अगर आप इस प्रकार की सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही लेख पर आये हैं. आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे जिससे कि आपके सारे संशय दूर हो सकें और आप भी शेयर बाजार में पैसे निवेश करके पैसे कमा सकें. इसके लिए यह जरुर पढ़े – ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए.

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है | What is Trading account in Hindi !!

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और कैसे बनाते हैं – Trading Account In Hindi

Trading Account In Hindi: अगर आपको शेयर बाजार में थोड़ी भी रूचि है और पैसे से पैसे कमाना चाहते है या फिर आप शेयर बाजार से सम्बंधित Content पसंद करते हो तो आपने यह जरुर सुना होगा की शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने के लिए Trading Account की जरूरत होती है, बिना इसके न तो आप शेयर खरीद सकते हैं और न ही बेच सकते हैं.

पर क्या आप जानते हैं आखिर यह Trading Account क्या है, ट्रेडिंग अकाउंट काम कैसे करता है, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाते है, ट्रेडिंग अकाउंट कहाँ खुलवाएं और ट्रेडिंग अकाउंट तथा Demat Account में क्या अंतर होता है.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है

Published date: December 25, 2021

डीमैट और ट्रेडिंग

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अन्तर होता है? इस को ठीक से समझने के लिए पहले दोनों को समझना होगा की आखिर ये दोनों अकाउंट क्या होते है. दोनों ही अकाउंट या खाते शेयर मार्केट में यूज़ किये जाते है.

अंतर समझने के लिए पहले समझते हैं, की शेयर मार्केट में शेयर की खरीद और बेचाली कैसे होती है?

आजकल के समय, जब डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है भी कोई व्यक्ति शेयर को खरीदना चाहता है, तो पास डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरुरी होता है. कुछ समय पहले ये अलग अलग होते थे. लेकिन अब अधिकतर स्टॉक ब्रोकर इन्हे एक साथ लिंक करके देते हैं.

शेयर क्रेडिट होने का समय

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों में शेयर के क्रेडिट होने का समय एक मुख्य अंतर होता है. ट्रेडिंग अकाउंट में शेयर को आर्डर के तुरंत बाद क्रेडिट कर दिया जाता है, जबकि डीमैट अकाउंट में आने में लगभग दो दिन का समय लगता है। किसी विशेष स्थिति में, डीमैट अकॉउंट में शेयर क्रेडिट होने में अधिक समय भी लग सकता है.

स्टॉक मार्केट में, ट्रेडिंग अकाउंट के सारे ट्रांसेक्शन स्टॉक ब्रोकर ( जैसे Zerodha या Upstox) के अधीन होते हैं, जबकि डीमैट अकाउंट के ट्रांसेक्शन डिपॉज़िटरी (NSDL या CDSL) के अधीन होते हैं.

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के काम

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों के काम अलग अलग होते है. टेक्नोलॉजी की वजह से आज यह संभव है. आपको शेयर खरीदने बेचने के लिए किसी खास जगह जैसे शेयर बाजार में जाने की जरुरत नहीं होती है. यह काम डिजिटल रूप में मोबाइल या लैपटॉप से ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से कर सकते हैं.

जबकि शेयर को रखने के लिए लम्बे चौड़े कागजों की जरुरत नहीं होती है, बल्कि ये डीमैट अकाउंट में डिजिटल रूप में रख सकते है.

डीमैट अकाउंट शेयर को होल्ड करने का स्पेस होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट शेयर खरीदने बेचने का माध्यम होता है.

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के चार्ज

डीमैट और रीमैट चार्ज

शेयर को फिजिकल फॉर्म मतलब कागजी फॉर्म से डिजिटल फॉर्म में कन्वर्ट करने के लिए चार्ज को डीमैट चार्ज लगता है, जबकि इसके विपरीत शेयर को डिजिटल फॉर्म से फिजिकल फॉर्म में चेंज करने के लिए रीमैट चार्ज लगता है.

इसके दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट में स्टॉक ब्रोकर कुछ अन्य प्रकार के चार्ज लगाता है, जैसे ब्रोकरेज चार्ज, डीपी चार्ज आदि कहते है।

Q.क्या केवल डीमैट अकाउंट को रख सकते हैं?

A. जी हाँ, यदि कोई व्यक्ति शेयर को लम्बे समय के लिए रखना चाहता है, तो वह केवल डीमैट अकाउंट खुलवा सकता है. जबकभी कोई निवेशक आईपीओ में निवेश करना चाहता है तो उसे केवल डीमैट अकाउंट की ही जरुरत होती है.

Q.क्या केवल ट्रेडिंग अकाउंट ही रख सकते हैं?

A. जी हाँ, यह भी संभव है लेकिन वह व्यक्ति केवल फ्यूचर और ऑप्शन जैसी चीजों में ही ट्रेड कर सकता है. क्योकि इनमे शेयर की डिलीवरी नहीं दी जाती।

Difference Between Demat & Trading Account

अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको शेयर बाजार से जुड़ी कई बातों का ज्ञान होना जरूरी है। शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपके पास तीन तरह के खातों का होना जरूरी होता है। इनमें बैंक खाता , डिमैट खाता और ट्रेडिंग खाता शामिल है। डिमैट खाता और ट्रेडिंग खाता एक दूसरे पर निर्भर करते हैं। बिना ट्रेडिंग खाते के डिमैट खाता अधूरा है। जो लोग शेयर मार्केट के क्षेत्र में नये होते हैं उन्हें दोनों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। हम आपको बतायेंगे की डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या अंतर होता है?

इन दोनों के अंतर को समझने के लिए सबसे पहले आपको जानना होगा की डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है।

डीमैट (Demat) खाता क्या है?

डीमैट अकाउंट का फुल फॉर्म होता है डिमैटेरियलाइज्ड अकाउंट (Dematerialized Account)।आज से बहुत सालों पहले शेयर मार्केट डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है में लोग जब शेयरों को खरीदते थे तब उन्हें एक कागज दिया जाता था। इस कागज़ में उस व्यक्ति का नाम, शेयरों की संख्या, तारीख आदि लिखी होती थी। लेकिन जैसे-जैसे Technology ने विकास किया वैसे-वैसे शेयर बाजार ने इलेक्ट्रॉनिक रूप को धारण कर लिया। अब आप इन शेयरों को ऑनलाइन किसी भी computer या mobile की सहायता से खरीद सकते है।

इसके लिए आपको शेयर बाजार में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की जरूरत नहीं होती है। जिन शेयरों और securities को आप खरीदते हैं उन्हें इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में डीमैट अकाउंट में रखा जाता है।डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता इसलिए पड़ती है क्योंकि जिन शेयरों को निवेशक ने खरीदा होता है उन्हें भौतिक से इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदल सके। इस अकाउंट में व्यक्ति के द्वारा खरीदे गए शेयरों, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, बांड्स (Bonds) और government securities सभी को एक साथ रखा जाता है।भारत में डीमैट खाता खुलवाने की सेवा NSDL और CDSL प्रदान करती हैं।

ट्रेडिंग खाता क्या है?

यदि आप अपने पास डीमैट खाता रखते हैं और आप उस खाते से कुछ शेयर बेचना या खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी होता है। यानी जिन शेयरों की खरीद आप कंप्यूटर या मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन करते हैं। उनकी खरीद-फरोख्त के लिए आपको एक खाता रखना जरूरी होता है, यह खाता ट्रेडिंग अकाउंट कहलाता है। ट्रेडिंग अकाउंट ही शेयर बाजार में शेयरों की लेनदेन का एक जरिया है।

1. Demat Account में शेयरों को डिजिटल फॉर्म में रखा जाता है, वहीं ट्रेडिंग खाते के माध्यम से आप शेयर, IPO, म्यूच्यूअल फंड इत्यादि में निवेश कर सकते हैं। निवेश करने के पश्चात इन्हें डीमैट खाते में डिजिटल फॉर्म में रख सकते हैं।

2. डीमैट अकाउंट निवेशक द्वारा खरीदे गए शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म या डिजिटल फॉर्म में रख लेता है। तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट का काम बाजार से शेयरों को बेचने-खरीदने का होता है।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है

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  • Post author: Ankita Shukla
  • Post published: March 14, 2019
  • Post category: Gyan
  • Post comments: 0 Comments

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Demat Account and Trading Account” अर्थात “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जैसा कि हम सब जानते हैं जब भी हम एक ब्रोकर के जरिये अपना डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं, तो वो साथ में ट्रेडिंग अकाउंट भी खोलते हैं. क्यूंकि बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप शेयर मार्किट में अपना काम आसानी से नहीं कर सकते हैं. लेकिन दोनों अकाउंट साथ में खुलने का अर्थ ये बिलकुल नहीं होता है कि दोनों अकाउंट समान कार्य करते हैं या ये दोनों अकाउंट समान है. दोस्तों आज हम आपको इन्ही के विषय में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है का टॉपिक.

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है | What is Trading account in Hindi !!

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि पहले से समय में किसी भी कार्य को करने के लिए हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का साधन उपलब्ध नहीं हुआ करते थे और यह समान स्थिति शेयर मार्किट के केस में भी थी. अर्थात जब भी पहले कोई भी कंपनी के शेयर को खरीदता था, तो उसे सर्टिफिकेट के रूप में एक कागज दिया जाता था, जिसपर व्यक्ति का नाम, शेयर की संख्या, तारीख, आदि लिखा रहता था. लेकिन अब वो समस्या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये दूर हो गयी है अर्थात अब यदि आप किसी कंपनी के शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं तो अब आपको उसके लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक नहीं होता है. बस कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से आप आसानी से शेयर को खरीद व बेच सकते हैं, लेकिन इस प्रकार के लेनदेन मतलब ट्रेडिंग के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य होता है. यदि आपको शेयर मार्किट में अपना बिज़नेस करना है या शेयर का लेनदेन करना है, तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। जिसके बिना ये संभव नहीं होता है.

डीमैट अकाउंट क्या है | What is Demat Account in Hindi !!

अब जैसा कि आपको समझ में आ गया होगा कि ट्रेडिंग अकाउंट का क्या काम है तो बात अब डीमैट अकाउंट की करते हैं , यह अकाउंट भी शेयर मार्केट का ही एक भाग है। ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये हम शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। तब हमे उन उस खरीदे हुए शेयर को रखने के लिए भी एक एकाउंट की आवश्यकता पड़ती है, जिसे हम डीमैट अकाउंट कहते है। जब हम कोई शेयर खरीद कर अपने पास रख लेते हैं तो वह डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेव रहते है, और जब हम उन शेयर को बेचना चाहते हैं तो शेयर हमारे डीमैट अकाउंट से निकलकर ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से खरीदने वाले के पास चले जाते है।

# ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों साथ में खोले जाने वाले अकाउंट होते हैं.

# ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये शेयर को खरीदा व बेचा जाता है और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को सुरक्षित संभाल कर रखा जाता है.

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

शेयर मार्केट में निवेश ( इन्वेस्टमेंट ) शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट ( खातों ) की जरूरत होती है . ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट , ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट . हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है , लेकिन ट्रांजैक्शन ( लेन – देन ) को पूरा करने के लिए तीनों एक – दूसरे पर निर्भर होते हैं . शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए .

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है . जैसे एक सेविंग अकाउंट ( बचत खाता ) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है , वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है . डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है . ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में स्टोर ( संग्रहित ) करते हैं . फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म ( रूप ) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया ( प्रोसेस ) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है . जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है . डीमैट अकाउंट के प्रकार ( टाइप ) डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव सावधानी से करना चाहिए . कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है . निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . 5 पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं . डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं .

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