ई-कॉमर्स ( E-commerce ) क्या है ? पूरी जानकारी
इसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है क्योंकि जो समान व्यक्ति पहले बाजार से जाकर लाया करता था अब उसकी जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि वह घर बैठे ही अपनी मनचाही वस्तु को सस्ते दाम में खरीद लेता है। आज की दुनिया में इसका बहुत बड़ा उपयोग है एवं इसे किसी भी प्रकार से हटाया नहीं जा सकता कॉमर्स का प्रकार क्योंकि यह लोगों की जिंदगी में अंदर तक घुस चुका है।
यह आने वाले समय में भी बहुत उपयोग में होगा और इसकी लोकप्रियता कभी खत्म नहीं होने वाली। हालांकि फिर भी ई-कॉमर्स के बहुत कॉमर्स का प्रकार कॉमर्स का प्रकार सारे फायदे और नुकसान हैं जिसे हम इस लेख में आगे पढ़ेंगे और विस्तार से समझेंगे।
लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें ताकि आप यहां से सभी महत्वपूर्ण जानकारी लेकर जाएं।
ई-कॉमर्स क्या है?
ई-कॉमर्स का संक्षिप्त नाम इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स है। अर्थात इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से वस्तुओं का विनिमय करना, वस्तुओं को बेचने या खरीदने कि प्रक्रिया E-Commerce के अन्तर्गत ही आती है।
- इसके व्यापार एवं लोकप्रियता को बढ़ाने में इंटरनेट का बहुत बड़ा रोल है।
- इस के जरिये हम कई तरह के उत्पादों एवम् सेवाओं का क्रय विक्रय कर सकते है,
- इस पर हम बाजार से अधिक प्रोडक्ट्स देख सकते है तथा
- उन्हें आपस में Compare कर अपने लिए श्रेष्ठ उत्पाद या सेवा चुन सकते है।
ई-कॉमर्स के प्रकार
ई-कॉमर्स के बहुत से प्रकार है परंतु मुख्यतः इस के तीन प्रकार होते हैं जिनमें बिजनेस टू बिजनेस, कॉमर्स का प्रकार बिजनेस टू कस्टमर और कस्टमर टू कस्टमर शामिल है।
Business to Business:
जब एक बिजनेस किसी दूसरे बिजनेस से इंटरनेट या इलैक्ट्रॉनिक माध्यम से वस्तु खरीदता खरीदता या बेचता है, तो इस प्रकर दो व्यवसायों कॉमर्स का प्रकार के बीच की गई लेनदेन की प्रक्रिया को Business 2 Business यानी B2B कहा जाता है। सामान्यतः एक manufacturer और wholesaler या wholesaler और retailer बीच होने वाला लेनदेन b2b के तहत आता है।
Business कॉमर्स का प्रकार to Customer:
ई-कॉमर्स की दुनिया में बिजनेस टू कस्टमर महत्वपूर्ण प्रकार है।
इसका प्रयोग 80 से 90% किया जाता है, इस प्रकार के ई कॉमर्स में कोई बिजनेस सीधे कस्टमर को अपनी चीजें सेल करती हैं।
- अमेजॉन ( Amazon )
- फ्लिपकार्ट ( Flipkart )
- Ebay
- Ajio
- Myntra
यह कुछ प्रमुख साइट है जो सीधे कस्टमर को वस्तुएं खरीदने में मदद करती हैं।
अमेजॉन आपका एक बिज़नस है और उसके वेबसाइट पर सामान खरीदने के लिए जो लोग आ रहे हैं वह कस्टमर है जिसकी वजह से अगर कोई अमेजॉन से सामान खरीदता है तो इस स्थिति में बिजनेस टू कस्टमर वाली पद्धति लागू होगी।
इसके भी बहुत सारे आयाम है जिस पर हम कभी विस्तार से चर्चा करेंगे।
Customer 2 customer
इसके अंतर्गत विक्रेता इलेक्ट्रोनिक माध्यम से किसी व्यक्ति से सामान खरीद और बेच सकता है इस प्रकार के ई-कॉमर्स में खरीदी गई वस्तु का मूल्य बाजार से बहुत कम होता है और सामान्यतः वह वस्तु इस्तेमाल की गई होती है।
और अन्य वेबसाइटों द्वारा इस प्रकार के ई-कॉमर्स का प्रयोग किया जाता है जिसके अंतर्गत कोई एक व्यक्ति कस्टमर की जानकारी निकाल कर उससे संपर्क कर सकता है और अपनी वस्तु को बेचा या खरीद सकता है।
आपने कई बार विज्ञापन देखा होगा कि ओएलएक्स पर सामान भेज दो और पैसा कमाओ।
इसमें यही होता है कि आप कोई भी इस्तेमाल की हुई चीज जो आपके काम की अब नहीं रही परंतु उसमें अब भी दम है तो आप उसे ऑनलाइन लिस्ट कर सकते हैं। और जब कोई कस्टमर आपके सामान को खरीदेगा तो ऐसी स्थिति में कस्टमर टू कस्टमर का इकॉमर्स होगा।
ई-कॉमर्स का प्रयोग
ई-कॉमर्स की शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी।
यह हमारे लिए बहुत उपयोगी है, आज देश में लगभग 70 करोड इंटरनेट यूजर हैं, इस से समझा जा सकता है कि ई-कॉमर्स का कितना प्रयोग हो रहा है।
- इस के जरिए विक्रेता आसानी से खरीदारों से संपर्क कर सकते हैं। और कम समय में नए कस्टमर को ढूंढ सकते हैं, ई-कॉमर्स का प्रयोग व्यापार को बढ़ाने के लिए बहुत ही उपयोगी है, ई-कॉमर्स के जरिए आप 24*7अपनी वस्तु या,सेवा को बेचा खरीद कॉमर्स का प्रकार सकते हैं।
- इस के जरिए आप घर बैठे, विभिन्न प्रकार की चीजों को देखकर उन्हें खरीद सकते हैं, ई-कॉमर्स का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप, अपनी वस्तुओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बेच सकते हैं,या कहा जाए तो आप अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भी कर सकते हैं।
- ई-कॉमर्स का उपयोग करना, समय बचाने वाला तो है ही साथ ही ई-कॉमर्स साइट्स में कभी-कभी डिस्काउंट भी मिलता है जो बाजार में सामान्यतः नहीं देखने को मिलता है।
- अगर आप अपना बिजनेस खोलना चाहते हैं तो ई-कॉमर्स का इस्तेमाल आपको करना ही पड़ेगा नहीं तो आप मार्केट में टिक नहीं पाएंगे और आप कभी अपना बिजनेस सेट नहीं कर पाएंगे। किसी भी बिजनेस को खड़ा करने में इसका बहुत बड़ा हाथ होता है और इसका उपयोग बिजनेसमैन द्वारा संपूर्ण रूप से किया जाता है।
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अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नीचे दिए गए पोस्ट को अवश्य पढ़ें था कि आपका इंटरनेट की दुनिया में और समझ बढ़ सके.
निष्कर्ष
ई-कॉमर्स आज के जमाने में सभी के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है और इसका इस्तेमाल आने वाले दिनों में बढ़ता ही चला जाएगा क्योंकि अब पूरी दुनिया डिजिटल हो रही है और सभी समान आपको ऑनलाइन देखने को मिल जाते हैं।
इसके माध्यम से कोई कॉमर्स का प्रकार भी व्यक्ति घर बैठे ऑनलाइन सामान ऑर्डर कर सकता है और घर बैठे ही अपने मनचाही वस्तु को प्राप्त कर सकता है वह भी कम दाम में। इसलिए इसका इस्तेमाल आने वाले समय में बढ़ेगा और अगर आप इस बिजनेस में जरा सा भी उत्सुकता रखते हैं तो आपको ई-कॉमर्स के सभी प्रकार और आयामों को ध्यान पूर्वक समझना चाहिए।
हमने प्रयास किया है कि आपको सभी प्रकार कॉमर्स का प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी यहां पर मिल जाए परंतु अगर अभी भी कुछ शेष रह गया हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं, हम जल्द से जल्द इस लेख में सुधार करेंगे और जानकारी उपलब्ध कराएंगे। आप अपनी तरफ से भी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दे सकते हैं जो औरों के लिए मददगार साबित हो सकती है।
डेली न्यूज़
सरकार ने ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर दी जाने वाली भारी छूट की निगरानी के लिये सभी प्रकार "फ्लैश सेल" पर प्रतिबंध लगाते हुए उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम [Consumer Protection (e-commerce) Rules] 2020 में बदलाव प्रस्तावित किये हैं।
प्रमुख बिंदु
परिवर्तन के मूल कारण:
-
प्लेटफॉर्म पर तीसरे पक्ष के विक्रेताओं द्वारा पारंपरिक फ्लैश बिक्री/सेल पर प्रतिबंध नहीं है।
- छोटे व्यवसायियों द्वारा अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस द्वारा बाज़ार प्रभुत्व के दुरुपयोग और भारी छूट की शिकायत की जाती रही है।
- उपभोक्ता मामले मंत्रालय को ई-कॉमर्स इकोसिस्टम में व्यापक धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ कई शिकायतें भी मिलती रही हैं।
- कुछ ई-कॉमर्स संस्थाएँ 'बैक-टू-बैक' या 'फ्लैश' सेल लाकर उपभोक्ताओं की पसंद को सीमित करती हैं , जिसमें प्लेटफॉर्म पर बेचने वाला कोई विक्रेता इन्वेंट्री या ऑर्डर को पूरा करने की क्षमता नहीं रखता है बल्कि प्लेटफॉर्म द्वारा नियंत्रित दूसरे विक्रेता के साथ केवल 'फ्लैश या बैक-टू-बैक' ऑर्डर पूरा करता है।
प्रस्तावित संशोधन:
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये मुख्य अनुपालन अधिकारी (Chief Compliance Officer- CCO) की नियुक्ति, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ 24x7 समन्वय के लिये एक नोडल संपर्क व्यक्ति, उनके आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये अधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव किया गया है।
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिये स्थायी रूप से रहने वाले शिकायत अधिकारी (Resident Grievance Officer) की नियुक्ति का भी प्रस्ताव किया गया है, जिसे कंपनी का एक कर्मचारी तथा भारत का नागरिक होना चाहिये।
- तरजीही व्यवहार की बढ़ती चिंताओं से निपटने के लिये, नए नियमों में यह सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है कि किसी भी संबंधित पक्ष को 'अनुचित लाभ' पहुँचाने हेतु किसी भी प्रकार की उपभोक्ता जानकारी (ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से) का उपयोग करने की अनुमति न हो।
- प्रस्तावित संशोधनों में ऐसी व्यवस्था की बात कही गई है कि जब एक ई-कॉमर्स इकाई आयातित वस्तुओं या सेवाओं की पेशकश करे, तो उसके मूल देश की पहचान करने हेतु एक फिल्टर तंत्र हो।
- साथ ही घरेलू सामानों के लिये उचित अवसर सुनिश्चित करने हेतु विकल्प सुझाए जाएंगे।
प्रस्तावित संशोधनों का महत्त्व:
- ये संशोधन अधिनियम के प्रावधानों और नियमों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करेंगे तथा ई-कॉमर्स संस्थाओं से संबंधित शिकायत निवारण तंत्र को भी मज़बूती प्रदान करेंगे।
- संशोधन का यह प्रस्ताव इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है जब भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (Competition Commission of India- CCI) द्वारा बाज़ार प्रभुत्व के कथित दुरुपयोग और ऐसे विक्रेताओं को तरजीही देने के संदर्भ में बड़े ई-कॉमर्स बाज़ारों की जाँच की जा रही है जिसमें वे अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी रखते हैं।
ई-कॉमर्स
- इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या ई-कॉमर्स एक व्यवसाय मॉडल है जो फर्मों और व्यक्तियों को इंटरनेट के माध्यम से चीजें खरीदने एवं बेचने की सुविधा देता है।
- स्मार्टफोन की बढ़ती पहुँच, 4जी नेटवर्क के लॉन्च और बढ़ती उपभोक्ता संपत्ति से प्रेरित, भारतीय ई-कॉमर्स बाज़ार के वर्ष 2026 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है जो कि वर्ष 2017 में 38.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी।
- भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग तेज़ी से विकास के पथ पर अग्रसर है और यह आशा व्यक्त की जा रही है वर्ष 2034 तक भारत, अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स बाज़ार बन जाएगा।
ई-कॉमर्स के प्रमुख प्रकार
ई-कॉमर्स का प्रकार
B2C- बिज़नेस टू कंज़्यूमर
Amazon.com एक सामान्य विक्रेता है जो खुदरा उपभोक्ताओं को वस्तुओं की बिक्री करता है।
B2B- बिज़नेस टू बिज़नेस
esteel.com एक स्टील इंडस्ट्री एक्सचेंज है जो स्टील उत्पादकों तथा उपयोगकर्त्ताओं के लिये एक इलेक्ट्रिक मार्केट का निर्माण करता है।
C2C- कंज़्यूमर टू कंज़्यूमर
ebay.com एक ऐसे मार्केट का निर्माण करता है जहाँ उपभोक्ता अपनी वस्तुओं की प्रत्यक्ष नीलामी अथवा बिक्री कर सकते हैं।
Gnutella एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो मार्केट मेकर के हस्तक्षेप (जैसा कि C2C ई कॉमर्स में होता है) के बिना उपभोक्ताओं को सीधे एक-दूसरे के साथ म्यूजिक साझा करने की अनुमति देता है।
M-कॉमर्स : मोबाइल कॉमर्स
PDA (पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट) या सेल फोन जैसे वायरलेस उपकरणों का उपयोग वाणिज्यिक लेनदेन हेतु कियाजा सकता है।
E-Commerce क्या है , इससे जुड़े खाश जानकरी.
अगर आप e commerce के बारे में नही जानते है तो इसमें आप काफी आसान भाषा में ई-कॉमर्स क्या है ? यह कितने प्रकार के होते है , इसके क्या फ़ायदे और नुकसान है.
इसके आलावा आप इससे जुड़े और कई जानकारियां विस्तारपूर्वक प्राप्त करेंगे.
तो अब इसके बारे में निचे में जानेंगे.
E-Commerce क्या है ?
e commerce definition, e commerce meaning
E–Commerce का पूरा नाम ( e commerce full form) इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स है.
ई-कॉमर्स का मतलब होता है कि इंटरनेट के जरिए वस्तुओं एवं सर्विसेज को पर्चेस करना और सेल करना.
ई-कॉमर्स व्यापार लेनदेन को पूरा करने का एक ऑनलाइन तरीका है.
इसमें इलेक्ट्रॉनिक समर्थन के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान शामिल है। इंटरनेट लॉन्च होने के बाद से इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायों की संख्या काफी बढ़ गई है.
दिन-प्रतिदिन इंटरनेट अर्थव्यवस्था काफी बढ़ रहा है. क्योकि हर कोई आजकल इन्टरनेट से जुड़ रहा है. और उसमे से अनेको ऑनलाइन घर बैठे सामान खरीदना चाहता है.
ई-कॉमर्स के प्रकार
Types of e-commerce, e-commerce examples
ई कॉमर्स कितने प्रकार का होता है –Types Of E-commerce कॉमर्स का प्रकार in Hindi
Business To Business (B2B):- एक मैन्युफैक्चरर अपना सामान थोक विक्रेता को सेल करता है और थोक विक्रेता उस सामान को रिटेलर को सेल करता है. इसमें तीन बिज़नेस है:- मैन्युफैक्चरर , थोक विक्रेता और रेटाइलर.
Business to Consumer (B2C):- कंपनी सीधे कंज्यूमर को अपना उत्पाद ऑनलाइन सेल करता है. इसमें कस्टमर उत्पाद को ऑन-लाइन आर्डर करता है। फिर कंपनी उत्पाद को सीधे ग्राहक को भेज देती है। जैसे अमेजन , फ्लिपकार्ट
Consumer To Business (C2B ):- यह B2C मॉडल का बिल्कुल उल्टा मॉडल है. इसमें कस्टमर अपने उत्पाद या सेवा को कंपनी को सेल करता है।
Consumer To Consumer (C2C):- इस प्रकार के ई-कॉमर्स में क्रेता और विक्रेता दोनों कंज्यूमर होते है. यानि एक कंज्यूमर अपने उत्पाद को दूसरे कंज्यूमर को online बेचते है. जैसे OLX, Quicker
Business to Administration (B2A) या Business to Government (B2G):- इस तरह की business में बिज़नेस आर्गेनाईजेशन और गवर्नमेंट एजेंसी इंटरनेट साइट के जरिए जानकारी का आदान प्रदान करते है. जैसे वित्तीय , सामाजिक सुरक्षा , रोजगार , कानूनी दस्तावेज और रजिस्ट्रार आदि.
Consumer to Administration (C2A) या Consumer to Government (C2G):- इसमें कंज्यूमर और गवर्नमेंट एजेंसी के मध्य जानकारी का आदान प्रदान ऑनलाइन होता है।
ई-कॉमर्स के फायदे
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ई कॉमर्स का महत्व – Features of E-commerce in Hindi
उत्पादों या सेवाओं को खरीदने के लिए घर छोड़ने की आवश्यकता नहीं है.
वेबसाइट पर उपलब्ध कोई भी बस्तु इंटरनेट के माध्यम से आसानी से बुकिंग करके प्राप्त कर पाते है.
इसमें समय की भी बचत होती है.
एकाधिक विकल्प यानि कोई भी product का कीमतों के मामले में अनंत विकल्पों में से चुन सकते हैं
कूपन और ऑफ़र के कारण कीमतों में कमी हो जाती है.
अन्य ब्रांडों के साथ कीमतों की तुलना करना आसान है
प्रोडक्ट पसंद करने और खरीदने के लिए 24 घंटे पहुंच और सुविधा
ई कॉमर्स के नुकसान
e commerce disadvantages
ई-कॉमर्स से होने वाले नुकसान क्या है ? – Impact of E-commerce in Hindi
किसी भी प्रोडक्ट को book करने से पहले गुणवत्ता नहीं देख पाता है.
ऑनलाइन लेनदेन को सुरक्षित रखने के लिए गोपनीयता और सुरक्षा को ध्यान में रखना कॉमर्स का प्रकार जरुरी होता है.
ख़रीदे गए product को प्राप्त करने में देरी होता है.
पोपुलर ई-कॉमर्स वेबसाइट का नाम
e commerce websites, e commerce company
India’s Most Popular E-commerce Websites List in Hindi
अब आप अच्छे से समझ चुके होंगे की E-Commerce क्या है ? ई-कॉमर्स के प्रकार , ई-कॉमर्स के फायदे , ई कॉमर्स के नुकसान , पोपुलर ई-कॉमर्स वेबसाइट का नाम के बारे में.
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Career In E-Commerce: बेहद आसान ई-कॉमर्स, जानें करियर के लिए जरूरी स्किल्स
Career Path In E-Commerce: आज के समय में ई-कमर्स कंपनियां लाखों लोगों को रोजगार दे रहा हैं और इस क्षेत्र में लगातार रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
- किसी भी वेबसाइटों और मोबाइल ऐप के माध्यम से उपभोक्ताओं को ऑनलाइन खुदरा बिक्री, साथ ही लाइव चैट, चैटबॉट और वॉयस असिस्टेंट के माध्यम से संवादी वाणिज्य।
- सभी तरह के ऑनलाइन मार्केटप्लेस के माध्यम से व्यवसाय से उपभोक्ता को लेनदेन प्रदान करना या उसमें शामिल होना या खरीदना और बेचना।
- नए और मौजूदा ग्राहकों को ई- मेल या फ़ैक्स मार्केटिंग।
- मुद्रा व्यापार या मुद्रा विनिमय करने के लिए ऑनलाइन वित्तीय आदान- प्रदान।
इसके फायदे
अगर हम ई- कॉमर्स की तुलना ऑफलाइन यानी परंपरागत तरीके से करें तो तो हम पाते हैं कि ई- कॉमर्स में कम समय में और कम खर्च में बेहतर तरीके से कारोबार किया जा सकता हैं। ई- कॉमर्स में सबसे ज्यादा बचत इसलिए होती है क्योंकि इसके लिए बड़े- बड़े ऑफिस हो या कार्यस्थल की आवश्यकता नहीं होती हैं। ई- कॉमर्स साइट ग्राहक को सीधे तौर पर ज्यादा संख्या में खरीदारी हेतु जोड़ सकती हैं।यह कारोबार करने के लिए समय या दूरी की बाध्यता नहीं होती है। बिजनेस चलाने का यह नया और सस्ता माध्यम हैं। इससे डिलीवरी समय, श्रम तथा अप्रत्यक्ष लागतों में कमी होती हैं।
कैसे बनाएं करियर
अगर आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो आप बारहवीं के बाद इसकी शुरूआत कर सकते हैं। बारहवीं के बाद ई- कॉमर्स में र्सिटफिकेट या वेब और ई-कॉमर्स टेक्नोलॉजी में र्सिटफिकेट से लेकर बैचलर ऑफ ई-कॉमर्स, बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन ई- कॉमर्स जैसे पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इसके अलावा, स्नातकोत्तर स्तर के भी पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। जैसे कि, एमबीए इन ई-कॉमर्स, मास्टर इन ई-कॉमर्स, मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग इन ई- कॉमर्स, मास्टर ऑफ साइंस इन ई- कॉमर्स एप्लिकेशंस, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ई- कॉमर्स एप्लिकेशंस, पीजी डिप्लोमा इन इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऐंड मैनेजमेंट इन ई- कॉमर्स, एडवांस डिप्लोमा इन वेब ऐंड ई- कॉमर्स टेक्नोलॉजी, ई- कॉमर्स एप्लिकेशन प्रोग्रामर आदि। इसके अलावा ऑनलाइन माध्यम से भी शॉर्टटर्म कोर्स किया जा सकता है।
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इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए ई- कॉमर्स की विशेषज्ञता के साथ- साथ अच्छी अंग्रेजी, कंप्यूटर दक्षता, निर्णय लेने की क्षमता, परिश्रम की प्रवृत्ति, कम्युनिकेशन व टेक्निकल स्किल्स तथा जनसंचार से जुड़ी हुईं स्किल्स लाभप्रद होती हैं।यहां से करें कोर्स
श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली
लेडी श्री राम कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, दिल्ली
नर्सी मोंजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनोमिक्स, मुम्बई
इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमैंट ;कई स्थानों पर इनके कैम्पस हैंद्धE-Commerce क्या है? | What is E-Commerce in Hindi
ई-कॉमर्स का यूज इन्टरनेट के द्वारा किया जाता है ये इन्टरनेट के द्वारा वस्तुओं को खरीदने और बेचने का एक अच्छा तरीका होता है तो अगर आप ई-कॉमर्स के बारे में पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़िये क्युकी इसमें हमने आपको ई-कॉमर्स से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.
Table of Contents
ई-कॉमर्स क्या है? (What is E-Commerce in Hindi)
ई-कॉमर्स इन्टरनेट के द्वारा वस्तुओं को खरीदने और बेचने का अच्छा तरीका है ये इन्टरनेट जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर व्यापार करने के लिए सही है. ई-कॉमर्स को व्यापक रूप से इन्टरनेट पर उत्पादों की खरीदारी और बिक्री के लिए माना जाता है.
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आज के समय में ई-कॉमर्स इन्टरनेट का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, ई-कॉमर्स के द्वारा उपभोक्ताओं को समय या दूरी जैसी किसी भी समस्या के बिना वस्तुओं और सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अदान-प्रदान करने की अनुमति देता है. इन्टरनेट पर प्रोडक्ट को खरीदना और बेचना ई-कॉमर्स का सबसे लोकप्रिय उदाहरण हो गया है.
ई-कॉमर्स के उदाहरण क्या है?
ई-कॉमर्स के बहुत से उदाहरण है जैसे-
ऑनलाइन शॉपिंग
अगर आप अमेजन या फ्लिपकार्ट जैसी किसी भी वेबसाइट से कोई प्रोडक्ट ऑनलाइन मंगवाते हैं तो ये ऑनलाइन शॉपिंग ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है.
इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट
जब भी हम कही मॉल जाते हैं और पीओएस पर कार्ड से पेमेंट करते हैं तो ये इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के अंतर्गत आता है.
ऑनलाइन ऑक्शन्स
यदि हम कोई सामान खरीदते हैं या बुक करते हैं तो ये भी ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है.
इन्टरनेट बैंकिंग और ऑनलाइन टिकटिंग आदि.
ई-कॉमर्स के फायदे क्या है?
ई-कॉमर्स के निम्नलिखित फायदे हैं
- ई-कॉमर्स का यूज करके आप कम पूंजी के साथ अपने व्यापार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों कॉमर्स का प्रकार में बढ़ा सकते हैं.
- इससे कंपनी की ब्रांड छवि बेहतर बनती है.
- ये व्यापार को बढ़ाने में मदद करता है.
- ई-कॉमर्स ने संगठन की उत्पादकता में वृद्धि करता है.
- ये प्रोडक्ट की लागत को कम करने में मदद करता है इससे कम से कम समृद्ध लोग भी प्रोडक्ट को खरीद सकते हैं.
- ई-कॉमर्स का यूज आप 24 घंटे कर सकते हैं.
ई-कॉमर्स के नुकसान क्या है?
ई-कॉमर्स के कई नुकसान हैं-
- ई-कॉमर्स का यूज करने के लिए हाई स्पीड इन्टरनेट की जरूरत होती है कभी-कभी इन्टरनेट की स्पीड स्लो हो जाने के कारण ई-कॉमर्स वेबसाइट काम नही करती है
- ई-कॉमर्स के लिए आपको कंप्यूटर या स्मार्ट फ़ोन की जरूरत होती है.
- इसकी सिक्योरिटी less होती है.
- कई बार ऐसा होता है कि ऑनलाइन शॉपिंग करने पर खराब सामान आपको मिल जाता है.
- इसमें हैकिंग का खतरा रहता है.
ई-कॉमर्स के कितने प्रकार है?
ई-कॉमर्स के प्रकार –
Business to Business E-Commerce
इसे B2B ई-कॉमर्स के नाम से भी जाना जाता है. जब एक कम्पनी दूसरी कम्पनी के साथ बिज़नेस करती है तो इसे B2B ई-कॉमर्स कहा जाता है.
Business to Consumer E-Commerce
इसे B2C ई-कॉमर्स भी कहा जाता है. जब एक कंपनी किसी कंस्यूमर/उपभोक्ता के साथ बिज़नेस करती है तो इसे B2C ई-कॉमर्स कहा जाता है.
Consumer to Business E-Commerce
इसे C2B ई-कॉमर्स भी कहा सकते हैं. जब एक कंस्यूमर किसी कम्पनी के साथ मिलकर बिज़नेस करता है तो उसे C2B ई-कॉमर्स कहा जाता है.
Consumer to Consumer E-commerce
जब एक कंस्यूमर (उपभोक्ता) दूसरे कंस्यूमर के साथ मिलकर बिज़नेस करता है तो उसे कंस्यूमर टू कंस्यूमर ई-कॉमर्स कहा जाता है इसे C2C ई-कॉमर्स भी कहा जाता है.
इसे भी पढ़ें?
आज आपने क्या सीखा?
दोस्तों, हम आशा करते है कि हमारे ये (E-commerce kya hai hindi) जानकारी आपके लिए काफी यूजफुल होगी और आपको पसंद भी आयी होगी, इसमें हमने आपको ई-कॉमर्स से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है जैसे- ई-कॉमर्स क्या है? ई-कॉमर्स के उदाहरण क्या है? ई-कॉमर्स के फायदे क्या है? ई-कॉमर्स के नुकसान क्या है? और ई-कॉमर्स के कितने प्रकार है? आदि.
हमारी ये (E-commerce kya hai hindi) जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर भी कीजियेगा.
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