जो बच्चे मोबाइल या लैपटॉप के जरिए पढ़ रहे हैं, उन्हें न तो स्कूली वातावरण मिल रहा है और न ही वे टीचरों के साथ अच्छे से जुड़ पा रहे हैं। इसी के चलते ट्यूशनों की जरूरत एकाएक बढ़ गई। अधिकांश अभिभावक ऑनलाइन क्लासों के साथ-साथ ट्यूशन पढ़ाने वालों का भी सहारा ले रहे हैं। लेकिन यह कोई नहीं समझा पा रहा है, कि जो बच्चे स्कूल में भी नहीं पढ़ते थे, वे ऑनलाइन माध्यमों से कैसे पढ़ाई पूरी कर पाएंगे। फिर BSE ऐप के फायदे और नुकसान ट्यूशन का बोझ हमेशा से अभिभावकों की जेब पर डाका डालता रहा है। इस साल की शुरुआत में आई एनएसएसओ की सर्वे रिपोर्ट ने भी माना है कि भारतीय परिवारों की कमाई का एक तिहाई हिस्सा बच्चों की अतिरिक्त शिक्षा यानी ट्यूशन BSE ऐप के फायदे और नुकसान पर खर्च होता है।

BSE ऐप के फायदे और नुकसान

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TCS, Tata Steel को सबसे ज्यादा नुकसान, बैंकों के शेयर चढ़े, Sensex 326 अंक मजबूत

इससे पहले शुक्रवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स BSE ऐप के फायदे और नुकसान 111.01 (0.21 फीसदी) के नुकसान के साथ 52,907.93 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 28.20 अंक (0.18 फीसदी) के मामूली नुकसान के साथ 15,752.05 अंक पर रहा था.

बाजार ने की स्थिर शुरुआत

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2022,
  • (अपडेटेड 04 जुलाई 2022, 3:47 PM IST)
  • ग्लोबल मार्केट में मिला-जुला रुख
  • टाटा के शेयरों में ज्यादा गिरावट

Stock Market Today: हालिया रिकवरी के बाद भी घरेलू शेयर बाजार (Share Market) पर प्रेशर बना हुआ है. टाटा समूह (Tata Group) की ब्लू चिप कंपनियों के शेयरों में शुरुआती कारोबार में गिरावट देखी जा रही है. इस कारण बाजार ने इस सप्ताह की शुरुआत लगभग स्थिर होकर की है. प्री-ओपन सेशन की हल्की गिरावट से उबर कर बाजार ने सोमवार के कारोबार की शुरुआत मामूली फायदे के साथ की. दिन के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) दोनों वोलेटाइल रहे. हालांकि कारोबार समाप्त होने के बाद दोनों इंडेक्स फायदे में रहे.

प्री-ओपन सेशन में गिरा हुआ था बाजार

घरेलू बाजार आज प्री-ओपन सेशन (Pre-Open Session) के दौरान नुकसान में था. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्री-ओपन सेशन में गिरावट में थे. सिंगापुर में एसजीएक्स निफ्टी (SGX Nifty) भी नुकसान के साथ कारोबार कर रहा था, जिससे इस बात के संकेत मिल रहे थे कि आज घरेलू शेयर बाजार कारोबार की फ्लैट या घाटे में शुरुआत कर सकता है. सुबह के 09:30 बजे सेंसेक्स करीब 30 अंक गिरकर 52,900 अंक से नीचे कारोबार कर रहा था. निफ्टी भी करीब 30 अंक के नुकसान के साथ 15,720 अंक से नीचे कारोबार कर रहा था.

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आज का दिन बाजार के लिए वोलेटाइल रहा. सेंसेक्स और निफ्टी सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव करते रहे. हालांकि बाजार ने कारोबार की समाप्ति फायदे के साथ की. सेशन समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 326.84 अंक (0.62 फीसदी) के फायदे के साथ 53,234.77 अंक पर बंद हुआ. वहीं एनएसई निफ्टी 83.30 अंक (0.53 फीसदी) के लाभ के साथ 15,835.35 अंक पर रहा.

इन शेयरों के भाव में उथल-पुथल

आज के कारोबार सेंसेक्स की कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर का शेयर सबसे ज्यादा 4.03 फीसदी के फायदे में रहा. इंडसइंड बैंक करीब 3 फीसदी की बढ़त में रहा. आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक और पावरग्रिड कॉरपोरेशन के शेयर भी 2-2 फीसदी से ज्यादा मजबूत हुए. वहीं दूसरी ओर टाटा समूह का टीसीएस स्टॉक सबसे ज्यादा 2.46 फीसदी गिरा. टाटा स्टील में भी 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई.

कल ऐसा रहा था बाजार का ट्रेंड

इससे पहले शुक्रवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 111.01 (0.21 फीसदी) के नुकसान के साथ 52,907.93 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 28.20 अंक (0.18 फीसदी) के मामूली नुकसान के साथ 15,752.05 अंक पर रहा था. गुरुवार को सेंसेक्स करीब 08 अंक गिरकर 53,018.94 अंक पर बंद हुआ था. इससे पहले बुधवार को सेंसेक्स 150.48 अंक (0.28 फीसदी) के नुकसान के साथ 53,026.97 अंक पर और निफ्टी 51.10 अंक (0.32 फीसदी) गिरकर 15,799.10 अंक पर बंद हुआ था.

ग्लोबल मार्केट में मिला-जुला ट्रेंड

आज ग्लोबल मार्केट में भी मिला-जुला रुख बना हुआ है. शुक्रवार को डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Indutrial Average) 1.05 फीसदी की तेजी में रहा था. टेक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट (Nasdaq Composite) में 0.90 फीसदी और एसएंडपी 500 (S&P 500) में 1.06 फीसदी की तेजी रही थी. आज एशियाई बाजारों में जापान का निक्की (Nikkei) 0.65 फीसदी के फायदे के साथ कारोबार कर रहा है. वहीं हांगकांग का हैंगसेंग (Hangseng) 0.67 फीसदी की गिरावट में और चीन का शंघाई कंपोजिट (Shanghai Composite) 0.14 फीसदी के मामूली फायदे में है.

ऐप बेस्ड शिक्षा के फायदे कम नुकसान ज्यादा

लेखक: रमेश ठाकुर।।
कोरोना के साथ ही स्टूडेंट्स के लिए जो मोबाइल ऐप आधारित कक्षाएं शुरू हुई हैं, उसके कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। पहला तो यही कि जिनके पास इन कक्षाओं से कनेक्ट होने की हैसियत नहीं है, या जिनका इंटरनेट स्लो है, वे ऐसी शिक्षा व्यवस्था से कोसों दूर हैं। इसके अलावा बच्चे पढ़ने के बहाने मोबाइल या लैपटॉप पर गेम्स खेलते हैं। ऐसे भी कई समाचार हैं, जिनमें भरी कक्षा में मोबाइल ऐप को हैक किया गया और उसमें पॉर्न फिल्म चलाई गई।

डिजिटल क्लासेस सबसे पहले जूम ऐप पर चलाई गईं, जिसके हैक होने की कई शिकायतें आईं। अप्रैल के महीने में दिल्ली में जब इसी ऐप से ऑनलाइन क्लास चल रही थी, तो सिलेबस की जगह अचानक पॉर्न फिल्म चलने लगी। इसके तुरंत बाद चंडीगढ़ में भी ऐसी घटना घटी। वहां टीचर ऐप के जरिए 10वीं के करीब 45 छात्र-छात्राओं को पढ़ाना शुरू करने वाली थीं कि तभी छात्रों के मोबाइल स्क्रीन पर पॉर्न फिल्म चलने लगी। जूम ऐप के बारे में टीचर को ज्यादा जानकारी नहीं थी। इसीलिए पांच मिनट तक कुछ समझ में ही नहीं आया और तब तक फिल्म चलती रही। पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि ऐप को हैक किया गया। हैकिंग की यह खबर सिर्फ भारत की ही नहीं है, दुनिया भर से ऐसी कई घटनाओं के समाचार हैं।

हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस ऐप को लेकर अप्रैल में ही गाइडलाइंस जारी की थीं, जिसके बाद शिक्षण संस्थाओं ने इसका प्रयोग करना बंद कर दिया। इसकी जगह अब वे माइक्रोसॉफ्ट टीम, गूगल मीट BSE ऐप के फायदे और नुकसान आदि जैसे एप का इस्तेमाल कर रही हैं तो ट्यूशन देने वाले कभी-कभार बच्चों को पढ़ाने के लिए वॉट्सऐप भी चला लेते हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की ऑनलाइन क्लासेस सफल नहीं हो पा रही हैं, क्योंकि वहां इंटरनेट कनेक्टिविटी की बड़ी समस्या है। ऐसी क्लासेस के चलते कम पढ़े-लिखे पैरंट्स भी खूब परेशान होते दिख रहे हैं। कोरोना ने कमाई कम कर दी है, फिर भी उन्हें स्मार्ट फोन, लैपटॉप या टैबलेट अरेंज करने पड़ रहे हैं।

E-learning platforms slowly changing Indian education landscape .

जो बच्चे मोबाइल या लैपटॉप के जरिए पढ़ रहे हैं, उन्हें न तो स्कूली वातावरण मिल रहा है और न ही वे टीचरों के साथ अच्छे से जुड़ पा रहे हैं। इसी के चलते ट्यूशनों की जरूरत एकाएक बढ़ गई। अधिकांश अभिभावक ऑनलाइन क्लासों के साथ-साथ ट्यूशन पढ़ाने वालों का भी सहारा ले रहे हैं। लेकिन यह कोई नहीं समझा पा रहा है, कि जो बच्चे स्कूल में भी नहीं पढ़ते थे, वे ऑनलाइन माध्यमों से कैसे पढ़ाई पूरी कर पाएंगे। फिर ट्यूशन का बोझ हमेशा से अभिभावकों की जेब पर डाका डालता रहा है। इस साल की शुरुआत में आई एनएसएसओ की सर्वे रिपोर्ट ने भी माना है कि भारतीय परिवारों की कमाई का एक तिहाई हिस्सा बच्चों की अतिरिक्त शिक्षा यानी ट्यूशन पर खर्च होता है।

कहने को तो निजी स्कूल बाहर से टयूशन लेने को मना करते हैं, पर बढ़ते कॉम्पिटिशन और ज्यादा अंक लाने की लालसा बच्चों और अभिभावकों को कोचिंग तंत्र के समक्ष नतमस्तक होने पर मजबूर कर देती है। इसके अलावा कामकाजी परिवारों के बच्चे अक्सर स्कूली होमवर्क पूरा नहीं कर पाते। ऐसे बच्चों के लिए टयूशन दिलवाना जरूरी भी हो जाता है। गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे कुछ सब्जेक्ट तो ऐसे हैं, जिनके लिए पैरंट्स प्रफेशनल ट्‌यूटरों का इंतजाम करते ही हैं, भले कितनी ही मजबूरी हो।

ऑनलाइन क्लासों के बहाने बच्चे अब पूरे दिन मोबाइलों से चिपके रहते हैं और गेम, पबजी आदि खेलते रहते हैं। पबजी के चलते तो कई घटनाएं भी होने लगी हैं। स्क्रीन बच्चों की आंखें भी खराब करती है, तो मोबाइल फोन का रेडियेशन उनके शारीरिक विकास में बाधा बनता है। पिछले हफ्ते भारत में हुए एक सर्वे में 80 फीसद से अधिक अभिभावकों ने माना कि लॉकडाउन में उनके बच्चों का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है, जिससे वे चिंतित हैं। इन्हीं सब दुष्परिणामों के चलते कर्नाटक और मध्य प्रदेश ने तो पांचवीं तक के छात्रों के लिए इस महीने से ऑनलाइन क्लासों पर रोक लगा दी है, बाकी राज्यों को भी जितनी जल्द समझ आ जाए, उतना अच्छा!

आपके पास एक से ज्यादा Demat अकाउंट? जानिए इसके फायदे और नुकसान, क्या नए नियम का इस पर पड़ेगा असर

More Than one demat account: एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट होने पर क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है. इस खबर में पढ़िए कि एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान हैं.

नॉमिनेशन फॉर्म भर लेना होगा. अगर ऐसा नहीं किया तो डीमैट खाते से शेयर बिक्री पर रोक लग जाएगी. अगर ये नॉमिनेशन या डिक्लेरेशन नहीं देना है तो इसके लिए भी आपको अलग से एक फॉर्म भरना होगा. 1 अक्टूबर से नए खाते खोलने पर ये फॉर्म भरना होगा.

बता दें कि शेयर बाजार (Share Market) में पैसा लगाना है तो आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) जरूर होना चाहिए. इसके बिना आप म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में तो निवेश कर सकते हैं लेकिन मार्केट में पैसा नहीं लगा सकते. अब सवाल ये पैदा होता है कि क्या किसी के पास एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट हो सकते हैं. इसका जवाब है - हां. कोई भी एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट में अपनी होल्डिंग्स या शेयर्स रख सकता है.


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ऐसा करने से आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी. जैसे आप कई सारे सेविंग्स अकाउंट रखते हो, वैसे ही एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रख सकते हो. यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि आप एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट को खोल सकते हैं लेकिन एक ही डिपॉजिटरी या बैंक में नहीं खोल सकते. आइए जानते हैं कि एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने पर क्या नफा-नुकसान हो सकता है.

एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने के फायदे

एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने के कोई खास फायदे नहीं है. हां अलग-अलग ब्रोकरेज हाउस की अलग-अलग सुविधाएं हो सकती हैं. इसके अलावा आप अपनी लंबी और छोटी अवधि के निवेश को अलग से ट्रैक कर सकते हैं. इससे कंफ्यूजन नहीं होगा और आप शेयरों की खरीद-बिक्री को लेकर काफी सतर्क रहेंगे. अगर आप एक्टिव ट्रेडर हैं तो आपको एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने पर आसानी होगी.

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