चीन को अहसास होगा बॉर्डर पर तनाव उसके हित में नहीं. जयशंकर का ड्रैगन को मेसेज क्लियर है!
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि संघर्ष को दो क्षेत्रों- पश्चिम या मध्य (अक्साई चिन क्षेत्र) और पूर्व (अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र) में बांटा जा सकता है।

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छात्र के पास एक डिजिटल एप्लिकेशन तक पहुंच होगी जहां वे निम्नलिखित गतिविधियां कर सकते हैं:

• जल्दी से परिणाम प्राप्त करने के लिए कैलेंडर के अनुसार किए गए अनिवार्य अभ्यासों को ठीक करें, पिछले अभ्यासों के साथ तुलना, शेष विरोधियों के संबंध में पर्सेंटाइल, और इसी तरह। प्रतिद्वंद्वी के विकास को नियंत्रित करने और सुधार के संभावित बिंदुओं का पता लगाने के लिए एक उपकरण।
• ट्यूटर के दिशानिर्देशों के अनुसार मिनी-ड्रिल करें या असाधारण ऑनलाइन अभ्यास पूरा करें। परीक्षा में समय को नियंत्रित करने की क्षमता में सुधार करने के लिए एक मौलिक रणनीति।
• छात्र की पसंद के कई प्रश्नों और एमआईआर या अन्य से वास्तविक प्रश्नों के बीच चयन करने की संभावना के साथ एक या कई विषयों का एक साथ स्व-मूल्यांकन करें। एक बार प्रत्येक विषय का अध्ययन कर लेने के बाद उसकी समीक्षा करना और उन विषयों की पहचान करना आवश्यक है जिनमें तैयारी को सुदृढ़ किया जाना चाहिए।
• व्यक्तिगत विकास की निगरानी करें, विषयों के आधार पर डेटा को विभाजित मौलिक रणनीति करें और बाकी छात्रों के साथ तुलनात्मक रेखांकन करें।
• असफल प्रश्नों ("विफलताओं का इतिहास") की चुनिंदा समीक्षा करें, और केवल पहले की गई त्रुटियों मौलिक रणनीति की वैयक्तिकृत परीक्षाओं को फिर से करने में सक्षम हों, जो सैद्धांतिक त्रुटियों को ठीक करने के लिए आवश्यक है।
• हमारे संपूर्ण डेटाबेस ("प्रश्न खोजक") से चुनिंदा प्रश्नों की समीक्षा करें, चाहे वे अभ्यास में शामिल हों या नहीं, और शिक्षक की टिप्पणी की समीक्षा करें।
• उस विशेषता के आधार पर स्कोरिंग उद्देश्य निर्धारित करें जिसे आप करना चाहते हैं, जिस शहर में आप निवास करना चाहते हैं या जिस स्थिति को आप प्राप्त करना चाहते हैं, यह देखने के लिए कि हम उन तक पहुंचने के लिए कितना बचा है या यदि हम उन तक पहुंच रहे हैं।
• मेरे प्रश्न - फैट बुक, जहां आप विषय और विषय के आधार पर पिछले 10 वर्षों की आधिकारिक एमआईआर परीक्षाओं के प्रश्नों के साथ-साथ उनके शिक्षकों की टिप्पणियों तक पहुंच, उत्तर और समीक्षा कर सकते हैं।
• लाइव ऑनलाइन कक्षाओं और पहले से रिकॉर्ड की गई कक्षाओं के लिए हमारे टूल AMIR TV तक पहुंचें, जो हमारी शिक्षण टीम के माध्यम से MIR परीक्षा के लिए आवश्यक प्रत्येक अवधारणा की समीक्षा करेगा।
• एएमआईआर टीम के उच्चतम गुणवत्ता मानकों को हमेशा बनाए रखने के साथ-साथ तैयारी पूरी होने के बाद किए गए सेवा सर्वेक्षण की कुल गुणवत्ता तक पहुंचने के उद्देश्य से पढ़ाए जाने वाले प्रत्येक वर्ग और व्यक्तिगत ट्यूटर का सर्वेक्षण करना छात्र से।
• संभावित मुद्दों को हल करने के त्वरित तरीके के रूप में AMIR टीम को सुझाव, संदेह या समस्याएं संप्रेषित करें।
• व्यक्तिगत निगरानी। छात्र आवेदन छात्र को समय के साथ अपने विकास का मूल्यांकन करने की अनुमति देता है: कैसे वे विषय द्वारा विषय में सुधार कर रहे हैं और अपने समग्र स्कोर में प्रगति कर रहे हैं। सिस्टम में उस प्रतिशतक का विश्लेषण शामिल है जो छात्र बाकी मौलिक रणनीति छात्रों के संबंध में रखता है, साथ ही ड्रिल और उनकी फ़ाइल के परिणाम के आधार पर एमआईआर में आभासी स्थिति का एक अनुमानक कार्यक्रम, त्रुटि के मार्जिन के साथ 5% से कम का। इस तरह छात्र उन विषयों का पता लगा सकता है जिनमें उसे अधिक सुदृढीकरण की आवश्यकता होती है और जिनके ज्ञान को उसने अपनी विशेषताओं के आधार पर अपनी तैयारी को व्यक्तिगत बनाने के लिए बेहतर ढंग से समेकित किया है। ये सभी डेटा छात्र को सौंपे गए ट्यूटर के लिए भी उपलब्ध हैं, जो परीक्षा तकनीक या सामग्री समस्याओं में समस्याओं का पता लगाने में सक्षम होने के लिए अपनी सभी प्रगति पर अद्यतित होंगे और प्रत्येक छात्र को विशेष रूप से उनकी जरूरतों में मदद करेंगे, जैसे कि प्रारंभिक हस्तक्षेप अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने की आवश्यकता है।
• पॉडकास्ट तक पहुंच। हमारे आवेदन में आप एक ऑडियो पॉडकास्ट कार्यक्षमता के माध्यम से हमारी कक्षाओं में प्रत्येक विषय की ध्वनि सामग्री तक पहुंचने में सक्षम होंगे।

रणनीति और दृष्टिकोण की सर्वोत्तम प्रथाएँ

Microsoft Power Platform मौलिक प्रौद्योगिकी लाभ प्रदान करता है, जो व्यवसाय की चपलता और उत्पादकता में सुधार कर सकता है और लागत कम कर सकता है. अधिकांश संगठनों का कहना है कि डिजिटल नवाचार और रूपांतरण में तेजी लाना पहला कारण है, जिसकी वजह से वे लो-कोड एप्लिकेशन डेवलपमेंट को अपनाते हैं. इस मार्गदर्शन में सलाह से आपको अपने संगठन को बदलने में मदद मिलेगी. आप पहले से ही अपने व्यवसाय के विशेषज्ञ हैं; Microsoft Power Platform आपको उस विशेषज्ञता के लिए उपकरण प्रदान करता है और आपके संगठनों के लिए अनुकूलित स्वचालन और ऐप की व्यावसायिक समस्याओं को हल करता है. इस शानदार क्षमता का लाभ उठाने के लिए, सुनिश्चित करें कि Microsoft Power Platform रणनीति आपके संगठन की डिजिटल परिवर्तन रणनीति का हिस्सा है.

निम्नलिखित आलेख से आपको यह समझने में मदद मिल सकती है कि आपके उद्यम के Microsoft Power Platform अंगीकरण के साथ शुरुआत कैसे करें और इसमें क्या भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारियाँ शामिल हो सकती हैं:

दस्तावेज़ीकरण के अनुभाग में मिली सामग्री के अलावा, आपकी गोद लेने की यात्रा के लिए एक महान संसाधन है Microsoft Power Platform दत्तक ग्रहण वेबसाइट, संसाधनों और कार्यपुस्तिकाओं के लिंक के साथ जो आपके द्वारा कदम दर कदम मार्गदर्शन करती हैं Power Platform दत्तक ग्रहण।

क्या आप हमें अपनी दस्तावेज़ीकरण भाषा वरीयताओं के बारे में बता सकते हैं? एक छोटा सर्वेक्षण पूरा करें. (कृपया ध्यान दें कि यह सर्वेक्षण अंग्रेज़ी में है)

सर्वेक्षण में लगभग सात मिनट लगेंगे. कोई भी व्यक्तिगत डेटा एकत्र नहीं किया जाता है (गोपनीयता कथन).

Vikings: War of Clans

Vikings: War of Clans एक रणनीति एवं प्रबंधन-आधारित गेम है, जिसमें आपको एक सुविधा-सम्पन्न वाइकिंग शहर का निर्माण करना होता है। ऐसा करने के लिए आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है लड़ना एवं अन्य खिलाड़ियों द्वारा नियंत्रित पड़ोस के शहरों पर विजय पाना।

शुरुआत में आपके शहर में केवल कुछ ही संरचनाएँ होंगी, और वे सारी निम्न स्तर की होंगी। जैसे-जैसे आपके पास संसाधन एवं पैसे आएँगे, आप ढेर सारी अलग-अलग संरचनाओं का निर्माण कर पाएँगे, जैसे कि भट्ठियाँ, बड़े सैलन एवं बैरक। सबसे बड़ी बात है कि शहर के मुख्य भवनों, जैसे कि हाउस ऑफ द जारत एवं ऑरेकल, का स्तर भी आप बढ़ा सकते हैं।

लड़ाइयों में भाग लेने के लिए आपको सैनिकों की आवश्यकता होगी, और सैनिक पाने के लिए आपको बैरकों का निर्माण करना होगा और पैसे की जरूरत होगी। पेशेवर लड़ाके, घुड़सवार, तीरंदाज, हत्यारे एवं हमलावर कुछ ऐसे यूनिट हैं, जिनके लिए आप भर्ती कर सकते हैं। प्रत्येक की अपनी खूबियाँ और खामियाँ होंगी, पर वे आपके वाइकिंग शहर के लिए अपनी जान न्योछावर करने को तैयार होंगे।

Vikings: War of Clans कोई मौलिक रणनीति एवं प्रबंधन-आधारित गेम नहीं है। यह इस शैली के गेम में कुछ भी नयापन नहीं जोड़ता है, न तो किसी दृष्टि से कोई मौलिक परिदृश्य प्रस्तुत करता है। इसकी एकमात्र खासियत है इसके ग्राफिक्स की गुणवत्ता, जो कि मौलिक रणनीति इस शैली के अधिकांश अन्य गेम की तुलना में ज्यादा स्तरीय एवं उत्कृष्ट है।

वायु सागर बातचीत रणनीति (ओएसिस) देख

एससीओआर वर्किंग ग्रुप # 162 - मौलिक रणनीति एक अवलोकन वायु-सागर इंटरैक्शन रणनीति (ओएएसआईएस) विकसित करना - संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)

सभी महासागर बेसिन, वैश्विक महासागर अवलोकन प्रणाली का विस्तार करें, महासागर के खतरों के लिए सामुदायिक लचीलापन बढ़ाएं, कार्यक्रम, जलवायु परिवर्तन के लिए महासागर-आधारित समाधान अनलॉक करें

ऊर्जा, नमी, और गैसों के वायु सागर आदान-प्रदान ड्राइव और पृथ्वी के मौसम और जलवायु मिलाना, हमारे अपने सहित जीवन को प्रभावित ।

ये वायु-समुद्र इंटरैक्शन हाइड्रोलॉजिकल चक्र को ईंधन देते हैं और दुनिया भर में वर्षा को प्रभावित करते हैं। वायु-समुद्र की बातचीत वायुमंडल और महासागर के बीच कार्बन डाइऑक्साइड के वितरण को प्रभावित करती है, समुद्री जल कैसे बहती है और हवाएं कैसे बहती हैं, और समुद्र की सतह पर तैरने वाले प्रदूषक कैसे चलते हैं मौलिक रणनीति - नीति निर्माताओं, उद्योग और नागरिक समाज के लिए महत्वपूर्ण जानकारी।

अवलोकन वायु-सागर इंटरैक्शन रणनीति (ओएएसआईएस) कार्यक्रम मौसम, जलवायु और महासागर की भविष्यवाणी में मौलिक सुधार, स्वस्थ महासागरों, नीली अर्थव्यवस्था और टिकाऊ भोजन और ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अवलोकन-आधारित ज्ञान प्रदान करेगा।

प्रारंभ तिथि: 01/11/2021
अंतिम तिथि: 31/12/2030

यह कार्यक्रम निम्नलिखित महासागर दशक परियोजनाओं की मेजबानी करता है:

महासागर दशक

ग्लोबल स्टेकहोल्डर फोरम

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चीन की नीयत ठीक नहीं! भारत में घुसपैठ सोची-समझी प्‍लानिंग का हिस्‍सा. अध्‍ययन में दावा

चीन की नीयत ठीक नहीं है। अक्साई चिन क्षेत्र में चीनी अतिक्रमण आकस्मिक घटनाएं नहीं हैं। अलबत्‍ता, विवादित सीमा क्षेत्र पर स्थायी मौलिक रणनीति नियंत्रण पाने की सोची-समझी रणनीत‍ि है। एक अंतरराष्‍ट्रीय अध्‍ययन में यह बात कही गई है। व‍िशेषज्ञ पिछले 15 साल के मौलिक आंकड़ों का इस्तेमाल कर इस न‍िष्‍कर्ष पर पहुंचे हैं।

indo-china tension

अध्ययनकर्ताओं ने कहा, ‘हमारा निष्कर्ष है कि पश्चिम में चीनी अतिक्रमण रणनीतिक रूप से नियोजित हैं जिनका उद्देश्य स्थायी नियंत्रण पाना है, या कम से कम विवादित क्षेत्रों की स्पष्ट यथास्थिति बनाकर रखना है।’

अध्ययन करने वाले दल ने ‘घुसपैठ’ (इन्कर्जन) को भारत के क्षेत्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्य इलाकों में सीमा के आसपास चीनी सैनिकों की पैदल या वाहनों से किसी तरह की गतिविधि के रूप में परिभाषित किया है। उन्होंने एक मानचित्र पर 13 ऐसे स्थान चिह्नित किये हैं जहां बार-बार घुसपैठ होती है।

अनुसंधानकर्ताओं ने 15 साल के आंकड़ों में प्रत्येक वर्ष घुसपैठ की औसतन 7.8 घटनाएं देखीं। हालांकि भारत सरकार का आकलन इससे बहुत अधिक है।

एलएसी को लेकर पुराना सीमा विवाद
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर सीमा विवाद है। चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, वहीं भारत इसका विरोध करता है। अक्साई चिन लद्दाख का बड़ा इलाका है जो इस समय चीन के कब्जे में है।

भारत सरकार के 2019 के आंकड़ों के अनुसार चीन की सेना ने 2016 से 2018 के बीच 1,025 बार भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। तत्कालीन रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने नवंबर 2019 में लोकसभा को बताया था कि चीन की सेना ने 2016 में 273 बार घुसपैठ की जो 2017 में बढ़कर 426 हो गयीं। 2018 में इस तरह की घटनाओं की मौलिक रणनीति संख्या 326 रही।

नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अध्ययनकर्ताओं ने भारत में 2006 से 2020 तक चीनी घुसपैठ की घटनाओं के बारे में नये आंकड़ों को संग्रहित कर इनका विश्लेषण सांख्यिकीय पद्धतियों से किया।

चीन को अहसास होगा बॉर्डर पर तनाव उसके हित में नहीं. जयशंकर का ड्रैगन को मेसेज क्लियर है!
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि संघर्ष को दो क्षेत्रों- पश्चिम या मध्य (अक्साई चिन क्षेत्र) और पूर्व (अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र) में बांटा जा सकता है।

विज्ञप्ति के अनुसार, ‘भारत की पश्चिमी और मध्य सीमाओं पर चीनी घुसपैठ स्वतंत्र और आकस्मिक घटनाएं नहीं हैं जो त्रुटिवश हो जाती हों।’

इसमें कहा गया, ‘अनुसंधानकर्ताओं ने देखा कि समय के साथ आमतौर पर घुसपैठ की संख्या बढ़ रही मौलिक रणनीति है, वहीं वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि पूर्व और मध्य क्षेत्रों में संघर्ष समन्वित विस्तारवादी रणनीति का हिस्सा हैं।’

घुसपैठ अचानक नहीं है, पीछे है सोची-समझी रणनीत‍ि
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक सुब्रह्मण्यम और नॉर्थवेस्टर्न के मैककॉर्मिक स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर वाल्टर पी मर्फी ने कहा कि पश्चिम और मध्य में हुई घुसपैठ की संख्या का समय के साथ अध्ययन करके, 'सांख्यिकीय रूप से यह स्पष्ट हो गया कि ये घुसपैठ आकस्मिक नहीं हैं। इनके अचानक होने की संभावना बहुत कम है, जो हमें बताती है कि यह एक समन्वित प्रयास है।’

सुब्रह्मण्यम ने कहा, ‘पश्चिमी क्षेत्र में अधिक घुसपैठ होने की बात आश्चर्यजनक नहीं है। अक्साई चिन एक रणनीतिक क्षेत्र है जिसे चीन विकसित करना चाहता है, इसलिए यह उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह चीन के और तिब्बत तथा शिनजियांग के चीनी स्वायत्त क्षेत्रों के बीच एक महत्वपूर्ण मार्ग है।’

अध्ययन में जून 2020 में गलवान संघर्ष का उल्लेख किया गया है जिसमें 20 भारतीय जवानों की मौत हो गयी थी तथा चीन के सैनिक भी मारे गये थे जिनकी संख्या अज्ञात है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ की खबरें अब रोजाना की बात हो गयी है।

इसमें कहा गया, ‘दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों के बीच बढ़ता तनान वैश्विक सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। क्षेत्र के सैन्यीकरण का नकारात्मक पारिस्थितिकीय असर है।’

भारत और चीन के बीच पिछले 29 महीने से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध जारी है।

भारत लगातार कहता रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अमन-चैन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए मौलिक रणनीति आवश्यक हैं।

अध्ययन में कहा गया है कि देश केवल अपने से जुड़ी कार्रवाइयों पर प्रतिक्रिया नहीं देते, बल्कि अपने मित्र गठबंधनों तथा प्रतिद्वंद्वी देशों के समूहों से जुड़ी कार्रवाइयों पर भी सक्रियता दिखाते हैं।

चीन को कौन सी बातें रही हैं अखर
इसमें कहा गया, ‘क्वाड में भारत की भागीदारी, अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा संवाद, चीन-भारत सीमा पर चीनी गतिविधि के लिए ‘ट्रिगर’ के रूप में काम कर सकता है। दूसरी ओर, चीन पाकिस्तान के साथ सहयोगात्मक गतिविधियों में शामिल है, और अफगानिस्तान में पश्चिमी शक्तियों के वापस होने के बाद जो शून्य बन गया है, उसमें जगह बनाने के लिए तैयार है।’

अध्ययन के अनुसार, ‘चीन की विदेश नीति तेजी से आक्रामक हो गई है, वह ताइवान के आसपास अपने सैन्य अभ्यास बढ़ा रहा है और दक्षिण चीन सागर में उपस्थिति बढ़ा रहा है। चीन की विस्तारवादी नीतियों का मुकाबला करने के लिए ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन तथा अमेरिका ने एक साझेदारी की है और भारत के लिए एक विकल्प है कि वह खुद को इन तीनों देशों के साथ संयोजित करे।’

अध्ययन में कहा गया है कि भारत और चीन लगातार उच्च सतर्कता बरत रहे हैं और इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि निकट भविष्य में इस स्थिति में सुधार होगा। लेकिन संघर्ष का समाधान अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, विश्व अर्थव्यवस्था और हिमालय के क्षेत्र में विशिष्ट पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए अत्यंत लाभकारी होगा।

नेचर ह्यूमनिटीज और सोशल साइंस कम्युनिकेशन्स द्वारा 2021 में प्रकाशित शोधपत्रों में सुब्रमण्यम और उनके सहयोगियों ने इस बात का अध्ययन किया था कि किस-किस समय घुसपैठ अधिक होने की आशंका है।

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