Solution : (i) विदेश व्यापार घरेलू बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने के लिए अवसर प्रदान करता है ताकि वह अपने उत्पाद अन्य देशों में बेच सकें।(ii) यह खरीददारों को वस्तुओं के विभिन्न विकल्प प्रदान करता है।
(iii) विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या एकीकरण में सहायक होता है।
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रुपये में कैसे होगा अंतरराष्ट्रीय व्यापार? केंद्र सरकार का जोर क्यों
यूएस डॉलर (USD) के बजाय भारतीय रुपये (INR) में अंतरराष्ट्रीय व्यापार (International Trade) को बढ़ावा देने पर केंद्र सरकार ने अपने कदम क्यों व्यापार विदेशी विकल्प? बढ़ा दिए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) इस पहल के तरीकों पर चर्चा करने के लिए देश के बैंकों, विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालयों सहित हितधारकों के साथ बैठक कर रहा है. बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय बैंक संघ, बैंकों के प्रतिनिधि निकाय और उद्योग निकायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों से कहा जाएगा कि वे निर्यातकों को रुपये के कारोबार पर बातचीत करने के लिए कहें. हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बाद बदले अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में भारत सरकार ने रुपये में कारोबार को बढ़ाने के विकल्प पर विचार तेज किया हुआ है. आइए, जानने की कोशिश करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार रुपये में कैसे हो सकता है? साथ ही सरकार क्यों इस पर जोर दे रही है?
रुपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण के विभिन्न लाभ:
- सीमा पार लेनदेन में रुपए का उपयोग भारतीय व्यापार के लिये मुद्रा जोखिम को कम करता है। मुद्रा की अस्थिरता से सुरक्षा न केवल व्यापार की लागत को कम करती है, बल्कि यह व्यापार के बेहतर विकास को भी सक्षम बनाती है, जिससे भारतीय व्यापार के विश्व स्तर पर बढ़ने की संभावना में सुधार होता है।
- यह विदेशी मुद्रा भंडार रखने की आवश्यकता को कम करता है। जबकि भंडार विनिमय दर की अस्थिरता को प्रबंधित करने और बाहरी स्थिरता को बनाए रखने में मदद करता है, यह अर्थव्यवस्था पर एक लागत आरोपित करता हैं।
- विदेशी मुद्रा पर निर्भरता को कम करने से भारत बाहरी जोखिमों के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में मौद्रिक नीति सख्त होने और डॉलर को मज़बूत करने के चरणों के दौरान, घरेलू व्यापार की अत्यधिक विदेशी मुद्रा देनदारियों के परिणामस्वरूप क्यों व्यापार विदेशी विकल्प? वास्तविक घरेलू अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है। मुद्रा जोखिम के कम होने से पूंजी प्रवाह के उत्क्रमण को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
- जैसे-जैसे रुपए का उपयोग महत्त्वपूर्ण होता जाएगा, भारतीय व्यापार की सौदेबाज़ी की शक्ति भारतीय अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने, भारत के वैश्विक कद और सम्मान को बढ़ाने में मदद करेगी।
रुपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिये उठाए गए कदम:
- जुलाई 2022 में RBI ने रुपए में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रोत्साहन प्रणालीशुरु की।
- रुपए में बाह्य वाणिज्यिक उधार की सुविधा प्रदान करना (विशेषकर मसाला बांड के संदर्भ में)।
- एशियाई क्लीयरिंग यूनियन, सेटलमेंट के लिये घरेलू मुद्राओं का उपयोग करने की एक योजना के लिये प्रयासरत है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें द्विपक्षीय या व्यापारिक संदर्भ में प्रत्येक देश के आयातकों को घरेलू मुद्रा में भुगतान करने का विकल्प होता है, सभी देशों के इसके पक्ष में होने की संभावना के चलते यह महत्त्वपूर्ण है।
- रुपए में भुगतान की हालिया पहल एक अलग वैश्विक आवश्यकता और व्यवस्था से संबंधित है लेकिन वास्तविक अंतर्राष्ट्रीयकरण तथा विदेशों में रुपए के व्यापक उपयोग के लिये केवल रुपए में व्यापार समझौता करना पर्याप्त नहीं होगा। भारत व विदेशी बाजारों दोनों में विभिन्न वित्तीय साधनों के संदर्भ में रुपए के और उदारीकृत भुगतान एवं निपटान को अपनाना अधिक महत्त्वपूर्ण है।
- रुपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिये एक कुशल स्वैप बाज़ार और एक मज़बूत विदेशी मुद्रा बाज़ार की भी आवश्यकता हो सकती है।
- समग्र आर्थिक बुनियादी आयामों में सुधार और वित्तीय क्षेत्र की मज़बूती के साथ सॉवरेन रेटिंग में वृद्धि से भी रुपए की स्वीकार्यता को मज़बूती मिलेगी जिससे इस क्यों व्यापार विदेशी विकल्प? मुद्रा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा मिलेगा।
विगत वर्षों के प्रश्न
प्र. रुपए क्यों व्यापार विदेशी विकल्प? की परिवर्तनीयता से क्या तात्पर्य है? (2015)
(a) रुपए के नोटों के बदले सोना प्राप्त करना
(b) रुपए के मूल्य को बाज़ार की शक्तियों द्वारा निर्धारित होने देना
(c) रुपए को अन्य मुद्राओं में और अन्य मुद्राओं को रुपए में परिवर्तित करने की स्वतंत्र रूप से अनुज्ञा प्रदान करना
(d) भारत में मुद्राओं के लिये अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार विकसित करना
प्र.भुगतान संतुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से किससे/किनसे चालू खाता बनता है? (2014)
- व्यापार संतुलन
- विदेशी परिसंपत्तियाँ
- अदृश्यों का संतुलन
- विशेष आहरण अधिकार
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 1, 2 और 4<
रिलायंस जैसे बड़े प्लेयर्स के पास जा रहा रिटेल कारोबार
नुवामा ग्रुप (Nuvama Group) के अवनीश रॉय ने कहा, 'भारत में रिटेल तेजी से रिलायंस (Reliance) जैसे बड़े खिलाड़ियों के पक्ष में कंसोलिडेट हो रहा है।' उन्होंने कहा कि किराना व्यापारी भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं। उनका कारोबार क्विक कॉमर्स, ई-कॉमर्स और दूसरे मॉडर्न ट्रेड प्लेयर्स के पास जा रहा है।
कम मार्जिन वाला कारोबार है बी2बी सेगमेंट
आठ साल पहले फ्रांस क्यों व्यापार विदेशी विकल्प? की कैरेफोर (Carrefour) ने भारत में अपने होलसेल आउटलेट बंद कर दिए थे। विश्लेषकों का कहना है कि बी2बी सेगमेंट (कैश एंड कैरी) कम मार्जिन वाला कारोबार है। यही एक प्रमुख कारण है कि कैरेफोर जैसी अन्य मल्टीनेशनल कंपनियां भी भारत से बाहर हो गई हैं।
घट रही MNCs की बाजार हिस्सेदारी
घरेलू कंपनियों की मजबूत होती पकड़ के चलते भारत के विभिन्न सेक्टर्स में डायनेमिक्स चेंज हो रहे हैं। इसके साथ ही मल्टीनेशनल कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी घट रही है। उदाहरण के लिए आप कंज्यूमर मोबाइल सर्विसेज के बिजनस और सीमेंट इंडस्ट्री को देख सकते हैं। स्विस दिग्गज होल्सिम (Holcim) द्वारा अपना भारतीय सीमेंट कारोबार अडानी (Adani) को बेचने के बाद इस सेक्टर में टॉप प्लेयर्स घरेलू कंपनियां हैं।
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