शेयर मार्किट मे निवेश करने का नियम | Rules of invest share market

बहुत सारे लोगो ने अपनी जमा पूंजी शेयर मार्किट मे खोते है। इसका कारन एक ही है शेयर मार्किट की ज्ञान नहीं होना। लोगो को नहीं पता कहां पर इन्वेस्ट करने से मुनाफा कमाया जाता हैं। शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले आपके पास टाइम होना चाहिए आप शेयर मार्किट को टाइम दीजिए आपको बदले मे मार्किट मुनाफा देगा।

निवेश शुरू करने के लिए क्या रणनीति होना चाहिए (Rules of invest share market):-

निवेश शुरू करने के लिए बहत सारे रणनीति हो सकते है। यहाँ पर कोई अलग से रूल नहीं है पर हम इस बारे में ज़रूर बात कर सकते है कि निवेश करते समय हम क्या ना करे।

निवेश के समय हमे अपने दोस्तों या किसी से निवेश क्या होता है भी निवेश की सलाह नहीं लेनी चाहिए जिनको निवेश के बारे में कोई ज्ञान नहीं। किसी के दिए गए सलाह पर आप यदि निवेश करेंगे तो आपको ज्यादातर नुकसान का सामना करना परेगा। निवेश करना एक प्रोफेशनल स्किल है जहां पर बहुत सी शेयर के बारे मे रिसर्च करना पड़ता तभी आप एक अच्छा इन्वेस्टर बन पाओगे।

हमें जिस कंपनी का भबिष्य मे बढ़ने की क्षमता नहीं दिखती एसी कंपनी से हमें दूर रहना साहिए। हमें पहले जाने माने अच्छा निवेश क्या होता है कंपनी मे निवेश करना चाहिए।

शेयर मार्किट मे निबेश करने का नियम, Rules of invest share market

निबेश करने की दो तरह की मुख्य रणनीति होता है ( Rules of invest share market):-

वैल्यू के आधार पर:-

वैल्यू के आधार पर इन्वेस्टमेंट हमें किसी भी शेयर का वैल्यू नजर आ रही है तो हमें उस कंपनी पर इन्वेस्ट करना साहिए। आइए उदाहरण के साथ समझते हैं।

मान लीजिये कोई गाड़ी हैं, जिसकी बाज़ार मे कीमत है 1,00000 है लेकिन वो ही गाड़ी आपको 30,000 मे मिल रही है तो आप जरुर खरीदेगे। ए जो आप कम दाम मे खरीदेगे उसे कहते है वैल्यू के आधार पर इन्वेस्ट करना कहते हैं। आपको भी ऐसे ही बाज़ार को रिसर्च करके अच्छा शेयर पर वैल्यू के आधार पर सही समय मे इन्वेस्ट करना चाहिए ।Rules of invest share market

ग्रोथ के आधार पर :-

जब कोई भी कंपनी का शेयर बहुत लम्बे समय ग्रो कर रहा है और किसी इन्वेस्टर को उस कंपनी के भविष्य मे आगे बढ़ने की क्षमता दिखाई दे रही है और जब अर्थव्यवस्था ठीक ना हो तो इसी शेयर मे तब इन्वेस्त्टर अच्छा मुनाफा पाने के लिए एसी शेयर मे इन्वेस्ट करते हैं। इसे ग्रोथ के आधार पर इन्वेस्टमेंट कहते हैं।

शेयर खरीदने का अच्छा समय :-

शेयर्स खरीदने का सबसे अच्छा समय है शेयर मार्किट क्रेश हो गया हो जब सब लोग बेच रहे है उस समय सबसे अच्छा होता हैं। आप यदि शेयर मार्केट मे नए हो तो आपको थोड़े पैसे से आपको निबेश सुरु करना चाहिए और बाज़ार के बारे मे जानने की कोशिश जारी रखनी चाहिए।

निवेश क्या है? Investment in Hindi| निवेश के उद्देश्य, कारण|

😊✍निवेश का अर्थ है की अपने पैसो या अन्य संसाधनों को ऐसी चीज़ पर लगाए जिसके रिटर्न में आपको निवेश से अधिक पैसे प्राप्त हो या कोई सकरात्मक लाभ प्राप्त हो. जब आप किसी भी चीज़ या सम्पति को खरीदते है तो उसे खरीदने के पीछे का उदेश आपका यही होता है की आपको कुछ पैसे प्राप्त हो जिससे आपकी कमाई में वृद्धि में हो सकते।

निवेश भी एक तरह का पौधा है जिसके बीज को उगाने के लिए आप सबसे पहले एक सही मिटटी में लगाते है. फिर उसे उतना ही पानी, धुप और पोषक तत्व देते है जितने की उसे जरुरत होती है. एक दिन आपको उसके अंदर से छोटा तना दिखाई देते है अउ उसके कुछ पत्तिया भी निकली हुई होती है.

एक दिन आता है की यह तना बड़ा हो जाता है और उसमे पहल और फूल खिलने लगते है. वह पेड़ जो एक समय बीज था फिर तना बना और उसके बाद पेड़ बनकर आपको और आपसे जुड़े लोगो को छाया प्रदान निवेश क्या होता है करता है यही कहानी एक निवेश की भी होती है.

इसमें भी आपको समझना पड़ता है की आपको निवेश करने के लिए पैसे कब,कैसे, कहा लगाना चाहिए। सिर्फ निवेश का बीज बो देने से ही आप एक सफल निवेशक नहीं बन सकते है आपको निवेश बाजार को समझने की कला भी सीखनी होती है.

निवेश से जुड़े बहुत से सवाल है जो लोगो के मन में आकर उन्हें परसान करते है इस लेख में आपको आपको निवेश से जुड़े सवालों का जवाब देने की कोई करूँगा इसलिए मेरी आपसे पार्थना है आप इस लेख को अंत तक पढ़िए।

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निवेश क्या है?

निवेश का अर्थ है की आप ऐसे सम्पन्ति या प्रॉपर्टी को खरीदते है जिनपर आपको उम्मीद(भरोसा) होता है की भविष्य में इन प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने वाली है और आपको इन प्रॉपटी को खरीदने पर लाभ होने वाला है. यह लाभ आपको प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने पर हो सकता है या फिर एक नियमित आय के रूप में भी हो सकता है.

निवेश के प्रकार

  • Stocks
  • Bonds
  • Real estate
  • Mutual funds and EFTs

निवेश की श्रेणियां

निवेश क्या है जानने की आपको यह जरूर जानना चाहिए की निवेश की श्रेणियाँ क्या है और कितनी है. निवेश की श्रेणियों को मुख्यतः तीन भागो में बाटा गया है:

स्वामित्व निवेश(Ownership Investments)

इस श्रेणी में निवेशक के द्वारा खरीदी गयी और स्वामित्व वाली कंपनी होती है जैसे की स्टॉक,बूलियन,रियल एस्टेट और आदि. यदि आप किसी व्यवसाय को फंड(निधि) देते है तो यह एक प्रकार का स्वामित्व निवेश होता है.

उधार निवेश(Lending Investments)

कॉरपोरेट बांड ,सरकारी बांड और बचत खाते में निवेश करना भी एक उधार निवेश ही कहलाता है. जब आप इन बांड्स को खरीदते है या बचत खाते में पैसे को जमा करते है तो एक प्रकार से इन्हे उधार प्रदान करते है.

नकद समकक्ष(Cash Equivalents)

नकद समकक्ष एक निवेश है जिसमे आप आसानी से कैश या पैसे में बदल सकते है. मुद्रा बाजार के साधन नकद समकक्ष के श्रेणी में आते है.

निवेश करने के कारण

निवेश के कुछ कारण इस प्रकार हैं:

1.पैसो को बढ़ाने के लिए

पैसो को बढ़ाने के लिए सभी लोगो के जीवन में छोटे और बड़े लक्ष्य होते है जिनको आप पूरा करने के लिए अपने पैसो को जोड़ कर रखना चाहते है. अपने पैसो को जोड़ने के लिए निवेश एक बहुत ही अच्छा तरीका है बस आपके अंदर जोखिम लेने की क्षमता होनीं चाहिए।

2.अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए

अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए अभी लोग निवेश करना शुरू करते है. उदहारण के लिए जैसे आप फिक्स्ड डिपोसिट में पैसे को निवेश करते है जिसका आपको हर महीने ब्याज मिलता है और आपकी बचत आय में वृद्धि भी होती है. इसलिए नियमित आय प्राप्त करने के लिए आप म्यूच्यूअल फण्ड के सिस्टेमेटिक विथड्रावल प्लान में निवेश कर सकते है.

3.टेक्स कम देना पड़ता है

जब आप किसी प्रॉपर्टी में निवेश करते है तो आपको कम टेक्स देना पड़ता है. आयकर अधिनियम 1961 के धाराओं के तहत आपको यह सुविधा प्राप्त होती है.उदाहरण के लिए जाने, equity-linked savings scheme, public provident fund (PPF), national savings certificate, और आदि.

निवेश के उद्देश्य

निवेश के कुछ मुख्य उद्देश्य हैं:

1.अपने वित्ति लक्ष्यो को पूरा करने के लिए

हम सभी के मन में छोटे या बड़े लक्ष्य जरूर होते है जिन्हे हम पूरा करना चाहते है. भारतीय वित्ति निवेश बाजार हमें कई विकल्प प्रदान करते है जिससे की माध्यम वर्गी लोग भी निवेश करके अपने लक्षो को प्राप्त कर सके.

2.पैसो को महगाई से बचाने के लिए

अपने मेहनत के पैसो को मुद्रास्फीति से बचाने के लिए भी आपको निवेश करना चाहिए। याद रखे की मुद्रास्फीति समय के साथ आपके पैसो के मूल्य को कम कर देती है इससे बचने के लिए आपको म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने को सोचना चाहिए।😊✍🙏🙏

SIP Investment Tips: SIP शुरू करते समय रखें इन बातों का निवेश क्या होता है खयाल, वरना झेलना पड़ सकता है भरी नुकसान

SIP Investment Tips: वैसे तो सिप में निवेश करना ज्यादातर फायदे का सौदा ही साबित होता है, लेकिन कई बार कम जानकारी के कारण एसआईपी निवेशक कुछ गलतियां कर बैठते हैं। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो इन गलतियों से जरूर बचें-

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(SIP Investment Tips), नाई दिल्ली. सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे पॉपुलर तरीका हो गया है। एसआईपी उन लोगो के लिए बेहतर है जो शेयर बाजार की पेचीदगियों से खुद को दूर रखना चाहते हैं और जो मार्केट के जोखिम से बचना चाहते हैं।

आइए समझें टैक्स सेविंग वाले म्यूचुअल फंड का निवेश क्यों है सबसे फायदेमंद

ELSS ईएलएसएस ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका सर्वाधिक भाग (65% से अधिक) शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश कि जाता है. साथ ही इसका एक हिस्सा फिक्स्ड इंकम प्रतिभूति (fixed-income securities) आदि में भी लगाया जाता है.

आइए समझें टैक्स सेविंग वाले म्यूचुअल फंड का निवेश क्यों है सबसे फायदेमंद

म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प.

म्यूचुअल फंड में निवेश आज की तारीख में सबसे बेहतर निवेश माना जा रहा है. कारण सिर्फ यह है कि अगर कोई भी नौकरीपेशा या बिजनेसमैन यह चाहता है कि वह अपने काम के साथ अपने पैसे को बढ़ाना चाहता है और उस पर ज्यादा सोच विचार का समय नहीं है तब म्यूचुअल फंड का निवेश उसके सामने एक अच्छा विकल्प है. साथ ही ऐसे निवेशकों के लिए यह सबसे उपयोगी जो बाजार के उतार-चढ़ाव को तो समझते हैं मगर उससे सीधे जुड़े नहीं रह पाते हैं. नौकरी या बिजनेस उन्हें इतना वक्त नहीं देता कि वे बाजार की चाल के साथ निवेश कर सकें और अपना पैसा सही समय में निकाल सकें. ऐसे लोगों के लिए म्यूचुअल फंड शानदार मौका उपलब्ध कराता है जिससे वे अपने पैसे का ज्यादा रिटर्न ले सकें.

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म्यूचुअल फंड में एक फंड टैक्स सेविंग फंड भी होता है जिसे आम तौर पर ELSS (Equity Link Saving scheme) कहते हैं. चूंकि यह एक टैक्स सेविंग स्कीम है तो इसके साथ कुछ पाबंदियां भी आती हैं. यानि इस योजना में कुछ लॉकिन इन समय है. इससे साफ है कि इस दौरान आप निवेश की गई राशि को निकाल नहीं सकते हैं. अमूमन यह लॉकइन समय कम से कम तीन साल का होता है.

ELSS ईएलएसएस ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका सर्वाधिक भाग (65% से अधिक) शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश क्या होता है निवेश कि जाता है. साथ ही इसका एक हिस्सा फिक्स्ड इंकम प्रतिभूति (fixed-income securities) आदि में भी लगाया जाता है.

चूंकि इनमें निवेश लॉकइन समय के साथ आता है. तो सरकार की ओर से आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट का लाभ लिया जा सकता है. यह साफ करना भी जरूरी है कि इस सेक्शन के तहत केवल 150000 रुपये सालाना ही टैक्स में छूट का दायरा है. क्योंकि यहां पर टैक्स में छूट के साथ कमाई भी हो रही है तभी इसे टैक्स सेविंग स्कीम भी कहा जा रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि आयकर के सेक्शन 80 सी के तहत कुछ अन्य निवेश और खर्च भी आते हैं. इनमें EPF, PPF, NSC, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, जीवन बीमा आदि भी सम्मिलित हैं. टैक्स की लिमिट में इन सभी को शामिल किया जाता है.

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या ELSS की मुख्य बातों को ऐसे समझें

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या कहें म्यूचुअल फंड एक प्रकार से कई लोगों के पैसे को इकट्ठा कर बाजार में निवेश किया जाता है. नाम से ही साफ हो जाता है कि जिस भी कंपनी के माध्यम से हम निवेश कर रहे हैं वह कंपनी पैसे एकत्र कर निवेश करती है. कंपनी के पास अपने फंड मैनेजर होते हैं जो हमेशा बाजार की चाल पर नजर रखते हैं और निवेश करने में बेहतर रिटर्न के साथ पैसे की सुरक्षा के दोनों पहलुओं पर गौर करते हैं. यहां यह भी साफ कर देना उतना ही जरूरी है जितना किसी बात की गारंटी देने के लिए जरूरी होता है. बाजार निवेश क्या होता है में किया गया निवेश हमेशा एक रिस्क या कहें जोखिम के साथ होता है. सो जो इस बात को रिस्क वहन करना जानते हैं तब आप बाजार से जुड़े किसी फंड में निवेश करें.
फंड मैनेजर ये निवेश सरकारी बॉन्ड, कंपनियों के सावधि जमा, शेयर या फिर सोना आदि में करते हैं या कहें जैसे जरूरत और समय है उसमें निवेश किया जाता है. ये फंड मैनेजर की सूझबूज के साथ ही तय हो जाता है कि पैसा कितना बढ़ेगा. साथ ही यह वही तय करता है कि कब निवेश करना है और कब निकाल लेना है.

रिटर्न की संभावना कितनी है म्यूचुअल फंड में

इस सवाल का जवाब सटीक नहीं होता. इसके लिए कहा जा सकता है कि सड़क पर चलती गाड़ी की स्पीड कितनी होगी. कोई बता सकता है. नहीं. सड़क निवेश क्या होता है कैसी है, ड्राइवर कैस है और ट्रैफिक कैसा.. कई कारक सड़क पर गाड़ी की स्पीड तय करते हैं. वैसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी शेयरों में ही निवेश करता है इसलिए इसमें से सबसे ज्यादा पैसा बनने की उम्मीद है. वैसे भी भारत की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ दशकों से लगातार प्रगति कर रही है. विदेशी निवेशकों से लेकर विदेशी कंपनियों ने यहा पर निवेश और विनिर्माण में रुचि दिखाई है और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में आने वाले 20 सालों में भारत का भविष्य उज्ज्वल है और निवेश का प्रतिफल लाभदायक ही होने की उम्मीद है. हम फिर एक बार गारंटी नहीं ले रहे हैं. याद रखें बाजार की अपनी चाल होती है. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो कई म्यूचुअल फंड ने पिछले दो दशकों में 21 प्रतिशत सालाना का रिटर्न भी दिया है. कहा तो यह भी जाता है कि MF के सामने सोना भी फीका साबित हुआ है. कुछ तो यह भी कहते हैं कि प्रॉपर्टी का निवेश भी कमतर रहा है.

इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके tax saving investment से सबसे ज्यादा कमाई हो तो टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड यानी ELSS में पैसे लगाएं।

म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड में निवेश क्या होता है एकमुश्त और SIP की सुविधा होती है. एसआईपी के जरिए आपको निवेश करने में सुविधा होती है. आप महीने की किसी एक तारीख में एक निश्चित रकम निवेश कर सकते हैं. अब इन एसआईपी के लिए बैंक खाते से हर महीने अपने आप पैसे कट जाते हैं. पैसे अलग अलग महीने में कटती है तो ऐसे में आपके म्यूचुअल फंड के खाते में भी अलग अलग समय पर यूनिट की खरीद होती है. इससे यह फायदा होता है कि बाजार के उतार चढ़ाव को यह संभाल लेता है.

अंत में बस एक बात. अभी तक देखा गया है कि पिछले दो दशकों में शेयर बाजार वाले म्यूचुअल फंड में निवेश पर कम से कम 11 प्रतिशत सालाना का रिटर्न मिला है वहीं टैक्स सेविंग में 18 प्रतिशत तक का रिटर्न प्राप्त हुआ है. बाजार ने पिछले दो दशकों में देश की तरक्की के साथ खासी मजबूती भी हासिल की है और निरंतर प्रगति के ओर बढ़ रहा है. यह अलग बात है कि बाजार हमेशा जोखिम से भरा होता है इसलिए बाजार से जुड़े किसी भी निवेश में केवल उसी व्यक्ति को निवेश करना चाहिए जो यह रिस्क लेने को तैयार है.

क्या SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करने का बेस्ट तरीका है या करें एकमुश्त निवेश?

बात अगर एकमुश्त निवेश की करें तो इसके लिए बाजार की समझ जरूरी है. हालांकि, लॉन्ग टर्म में एकमुश्त निवेश कभी भी किया जा सकता है.

क्या SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करने का बेस्ट तरीका है या करें एकमुश्त निवेश?

कुछ महीने पहले की बात है जब शेयर बाजार (Share market investors) लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा था. पिछले कुछ महीनों से इसपर दबाव बढ़ा है और निफ्टी अपने उच्चतम स्तर से 15 फीसदी से ज्यादा करेक्ट हुआ है. ऐसे में जो लोग इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual funds) या शेयर बाजार में सीधा निवेश करते हैं उनके पोर्टफोलियो में भी गिरावट आई है. अब यहां सवाल उठता है कि उन्हें क्या करना चाहिए. ईटी मनी के फाइनेंशियल एक्सपर्ट संतोष नवलानी का कहना है कि अगर आप निवेशक हैं जिसका नजरिया लंबी अवधि का है तो उनके लिए यह गिरावट मौके के रूप में है. निवेशकों को शेयर की कीमत या म्यूचुअल फंड के NAV की कीमत में गिरावट पर घबराना नहीं चाहिए. अगर म्यूचुअल फंड यूनिट का रेट घटता है तो निवेशक ऐड-ऑन कर सकते हैं.

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