जिस प्रकार पहले समय में शेयर खरीदने के लिए बोलियां लगाई जाती थी तथा जो सबसे ज्यादा महंगे शेयर कर देता था। मतलब जो व्यक्ति शेयरों की कीमत सबसे ज्यादा लगाता था। उसी को वह शेयर दिए जाते थे उसी प्रकार वर्तमान समय में शेयर खरीदने के लिए विभिन्न चैनलों/मंडियों का प्रयोग होता है। जैसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या नैशनल स्टॉक एक्सचेंज
भारत के प्रमुख शेयर बाजार
राष्ट्रीय शेयर बाजार (National Stock Exchanges)– राष्ट्रीय शेयर बाजार की स्थापना 1992 को हुई. इसकी सिफारिश 1991 में फेर्वानी समिति (M J Pherwani Committee) ने की थी. इसका मुख्यालय दक्षिण मुंबई वर्ली में है.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)– यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. इसकी स्थापना 1875 ई. में स्टॉक एक्सचेंज मुंबई के नाम से की गई थी जिसे 2002 में बदलकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) कर दिया गया.
ओवर दी काउंटर एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (OTCEI)– इसकी स्थापना नवम्बर, 1992 में मुंबई में की गयी. इसकी स्थापना भारत में सर्वप्रथम ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधा सम्पन्न भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? Computerized Exchange के रूप में हुई. इसकी अवधारणा USA के स्टॉक एक्सचेंज “NASDAQ” के आधार पर की गयी. जिन लघु या मध्यम औद्योगिक इकाइयों का पूँजी स्तर 30 लाख रु. से 25 करोड़ रु. हो, उन्हीं को OTCEI में सूचीबद्ध किया जाता है.
विश्व के प्रसिद्ध शेयर बाजारों के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक/Important Stock Price Index in the World Share Market
BSE SENSEX– यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (The Stock Exchange Mumbai) का संवेदी शेयर सूचकांक है. यह 30 प्रमुख शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है. इसका आधार वर्ष 1978-79 है.
BSE 200– यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के 200 शेयरों भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? का प्रतिनिधित्व करता है. इसका आधार वर्ष 1989-90 ई. है. इसका नाम BSE 200 इसलिए है क्योंकि इसमें 200 कंपनी रजिस्टर्ड हैं.
DOLLEX- BSE 200 — BSE 200 सूचकांक का ही डॉलर मूल्य सूचकांक डॉलेक्स (DOLLEX) कहलाता है. इसका आधार वर्ष 1989-90 ई. है.
NSE-50 –राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दिल्ली से सम्बंधित इस सूचकांक का नाम बदलकर S & P CNX Nifty रखा गया है.
जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित
- शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
- अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
- राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर
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कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश
आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.
डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर
शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का मूल्य घटता भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.
IT और बैंकिंग सेक्टर से मिलेगा बूस्ट
नवंबर महीने में ऑटो और फार्मा सेक्टर को छोड़कर सभी सेक्टर पॉजिटिव बंद हुए. बैंकिंग खासतौर से PSU बैंकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा रिकवरी देखने को मिली. सितंबर तिमाही में बैंकों की अर्निंग मजबूत रही है. एसेट क्वालिटी बेहतर देखने को मिली. वहीं लंबे समय से अंडरपरफॉर्मर रहे IT सेक्टर में भी रिकवरी देखने को मिली. बैकिंग और आईटी सेक्टर में आगे भी तेजी जारी रहने की उम्मीद है, जिससे बाजार को सपोर्ट मिलेगा. फाइनेंशियल सेक्टर सबसे बड़ा कॉन्ट्रीब्यूटर हो सकता है. ब्रोकरेज का अनुमान है कि FY23/24/25 के दौरान NIFTY EPS 817/930/1049 पर रह सकता है यानी इनमें 11%/14%/13% ग्रोथ क अनुमान है.
ब्रोकरेज हाउस ने निफ्टी भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? के लिए दिसंबर 2023 तक का टारगेट 20400 रखा है. यानी 1 साल में निफ्टी में करंट लेवल से करीब 9 से 10 फीसदी तेजी संभव है. ब्रोकरेज के नुसार बुल केस में निफ्टी दिसंबर 2023 तक 22,500 का लेवल टच कर सकता है. जबकि बियर केस में यह 18400 के लेवल पर आ सकता है.
ब्रोकरेज हाउस की टॉप पिक्स
ICICI बैंक, Tech Mahindra, Maruti Suzuki India, SBI, डालमिया भारत, फेडरल बैंक, वरुण बेवरेजेज, अशोक लेलैंड, Infosys, PNC इंफ्रा, APL अपोलो ट्यूब्स, हेल्थकेयर ग्लोबल एंटरप्राइजेज, प्राज इंडस्ट्रीज, CCL Products (India), पॉलीकैब इंडिया, बजाज फाइनेंस
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित
- शेयर भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
- अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
- राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर
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कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश
आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.
डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर
शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का मूल्य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.
Share Market in Hindi | शेयर बाजार किसे कहते हैं | शेयर बाजार क्या है?
बाज़ार (Market) एक ऐसी जगह है, जहाँ पर किसी भी वस्तु को खरीदा एवं बेचा (Sale and Purchase) जाता है। बाज़ार में बेचने वाले एक जगह पर होतें हैं, ताकि खरीदारों को वस्तु खरीदने में आसानी हो जाए अर्थात बाजार वह शब्द है, जहां पर वस्तुओं और सेवाओं का क्रय – विक्रय (Sale Purchase) होता है।
उसी प्रकार, शेयर बाज़ार एक ऐसा बाज़ार है, जहाँ कंपनियों के शेयर (हिस्सा) खरीदे-बेचे जाते हैं। किसी भी दूसरे बाज़ार की तरह शेयर बाज़ार में भी खरीदने और बेचने वाले एक-दूसरे से मिलते हैं और मोल-भाव करके शेयर को भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? खरीद लेते हैं।
कंप्यूटर अर्थात इंटरनेट की दुनिया से पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक (बोलियों) रूप से होती थी। खरीदने एवं बेचने वाले दोनों एक दूसरे के सामने बैठकर ही सौदे किया करते थे। लेकिन जब से कंप्यूटर अर्थात इंटरनेट आया है, तब से यह सारा लेन-देन ऑनलाइन हो गया है, अर्थात स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये होता है।
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