Digital Rupee : क्या है डिजिटल रुपी? आज लॉन्च होगा RBI का पहला पायलट प्रोजेक्ट
RBI ने एक बयान में कहा, Digital Rupee - Wholesale सेगमेंट में यह क्या है डिजिटल करेंसी पहला पायलट प्रोजेक्ट है। Digital Rupee - Retail सेगमेंट में पहला पायलट प्रोजेक्ट एक महीने के भीतर चुनिंदा लोकेशंस में लॉन्च करने की योजना है
Central Bank Digital Currency (CBDC) या डिजिटल रुपी सेंट्रल बैंक द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं
Digital Rupee : भारत का पहला डिजिटल रुपी पायलट प्रोजेक्ट मंगलवार, 1 नवंबर से शुरू हो गया। रिजर्व बैंक (RBI) आज होलसेल सेगमेंट को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल बैंक बैक्ड डिजिटल रुपी के लिए पायलट लॉन्च करेगा।
RBI ने एक बयान में कहा, Digital Rupee - Wholesale सेगमेंट में यह पहला पायलट प्रोजेक्ट है।
यह भी ऐलान किया गया है कि Digital Rupee - Retail segment में पहला पायलट चुनिंदा लोकेशंस में एक महीने के भीतर लॉन्च करने की योजना है, जो कंज्यूमर्स और मर्चेंट्स को मिलाकर बने क्लोज्ड यूजर ग्रुप्स के लिए होगा।
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ये नौ बैंक होंगे शामिल
RBI ने कहा, इस पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों स्टेट बैंक (State Bank of India), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), यूनियन बैंक (Union Bank of India), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), यस बैंक (Yes Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और HSBC की पहचान की गई है।
क्या है Digital Rupee
Central Bank Digital Currency (CBDC) या डिजिटल रुपी सेंट्रल बैंक द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं। Digital currency या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपये को कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन (contactless transactions) में इस्तेमाल किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट, 2022 में इससे जुड़ा ऐलान किया था।
दो तरह की होगी CBDC
- Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को क्या है डिजिटल करेंसी इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
- Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। सबसे खास बात है RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी क्या है डिजिटल करेंसी क्या है डिजिटल करेंसी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी।
Digital Currency: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुरू की डिजिटल करेंसी, जानिए इस्तेमाल का तरीका और बिटक्वाइन से कैसे है अलग
RBI Digital Currency: डिजिटल करेंसी की आज से शुरूआत हो गई है. ऐसे में आज हम आपको डिजिटल करेंसी के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं कि क्या है डिजिटल करेंसी और कैसे होगा इसका इस्तेमाल?
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RBI Digital Currency: भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से आज डिजिटल करेंसी की शुरूआत की जा रही है. ये करेंसी अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए जारी की गई है. जानकारी के मुताबिक डिजिटल रुपये को फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है.
पायलट प्रोजेक्ट क्या होता है
बता दें पायलट प्रोजेक्ट एक तरह का टेस्ट होता है जिसमें किसी भी चीज़ को बड़ी मात्रा में चालू करने से पहले इसे कम लोगों के लिए जारी किया जाता है. ऐसा करने से उस चीज़ की खामियां और कमजोरियां उजागर हो जाती हैं और उसे आसानी से ठीक कर दिया जाता है.
डिजिटल करेंसी क्या है?
डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपी सेंट्रल बैंक की तरफ से जारी किए गए एक तरह के नोट्स हैं. जिनका इस्तेमाल सिर्फ फिजिकली ना होकर इलेक्ट्रॉनिकली किया जा सकता है. यानी फिजिकल नोट्स की तरह इलेक्ट्रॉनिक नोट्स होना. रिजर्व बैंक के इस कदम को काफी अहम बताया जा रहा है. क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि आने वाला वक्त कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन का होगा.
कितनी तरह की होती है डिजिटल करेंसी
- रिटेल (CBDC-R): ये करेंसी सभी के इस्तेमाल के लिए है, यानी आम आदमी इससे हर ज़रूरी समान खरीद सकेगा.
- होलसेल (CBDC-W): इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए बनाया गया है, यानी होल सेल करेंसी का आम लोग इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
डिजिटल करेंसी के क्या फायदे हैं?
मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल करेंसी आने से लोगों को अपने पास कैश रखने की ज़रूरत नहीं होगी. अब कैश मोबाइल वैलेट में रखा जा सकेगा. इस करेंसी के सर्कुलेशन को पूरी तरह रिज़र्व बैंक कंट्रोल करेगा. लेकिन बता दें ये करेंसी देश के छोटे-छोटे इलाकों में पहुंचाना एक बहुत बड़ा चैलेंज बन सकती है. क्योंकि आज भी देश की एक बहुत बड़ी आबादी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं करती है.
क्रिप्टो करेंसी से कैसे अलग है डिजिटल रुपया
क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से निजी होती है. इसे कंट्रोल करने के लिए भारत में अभी कोई बॉडी नहीं है. यानी ये सरकार और रिजर्व बैंक इस पर नज़र नहीं रखता है. लेकिन डिजिटल करेंसी पूरी तरह से सरकार और रिजर्व बैंक की देख रेख में रेगुलेट की जाएगी. डिजिटल करेंसी रखने के कोई लिमिट नहीं है. रिजर्व बैंक और सरकार के जरिए रेगुलेट होने के कारण इसमें लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका भी कम है.
बता क्या है डिजिटल करेंसी दें क्रिप्टो करेंसी का भाव लगातार घटता और बढ़ता रहता है. लेकिन डिजिटल रुपी का एक भाव ही रहेगा. आसान ज़ुबान में समझें तो फिजिकल इस्तेमाल होने वाले नोट के सारे फीचर्स आपको डिजिटली मिलेंगे.
इन 9 बैंक्स को किया गया है सेलेक्ट
इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के लिए 9 बैंक्स को चुना दया है. जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी, एचएसबीसी शामिल हैं.
आरबीआई ने कही थी ये बात
हाल ही में आरबीआई ने कहा कि डिजिटल करेंसी का मकसद मौजूदा ट्रांजेक्शन्स के तौर तरीकों को बदलना नहीं है बल्कि एक एक्स्ट्रा ऑप्शन देना है. इसको लाने का मतलब मौजूदा प्रणालियों को बदलना नहीं है. यानी इसके आने से आपके लेन देन पर कोई असर नहीं होगा.
इस बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए विज़िट करें आरबीआई की ऑफिशियल वेबसाइट. क्लिक करें
Digital currency: क्या है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, यह कैसे करेगी काम, समझें इससे जुड़ी पूरी डिटेल
CBDC किसी देश का लीगल टेंडर है और इसे सेंट्रल बैंक द्वारा जारी किया जाता है. यह देश के मॉनिटरी अथॉरिटी द्वारा जारी ऑफिशियल करेंसी का एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन है.
निर्मला सीतारमण ने साल 2022 का बजट पेश करते हुए एलान किया कि रिजर्व बैंक (RBI) अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया लॉन्च करेगा.
RBI Digital currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2022 का बजट पेश करते हुए एलान किया कि रिजर्व बैंक (RBI) अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया लॉन्च करेगा. यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC होगी. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर यह CBDC क्या है और यह कैसे काम करेगी. CBDC दरअसल, आरबीआई द्वारा जारी की गई एक डिजिटल करेंसी है. सरल शब्दों में कहें तो सीबीडीसी किसी देश का लीगल टेंडर है क्योंकि इसे सेंट्रल बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाता है. यह किसी देश के मॉनिटरी अथॉरिटी द्वारा जारी ऑफिशियल करेंसी का एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन है.
बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) द्वारा 2021 में किए गए एक सर्वे से पता चला है कि 86 प्रतिशत केंद्रीय बैंक सीबीडीसी को अपनाने की तैयारी में हैं. वहीं, लगभग 15 प्रतिशत देश इसे लेकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं. CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक करेंसी ही है, लेकिन यह कागज (या पॉलीमर) नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि आरबीआई द्वारा शुरू की गई सीबीडीसी भारत की फिएट करेंसी – भारतीय राष्ट्रीय रुपया (INR) जैसी होगी और इसे फिजिकल करेंसी से एक्सचेंज (विनिमय) किया जा सकेगा. आरबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, यह एक इलेक्ट्रॉनिक रूप में सॉवरेन करेंसी है और केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट पर लायबिलिटी (चलन में मुद्रा) के रूप में दिखाई देगी.
क्यों है सीबीडीसी की जरूरत
CBDC डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र टेक्नोलॉजी (DLT) द्वारा समर्थित होगा, लेकिन यह एक लाइसेंस प्राप्त ब्लॉकचेन होगा जो इसे ऐसे क्रिप्टो एसेट्स से अलग करेगा, जिन्हें लाइसेंस प्राप्त नहीं होता है. सेंट्रल मॉनीटरी अथॉरिटी के पास ब्लॉकचेन का कंट्रोल होगा. कागजी मुद्रा के इस्तेमाल में लगातार कमी आ रही है अब आरबीआई इसके इलेक्ट्रॉनिक रूप को और अधिक लोकप्रिय बनाना चाहता है. डिजिटल मुद्रा अधिक एफिशिएंट होगी और प्राइवेट करेंसी के खतरे और होने वाले नुकसान से बचने में मदद करेगी. डिजिटल करेंसी को जलाया या डैमेज नहीं किया जा सकता है, इसलिए एक बार जारी किए जाने के बाद ये हमेशा रहेंगे.
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CBDC के क्या हैं फायदे
सीबीडीसी फाइनल पेमेंट होगा और फाइनेंशियल सिस्टम, खास तौर पर बैंकों में सेटलमेंट के जोखिम को समाप्त करेगा. सीबीडीसी वैल्यू का एक्चुअल स्टोर होगा और वैल्यू को एक एंटिटी से दूसरे में ट्रांसफर करेगा. इससे लेन-देन की लागत कम होगी और पैसे का फ्लो आसान होगा. सीबीडीसी के ज़रिए रियल टाइम ट्रांजेक्शन और एक ग्लोबलाइज़ कॉस्ट इफेक्टिव पेमेंट सेटलमेंट सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा. उदाहरण के लिए, इसके ज़रिए भारतीय आयातक किसी बिचौलिए के बिना ही डिजिटल डॉलर में रियल टाइम में निर्यात किए गए अमेरिकी सामान का भुगतान कर सकते हैं. इसमें यह भी जरूरी नहीं होगा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व सिस्टम सेटमेंट के लिए खुली हो. करेंसी सेटलमेंट में टाइम जोन के अंतर से अब कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह लेन-देन फाइनल होगा.
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा जारी एक नोट के अनुसार, सीबीडीसी में पैसे के मौजूदा फॉर्म की तुलना में लिक्विडिटी, एक्सेप्टेंस, लेनदेन में आसानी और फास्ट सेटलमेंट में मदद मिलेगी. यह निकट भविष्य में कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर एक व्यावहारिक बदलाव हो सकता है. सीबीडीसी को अपनाने से लोगों के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए सपोर्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करना आसान हो जाएगा. यह डिजिटल इकनॉमी की ओर बढ़ने में सरकार की मदद करेगा.
अन्य देशों में क्या है स्थिति
भारत में वित्तीय वर्ष 2022-23 में सीबीडीसी या डिजिटल रुपये को लॉन्च किए जाने की उम्मीद है. इसे दो वर्ज़न – रिटेल क्या है डिजिटल करेंसी डिजिटल रुपी (Retail Digital Rupee) और होलसेल डिजिटल रुपी (Wholesale Digital Rupee) में लॉन्च करने की योजना है. वैश्विक तौर पर देखें तो नाइजीरिया Naira नाम की अपनी डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने के लिए तैयार है. वेनेजुएला भी अपना CBDC, यानी डिजिटल Bolivar लॉन्च करने की योजना बना रहा है. साउथ कोरिया डिजिटल युआन का पायलट परीक्षण कर रहा है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी), अमेरिका, रूस, चीन और तुर्की भी सीबीडीसी को लेकर अपनी योजनाओं पर विचार कर रहे हैं.
Digital Currency Vs Cryptocurrency : क्या होती है डिजिटल करेंसी, यह क्रिप्टोकरेंसी से कितनी अलग है?
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने गुरुवार को केंद्रीय बैंक के डिजिटल करेंसी पेश करने के प्लान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
हाइलाइट्स
- डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है।
- जिस देश का केंद्रीय बैंक (Central Bank) इसे जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है।
- इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में बदला जा सकता है।
नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने गुरुवार को बड़ा एलान किया। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर (Deputy Governor) टी रवि शंकर ने इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द डिजिटल करेंसी (Digital Currency) पेश करेगा। उसने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
दरअसल, आरबीआई (RBI) ने बहुत पहले ही अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का संकेत दे दिया था। दुनिया के कई दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक भी डिजिटल करेंसी शुरू करने की तैयारी में हैं। क्या आप डिजिटल करेंसी का मतलब जानते हैं? आइए इसका मतलब जानते हैं और यह भी जानते हैं कि यह क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलगा है।
क्या है डिजिटल करेंसी?
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है। जिस देश का केंद्रीय बैंक (Central Bank) इसे जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है। यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट (Balance Sheet) में भी शामिल होती है। इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में बदला जा सकता है। भारत के मामले में आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है-रिटेल (Retail) और होलसेल (Wholesale)। रिटेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती हैं। होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है।
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी अंतर है। सबसे बड़ा अंतर यह है कि डिजिटल क्या है डिजिटल करेंसी करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है। इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता है। इससे जारी करने वाले देश में खरीदारी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे सॉवरेन मुद्रा में यानी उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के साथ यह सुविधा नहीं मिलती है।
दूसरा, फर्क यह है कि डिजिटल करेंसी की वैल्यू में क्रिप्टोकरेंसी की तरह उतार-चढ़ाव नहीं होता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में बहुत उतार-चढ़ाव होता है। क्या है डिजिटल करेंसी बिटकॉइन इसका उदाहरण है। पिछले तीन महीने में बिटकॉइन की कीमत गिरकर आधा से कम रह गई है। तीसरा, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होती है। इसके लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। इसके उलट डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है।
RBI ने 4 शहरों में लॉन्च किया Digital Rupee, जानें कैसे खरीदें और इस्तेमाल करें इस डिजिटल करेंसी को
RBI ने कहा कि यूजर्स सेलेक्टेड बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन/उपकरणों पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से डिजिटल रुपये के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे.
Digital Rupee
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 02 दिसंबर 2022,
- (Updated 02 दिसंबर 2022, 11:09 AM IST)
डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरंसी से है अलग
4 शहरों में क्या है डिजिटल करेंसी लॉन्च हुआ डिजिटल रुपया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज 4 शहरों में डिजिटल रुपी पायलट लॉन्च किया है. डिजिटल करेंसी का उद्देश्य धीरे-धीरे पेपर मनी को खत्म करना है. यह क्रिप्टोक्यूरेंसी या ब्लॉकचेन तकनीक से नहीं जुड़ा है.
डिजिटल रुपया क्या है?
डिजिटल रुपया या डिजिटल मुद्रा वर्चुअल मनी है जो फिजिकल मनी के समान उद्देश्य को पूरा करेगा. डिजिटल रुपये और पेपर मनी का मूल्य समान है: 1 डिजिटल रुपया 1 रुपये नकद के बराबर है. क्रिप्टो एक अस्थिर बाजार है और बाजार के अनुसार इसके मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है. डिजिटल रुपये का मूल्य कभी नहीं बदलता है और कागजी मुद्रा और सिक्कों के समान मूल्यवर्ग होता है.
इन शहरों में लॉन्च क्या है डिजिटल करेंसी हुआ डिजिटल रुपया
भारत के केंद्रीय बैंक ने मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर सहित चार शहरों में डिजिटल रुपये का पायलट शुरू किया है. शुरुआती टेस्टिंग के लिए, RBI ने चार बैंकों - भारतीय स्टेट बैंक, ICICI बैंक, यस बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक के साथ भागीदारी की.
एक बार परीक्षण प्रक्रिया शुरू होने के बाद, आरबीआई चार और बैंकों में साझेदारी का विस्तार करेगा - बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक. आने वाले दिनों में सेवा का विस्तार और शहरों में भी किया जाएगा. दूसरे चरण में जिन शहरों को डिजिटल रुपये की सुविधा मिलेगी उनमें शामिल हैं - अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला.
डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरंसी से है अलग
डिजिटल रुपया और क्रिप्टोकरेंसी दो अलग-अलग चीजें हैं और किसी भी तरह से एक दूसरे से जुड़ी नहीं हैं. क्रिप्टो ब्लॉकचेन पर आधारित है, डिजिटल रुपये के मामले में ऐसा नहीं है. नया लॉन्च किया गया डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है, और इसे लॉन्च करने के पीछे का उद्देश्य बाजार से नकदी के पैसे को खत्म करना है.
एक अन्य पहलू जहां क्रिप्टो और डिजिटल रुपया मेल नहीं खाते हैं, वह मूल्य कारक है. क्रिप्टोक्यूरेंसी रिस्क वाला बाजार है और इसका मूल्य बाजार की स्थितियों के आधार पर बदलता है. पर डिजिटल रुपये के मामले में ऐसा नहीं है. इसका मूल्य नकद धन की तरह ही रहता है.
फर्क सिर्फ इतना है कि, जैसा कि नाम से पता चलता है, डिजिटल रुपया पेपर मनी का एक "डिजिटल" प्रारूप है. दिलचस्प बात यह है कि डिजिटल रुपये और पेपर मनी का मूल्य समान है, बस डिजिटल रुपये को संभालना कहीं ज्यादा आसान और सस्ता है.
डिजिटल रुपया कैसे खरीदें
शुरुआती टेस्टिंग के लिए, आरबीआई ने यूजर्स को डिजिटल रुपया जारी करने के लिए चार बैंकों - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ साझेदारी क्या है डिजिटल करेंसी की है. वर्तमान में, आरबीआई पायलट का परीक्षण मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में कर रहा है.
डिजिटल रुपया खरीदने के लिए, लोगों को चार नामित बैंकों में से किसी एक के आधिकारिक ऐप या वेबसाइट पर जाना होगा. अभी के लिए, आरबीआई ने डिजिटल रुपये खरीदने की सटीक प्रक्रिया साझा नहीं की है, लेकिन यह बताया है कि ग्राहक मर्चेंट लॉकेशन्स पर प्रदर्शित क्यूआर कोड का उपयोग करके डिजिटल रुपये के साथ भुगतान करने में सक्षम होंगे और पैसा बैंक वॉलेट से काट लिया जाएगा.
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