उम्मीद करता हूँ, इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद शेयर क्या है ( What is share in Hindi / share kya hai ), शेयर कितने प्रकार के होते है (Types Of Shares in Hindi ) इसके बारे में विस्तार से जानकारी मिली होगी। इस सम्बन्ध में आपका कोई सवाल हो जिसको इस पोस्ट में मैंने कवर नहीं किया हो, तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। इसके साथ ही मुझे सपोर्ट करने के लिए उन जरुरत मंद लोगों तक इस पोस्ट को शेयर करें, जिन्हे शेयर मार्किट के बारे में नहीं पता हो।
शेयर क्या है | शेयर कितने प्रकार के होते है | शेयर कि सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में (What Is Share In Hindi) 2022
बिज़नेस क्षेत्र में और निवेश के क्षेत्र में शेयर का नाम सबसे ज्यादा लिया जाता है, शेयर के बारे में आप सुनते हैं, लेकिन अगर आप नहीं जानते शेयर क्या है ( Share Kya Hai ) तो कोई बात नहीं। आज हम इस पोस्ट में जानेगें कि What is Share in Hindi और शेयर कितने प्रकार के होते है ( share kitne prakar ke hote hain ) , यह कैसे काम करते है, शेयर कैसे बनते है आदि .
Share Kya Hota Hai :- शेयर का अर्थ होता है “हिस्सा” Share meaning in Hindi “कंपनी का मालिकाना हक” जिसे हम हिंदी में शेयर कहते है अगर आसान भाषा में समझे तो किसी कंपनी के स्वामित्व का एक हिस्सा जो की एक शेयर (one share) होता हैं। यह बिलकुल इस चीज पर निर्भर करता है की कंपनी के स्वमित्व को कितने भागों यानि शेयर में बांटा गया है। एक शेयर कंपनी की पूंजी का सबसे छोटा भाग होता हैं।
What is share in Hindi – शेयर क्या है
“ जब किसी कंपनी की कुल पूंजी को एक सामान कई हिस्सों में बांट दिया जाये तब जो पूंजी का एक सबसे छोटा हिस्सा बनता है उस हिस्से को शेयर कहा जाता है।”
जब किसी कंपनी को पूंजी की आवश्यकता होती है, तो पूंजी के लिए पब्लिक को ऑफर करती है। यानि कंपनी के मालिक अपनी कंपनी में निवेश बढ़ने के लिए अपनी कंपनी को public कर देता है और खुद को NSE या BSE में register करके shares issue कर देते है जिसके बाद आम लोग उन shares को खरीद लेते है और बाद में वही investor उन शेयर्स को मूल्य बढ़ने और घटने के आधार पर exchange में बेच देते है, फिर उसके बाद लोग exchange में shares पर trading करके मुनाफा कमाते है। इन्ही शेयर्स को कंपनी के शेयर्स कहा जाता है।
जब किसी कंपनी के shares को पहली बार कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? मार्किट में निकाला जाता है तब वो IPO (initial public Offer) आईपीओ के लिए जाते है और फिर shares Investors अपने सूझ-बुझ से उसको खरीदते है।
Share Kise Kahate Hain
शेयर एक कंपनी में आपके हिस्सेदारी का एक सबूत होता है यानि आपने जिस कंपनी के शेयर को खरीदा है और आप उस शेयर के कारण उस कंपनी में मालिकाना हक रखते हैं। कंपनी जब ग्रोथ करेगी तो कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? आपको भी मुनाफ़ा होगा यानि आपके खरीदे गए शेयर का मूल्य बढ़ेगा, नुकसान में आपके शेयर का मूल्य घटेगा।
Share holder का मतलब होता है (हिस्सेदार) आसान भाषा में – जब कोई कंपनी का शेयर किसी व्यक्ति द्वारा खरीदा जाता है तो उस शेयर के मालिक यानि शेयर खरीदने वाला व्यक्ति Share holder कहलाता है।
What is Share and Share Market: शेयर क्या होता है? क्यों खरीदते हैं लोग शेयर?
- नई दिल्ली ,
- 13 नवंबर 2021,
- अपडेटेड 1:37 PM IST
Basics of Stock Market and Shares: व्यापार में और निवेश जगत में शेयर का नाम सबसे ज्यादा लिया जाता है , शेयर के बारे में लोग बाते करते है और बताते है. लेकिन अगर आप नहीं जानते शेयर क्या कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? है, तो कोई बात नहीं. आज इस वीडियो से जानें कि आखिर क्या होता है शेयर और क्यों लोग शेयर खरीदते हैं.
7 ऐसी वजहें जो बताती हैं कि क्यों शेयर मार्केट में पैसा लगाना है फायदे का सौदा
- News18Hindi
- Last Updated : October 12, 2022, 08:10 IST
हाइलाइट्स
शेयर मार्केट में लंबी अवधि के लिए निवेश करके अच्छी कमाई कर सकते हैं.
सेंसेक्स ने पिछले 33 साल में 15 फीसदी का एवरेज एनुअल रिटर्न दिया है.
स्टॉक मार्केट में कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? निवेश महंगाई से मुकाबले में भी आपकी मदद करता है.
नई दिल्ली. शेयर मार्केट कमाई के बेहतरीन तरीकों में से एक है. अगर आप रिस्क लेने की हिम्मत और बाजार की समझ रखते हैं तो आप यहां उम्मीद से भी अधिक पैसा बना सकते हैं. लोगों का मानना है कि स्टॉक्स किसी अन्य एसेट के मुकाबले लंबी अवधि में अधिक रिटर्न देते हैं. अगर कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो ये बात काफी हद तक सही भी साबित होती है. इसलिए कम समय में ज्यादा रिटर्न के लिए जानकार शेयर मार्केट में पैसे लगाने की सलाह देते हैं.
छोटी अवधि में बाजार से पैसा कमाने के लिए जबरदस्त समझ और स्किल की जरूरत होती है. वहीं, अगर लंबे समय में शेयरों से पैसा कमाना चाहते हैं तो बाजार की बेसिक समझ भी आपके लिए यह काम कर सकती है. आपको बस किसी मजबूत शेयर में पैसा लगाना है और बहुत अधिक संभावना है कि 5 या 10 साल में आप अपने निवेश में जबरदस्त उछाल देखेंगे. आज हम इस लेख में इस बारे में बात करेंगे कि आखिर क्यों शेयर बाजार में निवेश करना फायदे का सौदा है. हम आपको शेयर बाजार में निवेश करने की 7 वजहें बताएंगे.
क्या होता है FPO?
FPO के जरिए कंपनी अपना फोलो ऑन पब्लिक ऑफर जारी करती है. मतलब जो कंपनी पहले से शेयर बाजार में लिस्टेड है, वो निवेशकों के लिए नए शेयर ऑफर करती है. ये शेयर बाजार में मौजूद शेयरों से अलग होते हैं. ज्यादातर ये शेयर प्रोमोटर्स जारी कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? करते हैं. मतलब अपने हिस्से के शेयरों को बाजार में निवेशकों के लिए उतारते हैं. FPO का इस्तेमाल कंपनी के इक्विटी बेस को डाइवर्सिफाई करने के लिए होता है.
बाजार में शेयर उतारने के लिए कंपनी पहले IPO लाती कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? है. लेकिन, एक बार लिस्ट होने के बाद अगर नए शेयर जारी करना हो तो उस स्थिति में FPO का इस्तेमाल होता है. कंपनी नए शेयर कैपिटेल रेजिंग (Capital raising) या फिर अपने कर्ज का भुगतान करने के मकसद से करती है. नए शेयर के जरिए कंपनी बाजार से फंड जुटाती है और फिर उसका इस्तेमाल करती है.
कैसे काम करता है FPO?
FPO को और आसान शब्दों में समझा जाए तो ये कंपनी के मौजूदा शेयरों की संख्या से अतिरिक्त शेयर होते हैं. इसका फायदा कंपनियां एक ऑफर डॉक्यूमेंट के जरिए भी ले सकती हैं. FPO को IPO की तरह नहीं समझना बिल्कुल गलत है. ये पूरी तरह उससे अलग होता है. जैसे पहले बताया FPO में अतिरिक्त शेयर लिस्टेड कंपनी के मौजूदा शेयरों से अलग होते हैं.
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IPO से कैसे अलग होता है FPO?
कंपनियां अपने एक्सपेंशन के लिए IPO या FPO का इस्तेमाल करती हैं. कारोबार बढ़ाने के लिए फंड की जरूरत पड़ने पर कंपनियां IPO या FPO का साहारा लेती हैं. कैश फ्लो की जरूरतों को पूरा करने या फिर कारोबार बढ़ाने के लिए कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? इस फंड का इस्तेमाल होता है. नई कैपिटल के लिए कंपनियों के पास कई तरह के ऑप्शन होते हैं. कंपनी बाजार से कर्ज लेती है. इन्वेस्टर्स से कर्ज लेती है. इक्विटी के जरिए भी फंड जुटाया जा सकता है. इक्विटी में फंड रेजिंग के लिए कंपनी अपने शेयर्स को बेचती हैं.
अब समझते हैं दोनों अलग कैसे हैं. पहला- IPO- इसके जरिए कंपनी पहली बार बाजार में अपने शेयर्स उतारती है. इसलिए इसे इनिशियल पब्लिक ऑफर कहते हैं. वहीं, FPO में अतिरिक्त शेयर्स को बाजार में लाया जाता है. IPO में शेयरों की बिक्री के लिए फिक्स्ड प्राइस होता है, जिसे प्राइस बैंड कहते हैं. कंपनी शेयर का प्राइस बैंड लीड बैंकर्स तय करते हैं. वहीं, FPO के वक्त शेयरों का प्राइस बैंड बाजार में मौजूद शेयरों की कीमत से कम रखा जाता है. इसको शेयरों की संख्या के हिसाब भी तय किया जाता है. आमतौर कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? पर कंपनी मौजूदा मार्केट प्राइस से कम कीमत पर इसे ऑफर करती हैं.
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