Aam Budget 2023: किसानों की आय होगी दोगुनी, PM Kisan योजना की बढ़ेगी रकम! केंद्र सरकार करने वाली हैं बड़ा ऐलान?
Aam Budget 2023: यदि आप भी पी . एम किसान योजना के लाभार्थी किसान है तो आपके लिए यह आर्टिकल खुशखबरी से भरा हो सकता है क्योंकि केंद्र सरकार द्धारा जल्द ही आम बजट 2023 को जारी किया जाने वाला है जिसमें यो ज ना के लाभार्थी किसानों की आमदनी को दुगुनी करने का स्पष्ट संकेत दिया गया है।
आपको बता दे कि, Aam Bu d get 2023 के तहत किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए पी.एम किसान योजना के तहत पहले से मिलती आ रही 3 किस्तों के स्थान पर अब किसानो को 4 किस्तें प्रदान की जायेगी जिससे किसानों को प्रत्येक वर्ष कुल 6 , 000 रुपयो की जगह पर 8,000 रुपय प्राप्त होंगे।
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वहीं, आर्टिकल के अन्त में, हम आपको क्विक लिं क्स प्रदान करेगे ताकि आप सभी किसान इसी प्रकार के आर्टिकल समय – समय पर पढ़ सकें।
Aam Budget 2023 – Overview
Name of the Scheme | PM K i san Yojana |
Name of the Article | Aam Budget 2023 | आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर
Type of Article | Latest Update |
Detailed Information | Please Read the Article Carefully. |
Aam Budget 2023: किसानों की आय होगी दोगुनी, PM Kisan योजना की बढ़ेगी रकम! केंद्र सरकार करने वाली हैं बड़ा ऐलान?
मोदी सरकार जल्द ही आ म बजट 2023 प्रस्तुत करने वाली है जिसको लेकर देश के सभी वर्गो में ना केवल उत्सुकता है बल्कि जिज्ञासा की तमाम सीमायें पार होती दिख रही है और ऐसे में, देश का किसान समुदाय भी केंद्र सरकार के इस आम बजट 2023 को बड़ी उम्मीदों के साथ देख रहा है।
आईए अब हम आपको विस्तार से आम बजट 2023 आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर के तहत किसानों की आमदनी पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं –
पी.एम किसान योजना के लाभार्थी किसानों के आमदनी होगी दुगुनी?
- केंद्र सरकार के द्धारा प्रस्तुत किये जाने वाले आम ब ज ट 2023 को किसानों के सामाजिक – आर्थिक विकास मे मील का पत्थर माना जा रहा है,
- आपको बता दें कि, आम बजट 2023 के तहत किसानों की आ म दनी को दुगुना किया जा सकता है,
- लगातार बढ़ती मंहगाई को देखते हुए केंद्र सरकार नें, आम बजट 2023 में, किसानो की आमदनी को दुुगुना करने का संकेत दिया है आदि।
सालाना 6,000 रुपयो की जगह मिल सकते है 8,000 रुपय?
- जैसा कि, आप सभी पी . एम किसान योजना के लाभार्ती भली – भांति जानते है कि, पी.एम किसान योजना के तहत सभी किसानों को प्रत्येक वर्ष कुल 6,000 रुपयो की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जा सकती है,
- आपको यह भी पता होगा कि, योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 4 मा ह के अन्तराल पर 2,000 रुपयो की कुल 3 किस्ते जारी की जाती है जिससे सभी लाभार्थी किसानों को प्रत्येक वर्ष 6,000 रुपयो की आर्थिक सहायता प्राप्त होती है,
- लेकिन आम बजट 2023 में, कि स्तो की संख्या 3 से बढ़ाकर 4 किये जाने की प्रबल संभावना देखी जा रही है जिससे किसानो को एक साल में 2,000 रुपयो की कुल 4 किस्तें प्राप्त होगी जिसका सीधा का अर्थ है कि, किसानो को प्रत्येक वर्ष 6 , 000 रुपयो की जगह पर 8,000 रुपय प्राप्त होंगे आदि।
अन्त, इस प्रकार हमने आप सभी पी.एम किसान योजना के लाभार्थियों को विस्तार से आम बजट 2023 के मुख्य बिं दु ओं की जानकारी प्रदान की ताकि आप सभी इस बजट का अफने स्तर पर मूल्यांकन कर सकें।
सारांश
केंद्र सरकार द्धारा प्रस्तुत किये जाने वाले आ म बजट 2023 को समर्पित इस लेख में, हमने आपको विस्तार से ना केवल Aam Budget 2023 के बारे मे, बताया बल्कि हमने आपको इस बजट के तहत किसानो की आमदनी पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे मे, भी बताया ताकि आप सभी किसान इस पूरी न्यू अपडेट से प रि चित हो सकें।
अन्त, आर्टिकल के अन्त में, हमें उम्मीद है कि, आप सभी को हमारा यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक, शेयर व कमेंट करेगे।
क्विक लिंक्स
FAQ’s – Aam Budget 2023
What are the 3 types of budgets?
The three types of annual Government budgets based on estimates are Surplus Budget, Balanced Budget, and Deficit Budget.
When annual budget is passed by the Lok Sabha?
The Government presents it on the first day of February so that it could be materialised before the beginning of new financial year in April. Until 2016 it was presented on the last working day of February by the Finance Minister in Parliament.
Online Apply For Kisan Credit Card किसान क्रेडिट कार्ड से जानें क्या-क्या मिलेंगे लाभ
Online Apply For Kisan Credit Card: दोस्तों जैसा कि आप सभी को बता दें! कि सन 1998 में वित्तमंत्री श्री यशवंत सिन्हा जी के द्वारा Kisan Credit Card की शुरुआत की गयी थी! इस किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को लोन प्रदान किया जाता है! इसमें ब्याज दर बहुत ही कम होती है! इसमें लगभग 7% वार्षिक ब्याज लगता है! इसलिए इसे किसान बड़ी ही आसानी से वापस बैंक में जमा कर सकते है! किसानों के लिए Kisan Credit Card बहुत ही अच्छी सुविधा है!
किसान इसमें 50 हजार से 3 लाख तक का Loan बैंक से ले सकते है! जिसके लिए उन्हें अपनी जमीन के कागजात जमा करने होंगे! आज के इस पोस्ट में हम आप सभी को बताने वाले है! कि आप किस प्रकार से किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है! जिससे आप सभी आवेदन करके इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकें!
Pm Kisan लाभार्थियों को अब मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड
जैसा कि आप सभी को पता है! कि किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गयी है! किसान इस योजना के माध्यम से रु 160000 तक का Loan प्राप्त कर सकते है! अब इस योजना का विस्तार सभी Pm Kisan Yojana के लाभार्थियों के लिए भी किया जा रहा है!
अब सभी Pm किसान योजना के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाएगा! इसके लिए सभी किसान के लाभार्थियों को Credit Card के लिए आवेदन करने के लिए अपने बैंक ब्रांच में जाना होगा! जहाँ पर उनके Pm Kisan अकाउंट है! सरकार द्वारा सभी बैंकों से भी सभी Pm Kisan लाभार्थियों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है! और इस लिस्ट को किसान क्रेडिट कार्ड के लाभार्थियों की सूची से मिलाने के लिए कहा गया है! जिससे कि उन लोगों की सूची बनाई जा सकें! जिनको Pm Kisan Yojana का लाभ मिल रहा है! लेकिन Kisan Credit Card Yojana का लाभ नहीं प्राप्त हो रहा है!
Kisan Credit Card Yojana के अंतर्गत आने वाले बैंक
सभी लाभार्थी किसानों को इस योजना के अंतर्गत Credit Card या फिर पासबुक प्रदान की जाएगी!
Benefits Of Kisan Credit Card
- किसान अपनी खेती को Kisan Credit Card पर मिलने वाले लोन से और अच्छी बना सकते है!
- और इससे फसल अच्छी होने से उनकी आय में बढ़ोत्तरी होती है!
- अगर फसल किसी कारणवश नष्ट हो जाती है! तो फसल राहत मुआवजा भी दिया जाता है!
- इससे फसल बीमा भी आप आसानी से करा सकते है!
- इस योजना के तहत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जुड़े सभी किसानों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा!
- Kisan Credit Card धारकों को दुर्घटना बीमा भी प्रदान किया जाता है!
- इस योजना का लाभ देश के 14 करोड़ किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा!
- देश के किसानों को इस क्रेडिट कार्ड आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर के माध्यम से 1 लाख 60 हजार रूपये का लोन केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा!
Eligibility For Kisan Credit Card
- आवेदक की उम्र 18-75 वर्ष के बीच होनी चाहिए!
- 60 वर्ष से अधिक आयु के किसानों को सा आवेदक के साथ ही आवेदन करना होगा!
- किसान का Aadhar Card Bank खाते से Link होना चाहिए!
- कृषि करने के लिए योग्य भूमि होनी चाहिए!
- इसका लाभ छोटे और सीमांत किसान भी ले सकते है!
Documents For Kisan Credit Card
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक डिटेल्स
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- खसरा खतौनी
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
Intrest Rate For Kisan Credit Card
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसान 50 हजार से 3 लाख तक का लोन प्राप्त कर सकते है! सभी किसान इसकी अदायगी 3 साल तक कर सकते है! अगर वह 6 महीने के अंदर जमा कर पाते है! तो उन सभी किसानों को 4% के हिसाब से ब्याज दर देनी पड़ेगी! और अगर 6 महीने से ऊपर का समय लगता है! तो उनको 7% के हिसाब से ब्याज दर देनी पड़ेगी!
Online Apply For Kisan Credit Card
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको इस Official Websiteपर जाना होगा!
- Official Website पर जाने के बाद आपके सामने इसका होम पेज खुलकर आ जाएगा!
- Home Page पर आपको Agriculture and Rural के Option पर Click करना है!
- इसके बाद अब आपको 2 सेक्टर दिखने लगेंगे! 1. Agriculture Banking 2. Rural Agriculture Banking के Option पर Click कर देना है!
- जिसमे आपको कई Option मिलेंगे! पहला वाला Option Crops Loan पर Click कर देना होगा!
- क्लिक करते ही एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर नया फॉर्मेट खुल जाएगा! जो कुछ इस प्रकार से होगा!
- अब आपको इस Application Form पर क्लिक करना है!
- Form में दी गयी सभी जानकारी को सही-सही भरना है! अन्यथा आपका Form आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर स्वीकारा नहीं जाएगा!
- Form को भरकर Submit कर देना है! Submit करते ही आपको एक reference number प्राप्त होगा! जिसे आपको भविष्य के लिए संभाल कर रखना होगा!
- इस प्रकार से आपका Kisan Credit Card सफलतापूर्वक आवेदित हो जाएगा!
- Kisan Credit Card से संबंधित अधिकारी आपके कागजों के साथ Kyc करेंगे!
- सभी जानकारी सही पाये जाने पर आपका Kisan Credit Card जारी कर दिया जायेगा!
Offline Apply For Kisan Credit Card
आप Offline के माध्यम से भी Kisan Credit Card के लिए Apply कर सकते है! लेकिन इससे पहले हम आपको एक और आसान तरीका बताने वाले है! आप Pm Kisan Yojana की Website से भी अपना आवेदन कर सकते है!
देश की खबरें | जलवायु वित्त और स्थायी विकास लक्ष्य में सामंजस्य स्थापित हो : भारत ने जी-20 शेरपा की बैठक में कहा
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उदयपुर, पांच दिसंबर जी-20 के शेरपा की पहली बैठक में भारत ने सोमवार को स्थायी विकास और जलवायु वित्त से समन्वय पर जोर दिया। इसके साथ ही भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह उभरती अर्थव्यवस्थाओं की चुनौतियों और दक्षिणी गोलार्ध के मुद्दों को विश्व मंच पर लाएगी।
जी-20 के शेरपा की सोमवार को हुई बैठक में चर्चा डिजिटल अर्थव्यवस्था में प्रौद्योगिकी परिवर्तन, स्वास्थ्य और शिक्षा, हरित विकास और भारत की पर्यावरण के लिए जीवनशैली (लाइफ) पहल पर केंद्रित रही।
जी-20 में भारत के ‘शेरपा’ अमिताभ कांत ने सोमवार को चर्चा की शुरुआत आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर करते हुए विश्व चुनौतियों से निपटने के लिए उम्मीद, सौहार्द्र और मरहम लगाने की भावना के साथ एकजुट होकर काम करने पर जोर दिया, जिसमें विकासशील देशों और ‘वैश्विक दक्षिण’ (लातिन अमेरिकी, एशियाई, अफ्रीकी और ओशिनियाई क्षेत्र) के देशों पर ध्यान हो जिनकी आवाज अकसर अनसुनी रह जाती है।
कम से कम दो अधिकारियों ने बताया कि बैठक सौहार्द्र पूर्ण महौल में हुई और यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर प्रत्यक्ष संदर्भ नहीं आया।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘यूक्रेन का संदर्भ मुख्यत: वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर असर, उच्च ऊर्जा मूल्य और खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में दिया गया।
कांत ने रविवार को वैश्चिक कर्ज, महंगाई और विकासदर में गिरावट, यूक्रेन संघर्ष को लेकर मतभेद को दुनिया के समक्ष अहम चुनौतियों को रूप में रेखांकित किया था।
भारत के जी-20 समन्वयक हर्षवर्ध श्रृंगला ने चर्चा के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘शेरपाओं ने भारत की अध्यक्षता और उसके द्वारा रेखांकित प्राथमिकताओं के लिए मजबूती से समर्थन किया। उनका मानना था कि ये प्राथमिकताएं केवल हमारी नहीं बल्कि सभी की हैं। उनका मानना है कि इस अहम प्राथमिकताओं पर कुछ कदम उठाने की जरूरत है।’’
इससे पहले दिन में कांत ने जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, महत्वकांक्षी, कार्य उन्मुख और निर्णायक होगी।
कांत ने प्रौद्योगिक बदलाव के पहले सत्र में कहा कहा, ‘‘हम यह करेंगे लेकिन यह आपके के बिना क्रियान्वित नहीं हो सकता। इसलिए हम आपका समर्थन चाहते हैं, सकारात्मक और आगे की सोच के साथ आप सभी का समर्थन चाहते हैं ताकि जी-20 आकर्षक, बहुत गतिशील, वैश्विक विकास एवं वैश्विक स्थायी एवं डिजिटल बदलाव के प्रति बहुत ही सकारात्मक समूह के तौर पर उभरे।’’
बैठक में हिस्सा लेने आए प्रतिनिधियों का राजस्थानी अंदाज में रंग बिरंगे पारंपरिक साफा पहनाकर स्वागत किया गया। मानेक चौक स्थित सिटी पैलेस में उन्हें जैकेट और चादर ओढ़ा कर स्वागत किया गया। शाम को शेरपाओ के लिए पिछोला झील के बीच में बने जग मंदिर पैलेस में ‘चाय पर चर्चा’ अयोजित की गई थी और इस दौरान राजस्थान की पांरपरिक लोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
श्रृंगला ने कहा कि भारत का उद्देश्य उसके कथानक को वैश्विक एजेंडे में शामिल कराना और साथ ही देश की उपलब्धियों, पर्यटन संभावनाओं और सांस्कृतिक विरासत को पेश करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकताएं वैश्विक प्राथमिकताएं बननी चाहिए। यह इसका मूल अंग है।’’
जलवायु वित्त, खाद्य आपूर्ति सुरक्षा और आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर ऊर्जा कीमतों के बारे में श्रृंगला ने कहा कि यह सभी देशों का लक्ष्य है और जी-20 इस बारे में कुछ करने के लिए एकसाथ आ सकते हैं।
पूर्व विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा, ‘‘हम उन मुद्दों पर वित्त, शेरपा और यहां तक विदेश मंत्रियों स्तर पर चर्चा कर रहे हैं। हमारा मानना है कि कुछ नतीजे आएंगे और दुनिया उससे खुश होगी।’’
डिजिटल अर्थव्यवस्था में प्रौद्योगिक बदलाव पर केंद्रित चर्चा के प्रारंभिक सत्र को संबोधित करते हुए कांत ने कहा, ‘‘जिन चुनौतियों का सामना आज हम कर रहे हैं उनका समाधान केवल उम्मीदों, सौहार्द और मरहम लगाने विचार के साथ ही एकजुट होकर हो सकता है। हमारी चिंता पहले उनके प्रति होनी चाहिए जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता के दौरान विकासशील देशों की प्राथमिकताओं और जी-20 सदस्यों के अलावा ‘वैश्विक दक्षिण’ की आवाज को प्राथमिकता देना चाहता है। कांत ने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि साझेदारी हम सभी के लिए लाभकारी होनी चाहिए फिर चाहे विकासशील देश हो, दक्षिणी गोलार्ध के देश हो या विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश हों।
गौरतलब है कि एक दिसंबर को जी-20 की अध्यक्षता भारत ने औपचारिक रूप से ग्रहण की। जी-20 विकसित और विकासशील देशों की अंतर सरकारी मंच है। अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ संगठन के सदस्य है। जी-20 सदस्यों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 80 प्रतिशत, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 75 प्रतिशत और वैश्विक आबादी में दो तिहाई योगदान है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
विश्व बैंक की रिपोर्ट में बड़ा दावा: 2030 तक लू का दिखेगा भयंकर प्रकोप, 34 मिलियन नौकरी खो जाने का अनुमान
नई दिल्ली | भारत में पिछले कुछ दशकों में हजारों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार Heat Wave का प्रकोप खतरनाक दर से बढ़ रहा है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत जल्द ही दुनिया का ऐसा पहला देश होगा, जो ऐसी भीषण गर्मी की लहरों का सामना करेगा जो कि इंसानी बर्दाश्त की हद से बाहर होगी. विश्व बैंक की रिपोर्ट ‘क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज इन इंडियाज कूलिंग सेक्टर’ में कहा गया है कि देश अत्यधिक गर्मी का सामना कर रहा है, जो पहले शुरू होती है और लंबे समय तक रहती है.
रिपोर्ट में किया गया ये दावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2022 में भारत समय से पहले ही गर्मी की चपेट में आ गया था, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था. दिल्ली में पारा 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. मार्च का महीना तापमान में अभूतपूर्व वृद्धि का गवाह बना और यह इतिहास का सबसे गर्म मार्च महीना बनकर उभरा. यह रिपोर्ट तिरुवनंतपुरम में केरल सरकार की साझेदारी में विश्व बैंक द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘भारत जलवायु और विकास भागीदारों’ की बैठक में जारी की जाएगी.
रिपोर्ट में बड़ा दावा
रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि जल्द ही भारत में लू की तीव्रता उस सीमा को पार कर जाएगी जो मनुष्य सहन करने में असक्षम है. इसमें कहा गया है कि अगस्त 2021 में जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी आकलन रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि आने वाले दशक में भारतीय उपमहाद्वीप में और अधिक भीषण लू देखने को मिलेगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, जी20 क्लाइमेट रिस्क एटलस ने भी 2021 में चेतावनी दी थी कि अगर कार्बन उत्सर्जन ज्यादा रहा तो 2036 से 2065 के बीच पूरे भारत में हीटवेव 25 गुना ज्यादा समय तक रहने की संभावना है. यह मूल्यांकन आईपीसीसी के सबसे खराब स्थिति वाले उत्सर्जन परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए किया गया था.
रिपोर्ट में दी ये चेतावनी
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि भारत में बढ़ती गर्मी से आर्थिक उत्पादकता में कमी आ सकती है. इसमें कहा गया है कि भारत के 75 प्रतिशत कार्यबल यानी लगभग 380 मिलियन लोग उन क्षेत्रों में काम करते हैं जहां उन्हें गर्म जलवायु में रहने की आवश्यकता होती है. कई बार उन्हें संभावित जानलेवा तापमान में काम करना पड़ता है.
गर्मी के तनाव से संबंधित उत्पादकता नुकसान के कारण 2030 तक विश्व स्तर पर 80 मिलियन नौकरियों के खो जाने का अनुमान है, भारत में 34 मिलियन नौकरियां खो जाएंगी. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण, एशियाई देशों में भारी श्रम पर गर्मी का सबसे ज्यादा असर भारत में देखा गया है, जहां एक साल में गर्मी के कारण 101 अरब घंटे बर्बाद हो जाते हैं.
होगा ये नुकसान
ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकिन्से एंड कंपनी के एक विश्लेषण से पता चलता है कि बढ़ती गर्मी और उमस के कारण श्रम की हानि से भारत को दशक के अंत तक अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.5 प्रतिशत या लगभग 150-250 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो सकता है. कंपनी ने कहा कि भारत की दीर्घकालिक खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा एक विश्वसनीय कोल्ड चेन पर निर्भर करेगी. कहा जा सकता है कि रिपोर्ट काफी चिंताजनक है.
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ITR Filing Last Date : इनकम टैक्स भरने वालों को राहत देने के लिए वित्त मंत्री करने जा रही है ये एलान, टैक्स पेयर को होगा बहुत फायदा
HR Breaking News, New Delhi : कोरोना महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. यूनियन बजट पेश होने में 60 दिन से भी कम का समय बचा है (itr last date). ऐसे में बजट को लेकर हर बार की तरह किसानों से लेकर नौकरीपेशा और कारोबारियों तक की काफी उम्मीदें हैं. इस बार के बजट में टैक्स एक्सपर्ट उम्मीद कर रहे है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से हायर टैक्स स्लैब में कुछ राहत मिल सकती है. यदि सरकार की तरफ से यह राहत दी जाती है तो आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर नौकरीपेशा के लिए यह सबसे बड़ा ऐलान होगा.
इनकम स्लैब के आधार पर टैक्स का भुगतान
डेलॉयट (Deloitte) को उम्मीद है कि इस बार के बजट में सरकार की तरफ से टैक्स स्लैब में राहत आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर दी जा सकती है. फिलहाल इनकम स्लैब के आधार पर लोगों को इनकम टैक्स का भुगतान करना होता है. डेलॉयट की पार्टनर तापती घोष बजट से उम्मीद की बात पर कहती हैं कि देश में फिलहाल सबसे ज्यादा इनकम टैक्स की दर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम पर 42.744 प्रतिशत (सरचार्ज और सेस सहित) है. वित्त वर्ष 2017-18 से आयकर स्लैब में किसी तरह का बदलाव देखने को नहीं मिला है.
क्रय शक्ति पर सीधा असर पड़ेगा
तापती घोष कहती हैं इस बार उम्मीद की जा रही है कि 30% के स्लैब में आने वाले टैक्स पेयर्स को सरकार कुछ राहत दे सकती है. इससे उनकी क्रय शक्ति पर सीधा असर पड़ेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार इनकम टैक्स की 30 फीसदी की उच्चतम दर को घटाकर 25 प्रतिशत पर लाया जा सकता है. इसके साथ ही टैक्स एक्सपर्ट ने यह भी मांग की है कि आयकर की उच्चतम कर दर की लिमिट को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया जाना चाहिए.
डेलॉइट की तरफ से बजट 2023 में टैक्स स्लैब दरों में संशोधन की मांग-
- 20 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर फिलहाल 30 प्रतिशत टैक्स है, जिसे घटाकर 25 प्रतिशत किया जाना चाहिए.
- 10 लाख से 20 लाख रुपये की इनकम पर टैक्स 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किया जाना चाहिए.
- नई टैक्स रिजीम में 10 लाख से 20 लाख की आय पर आयकर घटाकर 20 प्रतिशत किया जाना चाहिए.
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