हालांकि, तेज आर्थिक विकास लोगों के जीवन को सुधारने में मदद करता है. तेज आर्थिक वृद्धि दर से प्रति व्यक्ति आय दर में बढ़ोतरी होती है. साथ ही सार्वजनिक राजस्व में भी बढ़त देखी जाती है. इसका उपयोग कहीं न कहीं समाज के विकास में ही होता है. लेकिन, हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट से चिंता इसलिए होती है क्योंकि भारत में आर्थिक वृद्धि और सामाजिक प्रगति के बीच जो संबंध है उसका गहरा विश्लेषण लंबे अरसे से भारतीय राजनीति एवं मीडिया में महत्वपूर्ण नहीं रहा है.

CRE8 इंडेक्स क्या है? एक शानदार क्रिप्टो पोर्टफोलियो बनाने में आपको इससे ऐसे मिलेगी मदद

Anger Index: मुख्यमंत्रियों के खिलाफ जनता की नाराजगी का डेटा, गहलोत सरकार से सबसे ज्यादा नाखुश हैं लोग

न्‍यूज एजेंसी IANS और C वोटर की ओर से किए गए 'एंगर सर्वे' में विभिन्न राज्यों की सरकार से कितने प्रतिशत लोग नाराज है, इसका डेटा सामने आया है.

Anger Index: पॉपुलेशन, पॉल्यूशन, जेंडर, हंगर जैसे मुद्दों पर सर्वे या इंडेक्स तो आते रहते हैं, लेकिन अब एक एंगर इडेंक्स (Anger index) भी सामने आया है, जिसकी इन दिनों खूब चर्चा है. इस एंगर इंडेक्स में राज्यों के मुख्यमंत्रियों से जनता की नाराजगी मापी गई है.

एंगर इडेक्स में क्या?

न्‍यूज एजेंसी IANS और C वोटर की ओर से किए गए इस सर्वे (Survey) में ये बताया गया है कि विभिन्न राज्यों की सरकार से कितने प्रतिशत (Percentage) लोग खुश और नाखुश है. सर्वे के मुताबिक राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से जनता सबसे ज्यादा नाराज हैं, तो छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) के सीएम भूपेश बघेल के प्रति जनता की दुनिया में सबसे अच्छा संकेतक क्या है नाराजगी सबसे कम है. खास बात ये है कि इन दोनों राज्यों में ही कांग्रेस की सरकार है. तो आइए जानते हैं किन पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भारतीय जनता ज्यादा नाराज है.

राज्य एंगर परसेंटेज
राजस्थान- 35.4% नाखुश
कर्नाटक- 33.1% नाखुश
बिहार- 32.0% नाखुश
हरियाणा- 30.7% नाखुश
झारखंड- 29.8% नाखुश

अब जानते हैं कि किन राज्यों के सीएम से लोग सबसे कम नाराज है और उनका प्रतिशत क्या है.

सामने आए एंगर डेटा को लेकर माना जा रहा है कि राजस्थान में हाल ही में हुए सियासी संकट और सीएम अशोक गहलोत का सचिन पायलट के खिलाफ रवैये से लोग नाखुश हैं. जबकि छत्तीसगढ़ हाल ही में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्य के तौर पर उभरा है, जिसका फायदा सीएम बघेल को मिलता दिख रहा है.

ग्लोबल दुनिया में सबसे अच्छा संकेतक क्या है दुनिया में सबसे अच्छा संकेतक क्या है हंगर इंडेक्स में क्यों पिछड़ा भारत?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में क्यों पिछड़ा भारत?

हाल ही में आए ग्लोबल हंगर इंडेक्स, 2018 से पता चलता है कि भूख और कुपोषण से निपटने में मोदी सरकार अब भी जूझ रही है. भारत नाइजीरिया के साथ ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 103वें स्थान पर है. इसे भूख के 'गंभीर' स्तर वाले देश के रूप में रखा गया है.

सर्वश्रेष्ठ दुनिया में सबसे अच्छा संकेतक क्या है प्रदर्शन करने वाले देशों में बेलारूस, बोस्निया और हर्जेगोविना, चिली, कोस्टारिका, क्रोएशिया इत्यादि हैं. भारत ने 30.5 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स स्कोर के साथ खराब प्रदर्शन किया है.

यह स्थिति तब है जब भारत की कुपोषित आबादी में कमी आर्इ है. 2000 में भारत की कुल आबादी का 18.2 फीसदी हिस्सा कुपोषण का शिकार था. 2018 में कुल आबादी का 14.8 फीसदी वर्ग कुपोषण की स्थिति से गुजर रहा है.

Global Hunger Index 2022 Report: अब भी देश में भूख पर हाहाकार ! 107वें स्थान पर खिसका, जानें क्या कहती है रिपोर्ट

India Ranking In GHI Report 2022: इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर एक बार फिर भारत भूख दुनिया में सबसे अच्छा संकेतक क्या है के मामले में खिसक गया है जी हां हाल ही में सामने आई ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) की लेटेस्ट रिपोर्ट में 121 देशों की सूची में देश को 107वां स्थान मिला है।जबकि बच्चों में ‘चाइल्ड वेस्टिंग रेट’ (ऊंचाई के हिसाब से कम वजन) 19.3 प्रतिशत है जो दुनिया के किसी भी देश से सबसे अधिक दुनिया में सबसे अच्छा संकेतक क्या है है। पड़ोसी देश पाकिस्तान (99), बांग्लादेश (84), नेपाल (81) और श्रीलंका (64) भारत के मुकाबले कहीं अच्छी स्थिति में हैं। एशिया में केवल अफगानिस्तान ही भारत से पीछे है और वह 109वें स्थान पर है।

मानव विकास सूचकांक में नहीं सुधरी भारत की स्थिति, 135वें पायदान पर

भारत 2013 में मानव विकास सूचकांक में उससे पिछले साल की ही तरह 135वें स्थान पर बना रहा जो इस बात का संकेत है कि देश को अपनी जनता के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य नागरिक सुविधाओं में सुधार के साथ उनके जीवनस्तर को ऊपर उठाने की दिशा में अभी लम्बा सफर तय करना है।

मानव विकास सूचकांक में नहीं सुधरी भारत की स्थिति, 135वें पायदान पर

नई दिल्ली : भारत 2013 में मानव विकास सूचकांक में उससे पिछले साल की ही तरह 135वें स्थान पर बना रहा जो इस बात का संकेत है कि देश को अपनी जनता के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य नागरिक सुविधाओं में सुधार के साथ उनके जीवनस्तर को ऊपर उठाने की दिशा में अभी लम्बा सफर तय करना है।

अन्य इंडेक्स से CRE8 कैसे अलग है?

यह भारतीय ऑनशोर क्रिप्टो मार्केट के प्रदर्शन को मापने वाला पहला क्रिप्टो इंडेक्स है. यह भारतीय रुपये में क्रिप्टो एसेट्स के प्रदर्शन को मापने के लिए CoinSwitch के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता है.

क्रिप्टो से जुड़े अधिकतर इंडेक्स अमेरिकी हैं और इस वजह से इनमें भारतीय ऑनशोर क्रिप्टो मार्केट के प्राइसेज नहीं होते. इस कमी को CoinSwitch को CRE8 पूरा करता है और इससे भारतीय निवेशकों को एक बेहतर तरीके से मार्केट को देखने में मदद मिलती है.

CRE8 में मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से टॉप क्रिप्टो एसेट्स शामिल हैं

इंडेक्स में Bitcoin (BTC), Ethereum (ETH), Binance Coin (BNB), Ripple (XRP), Cardano (ADA), Solana (SOL), Polkadot (DOT) और Dogecoin (DOGE) को जगह दी गई है, जो पूरे क्रिप्टो मार्केट में लगभग 70 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखते हैं. CoinSwitch इस इंडेक्स को प्रत्येक महीने की 25 तारीख को रीबैलेंस करता है और प्रत्येक तिमाही में एक बार इसके स्ट्रक्चर में बदलाव होता है.

यह ऐसा इंडेक्स है जिसे प्रत्येक मिनट अपडेट किया जाता है, जिससे आपको वास्तविक समय का डेटा मिल सके. इसके साथ ही आपके लिए विशेषतौर पर मंदी के मार्केट में काम करने के लिए अधिक डेटा पॉइंट्स हैं.

क्रिप्टो में निवेश के फैसलों के लिए आप कैसे CRE8 का इस्तेमाल कर सकते हैं?

आपको यह पता चल गया है कि क्रिप्टो में निवेश के लिए इंडेक्स कितने मददगार हो सकते हैं. इनसे टॉप क्रिप्टो एसेट्स के प्रदर्शन का आकलन करना और मार्केट के सेंटीमेंट को समझना आसान हो जाता है. इनसे एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने में भी मदद मिलती है.

CoinSwitch की ओर से पेश किए गए CRE8 से आपके निवेश की यात्रा आसान हो सकती है. इससे ऐसे दौर में मदद मिल सकती है जब क्रिप्टो के बारे में कम जानकारी के बावजूद इसे लेकर शोर अधिक होता है जिससे मार्केट की वोलैटिलिटी पर असर पड़ता है और निवेशक डर जाते हैं.

इस इंडेक्स के इस्तेमाल से निवेश करने पर आपको क्रिप्टो दुनिया में सबसे अच्छा संकेतक क्या है एसेट्स के बारे में रिसर्च करने और चुनने का झंझट नहीं रहता.

इस आर्टिकल का एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि CRE8 से लाखों निवेशकों को जानकारी वाले फैसले करने में मदद मिलेगी. इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि क्रिप्टो मार्केट का साइज बढ़ने के साथ क्रिप्टो रुपी इंडेक्स या CRE8 का निवेशकों के बीच महत्व भी बढ़ेगा. इससे उन्हें मार्केट को बेहतर तरीके से ट्रैक करने के साथ ही निवेश की उनकी यात्रा को आसान बनाने में भी मदद मिलेगी.

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