेंट करने से पहले अपने इन्वेस्टर प्रोफाइल का अच्छी तरह से आकलन करना महत्वपूर्ण है।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है जानकारी देना, न कि इन्वेस्टमेंट के लिए कोई सलाह/टिप्स देना और न ही किसी स्टॉक को खरीदने या बेचने की सिफारिश करना।
क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ICO घोटाले से कैसे बचें
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- 1. Technical trading
- Introduction to Technical Analysis
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- Introducing the statistics of risk
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- Commodity Trading
Different Investment Options
Beyond humans: The technology of investing today
Investment and gender
- Introduction to Stock Markets
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