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विदेश में बसने से पहले बैंक खाते में कर लें ये जरूरी बदलाव, नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान
विदेश में नौकरी पाने वाले ज्यादातर लोगों की दुविधा यह होती है कि वे अपना सेविंग अकाउंट बंद कराएं या उसे चलाते रहें। बहुत से लोग एनआरई और एनआरओ खाते को लेकर भी भ्रम में रहते हैं। आइए जानते हैं क्या कहते हैं नियम।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। विदेश जाना हर किसी का सपना होता है। कई लोग नौकरी का अच्छा ऑफर मिलने पर विदेश में ही बस जाते है। बेहतर जिंदगी और पैसे कमाने की ललक उन्हें अपनी मिट्टी से दूर कर देती है। यूं तो विदेश में नौकरी करने या बसने से पहले लोग छोटी-बड़ी सभी कागजी कार्रवाइयां पूरी कर लेते हैं, लेकिन जिस अहम चीज पर उनका ध्यान नहीं जाता वह है बैंक में मौजूद उनका बचत खाता।
अगर आपके पास सेविंग अकाउंट (Saving Account) है और विदेश में नौकरी करने के कारण आप इसे एनआरई खाते में एनआरओ खाता क्या है बदलना चाहते हैं तो क्या ऐसा करना मुमकिन है? वर्तमान नियमों के अनुसार, बचत बैंक खाते को एनआरई खाते में नहीं बदला जा सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि एनआरई खातों (NRE Account) का उद्देश्य केवल विदेश से होने वाली आपकी आय को बचाने में आपकी सहायता करना है।
क्या कहते हैं नियम
यदि आप एनआरआई (NRI) का दर्जा हासिल कर चुके हैं तो आपको बचत खाता तुरंत बंद कर देना चाहिए या इसे एक एनआरआई खाते (NRI Account) के रूप में बदल लेना चाहिए। एसबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, आप अपने मौजूदा खाते को एनआरओ खाते (NRO Account) में बदल सकते हैं। अपने बचत खाते को एनआरओ खाते में परिवर्तित करने के लिए आपको अपनी होम ब्रांच में एक रिक्वेस्ट देनी होगी। अगर आप ब्रांच जाने की स्थिति में नहीं हैं तो पोस्ट/कूरियर से आवेदन भेजें। ईमेल के माध्यम से आने वाले ऐसे अनुरोध पर बैंक सुरक्षा कारणों से कोई एक्शन नहीं लेता।
निवासी खाते को एनआरआई खाते में कैसे बदलें?
कई अनिवासी भारतीय (एनआरआई) अनिवासी साधारण खातों (एनआरओ) का उपयोग करके अपनी बचत या आय को मैनेज करते हैं। आप इस खाते से भारतीय और अंतरराष्ट्रीय करेंसी, दोनों में पैसा जमा कर सकते हैं। लेकिन एनआरओ खाते में पैसा इंडियन करेंसी में ही रहता है। इनसे पैसा किसी और विदेशी मुद्रा में नहीं निकाला जा सकता है।
डीबीएस बैंक की वेबसाइट के अनुसार, एनआरआई का दर्जा हासिल करने के बाद अपने बचत खाते को चालू रखना विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) दिशा-निर्देशों के तहत अवैध माना जाता है और ऐसा करने पर भारी जुर्माना लग सकता है। जो व्यक्ति ऐसा करने में विफल रहता है, उसे बचत खाते में मौजूद राशि का 3 गुना जुर्माना देना होगा।
बचत खाते को एनआरओ खाते में कैसे बदलें
एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के अनुसार, बचत खाते को एनआरओ खाते में बदलने के लिए ये आवश्यक दस्तावेज हैं-
- रेजिडेंट टू एनआरओ कंवर्जन फॉर्म, जिस पर सभी खाताधारकों द्वारा हस्ताक्षर होने चाहिए।
- सेल्फ अटेस्टेड पैन कार्ड या पैन न हो तो फॉर्म 60
- पासपोर्ट और वीजा की सेल्फ अटेस्टेड प्रतियां, जो एनआरआई स्थिति को साबित करती हों।
- ग्राहक विदेश में जहां रहा रहा हो, वहां का पता
- सेल्फ अटेस्टेड अड्रेस प्रूफ
एनआरआई इस तरीके से भारत में बैंक खाता खोलकर बढ़ा सकते हैं अपनी आय
अगर आप एनआरआई हैं, तो भी भारत में पैसा कमाने के रास्ते आपके लिए खुले हैं। एनआरओ यानी नॉनरेजीडेंट आर्डिनरी अकाउंट खुलवाकर आप मकान या दुकान के किराए, डिविडेंट, ब्याज, पेंशन व अन्य स्रोतों से कमाई कर सकते हैं। आपको बता दें कि एनआरआई एनआरओ अकाउंट बचत, चालू और फिक्स्ड डिपाजिट खाता के रूप एनआरओ खाता क्या है में खोल सकते हैं। इस प्रकार के खाते का संचालन आरबीआई के नियमानुसार किया जाता है।
आइए जानते हैं क्या है एनआरओ खाता खोलने की प्रक्रिया
अगर किसी प्रवासी का भारत में पहले से कोई खाता है तो उसी खाते को एनआरओ खाते के रूप में बदला जा सकता है। कोई खाता नहीं होने की स्थिति में नया एनआरओ खाता खोला जा सकता है। इस खाते को खोलने के लिए भारतीय कर कानून के अनुसार एनआरआई अकाउंट के लिए निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
- भारत में पहले से मौजूद खाते को बदलने के लिए सभी खाताधारकों द्वारा एक फॉर्म भर कर उस पर हस्ताक्षर करना होगा। फॉर्म के साथ पहचान प्रमाण पत्र, एनआरआई स्टेटस प्रूफ, एनआरओ खाता क्या है विदेशी पते का प्रमाण और दो नई फोटो लगानी होगी।
- नया एनआरओ खाता खोलने के लिए खाता खोलने का फॉर्म भरना होगा तथा इसके साथ जरूरी केवाईसी दस्तावेज भी संलग्न करना होगा।
- विदेश में पते के प्रमाण के रूप में रोजगार पपत्र, छात्र स्टेटस, डिपेंडेंट वीजा स्टेटस या फिर विदेश में निवास की अनुमति पत्र का प्रयोग किया जा सकता है। ये सभी दस्तावेज भारतीय दूतावास, नोटरी या किसी भारतीय बैंक की विदेशी शाखा द्वारा प्रमाणित होने चाहिए।
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एनआरई (NRE) में वह पैसा जमा कर सकते हैं जो भारत से बाहर कमाया गया हो। जमा होने के वक्त वह पैसा भारतीय करंसी में बदलता है। इसे सेविंग, करंट किसी भी तरीके से खुलवाया जा सकता है। इसमें फिक्स डिपॉजिट का भी ऑप्शन है।
एनआरओ (NRO) खाते में वह पैसा जमा होता है जिसे एनआरआई भारत में मौजूद साधनों से कमाता है। जैसे किराया, पैंशन आदि। अगर आपका पहले से कोई खाता है और आपकी बाहर नौकरी लग गई है। ऐसे में आप अपने सेविंग अकाउंट हो भी एनआरओ में बदलवा सकते हैं।
Kotak Mahindra Bank ने NRO और NRE डिपॉजिट अकाउंट होल्डर्स को दिया तोहफा, लागू कर दीं नई ब्याज दरें
FD interest rate calculator : कोटक महिंद्रा बैंक ने एफडी ब्याज दरों को बढ़ाया है जो घरेलू और एनआरई और एनआरओ डिपॉजिट पर भी लागू की हैं.
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7 से 10 साल टेन्योर पर बढ़ी ब्याज दरें लागू
आरबीआई (RBI) ने बीते दिन 7 दिसंबर बुधवार को रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया है. इस वृद्धि का फायदा फिक्स्ड डिपॉजिट (FD Rates) में इनवेस्ट करने वाले ग्राहकों को मिल रहा है. क्योंकि बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू कर दिया है. कोटक महिंद्रा बैंक ने नई ब्याज दरों को 9 दिसंबर से लागू कर दिया है. बैंक ने नई दरें 7 दिन से लेकर 10 साल तक के टेन्योर की एफडी पर लागू की हैं.
कितने तरह के होते हैं NRI बैंक अकाउंट्स और उन पर कैसे तय होती है टैक्स की देनदारी?
कोरोना के कारण अप्रवासी भारतीयों और विदेशियों को लंबे समय तक भारत में ही रुकना पड़ा. ऐसे में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए इन पर डबल टैक्सेशन की तलवार लटक रही है. ऐसे लोंगों को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 31 मार्च 2021 तक सूचना देने के लिए कहा है. 3 मार्च को जारी सर्कुलर के एनआरओ खाता क्या है मुताबिक, अगर वे डीटीएए की ओर से दी गई राहत के बावजूद डबल टैक्सेशन का सामना एनआरओ खाता क्या है कर रहे हैं तो वे फॉर्म-एनआर जमा कर सकते हैं.
एनआरआई यानी कि नॉन रेजिडेंट ऑफ इंडिया या अनिवासी भारतीय. ऐसे लोग भारत से बाहर रहते हैं और वे भारत में अपने पैसे भेजते हैं. इनका बैंक अकाउंट आम अकाउंट की तरह नहीं होता और इसके कायदे-कानून भी अलग एनआरओ खाता क्या है हैं. ये अलग-अलग तरह के अकाउंट होते हैं और इन सब पर अलग-अलग प्रकार की टैक्स देनदारियां होती हैं.
एनआरई और एनआरओ अकाउंट
इसी तरह दूसरा अकाउंट होता है जिसका नाम है एनआरओ अकाउंट. इसे एनआरआई ऑर्डनरी अकाउंट कहते हैं. यह साधारण सेविंग अकाउंट की तरह होता है जैसे हमलोग खोलते हैं. जैसे भारत में हम लोकल स्तर पर अकाउंट जमा करते हैं, वैसे ही एनआरआई भी इसमें भारत में जमा कर सकते हैं. जहां तक बात एनआरई अकाउंट की है तो विदेश से एनआरई अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. लेकिन भारत से एनआरई अकाउंट में पैसा जमा नहीं कर सकते.
इसके विपरीत एरआरओ अकाउंट में भारत में पैसा जमा कर सकते हैं. भारत से कोई आमदनी हो रही है या ब्याज आ रहा है तो उसे एनआरओ अकाउंट में जमा कर सकते हैं. तीसरी कैटेगरी एफसीएनआरआई अकाउंट यानी कि फॉरेन करेंसी नॉन रेजिडेंट अकाउंट. इस एनआरओ खाता क्या है अकाउंट में डॉलर, पौंड या अन्य विदेशी करेंसी जमा की जा सकती है. यह जमा राशि भारत में रहती है.
एनआरई अकाउंट पर लगता है टैक्स
जहां तक टैक्स देनदारी की बात है तो एनआरई अकाउंट पर किसी प्रकार का कर नहीं लगता. इस अकाउंट को टैक्स से छूट प्राप्त है. इस अकाउंट में विदेश से जो पैसा आ रहा है या ट्रांसफर हो रहा है, या उसका जो ब्याज है उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि भारत में इसमें रकम जमा नहीं करा सकते. एनआरओ अकाउंट में जमा राशि पर टैक्स लगता है. इस अकाउंट में जमा राशि पर अगर ब्याज मिलता है तो उस पर भी टैक्स लगेगा. एफसीएनआरआई अकाउंट में जमा राशि पर भी टैक्स नहीं लगता. उसमें आने वाला पैसा या उसका ब्याज, टैक्स के छूट के दायरे में आता है.
एनआरई सेविंग अकाउंट और एनआरई फिक्सड डिपोजिट दोनों पर ही अच्छा ब्याज मिलता है. ब्याज दर बैंकों के हिसाब से अलग-अलग होती है. कुछ बैंक 6 एनआरओ खाता क्या है प्रतिशत तो कुछ 4 प्रतिशत तक ब्याज देते हैं. इन अकाउंट पर ब्याज दर का हिसाब हर दिन के क्लोजिंग बैलेंस के आधार पर होता है. इस ब्याज का भुगतान सभी बैंक अर्ध वार्षिक तौर पर जून के महीने में करते हैं. एनआरई अकाउंट खुलवाना भी आसान है. बैंक इसके लिए ऑनलाइन की सुविधा देते हैं. बैंक के पोर्टल पर फॉर्म भरना होता है. उसका प्रिंट लेकर जरूरी दस्तावेज को सेल्फ अटेस्ट करने के बाद भारत के बैंक के पते पर कुरियर कर देने से खाता खुल जाता है. कई बैंक इसके लिए पोस्टल सर्विस भी चलाते हैं.
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