पर्सनल फाइनेंस: ज्वैलरी नहीं गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना रहेगा सही, इसमें आपको मिलेगा ज्यादा फायदा और सोना भी रहेगा सुरक्षित
कोरोना महामारी के कारण निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है, लेकिन इस बीच सोने की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले एक साल में ही सोने की कीमतों में करीब 38 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है। ऐसे में आप भी बेहतर रिटर्न के लिए सोने में निवेश कर सकते हैं लेकिन ये निवेश ज्वैलरी या अन्य फिजीकल गोल्ड में होने की बजाए डिजिटल गोल्ड यानी गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में करना सही रहेगा। आज हम आपको गोल्ड ईटीएफ के बारे में बता रहे हैं।
भारत में 2007 से चल गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स रहे गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिए निवेशक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सोना खरीद/बेच सकते हैं और आर्बिटेज गेन (एक मार्केट से खरीदकर दूसरे मार्केट में बेचने पर लाभ) ले सकते हैं। भारत में गोल्ड ईटीएफ 2007 से गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स चल रहे हैं और एनएसई और बीएसई में रेगुलेटेड इंस्ट्रूमेंट्स हैं। इन्हें कई म्यूचुअल फंड स्कीम्स के जरिए खरीद सकते हैं, जो बुलियन, माइनिंग या सोने के उत्पादन से जुड़े सहयोगी बिजनेसों में निवेश करती हैं। गोल्ड ईटीएफ में निवेश के कई फायदे हैं, जो इसे सोने के अन्य विकल्पों से बेहतर बनाते हैं।
काम मात्रा में भी खरीद सकते हैं सोना
ईटीएफ के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है। इससे कम मात्रा में या एसआईपी (सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान) के जरिए सोना खरीदना आसान हो जाता है। वहीं भौतिक (फिजिकल) सोना गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स आमतौर पर तोला (10 ग्राम) के भाव बेचा जाता है। ज्वैलर से खरीदने पर कई बार कम मात्रा में सोना खरीदना संभव नहीं हो पाता।
मिलता है शुद्ध सोना
गोल्ड ईटीएफ की कीमत पारदर्शी और एक समान होती है। यह लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का अनुसरण करता है, जो कीमती धातुओं की ग्लोबल अथॉरिटी है। वहीं फिजिकल गोल्ड की गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स अलग-अलग विक्रेता/ज्वैलर अलग-अलग कीमत पर दे सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है, जो कि सबसे उच्च स्तर की शुद्धता है। आप जो सोना लेंगी उसकी कीमत इसी शुद्धता पर आधारित होगी।
नहीं आता ज्वैलरी मेकिंग का खर्च
गोल्ड ईटीएफ खरीदने में 0.5% या इससे कम का ब्रोकरेज लगता और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए सालाना 1% चार्ज देना पड़ता है। यह उस 8 से 30 फीसदी मेकिंग चार्जेस की तुलना में कुछ भी नहीं है जो ज्वैलर और बैंक को देना पड़ता है, भले ही आप सिक्के गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स या बार खरीदें।
सोना रहता है सुरक्षित
ईटीएफ सोना बेचने या खरीदने में ट्रेडर्स को सिर्फ ब्रोकरेज देना होता है। वहीं फिजिकल गोल्ड में लाभ का बड़ा हिस्सा मेकिंग चार्जेस में चला जाता है और यह सिर्फ ज्वैलर्स को ही बेचा जा सकता है, भले ही सोना बैंक से ही क्यों न लिया हो। इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड डीमैट एकाउंट में होता है जिसमें सिर्फ वार्षिक डीमैट चार्ज देना होता है। साथ ही चोरी होने का डर नहीं होता। वहीं फिजिकल गोल्ड गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स में चोरी के खतरे के अलावा उसकी सुरक्षा में भी खर्च करना होता है।
इसे खरीदना है आसान
गोल्ड ईटीएफ खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें एनएसई पर उपलब्ध गोल्ड ईटीएफ के यूनिट आप खरीद सकते है और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ईटीएफ आपके अकाउंट में डिपाजिट हो जाते हैं।
पिछले 1 साल में सोने ने दिया 38 फीसदी का रिटर्न
पिछले एक साल में ही सोने की कीमतों में करीब 38 फीसदी का उछाल आया है। 19 जुलाई 2019 को सोने की कीमत 35,382 रुपए थी जो अब 49 हजार रु. प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोरोना लम्बे समय तक चलता है और इसके कारण बाजार में अनिश्चितता बनी रहती है तो इसकी कीमत और बढ़ेगी।
80 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच सकती है कीमत
दुनियाभर में फैल चुके कोरोनावायरस संक्रमण के कारण शेयर बाजार और बॉन्ड में गिरावट का माहौल बना हुआ है। मौजूदा हालातों को देखते हुए निवेशकों ने अब सोने में निवेश बढ़ा दिया है। इससे सोने की कीमतों में लगातार उछाल जारी है। इस बीच बैंक ऑफ अमेरिका सिक्युरिटीज (BofA Sec) के एनालिस्टों ने अनुमान जताया है कि 2021 के अंत तक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत 3000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। 3000 डॉलर को यदि आज के भारतीय रुपए में कन्वर्ट किया जाए तो यह राशि 2,28,855 रुपए बैठती है।
नॉलेज: लोगों को रास आ रहा गोल्ड ईटीएफ में निवेश, इसमें आपको मिलेगा ज्यादा फायदा और सोना भी रहेगा सुरक्षित
पिछले कुछ महीने में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की चमक बढ़ी है। लगातार पांचवें महीने Gold ETF में निवेश बढ़ा है। अगस्त में कुल 908 करोड़ रुपए का निवेश आया है। इस साल अब तक कुल 5,356 करोड़ रुपए का निवेश आया है। कोरोनावायरस महामारी के कारण निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा दिया है। अगर आप भी गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं लेकिन आपको इसकी जानकारी नहीं है तो हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं।
भारत में 2007 से चल रहा गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिए निवेशक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सोना खरीद/बेच सकते हैं और आर्बिटेज गेन (एक मार्केट से खरीदकर दूसरे मार्केट में बेचने पर लाभ) हासिल कर सकते हैं। भारत में गोल्ड ईटीएफ 2007 से चल रहे हैं और एनएसई और बीएसई में रेगुलेटेड इंस्ट्रूमेंट्स हैं। इन्हें कई म्यूचुअल फंड स्कीम्स के जरिए खरीद सकते हैं, जो बुलियन, माइनिंग या सोने के उत्पादन से जुड़े सहयोगी बिजनेसों में निवेश करती हैं। गोल्ड ईटीएफ में निवेश के कई फायदे हैं, जो इसे सोने के अन्य विकल्पों से बेहतर बनाते हैं।
1 ग्राम सोना से कर सकते हैं खरीदी की शुरुआत
ईटीएफ के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है। इससे कम मात्रा में या एसआईपी (सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान) के जरिए सोना खरीदना आसान हो जाता है। वहीं भौतिक (फिजिकल) सोना आमतौर पर तोला (10 ग्राम) के भाव बेचा जाता है। ज्वैलर से खरीदने पर कई बार कम मात्रा में सोना खरीदना संभव नहीं हो पाता।
गोल्ड ETF में मिलता है 99.5% शुद्ध सोना
गोल्ड ईटीएफ की कीमत पारदर्शी और एक समान होती है। यह लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का अनुसरण करता है, जो कीमती धातुओं की ग्लोबल अथॉरिटी है। वहीं फिजिकल गोल्ड की अलग-अलग विक्रेता/ज्वैलर अलग-अलग कीमत पर दे सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है, जो कि सबसे उच्च स्तर की शुद्धता है। आप जो सोना लेंगी उसकी कीमत इसी शुद्धता पर आधारित होगी।
इसमें लगती है मेकिंग चार्जेस की तुलना में कम ब्रोकरेज
गोल्ड ईटीएफ खरीदने में 0.5% गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स या इससे कम का ब्रोकरेज लगता और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए सालाना 1% चार्ज देना पड़ता है। यह उस 8 से 30 फीसदी मेकिंग चार्जेस की तुलना में कुछ भी नहीं है जो ज्वैलर और बैंक को देना पड़ता है, भले ही आप सिक्के या बार खरीदें। ईटीएफ सोना बेचने या खरीदने में ट्रेडर्स को सिर्फ ब्रोकरेज देना होता है। वहीं फिजिकल गोल्ड में लाभ का बड़ा हिस्सा मेकिंग चार्जेस में चला जाता है और यह सिर्फ ज्वैलर्स को ही बेचा जा सकता है, भले ही सोना बैंक से ही क्यों न लिया हो।
सोना रहता है सुरक्षित
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड डीमैट अकाउंट में होता है जिसमें सिर्फ वार्षिक डीमैट चार्ज देना होता है। साथ ही चोरी होने का डर नहीं होता। वहीं फिजिकल गोल्ड में चोरी के खतरे के अलावा उसकी सुरक्षा में भी खर्च करना होता है।
इसे खरीदना है आसान
गोल्ड ईटीएफ खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें एनएसई पर उपलब्ध गोल्ड ईटीएफ के यूनिट आप खरीद सकते है और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ईटीएफ आपके अकाउंट में डिपाजिट हो जाते हैं।
सेबी ने सोने में म्यूचुअल फंड निवेश पर लागू किया रिस्क-ओ-मीटर, शेयरों की तरह मिलेगी जोखिम की जानकारी
बाजार नियामक ने अक्टूबर, 2020 में कहा था कि सोना और सोने से जुड़े निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में म्यूचुअल फंड स्कीम्स के निवेश को जोखिम नजरिये से चार माना जाएगा.
मार्केट रेग्युलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) ने सोना (Gold) और सोने से संबंधित निवेश के ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में जोखिम का स्तर मानपने के लिए फ्रेमवर्क जारी किया, जिनमें म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) पैसा लगाते हैं. इनके रिस्क स्कोर को देखकर ही म्यूचुअल फंड कंपनियां इनमें निवेश करती हैं. ऐसी कमोजिटीज में रिस्क वैल्युएशन करने के लिए तत्काल प्रभाव से रिस्क-ओ-मीटर लागू हो गया है. सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि म्यूचुअल फंड द्वारा ऐसे कमोडिटीज में निवेश को एक जोखिम स्कोर दिया जाएगा. यह इन कमोडिटीज की कीमत में रही सालाना उठापटक के आधार पर होगा, जिसकी गणना तिमाही आधार पर होगी.
सेबी के मुताबिक, कमोडिटीज की कीमतों में रही सालाना उठापटक की गणना तिमाही आधार पर कमोडिटीज के मानक सूचकांक की 15 वर्षों की कीमतों पर की जाएगी. इन कमोडिटीज के लिए रिस्क को चार स्तरों में बांटा जाएगा जो मोडरेट से लेकर वेरी हाई तक होंगे.
ऐसे तय होंगे रिस्क-ओ-मीटर
सेबी ने कहा कि 10 फीसदी से कम सालाना उठापटक होने पर उस कमोडिटीज का जोखिम स्कोर 3 (मोडरेट) होगा. 10-15 फीसदी उतार-चढ़ाव होने पर गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स 4 (मोडरेटली हाई) होगा. वहीं, 15-20 फीसदी होने पर 5 (हाई) और 20 फीसदी से अधिक होने पर 6 (वेरी हाई) आंका जाएगा. नया मसौदा तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
उदाहरण के साथ समझाते हुए सेबी ने कहा कि अगर पिछले 15 वर्षों के सोने की कीमत के आधार पर सालाना 18 फीसदी की अस्थिरता रही है तो रिस्क-ओ-मीटर पर सोने और सोने से संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स का रिस्क वैल्यू 5 (हाई) होगा.
बाजार नियामक ने गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स अक्टूबर, 2020 में कहा था कि सोना और सोने से जुड़े निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में म्यूचुअल फंड स्कीम्स के निवेश को जोखिम नजरिये से चार माना जाएगा. सेबी ने कहा कि जोखिम आकलन संबंधी नया मसौदा तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट के लिए रिस्क मैनेजमेंट गाइडलाइन जारी
मार्केट रेग्युलेटर ने इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट या ईजीआर के लिए एक कॉम्प्रिहेंसिव रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क पेश की है. नियामक ने सोमवार को ईजीआर के संदर्भ में एक सर्कुलर जारी किया. इस परिपत्र में मार्जिन संग्रह, ईजीआर के लिए पहले कोष के भुगतान का प्रावधान, ग्राहक मार्जिन संग्रह में कमी, जोखिम में कमी और निपटान के पहलुओं को शामिल किया गया है. यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
दिसंबर, 2021 में सरकार ने ईजीआर को प्रतिभूति अनुबंध (नियमन) कानून, 1956 के तहत प्रतिभूतियों के रूप में अधिसूचित किया था. उसी महीने सेबी ने वॉल्ट या तिजोरी प्रबंधकों के लिए नियम अधिसूचित किए थे जिससे स्वर्ण एक्सचेंज के परिचालन का रास्ता साफ हो गया था.
जिओडेटिक सर्वेक्षण उपकरणों में कुल स्टेशन साधन
HTS-220R कुल स्टेशन गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स साधन भू सर्वेक्षण में बीहड़ और सटीक, उच्च प्रदर्शन प्रिज्म ट्रैकिंग और शक्तिशाली लंबी दूरी की EDM, साथ ही सुरक्षा और रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए विशेष ब्लूटूथ संचार के साथ हाय लक्ष्य सुविधा पावर।
कुल स्टेशन एक इलेक्ट्रॉनिक / ऑप्टिकल उपकरण है जिसका उपयोग कोण माप, दूरी माप और समन्वय के मापन के लिए किया जाता है। कुल स्टेशनों को दूर से नियंत्रित किया जा सकता है और सर्वेक्षण करने वाले तिपाई पर लगाया जा सकता है। कुल स्टेशन एक मापक लक्ष्य के रूप में एक सर्वेक्षण प्रिज्म का उपयोग करता है, और इन लक्ष्यों को दूर से नियंत्रित करने या स्वचालित रूप से ट्रैक करने की क्षमता एक सहायक कर्मचारी की आवश्यकता को समाप्त करती है।
विशेषताएं:
मापा गया कई कोणों का औसत।
मापा गया कई दूरी का औसत।
किन्हीं दो बिंदुओं के बीच की दूरी।
वस्तुओं की ऊंचाई और
देखे गए बिंदुओं के सभी तीन निर्देशांक।
लोकप्रिय टैग: जिओडेटिक सर्वेक्षण उपकरणों, निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं, सस्ते, मूल्य में कुल स्टेशन साधन
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