Stock Market Investment Tips: निवेश से पहले इन बातों को ध्यान रखें.

आज भारत के युवा निवेश की ओर आकर्षित हो रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद लाखो लोगो ने स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट करना शुरू किया। CDSL की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में डीमैट अकाउंट ओपन करने वाली की सख्या में 50 फीसदी बढ़ोतरी देखी गई है, जिसमे अधिकतर को 21 से 39 साल के बीच के युवाओं ने खोला है.

हर कोई निवेश इसलिए करता है ताकि उन्हें अच्छा रिटर्न प्राप्त हो सके। मगर निवेश में जितना फायदा है तो उतना ही जोखिम भी है।‌ एक बेहतर निवेश के लिए जरूरी है उससे संबंधित मार्केट का ज्ञान होना। स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते वक्त आप कोई भी गलती फैसला नहीं ले सकते हैं क्योंकि यह आपके पैसों को भविष्य में जोखिम में डाल सकता है।‌

आज का हमारा आर्टिकल Stock Market Investment Tips का है जिसमे आपको मार्केट में इन्वेस्ट करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखें हैं।‌ इस आर्टिकल में हम आपको स्टॉक मार्केट से संबंधित जानकारी देंगे।

Stock Market Investment Tips

  • बाजार की स्थिति जाने बिना इंवेस्ट न करे

Stock मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले आपको बाजार की स्थिति का आंकलन जरूर कर लेना चाहिए क्योंकि किसी की देखा-देखी या अपने सगे-संबंधियों की कहने पर स्टॉक मार्केट में पैसे लगाना बेवकूफी से हो सकती है। यदि आप बाजार की स्थिति जानना चाहते हैं तो आप भारत में स्थित मुख्य दो स्टॉक एक्सचेंज जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की अधिकारिक वेबसाइट बाजार की स्थिति को आप लोग कर सकते हैं।

इसीलिए बाजार की स्थिति को देखकर तथा अपने आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्टॉक मार्केट में इंवेस्ट करने का फैसला लेना चाहिए।

  • शेयर से केवल लाभ ही मिलेगा इस आधार पर इंवेस्ट न करें

बहुत लोगों के मन‌ में यह बात होती है कि स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से उन्हें बहुत सारा शेयर्स प्राप्त होगा परंतु इसके पीछे कारण है और वो यह है कि स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से कम समय में ज्यादा लाभ केवल उन्हीं लोगों को होता है जो स्टॉक मार्केट की अच्छी समझ रखते हैं तथा उन्हें सालों का अनुभव होता है। नए निवेशकों के लिए बाजार में आते हैं अच्छे शेयर्स को प्राप्त करना थोड़ा मुश्किल है। परंतु नए निवेशक जैसे-जैसे बाजार की स्थिति तथा शेयर बाजार से संबंधित हर बात को समझते हैं उन्हें भी धीरे-धीरे लाभ प्राप्त होने लगता है।

  • स्टॉक तथा स्टॉक बाजार संबंधित सामान्य ज्ञान जरूरी

स्टॉक बाजार में प्रवेश से पहले आप बाजार में मौजूद प्रत्येक स्टॉक की थोड़ी बहुत जानकारी प्राप्त कर ले इससे आपको बाजार की स्थिति भी पता चल जाएगी तथा आपको अपना पैसा किस स्टॉक में लगाना है इसकी भी समझ हो जाएगी। स्टॉक बाजार में बहुत सारी कंपनियां मौजूद है अतः शुरुआत के लिए आपको बाजार में उपस्थित बेहतर कंपनियों के स्टॉक को खरीदना लाभकारी होगा।

  • Extra Savings को ही स्टॉक में लगाएं

बहुत से नए निवेशक स्टॉक मार्केट से मिलने वाले रिटर्न की चाह में अपनी वह जमा पूंजी स्टॉक में लगा देते हैं जो उनकी आर्थिक स्थिति को बिगाड़ देती हैं। इसीलिए स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते समय केवल Extra Savings को ही लगाएं ताकि अगर आपको जोखिम भी हो तो उसका असर आपकी Primary Savings पर न पड़े।

स्टॉक मार्केट में निवेश के दौरान आपकी मुलाकात ब्रोकर्स तथा स्टॉक मार्केट में स्थित कंपनियों से होती है ऐसे में कंपनियां आपको कई तरह के ऑफर जैसे लोन का प्रस्ताव आपके सामने रखती है इसमें वह आपको स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने के लिए लोन प्रदान करती है मगर ने निवेशकों के लिए ऐसा फैसला लेना एक बेवकूफी है क्योंकि जब भी स्टॉक मार्केट में मंदी आएगी तो आपके लगाए हुए पूंजी का बिगाड़ तो होगा ही और इसके अलावा ब्रोकर्स या कंपनियों से लिए हुए लोन की ब्याज दर भी आपको चुकानी पड़ेगी |

यदि आप एक अच्छी खासी नौकरी करते हैं तो बेशक ही आप सभी जांच पड़ताल के बाद इस तरह के लोगों को ले सकते हैं अन्यथा आप इस तरह के लोन ना ले।

  • स्टॉक मार्केट में देखा-देखी से मिलेगी हानि

काफी नए निवेशक अपने दोस्तों की शेयर बाजार में अच्छी स्थिति को देखकर स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं तो कुछ लोग दोस्तों तथा रिश्तेदारों के द्वारा स्टॉक मार्केट के केवल लाभ सुनने से स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए तैयार हो जाते हैं। यह करना बिल्कुल गलत है स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले आपको उसकी लाभ तथा हानि दोनों बातों से रूबरू होना जरूरी है क्योंकि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान लगी राशि आपकी है ना कि आपके दोस्तों की या आपके रिश्तेदारों की इसलिए जोखिम से बचने के लिए स्टॉक मार्केट से संबंधित हर छोटी से छोटी जानकारी को समझ लेना आवश्यक है।

नए इन्वेस्टर्स को स्टॉक मार्केट में उपस्थित केवल एक ही स्टॉक पर पैसा नहीं लगाना चाहिए बल्कि अन्य लॉन्ग टर्म तक लाभ देने वाले स्टॉक में भी पैसा लगाना चाहिए ऐसा करने से इससे बेहतर रिटर्न की आशा की जा सकती है।

  • किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें

नए इन्वेस्टर्स मार्केट में पैसा निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान लगाने की बहुत जल्दबाजी दिखाते हैं और रिटर्न मिलने पर वह उतनी ही तेजी में स्टॉक को बेच भी देते हैं परंतु ऐसा नहीं करना चाहिए स्थिति का आकलन करके ही स्टॉक को बेचना चाहिए।

कई बार निवेशक कंपनी के पुराने स्टॉक की स्थिति को देखकर स्टॉक मार्केट में निवेश कर देते हैं परंतु ऐसा करना गलत है। हमेशा निवेशकों को अपने द्वारा चुनी गई कंपनियों के वर्तमान स्थिति को देखकर ही स्टॉक को खरीदना चाहिए तथा स्टॉक से संबंधित उतार-चढ़ाव को पहले ही समझ लेना चाहिए ताकि जो कम होने पर आपको भावनात्मक रूप से ठेस ना पहुंचे।

  • स्टॉक मार्केट से केवल लाभ होगा ऐसा न सोचें

नए इन्वेस्टर्स को स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने की जितनी तीव्र इच्छा होती है उतने ही अच्छे रिटर्न की वह अपेक्षा भी करते हैं। स्टॉक मार्केट में लाभ होगा यह तो उसकी बाजार स्थिति से ज्ञात होता है मगर हर स्थिति में आपको लाभ होगा यह सोचना बेहद गलत है इसलिए स्टॉक मार्केट से मिलने वाले रिटर्न से आप सामान्य उम्मीद लगा कर चले।

इस आर्टिकल में हमने आपको स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते समय बरतने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी है उम्मीद करते हैं आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा इस आर्टिकल को अपने मित्रों एवं रिश्तेदारों के साथ शेयर करें ताकि वह स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले उसकी सावधानियों को हमारे आर्टिकल के माध्यम से अच्छे से समझ सके।

ULIP में निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान, टैक्स बचत के लिए आंख बंद कर ना करें निवेश – Navbharat Times

Ujjawal Duniya, is a leading Hindi newspaper published from Ranchi in Jharkhand. The nature of this Daily newspaper is fair for all cast and community.

What we can say that our sincere, determined team of journalists has changed the lifestyle of many people, suffering from various social and political injustices. In fact, we have started this Daily news paper in view to create awareness among people, who are less informed about the happening going around them in today’s life.

Vedanta : शुक्रवार को बोर्ड बैठक में हो सकता है बड़ा ऐलान, निवेशक इन 5 बातों का रखें ध्यान

Vedanta Board Meeting- 9 दिसंबर को वेदांता की बोर्ड बैठक होने वाली है. इस बैठक में पैसा जुटाने को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है.

अगर आपने वेदांता का शेयर खरीदा है तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 9 दिसंबर यानी शुक्रवार को बोर्ड बैठक होने जा रही है. इस बैठक में फंड जुटाने पर विचार हो सकता है. कंपनी NCDs के जरिए 500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है. अब आपको सबसे पहले एनसीडी के बारे में बताते हैं. NCD यानी Non Convertible Debentures होता हैं. इन्हें आमतौर पर कंपनियां ही जारी करती हैं. बड़े कॉर्पोरेट हाउसेस सीधे लोगों से लोन लेते हैं. इसके बदले कंपनी आपको एक टोकन देती है जिसमें आपके पैसे पर मिलने वाली ब्याज दर लिखी रहती है. जब आप एनसीडी में पैसा लगाते हैं तो आप किसी कंपनी या बड़े ऑर्गेनाइजेशन को डायरेक्टली पैसा उधार देते हैं. इसमें कंपनियां अक्सर एफडी में मिलने वाली ब्याज दर से ज्यादा इंटरेस्ट देती हैं.

(1) NCD दो तरह के होते हैं- सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड. सिक्योर्ड एनसीडी में जब कंपनी आपसे पैसा लेती है तो उसके बदले में कोई असेट गिरवी रखती है.

(2) अगर कंपनी ने 500 करोड़ के एनसीडी जारी किए हैं तो उसके बदले में वह असेट अलॉट करेगी, कि अगर किसी वजह से वह लोगों का पैसा नहीं चुका पाती है तो उसके असेट को बेचकर लोगों के पैसे की भरपाई होती है.

(3) अनसिक्योर्ड एनसीडी में कंपनी लोगों के पैसों के बदले कोई असेट अलॉट नहीं करती है. इसमें अगर कंपनी आपका पैसा नहीं लौटा पाती है, तो किसी और तरीके से आपके पैसे की भरपाई नहीं हो पाती है. इसलिए निवेश से पहले हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आप सिक्यार्ड एनसीडी में ही पैसा लगा रहे हैं. NCD में निवेश के लिए कंपनी की रेटिंग्स भी चेक करना जरूरी है. यह सबसे जरूरी प्वाइंट है. हमेशा अपना पैसा AAA रेटिंग वाली कंपनी में ही लगाएं. इन कंपनियों में डिफॉल्ट होने के चांस बेहद कम रहते हैं.

(4) NCD में बेशक आपको बेहतर इंटरेस्ट मिलता है, लेकिन इसमें रिस्क भी रहता है. इसलिए एफडी के मुकाबले सिर्फ एक या डेढ फीसदी ज्यादा ब्याज मिले तो आपके लिए एनसीडी अच्छा विकल्प नहीं होगा. क्योंकि टैक्स निकालने के बाद आपका प्रॉफिट बेहद कम रह जाएगा.

(5) एनसीडी इस मामले में भी काफी बेहतर होता है कि आप इसे स्टॉक मार्केट में बेच भी सकते हैं. जबकि आप एफडी के मैच्योर होने से पहले अगर उसे बेचने जाते हैं तो कई तरीके के टैक्स आपको देने पड़ते हैं. एनसीडी के मामले में ऐसा नहीं है, इसलिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

stock market मैं निवेश करने से पहले 10 बातों का रखें ध्यान

Stock market

किसी भी कम्पनी में इंवेस्ट करने से पहले उसके बारे में हमे पूरी रीसर्च कर लेनी चाहिएं, नही तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। आज इस पोस्ट मैं हम आपको बताएंगे. मल्टीबैगर स्टॉक को कैसे चुने आगे बढ़ने से पहले आपको बता दू इस पोस्ट में कुछ चीजों को डिटेल में समझाया गया है. इंसलिए पोस्ट निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान थोड़ी लम्बी हो सकती है।

स्टॉक सेलेक्ट करने से पहले आपको इन 10 चीजों का ध्यान रखना चाहिए

1. Type of Business - जिस भी कम्पनी के स्टोक्स को आप सेलेक्ट करने जा रहे हो वह कंपनी किस टाइप का बिजनेस करती है. क्या वो growing बिजनेस हैं. क्योंकि आप तभी पैसे कमा सकते हो जब कंपनी आगे ग्रो हो सकती है. यदि कोई कंपनी अभी फंडामेंटली अच्छी है. पर आगे जाकर उसका बिजनेस कम हो सकता है. या बंद हो सकता है. तो आपको आगे जाकर नुकसान ही होगा

उदाहरण के तौर पर अगर बात करें तो यदि आप किसी प्लास्टिक बनाने वाली कंपनी में इन्वेस्ट करोगे तो आपके पैसे डूबने ही है. क्योंकि दुनिया भर में प्लास्टिक बैन किया जा रहा है. और इसका कई अल्टरनेटिव ढंढा जा रहा है.

इसके अंदर आपको थोड़ा अपना कॉमन सेंस यूज करना होगा और देखना होगा. कि कम्पनी का बिजनेस क्या आगे ग्रो हो सकता हैं.

2. Market Capitalisation - इसमें आपको यह देखना होगा कि कम्पनी small cap , मिड कैप है. या लार्ज कैप क्यूंकि यदि आप स्मॉल कैप कम्पनी में इंवेस्ट करते हो तो उसके ग्रो होने के चांस बहुत ज्यादा है. परंतु लॉस चांस भी ज्यादा हैं.

3. Profit Growth- इसमें यह देखना हैं की क्या उस कम्पनी का प्रॉफिट हर साल बढ़ रहा हैं। क्या time के साथ घट तो नही रहा या फिर मेटेंन है। आपको यह चीज देखना बहुत जरूरी है. क्योंकि कम्पनी का प्रॉफिट यदि बढ़ रहा हैं. तो इसका मतलब कम्पनी भी बड़ेगी और उसके शेयर की प्राइस भी बढ़ेगी। प्रॉफिट यदि घटा तो आपको भी लॉस होगा। इस चीज़ को पता करने के लिए आप कम्पनी के पिछले 3-4 सालो के प्रॉफिट को कंपेयर करके देख सकते हैं. और उसके Quater रिजल्ट को कंपेयर करके देख सकते हैं।

4. Debt ( कर्ज ) - अब आपने प्रॉफिट देख लिया है। तो आपको यह भी देखना है की कम्पनी पर कर्ज कितना हैं। यह नहीं की कम्पनी 10 हजार करोड़ की हैं। और उस पर कर्ज 20 हजार करोड़ का हैं।

5. ROE- Return on Equity आपको में सिंपली बताऊं तो यदि किसी कम्पनी का ROE 15 से ज्यादा है. तो वह अच्छा माना जाता हैं।

7. Free Cash Flow- यानी कम्पनी के पास एक्स्ट्रा कैश कितना हैं जिसे कम्पनी अपने को ग्रो करने में लगा सकती हैं. और डिविडेंड पे कर सकती हैं। और भी अन्य कार्य कर सकती हैं।

8. Promoter होल्डिंग- प्रमोटर वो होते हैं. जिन्होंने कंपनी को बनाया है. मेरे अनुसार आपको उन कंपनियों को अनदेखा करना चाहिए, जिनकी प्रमोटर होल्डिंग 45 % से कम है।

9. PE Ratio - यह जितना कम होता हैं उतना अच्छा माना जाता हैं। यह एक ही सेक्टर की 2 कंपनियों की तुलना करने के लिए इस्तेमाल होता हैं। और यह नेगेटिव नही होना चाहिए ना ही बहुत कम होना चाहिए।

10. News - न्यूज भी शेयर की प्राइस ऊपर बढ़ाने और नीचे गिराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यदि न्यूज़ अच्छी है. तो शेयर की प्राइस ऊपर चली जाती है. दी न्यूज बुरी है. तो शेयर की प्राइस नीचे आ जाती है,

आईपीओ : इन बातों का रखें ध्यान

डॉट कॉम बबल के समय निवेशक किसी भी आईपीओ में पैसा लगा कई गुना कर सकते थे. तब से अब तक आईपीओ का आकर्षण काफी कम हो गया है. पर आज भी सही मूल्यांकन कर अगर आईपीओ में निवेश किया जाए तो यह फ़ायदे का सौदा हो सकता है. अगर आपने मन बना लिया है तो आईपीओ के दौरान इन बातों का ध्यान रखें:

1. निष्पक्ष मूल्यांकन मिलना कठिन है

प्राइवेट कंपनियों से जुडी सूचनाएं मिलना आसान नहीं होता. पब्लिक कंपनियों को तो कई एनालिस्ट खंगालते रहते हैं, पर नई कंपनियों को अपना लेखा-जोखा सार्वजानिक नहीं करना पड़ता. यों तो प्रॉस्पेक्टस में सभी सूचनाएं होती हैं, पर यह ध्यान रखना चाहिए कि उसे कंपनी ने खुद ही लिखा होता है - किसी निष्पक्ष संस्था ने नहीं.

आप इन्टरनेट की मदद से कंपनी और उनके प्रतिद्वंद्वियों के बारे में पता लगा सकते हैं. पता लगाएँ कि पिछली पूँजी कहाँ से लाई गई थी. उनकी पुरानी प्रेस विज्ञप्तियां जांचें और उनके सेक्टर की संभावनाओं को भी जांचें. आप कंपनी के बारे में जितना अधिक जान पाएं, उतना बेहतर. यह भी हो सकता है कि आपको कुछ ऐसी जानकारी मिले कि कंपनी में फिलहाल निवेश न करना ही श्रेयस्कर लगे.

2. वही आईपीओ चुनें जिसे स्थापित अंडरराइटर लाए हों

ऐसा नहीं है कि स्थापित अंडरराइटर कभी बुरी डील लेकर न आते हों, पर आमतौर पर अच्छे इन्वेस्टमेंट बैंक अच्छी कंपनियों के साथ ही काम करते हैं. अगर आप किसी ऐसे आईपीओ निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान में निवेश करना चाह रहे हैं जिसे कोई छोटे अंडरराइटर पेश कर रहे हैं, तो आपको अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए, क्योंकि कंपनी चुनने के उनके मापदंड ज्यादा कठोर नहीं होते. आप ही सोचिए- गोल्डमैन साक्स तो क्लाइंट ठुकरा सकती है पर छोटे-मोटे अंडरराइटर को पैसे कमाने के इतने मौके कहाँ मिलेंगे?

3. प्रॉस्पेक्टस ज़रूर पढ़ें

पहले हम कह निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान चुके हैं कि प्रॉस्पेक्टस पर आँख मूँद कर भरोसा नहीं किया जा सकता. फिर भी उसे ध्यान से पढ़ना ज़रूरी है. यह काम काफी उबाऊ लग सकता है, पर कंपनी क्या जोखिम उठा रही है और किन अवसरों पर अपने प्रयास केन्द्रित कर रही है, यह यहीं से जाना जा सकता है. आईपीओ से जुटाई राशि का उपयोग कहाँ होगा, यह भी प्रॉस्पेक्टस में लिखा होता है.

उदाहरण के लिए अगर सारी ही राशि ऋण उतारने में लगाईं जा रही है - तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. जिस कंपनी को ऋण चुकाने के लिए बाज़ार से पैसा लेना पड़ रहा है, वह भला आपके पैसे कैसे चुकाएगी? अनुसन्धान, नए क्षेत्रों में प्रवेश अथवा नए उपकरणों पर पूँजी का उपयोग बेहतर कहा जा सकता है. साथ ही, आय के अनुमानों को भी करीब से जांचें. अगर ये अविश्वसनीय हों, तो ऐसे आईपीओ से सावधान रहें.

4. सावधानी बरतें

आईपीओ से जुडी हर चीज़ को संदेह से देखें. हम पहले भी कह चुके हैं कि आईपीओ से जुडी बहुत कम सूचनाएं निष्पक्ष होती हैं - ऐसे में आपको हर सूचना को थोड़े संदेह के साथ ही देखना चाहिए. अगर आपको अंडरराइटर कह रहा है कि शेयर खरीदें, तो अधिक सतर्कता बरतिए! कोई भी अंडरराइटर वैयक्तिक निवेशक को आईपीओ नहीं बेचता - अगर ऐसा हो रहा है तो शायद संस्थागत निवेशकों ने इस आईपीओ में रूचि नहीं दिखाई है और अब आपको ये बेकार शेयर बेचे जा रहे हैं.

यहाँ हम बता दें कि अगर आईपीओ किसी अच्छी कंपनी का होगा तो मुमकिन है कि आपको एक लॉट से अधिक शेयर न मिले. इसलिए ओवरसब्सक्राइब होने वाले आईपीओ में एक से अधिक आवेदन दें - अलग अलग अकाउंट से.

5. लॉक-अप अवधि तक रुक जाएं?

आईपीओ में निवेश से पहले यह सोचें कि अभी निवेश करने के बजाय लॉक-अप अवधि के अंत होने पर जब शेयर की दरों में गिरावट आएगी, तब क्यों न शेयर खरीदें जाएं. अगर आप लंबी अवधि के निवेश में विश्वास रखते हैं, तो यह रणनीति अच्छी हो सकती है - और उस समय तक कंपनी के बारे में अधिक सूचना भी आपको मिल जाएगी. हाँ, अगर आप केवल “लिस्टिंग गेन्स” के लिए आईपीओ में निवेश करना चाहते हों, तो बात और है. पर इस बारे में विचार अवश्य करें.

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