Bcom 3rd year Financial Statements

वित्तीय विवरण से आशय उन प्रपत्रों से है जिनमें किसी संस्थान वित्तीय विवरण विश्लेषण के उद्देश्य या कम्पनी से सम्बन्धित वित्तीय सूचनाएँ सम्मिलित की जाती हैं। दूसरे शब्दों में, किसी व्यावसायिक संस्था के लिये एक निश्चित अवधि के अन्त में बनाये गये अन्तिम लेखे ही वित्तीय विवरण कहलाते हैं। इनसे उस अवधि में संचालित व्यापार के सकल व शुद्ध परिणामों की जानकारी प्राप्त की जाती है तथा उक्त अवधि के अन्त में संस्था की वित्तीय स्थिति का पता चलता है । इन विवरणों में (i) चिट्ठा, (i) लाभ-हानि खाता, (iii) संचालकों का प्रतिवेदन, (iv) अंकेक्षक प्रतिवेदन तथा (v) अध्यक्षीय भाषण सम्मिलित किये जाते हैं । परन्तु व्यवहार में चिढे एवं लाभ-हानि खाते को ही सम्मिलित रूप से वित्तीय विवरण कहते हैं।

आर० एन० एन्थोनी के अनुसार, “वित्तीय विवरण से आशय उस विवरण से है जो लेखा अवधि की समाप्ति पर व्यवसाय की वित्तीय स्थिति एवं व्यापारिक क्रियाओं के परिणाम को बताता है।”

स्मिथ एवं एसबर्न के अनुसार, “वित्तीय विवरण वित्तीय वित्तीय विवरण विश्लेषण के उद्देश्य लेखांकन के अन्तिम उत्पाद होते हैं जिन्हें व्यावसायिक उद्यम के लेखापालक द्वारा तैयार किया जाता है तथा जिसका उद्देश्य उद्यम की वित्तीय दशा को प्रकट करना होता है।’

वित्तीय विवरणों की विशेषताएँ-1. वित्तीय विवरण भूतकाल (Past) से सम्बन्धित होते हैं, अत: ये ऐतिहासिक प्रलेख हैं, 2. वित्तीय विवरण वित्तीय वित्तीय विवरण विश्लेषण के उद्देश्य वर्ष की समाप्ति पर बनाए जाते हैं,3. वित्तीय विवरणों को मौद्रिक रूप (Monetary terms) में प्रदर्शित किया जाता हैं,

4. वित्तीय विवरण व्यापार की चालू अवधारणा की मान्यता के अनुसार बनाए जाते हैं (सम्पत्तियों को लागत मूल्य पर दर्शाया जाता है, बाजार मूल्य पर नहीं)।

वित्तीय विवरणों की प्रकृति-1. वित्तीय विवरण लिपिबद्ध तथ्यों पर आधारित होते हैं, 2. वित्तीय विवरण लेखांकन सम्बन्धी अनेक सिद्धान्तों, अवधारणाओं तथा परम्पराओं पर आधारित होते हैं,3 वित्तीय विवरणों को तैयार करने की प्रक्रिया में लेखापालक के व्यक्तिगत मतों एवं निर्णयों का भी पर्याप्त प्रभाव पड़ता है ।

वित्तीय विवरणों के उद्देश्य-1. प्रबन्धकों को आवश्यक सूचनाएँ प्रदान करना, 2. वार्षिक गतिविधियों एवं परिणामों की जानकारी प्रदान करना,वित्तीय विवरण विश्लेषण के उद्देश्य 3. आर्थिक स्थिति की जानकारी प्रदान करना, 4. कोष एवं रोकड़ प्रवाह की जानकारी प्रदान करना,5. विश्लेषणात्मक अध्ययन के लिए सूचनाएं उपलब्ध कराना, 6. प्रबन्धकीय योग्यता का मूल्यांकन करना, 7. वित्तीय पूर्वानुमान प्रदान करना।

आदर्श वित्तीय विवरण के गुण-1. प्रासंगिकता, 2. सरलता एवं संक्षिप्तता, 3. बोधगम्यता,4. तुलनीयता, 5. पूर्णता, 6. शीघ्रता एवं 7. यर्थाथता ।

वित्तीय विवरणों के प्रकार-1. आय विवरण (Income Statement) : लाभ-हानि खाता एवं लाभ-हानि विवरण, 2. आर्थिक चिट्ठा या स्थिति विवरण, 3. लेखा टिप्पणियाँ (Notes to Accounts), 4. कोष प्रवाह विवरण,5. रोकड़ प्रवाह विवरण,6. संचालकों का प्रतिवेदन एवं अध्यक्षीय भाषण ।

वित्तीय विवरणों की सीमाएँ–1. सूक्ष्मता का अभाव,2. ऐतिहासिक प्रलेख,3. ऊपरी दिखावट की प्रकृति,4. अन्तरिम प्रतिवेदन,5. गैर-मौद्रिक सूचनाओं को सम्मिलित न करना,6. तुलनीयता का अभाव, 7. मूल्य परिवर्तन को न दर्शाना, एवं 8. व्यक्तिगत मत एवं निर्णयों से प्रभावित।

वित्तीय विवरणों का विश्लेषण एवं निर्वचन

Analysis and Interpretation of Financial Statements

वित्तीय विवरणों के विश्लेषण का आशय किसी व्यवसाय की आर्थिक स्थिति एवं लाभार्जन शक्ति का पता लगाने के लिये विवरण-पत्रों में प्रस्तुत किये गये तथ्यों को किसी वैज्ञानिक रीति द्वारा वित्तीय विवरण विश्लेषण के उद्देश्य सुविधाजनक अवयवों में वर्गीकृत एवं विन्यासित करना जिससे इनसे अर्थपूर्ण निष्कर्ष निकाले जा सकें।

वित्तीय विवरणों के निर्वचन से अभिप्राय एक निश्चित अवधि के अन्तर्गत विश्लेषित वित्तीय व्यवहारों के आलोचनात्मक परीक्षण और निष्कर्ष निकालने से होता है ।

वित्तीय विवरणों के विश्लेषण के उद्देश्य-1. लाभदायकता अथवा अर्जन क्षमता का निर्धारण, 2. प्रबन्धकीय कार्यकुशलता का निर्धारण, 3. शोधन क्षमता की जानकारी, 4. पूर्वानुमान एवं बजट तैयार करना, 5. फर्मों की आपसी तुलना करना, 6. वित्तीय कमियों की जानकारी प्राप्त करना,7. विकास सम्भावनाओं का निर्धारण ।

वित्तीय विवरणों के विश्लेषण के प्रकार

Type of Financial Statement Analysis

1. सूचना स्रोत के आधार पर वर्गीकरण-1. आन्तरिक विश्लेषण,2. बाह्य विश्लेषण।

2. उद्देश्य के आधार पर वर्गीकरण-1. अल्पकालीन विश्लेषण, 2. दीर्घकालीन विश्लेषण।

3. विश्लेषण की कार्यप्रणाली के आधार पर वर्गीकरण-1. क्षैतिज/समतल/गतिशील विश्लेषण,2. शीर्ष या लम्बवत् या स्थिर विश्लेषण ।

वित्तीय विवरणों के विश्लेषण की रीतियाँ या उपकरण या तकनीक –किसी व्यावसायिक उपक्रम की वित्तीय स्थिति अथवा/और लाभार्जन शक्ति का ज्ञान प्राप्त करने के लिये उसके वित्तीय विवरणों की मदों में क्षैतिज अथवा लम्बवत् विश्लेषण का अध्ययन करने के लिये जिन उपायों का प्रयोग क्यिा जाता है, उन्हें वित्तीय विश्लेषण की तकनीकें कहा जाता है। वित्तीय विश्लेषण की प्रमुख तकनीकें निम्नलिखित हैं-

वित्तीय विवरण विश्लेषण के उद्देश्य

वित्तीय विवरणों का विश्लेषण वित्तीय विवरणों में दी गई विस्तृत लेखांकन जानकारी में गंभीर रूप से जांच करने की प्रक्रिया है। वित्तीय विश्लेषण (Financial analysis) का अर्थ क्या हैं? वित्तीय विश्लेषण का अर्थ - वित्तीय विश्लेषण क्या है? मतलब, उद्देश्य, और प्रकार। विश्लेषण के उद्देश्य के लिए, व्यक्तिगत वस्तुओं का अध्ययन किया जाता है, अन्य संबंधित आंकड़ों के साथ उनके अंतर-संबंध स्थापित किए जाते हैं, इस उद्देश्य के लिए विभिन्न तकनीकों या उपकरणों की सहायता से जानकारी की बेहतर समझ रखने के लिए डेटा को कभी-कभी पुन: व्यवस्थित किया जाता है।

वित्तीय विवरणों का विश्लेषण करना फर्म की स्थिति और प्रदर्शन की बेहतर समझ प्राप्त करने के लिए वित्तीय विवरणों के घटक भागों के बीच संबंधों का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया है। वित्तीय विवरणों का विश्लेषण इस प्रकार वित्तीय विवरणों में निहित जानकारी के उपचार को संदर्भित करता है ताकि संबंधित फर्म की लाभप्रदता और वित्तीय स्थिति का पूर्ण निदान किया जा सके।

इस उद्देश्य के लिए वित्तीय विवरणों को विधिवत, विश्लेषण और पिछले वर्षों या अन्य समान फर्मों के आंकड़ों की तुलना में वर्गीकृत किया जाता है। "विश्लेषण" और "व्याख्या" शब्द निकटता से संबंधित हैं, लेकिन दोनों के बीच भेद किया जा सकता है। विश्लेषण का मतलब है कि फर्म के प्रदर्शन को बेहतर तरीके से समझने के लिए वित्तीय विवरणों के घटकों के बीच संबंधों का मूल्यांकन करना।

वित्तीय विवरणों में विभिन्न खाता शेष दिखाई देते हैं। ये खाता शेष एक समान डेटा का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, इसलिए उन्हें समझना और कुछ निष्कर्ष निकालना मुश्किल है। वित्तीय विवरणों में दिखाए गए आंकड़ों को कुछ समानता लाने के लिए वित्तीय विवरणों में डेटा के विश्लेषण की आवश्यकता है। व्याख्या इस प्रकार अनुमान लगाने और बताती है कि वित्तीय विवरणों में आंकड़े वास्तव में क्या मतलब है। व्याख्या स्वयं दुभाषिया पर निर्भर है। दुभाषिया के पास विश्लेषण डेटा से सही निष्कर्ष निकालने के लिए अनुभव, समझ और बुद्धि होना चाहिए।

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वित्तीय विश्लेषण की प्रक्रिया ( Process of Financial Analysis ) क्या है ?

[ 1 ] वित्तीय विवरणों की पुनर्रचना ( Re-arrangement of Financial Statements ) :- वित्तीय तथ्यों का प्रभावपूर्ण अध्ययन करने के लिए यह आवश्यक है कि चिट्ठे व लाभ-हानि खाते के तथ्यों को किसी तर्कसंगत क्रम में उनके प्रमुख अवयवों अथवा अंगों में बाँटा जाये । लर्नर के अनुसार, "जिस प्रकार एक तितर-बितर भीड़ में खड़े व्यक्तियों को गिनना कठिन है, उसी प्रकार असम्बन्धित वित्तीय तथ्यों के झुण्डों से आर्थिक निष्कर्ष निकालना कठिन है । एक बार भीड़ को कतारों व लाइन में विन्यासित कर लिया जाये तो गणना सरल हो जाती है ।" इसी प्रकार वित्तीय विश्लेषण की सुविधा के लिए चिट्ठे व लाभ-हानि खातों के तथ्यों की पुनर्रचना विश्लेषण के उद्देश्य के अनुसार की जाती है ।

[ 2 ] संख्याओं का सन्निकटन ( Approximation of Figures ) :- विश्लेषण क्रिया में सरलीकरण के लिए संख्याओं को निकटतम हजार या लाख या करोड़ रुपयों में व्यक्त किया जाता है । ऐसा करने से विभिन्न तथ्यों में सम्बन्ध स्थापित करना सरल हो जाता है ।

[ 3 ] अवयवों से सम्बन्ध स्थापित करना ( Establishing Relationship between Elements ) :- दो अवयवों के बीच सम्बन्ध स्थापित करते समय विश्लेषणकर्ता को यह ध्यान रखना चाहिए कि ये अवयव एक दूसरे से सम्बन्धित हैं । इस कार्य के लिए विश्लेषणकर्ता को विश्लेषण के उद्देश्य का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए । वित्तीय सूचनाओं से निष्कर्ष निकालने हेतु दिये गये तथ्यों में तुलनात्मक सम्बन्ध स्थापित किया जाता है । इसके लिए वित्तीय विश्लेषक विश्लेषण की विभिन्न तकनीकों का प्रयोग करता है ।

[ 4 ] प्रवृत्ति का अध्ययन ( Study of Trend ) :- वित्तीय विवरण के तथ्यों में तुलनात्मक सम्बन्ध स्थापित करने के पश्चात विश्लेषक महत्त्वपूर्ण तथ्यों की भावी प्रवृत्तियों को मापता है । निर्वचन के लिए प्रवृत्ति अध्ययन एक महत्त्वपूर्ण आधार प्रस्तुत करता है ।

[ 5 ] निष्कर्ष ज्ञात करना ( Drawing Conclusions ) :- यह निर्वचन की अन्तिम प्रक्रिया होती है । इसका उद्देश्य तथ्यों की व्याख्या करके संस्था की लाभदायकता एवं वित्तीय सुदृढ़ता के सम्बन्ध में राय प्रकट करना होता है । वित्तीय विश्लेषक इन निष्कर्षों को प्रबन्ध के समक्ष इस दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है कि प्रबन्धकों को निर्णय में सहायक हो सकें ।

वित्तीय विश्लेषण में भूतकालीन सूचना के विश्लेषण व वर्तमान प्रवृत्ति के आधार पर भविष्य के बारे में अनुमान लगाया जाता है । लर्नर के अनुसार, "भावी अनुमान की एक क्रमबद्ध व सावधानीपूर्वक प्रक्रिया, सुदृढ़, भूतकालीन तथ्यों पर आधारित, सापेक्षिक रूप से उसी प्रकार अधिक सफल होती है, जिस प्रकार की ओझा अथवा टोना करने वाले कि तुलना में एक सुप्रशिक्षित सर्जन अधिक रोगियों को बचा लेगा ।"

वित्तीय विवरण के विश्लेषण एवं निर्वचन से आप क्या समझते हैं ? उनके महत्त पर चर्चा करें। - Accountancy (लेखाशास्त्र)

विश्लेषण और निर्वचन का अर्थ है वित्तीय विवरणों का एक व्यवस्थित और महत्वपूर्ण मूल्यांकन। यह वित्तीय विवरणों के कई तत्वों के बीच कारण और प्रभाव संबंध बनाता है और वित्तीय आँकड़े को एक संगठित तरीके से प्रस्तुत करता है। विश्लेषण और निर्वचन का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य वित्तीय आंकड़ों को इतने स्पष्ट तरीके से प्रस्तुत करना है जो इसे आसानी से समझने योग्य और आत्म-व्याख्यात्मक बनाता है। यह न केवल समय की अवधि में व्यापार के वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए लेखांकन उपयोगकर्ताओं की सुविधा प्रदान करता है, बल्कि उन्हें निर्णय लेने और नीति निर्धारण और वित्तीय संरचना रचने की प्रक्रिया में मार्गदर्शन भी करता है।

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