IOC: इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) का बीते वित्त वर्ष की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही का शुद्ध लाभ 31.4 प्रतिशत घट गया. कंपनी ने मंगलवार को बताया कि पेट्रोरसायन कारोबार में मार्जिन घटने और वाहन ईंधन की बिक्री पर नुकसान के कारण ऐसा हुआ.
जानिए क्या है Equity Share हिंदी में
Equity shares, trading का एक common हिस्सा है। यदि आप share market में beginner है और आप shares को buy इक्विटी शेयर के फायदे करने वाले है, तो इस post के माध्यम से आपको काफी सहायता मिलेगी। आज के post मे हम equity shares के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने वाले हैं। आप इस post के अंत तक जरूर बने रहे।
यदि हम आसान भाषा में कहें, तो उस share का अर्थ हिस्सा होता है। कोई भी कंपनी को जब पूंजी की आवश्यकता होती है या वह अपने कंपनी में निवेश को बढ़ाने के लिए कंपनी के मालिकाना हक को बेचता है जिसे शेयर कहते हैं।
जब भी कोई कंपनी अपने shares को market में निकालती है तो वह सबसे पहले IPO के लिए जाते हैं और फिर वह investor के द्वारा खरीदे जाते हैं। उसके बाद उन्हें investor exchange पर बेच देते हैं और फिर वही से trading का circle start हो जाता है। इन्हीं shares को कंपनी के इक्विटी शेयर के फायदे शेयर कहते हैं।
Equity share क्या है? (Equity share meaning in hindi)
Stock Exchange पर listed कंपनी के द्वारा जब अपने share issue किये जाते है तो उन shares को equity shares कहा जाता है। अन्य shares की तुलना में equity shares सबसे अधिक trade किए जाते हैं क्योंकि यह शेयर लगभग सभी कंपनी के द्वारा issue किये होते हैं, जिससे निवेशक अपनी इच्छा अनुसार कंपनी में निवेश कर सकता है।
Equity shares की trading सबसे अधिक होती है इसीलिए investor इसे equity share की जगह केवल शेयर करना पसंद करते हैं।
Equity share कितने प्रकार के होते हैं?
Equity shares के निम्नलिखित प्रकार होते हैं:-
- Ordinary shares ( साधारण शेयर)
- Preference share (पसंदीदा शेयर)
- Bonus shares (बोनस शेयर)
- Rights shares (अधिकार शेयर)
- Sweat equity (उत्तम इक्विटी?
- Employee stock options (कर्मचारी स्टॉक विकल्प)
Equity shares को कैसे खरीदा जा सकता है?
Primary और secondary market के माध्यम से equity shares को खरीदा जा सकता है। यदि आप शेयर को IPO या FPO के जरिए खरीदते हैं तो उसे प्राइमरी मार्केट कहा जाता है और यदि आप BROKER की मदद से खरीदते हैं तो वह secondary मार्केट कहलाती हैं।
Equity मे invest करने से पहले ध्यान देने योग्य बात
- आपको बाजार का basic clear होना चाहिए।
- जोखिम झेलने की क्षमता होनी चाहिए।
- सही decision लेने की क्षमता होनी चाहिए।
- Emergency funds के लिए प्राप्त कैसा होना चाहिए।
- निवेश की स्थिति को लगातार track करते रहना इक्विटी शेयर के फायदे चाहिए।
- यदि आप अधिक पैसा invest करना चाहता है तो उसके इसमें आप portfolio management की मदद ले सकता है।
Equity shares के फायदे और नुकसान क्या है?
Equity shares के फायदे:-
- Equity shares मे limited liability होती है। किसी निवेशक की responsibility उसके द्वारा निवेश किए गए amount की सीमा तक ही सीमित रहती है।
- Equity shares मे आप dividend प्राप्त करने के हकदार होते है। यह company के द्वारा दिया जाने वाला एक प्रकार का bonus होता है।
- इसमें investor income और assets पर भी ownership प्राप्त कर लेता है।
- यदि company अतिरिक्त पूंजी के लिए rights share जारी करती है तो आपको बोनस share का benefit मिलता है।
- Equity shares के माध्यम से पूंजीगत लाभ का benefit मिलता है।
- किसी भी कंपनी में निवेश करने से निवेशक को उस कंपनी में वोटिंग करने का अधिकार मिल जाता है।
Equity shares के नुकसान
- जो profit investor को मिलता है वह उसके द्वारा ना तो control किया जा सकता है और ना ही तय किया जा सकता है।
- Equity share अन्य ऋण की तुलना में एक जोखिम भरा से निवेश होता है।
- यह जरूरी नहीं है कि जिस share में आपने निवेश किया है वह आपको लाभ ही दे। Market की लगातार उतार-चढ़ाव की वजह से नुक्सान होने की भी इक्विटी शेयर के फायदे संभावना होती है।
- Equity मे निवेश करने वाला investor काफी छोटा निवेशक होता है इसीलिए उसके द्वारा की गई वोटिंग शायद ही कंपनी के किसी decision को प्रभावित कर सके।
पढ़ें, क्या-क्या फायदे हैं राजीव गांधी इक्विटी स्कीम के
- moneycontrol.com
- Last Updated : September 22, 2012, 07:44 IST
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने राजीव गांधी इक्विटी स्कीम को मंजूरी दे दी है। सरकार ने राजीव गांधी इक्विटी स्कीम के दायरे में ईटीएफ और म्यूचुअल फंडों को भी लाने को मंजूरी दी। राजीव गांधी इक्विटी स्कीम के तहत सालाना 10 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को फायदा मिलेगा। राजीव गांधी इक्विटी स्कीम में 50,000 रुपये तक के निवेश की आधी रकम पर टैक्स छूट दिए जाने का प्रावधान है। वहीं राजीव गांधी इक्विटी स्कीम में निवेशकों के पास 1 साल के बाद अपने शेयर इक्विटी शेयर के फायदे बेचने का विकल्प होगा।
ट्रेडिंग खाते: संचालन की प्रणाली और होने के फायदे
ट्रेडिंग खातों ने लोगों के शेयर बाजार में काम करने के तरीके में क्रांति ला दी है। शेयरों को बनाए रखने का यह नया तरीका ओपन इक्विटी शेयर के फायदे आउटरी की पुरानी प्रणालियों की तुलना में अधिक सुविधाजनक और तेज साबित हुआ इक्विटी शेयर के फायदे है। ट्रेडिंग खातों की सहायता से, भौतिक संपर्क और उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे दोनों पक्षों के लिए समय की बचत होती है।
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ईएलएसएस फंड्स : सर्वाधिक टैक्स बचत वाली इस स्कीम में निवेश करना फायदे का सौदा या घाटे का, डिटेल में पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : April 09, 2022, 08:30 IST
नई दिल्ली . इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स यानी ईएलएसएस को टैक्स बचत वाली स्कीम्स के रूप में जाना जाता है. इस स्कीम के जरिए आप आयकर अधिनियम 1961 के अंतर्गत 80C के अंतर्गत सर्वाधिक 1.5 लाख रुपए तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, ये सिर्फ एक टैक्स बचत का तरीका नहीं बल्कि उससे बढ़कर है. शेयर इंडिया सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष रवि सिंह ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए है कि कैसे इस फंड के और भी फायदे हैं
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कंपनी ने जनवरी-मार्च में 6,021.88 करोड़ रुपये या 6.56 रुपये प्रति शेयर का एकल शुद्ध लाभ दर्ज किया. एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 8,781.30 करोड़ रुपये या 9.56 रुपये प्रति शेयर था.
हालांकि, मुनाफा इससे पिछली तिमाही के 5,860.80 करोड़ रुपये के मुकाबले अधिक रहा.
तेल कीमतों में उछाल के साथ परिचालन आय मार्च तिमाही में बढ़कर 2.06 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल की इसी अवधि में 1.63 लाख करोड़ रुपये थी.
कंपनी के बोर्ड ने 1:2 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने की सिफारिश की है. इसके तहत प्रत्येक दो मौजूदा इक्विटी शेयरों के लिए 10 रुपये अंकित मूल्य का एक नया बोनस शेयर दिया जाएगा.
बोर्ड ने 3.60 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का अंतिम इक्विटी शेयर के फायदे लाभांश (बोनस से पहले) भी घोषित किया.
कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान रिकॉर्ड 30,443.93 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज इक्विटी शेयर के फायदे किया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है.
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