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क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज टर्नकी
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क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या है?
एक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज या एक डिजिटल मुद्रा विनिमय (डीसीई) एक ऐसा व्यवसाय है जो ग्राहकों को अन्य परिसंपत्तियों जैसे कि पारंपरिक आपको क्रिप्टो अलर्ट की आवश्यकता क्यों है फिएट मनी या अन्य डिजिटल मुद्राओं के लिए क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल मुद्राओं का व्यापार करने की अनुमति देता है।
यह एक परिष्कृत क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज समाधान है जो सुपर-फास्ट और स्थिर मिलान इंजन प्रदर्शन और विश्वसनीय क्रिप्टो सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करता है। यह व्यापारियों और दलालों के लिए एक परिष्कृत उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान करता है, क्रिप्टो ट्रेडिंग और सभी आवश्यक क्रिप्टो गतिविधियों के लिए तकनीकी बढ़त प्रदान करता है।
कोई मिलान शुल्क नहीं। कोई छिपी हुई फीस नहीं।
आप केवल तकनीकी सहायता और होस्टिंग के लिए भुगतान करते हैं। ट्रेडिंग वॉल्यूम के लिए कोई छिपा हुआ भुगतान या शुल्क नहीं।
अनुकूलन योग्य यूजर इंटरफेस
एक ट्रांजेक्शन पर 13,186 रुपये बिजली खर्च
digiconomist.net के अनुसार Cryptocurrency बिटकॉइन का एक ट्रांजेक्शन (Bitcoin transaction), यानि कॉइन खरीदने, बेचने या ट्रांसफर करने में 2293.37 kwh बिजली खर्च होती है. वर्ष 2021 में भारत में औसत घरेलू बिजली दर 5.75 रुपये थी. इस दर से अगर हिसाब लगाया जाये तो एक बिटकॉइन ट्रांजेक्शन पर लगभग 13,186 रुपये का बिजली खर्च हो रहा है. इतनी बिजली खर्च करके 2,414,380 VISA ट्रांजेक्शन किये जा सकते हैं या फिर 181,559 घंटे Youtube वीडियो देखे जा आपको क्रिप्टो अलर्ट की आवश्यकता क्यों है सकते हैं.
यही नहीं बिटकॉइन का वार्षिक कार्बन फुटप्रिंट भी बहुत ज्यादा है. बिटकॉइन हर साल 97.14 Mt CO2 कार्बब फुटप्रिंट पैदा कर रहा है जो कुवैत द्वारा किये जा रहे कार्बन फुटप्रिंट के बराबर है. इलेक्ट्रॉनिक कचरा फैलाने में भी बिटकॉइन आगे है. इससे सालाना 26.31 kt इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा कर रहा है. इतना कचरा नीदरलैंड्स की स्माल आईटी इंडस्ट्री हर साल निकालती है.
क्यों होती है इतनी बिजली खर्च
क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग के लिए कई कंप्यूटर लगाए जाते हैं. कॉइन्स अपनी खुद की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती है. ब्लॉकचेन (blockchain) एक डिजिटल बहीखाता है. जिसपर ब्लॉक पर होने वाले ट्रांजेक्शन का डेटा स्टोर होता है. इसका कहीं भी कोई सेंट्रलाइज्ड डेटा सेंटर नहीं होता है. इसका डेटा दुनियाभर में फैले करोड़ों आपको क्रिप्टो अलर्ट की आवश्यकता क्यों है कंप्यूटर्स पर होता है.
बिटकॉइन माइनिंग में पजल का उपयोग होता है. इस पजल को सॉल्व करने के बाद ही अगला ब्लॉक बनता है. हर ब्लॉक अपने पिछले ब्लॉक से एक यूनीक हैश आपको क्रिप्टो अलर्ट की आवश्यकता क्यों है कोड के जरिए जुड़ा होता है. इस पजल आपको क्रिप्टो अलर्ट की आवश्यकता क्यों है आपको क्रिप्टो अलर्ट की आवश्यकता क्यों है को सॉल्व करने के लिए शक्तिशाली कंप्यूटरों से भरे गोदाम हैं, जो बड़ी संख्या में पजल सॉल्व करने के लिए तेज स्पीड से काम कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में जबरदस्त मात्रा में बिजली खपत कर रहे हैं। इसके अलावा आज बिटकॉइन माइनिंग के लिए अत्यधिक विशिष्ट मशीनों, एक बड़ी जगह और लगातार चलने वाले हार्डवेयर को ओवरहीटिंग से बचाने के लिए पर्याप्त कूलिंग पावर की आवश्यकता है। इनमें भी खूब बिजली खर्च आपको क्रिप्टो अलर्ट की आवश्यकता क्यों है हो रही है.
क्यों होती है इतनी बिजली खर्च
क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग के लिए कई कंप्यूटर लगाए जाते हैं. कॉइन्स अपनी खुद की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती है. ब्लॉकचेन (blockchain) एक डिजिटल बहीखाता है. जिसपर ब्लॉक पर होने वाले ट्रांजेक्शन का डेटा स्टोर होता है. इसका कहीं भी कोई सेंट्रलाइज्ड डेटा सेंटर नहीं होता है. इसका डेटा दुनियाभर में फैले करोड़ों कंप्यूटर्स पर होता है.
बिटकॉइन माइनिंग में पजल का उपयोग होता है. इस पजल को सॉल्व करने के बाद ही अगला ब्लॉक बनता है. हर ब्लॉक अपने पिछले ब्लॉक से एक आपको क्रिप्टो अलर्ट की आवश्यकता क्यों है यूनीक हैश कोड के जरिए जुड़ा होता है. इस पजल को सॉल्व करने के लिए शक्तिशाली कंप्यूटरों से भरे गोदाम हैं, जो बड़ी संख्या में पजल सॉल्व करने के लिए तेज स्पीड से काम कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में जबरदस्त मात्रा में बिजली खपत कर रहे हैं। इसके अलावा आज बिटकॉइन माइनिंग के लिए अत्यधिक विशिष्ट मशीनों, एक बड़ी जगह और लगातार चलने वाले हार्डवेयर को ओवरहीटिंग से बचाने के लिए पर्याप्त कूलिंग पावर की आवश्यकता है। इनमें भी खूब आपको क्रिप्टो अलर्ट की आवश्यकता क्यों है बिजली खर्च हो रही है.
मोहाली ब्लास्ट: हाई अलर्ट पर पंजाब, साजिशकर्ता के सबूत खंगालने में आपको क्रिप्टो अलर्ट की आवश्यकता क्यों है जुटी पुलिस
- चंडीगढ़,
- 11 मई 2022,
- अपडेटेड 11:40 AM IST
पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस मुख्यालय पर सोमवार हुए धमाके को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. मौके पर मिले एक रॉकेटनुमा चीज ने हमले की आशंका को बढ़ा दिया है. माना जा रहा है कि इंटेलिजेंस की बिल्डिंग पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड के जरिए हमला किया गया है. ऐसे में अब इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं. राज्य के सीमावर्ती गांवों से हथियारों, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों के अलावा विस्फोटकों की बरामदगी साफ़ तौर पर यह इशारा कर रही है कि पाकिस्तान, खालिस्तान आतंकवादी समूहों की मदद से पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए साजिश रच रहा है.
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