चार्ट के हिसाब से मार्केट खुलने के बाद धीरे-धीरे नीचे आता है, नीचे की तरफ जो हैमर कैंडल बनी है। उसका दो तरह से यूज हो सकता है, पहला मार्केट के गैपअप होने पर हैमर कैंडल का अलग तरीके से यूज होगा। यदि यह हैमर कैंडल पिछले दिन के लो प्राइस से नीचे बनता है। तब इसका अलग तरीके से यूज होगा।

Technical Analysis Kya hai ?

तकनीकी विश्लेषण में क्या शामिल है? तकनीकी विश्लेषण में क्या शामिल है?

मौलिक(Fundamental ) और तकनीकी(Technical ) विश्लेषण दो बुनियादी प्रकार के बाजार विश्लेषण हैं। शेयर बाजार में तकनीकी विश्लेषण का इस्तेमाल ज्यादातर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए किया जाता है। तकनीकी विश्लेषण का उपयोग अन्य बातों के अलावा स्टॉक मूल्य में उतार-चढ़ाव, प्रवृत्तियों और ट्रेडिंग वॉल्यूम की जांच के लिए किया जा सकता है।

तकनीकी विश्लेषण (मौलिक विश्लेषण के विपरीत) का उपयोग वित्तीय बाजार की गतिविधियों का शीघ्रता से विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। यह पिछले वॉल्यूम और मूल्य आंदोलन डेटा का उपयोग करके वित्तीय घंटे की कैंडलस्टिक क्या है बाजार की कीमतों की दिशा की भविष्यवाणी करने की एक तकनीक है। ऐतिहासिक आंकड़ों के आधार पर स्टॉक की चाल का अनुमान लगाया जा सकता है। स्टॉक अस्थिरता के चार्ट का विश्लेषण किया जा सकता है।

Technical Analysis Vs Fundamental Analysis

तकनीकी विश्लेषण का फोकस ऐतिहासिक डेटा पर है। पिछले मूल्य और वॉल्यूम डेटा के आधार पर तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करके स्टॉक रुझानों का आकलन किया जा सकता है। दूसरी ओर, मौलिक विश्लेषण में कंपनी के वित्तीय खातों, व्यवसाय मॉडल, प्रबंधकीय क्षमताओं आदि का अध्ययन शामिल है।

मौलिक विश्लेषण का मुख्य लक्ष्य किसी फर्म में लंबे समय तक निवेश करने के लिए समय से पहले पूर्वानुमान बनाना है। तकनीकी विश्लेषण भी लंबी अवधि के निवेश करने में आपकी सहायता कर सकता है।

दूसरी ओर, आप केवल तकनीकी विश्लेषण सीख सकते हैं यदि आप अल्पावधि के लिए निवेश करना चाहते हैं। आइए अब कुछ और तकनीकी विश्लेषण बुनियादी बातों पर एक नज़र डालें।

अल्पकालिक निवेशकों या व्यापारियों को तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करना चाहिए, जबकि दीर्घकालिक निवेशकों को मौलिक विश्लेषण का उपयोग करना चाहिए। मूल्य और मात्रा की सहायता से, आप सर्वोत्तम दीर्घकालिक प्रवेश और निकास निर्णय ले सकते हैं।

बार के साथ ग्राफ

एक बार चार्ट का उपयोग किसी विशिष्ट समय पर स्टॉक या स्टॉक की गति को निर्धारित करने के लिए किया जाता है; यह एक विशिष्ट समय अवधि (15 मिनट, 1 घंटा, 1 दिन, आदि) के लिए स्टॉक, कमोडिटी या एफएक्स शेयर का उद्घाटन, उच्च और निम्न है।

मुझे पता था, मैंने ले लिया, और मैंने सौदा बंद कर दिया। तकनीकी विश्लेषण स्टॉक की कीमत, बार चार्ट या चार्ट की किसी अन्य शैली, जैसे कैंडलस्टिक या लाइन चार्ट की गति को प्रदर्शित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

एक पंक्ति में ग्राफ

एक लाइन चार्ट बार चार्ट या कैंडलस्टिक चार्ट से अलग होता है। स्टॉक की कीमत की गति को मापने में आपकी सहायता करने के लिए लाइन चार्ट पर एक लाइन को दर्शाया गया है, जैसा कि नाम में है। बार और कैंडलस्टिक चार्ट की तुलना में लाइन चार्ट को समझना अधिक कठिन होता है।

बार चार्ट की तरह, कैंडलस्टिक चार्ट मूल्य परिवर्तन दर्शाते हैं। यह एक निश्चित अवधि (15 मिनट, 1 घंटा, 4 घंटे आदि) के लिए स्टॉक, कमोडिटी या फॉरेक्स शेयर के ओपनिंग, हाई, लो और क्लोज (OHLC) को निर्धारित करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

बार चार्ट में स्टॉक को बार द्वारा दर्शाया जाता है। कैंडलस्टिक चार्ट में, शेयर की कीमत को मोमबत्तियों द्वारा दर्शाया जाता है। कैंडलस्टिक चार्ट बार चार्ट, लाइन चार्ट और अन्य प्रकार के चार्ट की तुलना में व्याख्या करना आसान घंटे की कैंडलस्टिक क्या है होता है। एक तेजी के बाजार में, मोमबत्तियां हरी होती हैं, जबकि एक नकारात्मक बाजार में, मोमबत्तियां लाल होती हैं।

बैंक निफ्टी की सबसे बढ़िया ट्रेडिंग स्ट्रेटजी सरल शब्दों में।

Bank Nifty इंडियन स्टॉक मार्केट NSE का एक इंडेक्स है। इसमें इंडिया के सबसे ज्यादा liquid और सबसे ज्यादा केपिटल वाले स्टॉक्स शामिल हैं। यह इन्वेस्टर्स को एक बेंचमार्क देते हैं, जो बैंकिंग सेक्टर की केपिटल परफॉर्मेंस को दर्शाता है। बैंक निफ़्टी बहुत ही वोलेटाइल इंडेक्स है। इसमें ट्रेडर बहुत बड़ी मात्रा में ट्रेडिंग घंटे की कैंडलस्टिक क्या है करते हैं।

जो ट्रेडर अच्छी तरह से टेक्निकल एनालिसिस को से समझते हैं, वे अच्छी-अच्छी स्ट्रेट्जी बनाकर इससे पैसा भी बहुत कमाते हैं। इस आर्टिकल में आपको बैंक निफ्टी की सबसे बढ़िया और सरल स्ट्रेट्जी के बारे में बताया गया है। चलिए जानते हैं- बैंक निफ्टी की सबसे बढ़िया ट्रेडिंग स्ट्रेटजी सरल शब्दों में। Best Bank Nifty option trading strategy in Hindi

Bank Nifty

Bank Nifty के चार्ट को देखकर बाइंग और सेलिंग कब करें?

अगर आप यह जान गए कि बैंक निफ़्टी की कब कॉल खरीदनी चाहिए और कब पुट. तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कामना भी सीख जाएंगे। चार्ट पर किस कैंडल का यूज़ बैंक निफ्टी के खरीदने के लिए और किस कैंडल का यूज़ उसे बेचने के लिए करना चाहिए।

चार्ट पर जब हैमर ( Hammer घंटे की कैंडलस्टिक क्या है & Inverted Hammer) कैंडल तब बाइंग करना चाहिए और शूटिंग स्टार कैंडल बनने पर खरीदना चाहिए। इन कैंडल्स के कहीं भी बनने पर इनका यूज़ नहीं करना चाहिए। सही जगह पर सही कैंडल बने तभी आपको पोजीशन बनानी चाहिए। Price Action क्या है?

Hammer candlestick

Bank Nifty option trading strategy

उपर्युक्त चार्ट के हिसाब से Bank Nifty option trading strategy को समझते हैं, यदि घंटे की कैंडलस्टिक क्या है बैंक निफ़्टी 500/600 पॉइंट गैपअप खुलता है। ज्यादा गैपअप खुलने पर, ऊपर नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि जिन्होंने पहले दिन निचले लेवल पर बैंक निफ़्टी की कॉल खरीदी है। वे लोग यह प्रॉफिट बुक जरूर करेंगे। यदि आपने ऊपरी स्तर पर खरीदारी घंटे की कैंडलस्टिक क्या है की तो आपके ऊपरी लेवल पर ट्रेप होने के चांस बहुत ज्यादा है।

ऑप्शन बैंक में पैसा तभी बनता है जब आप मोमेंटम को पकड़ेंगे। साइडवे में मार्केट में पैसा बनाना बहुत मुश्किल है। यदि आप एक प्राइस पर एक डेढ़ घंटे रुक गए तो आपने जो ऑप्शन सौ रूपये में लिया था। उसकी कीमत घटकर 70-75 रूपये रह जाएगी। इसलिए आपको मूमेंटम का इंतजार करना चाहिए।

इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए शेयर मार्केट की सिस्टमैटिक लर्निंग जरूरी है। यदि आप को अंग्रेजी आती है तो आप, भारतीय शेयर मार्केट के अनुकूल बहुत सारी ऑप्शन स्ट्रेटजी जानने के लिए इंद्रजीत शांतराज लिखित बुक The Subtle Art of Intraday Trading पढ़ सकते हैं।

पोजीशन कब बनायें और प्रॉफिट कब बुक करें?

आपको Bank nifty में अपनी पोजीशन तब बनानी है जब हैमर के बाद बनने वाली कैंडल, हैमर के हाई प्राइस को ब्रेक कर दे। तब आपको ट्रेड लेना चाहिए तथा हैमर कैंडल के लो प्राइस का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए। टारगेट पहले से फिक्स नहीं होन चाहिए, आपको प्रॉफिट तब करना है, जब मार्केट एक या दो कैंडल के नीचे ट्रेड करना शुरू कर दें। तब इस पोजीशन से निकल जाना चाहिए। यानी प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए। नैस्डेक इंडेक्स क्या है?

प्रॉफिट रेड कैंडल बनने पर बुक करना चाहिए, रेड कैंडल जब पहली ग्रीन कैंडल के लो प्राइस को ब्रेक करें, तब प्रॉफिट बुक करना चाहिए। Options trading में अक्सर यह होता है कि जब मार्केट तेजी से ऊपर जाता है। तब सौ रूपये की पुट/कॉल बहुत जल्दी 150 की हो जाती है।

अगर मार्केट थोड़ी देर एक जगह पर रुका रहता है तो 100 रूपये की पुट/कॉल 80 रूपये की हो जाती है। ऑप्शन ट्रेडिंग मैं आप छोटे-छोटे टारगेट लेकर ही पैसा बना सकते हैं। अगर आप एक बार में ही बहुत ज्यादा पैसा बनाना चाहेंगे तो इस चक्कर में आप अपनी पूंजी भी गवाँ सकते हैं। इसमें सौ पॉइंट का प्रॉफिट ही काफी है। एल्गो ट्रेडिंग क्या है?

क्या भारतीय ट्रेडर्स SGX Nifty में ट्रेड कर सकते हैं?

कोई भी भारतीय व्यक्ति एसजीएक्स निफ़्टी में ट्रेड नहीं कर सकता है। केवल फॉरेन इन्वेस्टर्स (FII) ही एसजीएक्स निफ़्टी में पोजीशन ले सकते हैं। दौलत के खेल में चेम्पियन कैसे बनें?

एसजीएक्स निफ्टी, निफ्टी का फ्यूचर कॉट्रेक्ट है, जो सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड करता है। Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई (NSE) में ट्रेड करता है। SGX Nifty का कांटेक्ट साइज निफ्टी से अलग है। इंडिया में निफ़्टी का 75 शेयर का एक लॉट होता है। एसजीएक्स निफ़्टी यूएस डॉलर में ट्रेड करता है जैसे कि निफ्टी 9500 पर ट्रेड कर रहा है तो एसजीएक्स निफ़्टी का कॉन्ट्रैक्ट साइज 9500*(2USD) i.e., 19000 USD.

यह दूसरा सबसे बड़ा फर्क है, यदि Nifty 100 पॉइंट ऊपर चढ़ता है तो आपको निफ्टी के एक lot पर 7500 रूपये का प्रॉफिट होता है। इसी तरह SGX Nifty के 100 पॉइंट ऊपर जाने पर 100*2 =200 USD का फायदा होता है। इंडिया में निफ्टी का मूवमेंट जाने के लिए ओपन इंटरेस्ट देखा जाता है, इसे As the numbers of outstanding कहा जाता है।

SGX Nifty इंडियन स्टॉक मार्केट को क्यों प्रभावित करता है?

ज्यादातर न्यूज़ रात के समय ही आती हैं क्योंकि ज्यादातर देश जैसे कि अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के टाइम जोन और इंडिया के टाइम जोन में कई घंटों का अंतर है। इसलिए जब इंडिया में रात होती है तब काफी देशों में दिन होता है।

इसलिए वर्ल्ड इकोनॉमी से सम्बंधित ज्यादातर महत्वपूर्ण न्यूज, जब इंडिया में रात होती है तब आतीं हैं। इस न्यूज का असर जब भारतीय शेयर बाजार खुलता है तब उस पर दिखाई देता है, SGX Nifty ज्यादातर समय खुला ही रहता है इसलिए किसी भी ब्रेकिंग न्यूज का असर इस पर तुरंत दिखाई देता है।

GX Nifty का महत्व

यह तो आप जानते ही होंगे कि ग्लोबल न्यूज़ की वजह से भी भारतीय स्टॉक मार्केट गिरता और चढ़ता रहता है। जब भारतीय शेयर मार्केट बंद होता है, उस समय यदि कोई ऐसी ग्लोबल न्यूज़ आती है। जिसकी वजह से भारतीय शेयर मार्केट की चाल पर भी असर पड़ सकता है। तो समय आने वाली न्यूज़ का असर एसजीएक्स निफ़्टी पर दिखाई देता है।

वैसे भी सिंगापुर का टाइम भारतीय टाइम से ढाई घंटा आगे चलता है इसलिए आप लोग SGX Nifty को देखकर ढाई घंटे पहले ही निफ्टी के डाटा को ट्रैक कर सकते हैं। जब भी रात को कोई पॉजिटिव या नेगेटिव ग्लोबल न्यूज़ आती है तो उसका असर एसजीएक्स निफ़्टी पर साफ-साफ दिखाई देता है। यदि एसजीएक्स निफ़्टी डाउन होता है, तो आप देखेंगे कि निफ्टी भी ज्यादातर डाउन नहीं खुलता है। शेयर मार्केट निवेश के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

इसी तरह यदि SGX Nifty ऊपर होता है, तो निफ्टी के भी पॉजिटिव खुलने के चांस बहुत ज्यादा होते हैं। वैसे निफ्टी 100% तो एसजीएक्स निफ़्टी के मूवमेंट का अनुसरण नहीं करता है। लेकिन 80-90% तो उसी के हिसाब से चलता है।

Gold Silver Technical Analysis 18th Feb 2020: सस्ते भाव पर मिल रहा है सोना और चांदी, शाम को बढ़ सकते हैं भाव

Gold Silver Technical Analysis 18th Feb 2020

Gold Silver Technical Analysis 18th Feb 2020: एंजेल ब्रोकिंग (Angel Broking) डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी एवं करेंसी) अनुज गुप्ता (Anuj Gupta) के अनुसार 1 घंटे के टेक्निकल चार्ट पर शाम के सत्र में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी की संभावना दिखाई पड़ रही है. अनुज का कहना है कि सोने में निचले स्तर से रिकवरी दर्ज की जा सकती है. सोने का RSI पॉजिटिव ट्रेंड की ही ओर इशारा कर रहा है. इसके अलावा तकनीकी चार्ट पर सोने में बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न (Bullish Candlestick Pattern) बनता हुआ दिख रहा है.

लोकप्रिय बुनियादी उपकरण

लॉन्ग या शॉर्ट पोजीशन टूल आपको ट्रेडिंग पोजीशन को ट्रैक या अनुकरण करने की अनुमति देता है। आप मैन्युअल रूप से प्रवेश मूल्य, टेक प्रॉफिट और स्टॉप-लॉस स्तरों को समायोजित कर सकते/सकती हैं। फिर आप संबंधित जोखिम/इनाम अनुपात देखेंगे/देखेंगी।

2. अपनी घंटे की कैंडलस्टिक क्या है लॉन्ग/शार्ट पोजीशन बनाने के लिए ग्राफ पर क्लिक करें। हरा छायांकित क्षेत्र आपके लक्ष्य (संभावित लाभ) का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि लाल आपके स्टॉप-लॉस क्षेत्र (संभावित हानि) को दर्शाता है। केंद्र में, आप जोखिम/इनाम अनुपात देख सकते/सकती हैं।

3. अपना जोखिम/इनाम अनुपात बदलने के लिए बॉक्स के किनारों को ड्रैग करें। टारगेट आपके प्रवेश मूल्य और टेक प्रॉफिट लेवल के बीच मूल्य में अंतर को दिखाता है। स्टॉप आपके प्रवेश मूल्य और स्टॉप-लॉस स्तर के बीच मूल्य में अंतर को दर्शाता है।

ट्रेंड लाइन

आप अपने तकनीकी विश्लेषण के तरीकों में फिट होने के लिए आसानी से अपने चार्ट में ट्रेंड लाइन जोड़ सकते/सकती हैं। सामान्य तौर पर ट्रेंड लाइन्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए, हमारे बायनेन्स अकादमी ट्रेंड लाइन्स गाइड को देखें ।

ट्रेंड लाइन बनाने के लिए, बस [ट्रेंड लाइन] टूल पर क्लिक करें और अपनी ट्रेंड लाइन के लिए शुरुआत और समापन बिंदु चुनें।

नीचे एक सरल ट्रेंडलाइन का एक उदाहरण है जो संभावित बाजार के प्रवेश बिंदुओं को प्रदर्शित करता है। फ्लोटिंग टूलबॉक्स का उपयोग करके मोटाई, रंग और अन्य सुविधाएं अनुकूलन योग्य हैं।

तकनीकी संकेतक

यदि आप संपूर्ण चार्ट को रीसेट करना चाहते/चाहती हैं, तो चार्ट पर कहीं भी राइट-क्लिक करें और [चार्ट रीसेट करें] पर क्लिक करें, या अपने कीबोर्ड पर [Alt + R]दबाएं।

आरंभ करने के लिए यहां सभी आधारभूत बातें हैं। आज अपने तकनीकी विश्लेषण के लिए बायनेन्स पर ट्रेडिंगव्यू टूल का उपयोग करना आरंभ करें।

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