Ultra Short Term Fund क्या है?

अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड क्या है? हिंदी में [What is Ultra Short Term Fund? In Hindi]

अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड डेट फंड टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? हैं जो कंपनियों को 3 से 6 महीने की अवधि के लिए उधार देते हैं। हालांकि ये कम जोखिम वाले फंड हैं, उनकी कम उधार अवधि के कारण, वे टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? जोखिम वाले स्पेक्ट्रम में लिक्विड फंड से थोड़ा ऊपर हैं, लेकिन फिर भी निवेश करने के लिए योजनाओं की सबसे कम जोखिम वाली श्रेणियों में से एक हैं।

अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं? [How do Ultra Short-Term Mutual Funds work? In Hindi]

अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म फंड की तुलना लिक्विड फंड के करीबी चचेरे भाई के रूप में की जा सकती है। ये फंड लंबे निवेश क्षितिज वाले किसी भी अन्य वर्ग के फंड की तुलना में अधिक तरलता प्रदान करते हैं।

लिक्विड फंड के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे फंड केवल उन प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं जो 91 दिनों से अधिक परिपक्व नहीं होती हैं। हालांकि, ये नियम अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म बॉन्ड फंड पर लागू नहीं होते हैं। इसलिए, ये बांड उन प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं जो 91 दिनों से पहले या बाद में परिपक्व होती हैं।

आमतौर पर, इन अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म फंडों के लिए निवेश की अवधि एक सप्ताह से लेकर लगभग 18 महीने तक होती है। इसलिए, यदि आपके पास अधिशेष धन है जिसे आप 1 महीने से 9 महीने तक पार्क करना चाहते हैं और कुछ लाभांश अर्जित करना चाहते हैं, तो यह निवेश वाहन वह हो सकता है जिसे आप ढूंढ रहे हैं। Systematic Withdrawal Plan क्या है?

अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड के लाभ [Benefits of Ultra Short Duration Funds]

  • कुछ हफ़्ते से लेकर कुछ महीनों तक के लिए पैसे अलग रखने की चाहत रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए आदर्श
  • अगर कोई कम से कम 3 महीने के लिए निवेश करता है तो नुकसान का जोखिम शून्य के करीब है
  • ये योजनाएं समान या तुलनीय निवेश अवधि के बैंक सावधि जमा की तुलना में समान या टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? थोड़ा अधिक रिटर्न देती हैं

अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म म्यूचुअल फंड में किसे निवेश करना चाहिए? [Who should invest in Ultra Short-Term Mutual Funds?]

विशेषज्ञों का सुझाव है कि अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म फंड का इस्तेमाल निवेशकों को लिक्विड फंड्स के स्थान पर शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट जरूरतों के साथ-साथ सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) दोनों के लिए करना चाहिए।

मान लीजिए कि आप किसी इक्विटी फंड में एकमुश्त राशि निवेश करना चाहते हैं। अब, इक्विटी फंड में अपना सारा पैसा एकमुश्त जमा करने के बजाय, यह सलाह दी जाती है कि आप अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म फंड (उसी फंड हाउस से संबंधित) में निवेश करें। फिर आप हर महीने एक नियमित राशि को अपने इक्विटी फंड में बदलने के निर्देश दे सकते हैं।

इस तरह, आपको दो लाभ मिलते हैं: आपका पैसा एक अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म फंड में रहेगा जो उच्च तरलता प्रदान करता है, और एक नियमित लिक्विड फंड की तुलना में थोड़ा अधिक लाभांश भी अर्जित करेगा।

₹500 से इस फंड में शुरू कर सकते हैं निवेश, 1 दिसंबर तक मौका

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Mutual Fund NFO: म्‍यूचुअल फंड हाउस आदित्‍य बिड़ला सन लाइफ म्‍यूचुअल फंड (Aditya Birla Sun Life Mutual Fund) के नए डेट फंड में निवेश का मौका है. ABSL म्‍यूचुअल फंड की नई स्‍कीम आदित्‍य बिड़ला सन लाइफ क्रिसिल Crisil IBX 60:40 SDL+AAA PSU APR 2026 इंडेक्‍स फंड (Aditya Birla Sun Life Crisil IBX 60:40 SDL+AAA PSU APR 2026 Index Fund) का सब्‍सक्रिप्‍शन 24 नवंबर से खुल गया है. 1 दिसंबर 2022 तक एनएफओ में आवेदन किया जा सकता है. यह एक ओपन-एंडेड स्‍कीम है. यानी, इसमें निवेशक जब चाहे पैसा निकाल सकता है.

₹500 से शुरू टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? कर सकते हैं निवेश
ABSL म्‍यूचुअल फंड के मुताबिक, इस फंड में NFO के दौरान मिनिमम 500 रुपये और उसके बाद 1 रुपये के मल्‍टीपल में निवेश शुरू किया जा सकता है. यह एक डेट स्‍कीम (टारगेट मैच्‍योरिटी) है. इस ओपन-एंडेड स्‍कीम में जीरो एग्जिट लोड है. इसमें किसी तरह का लॉक-इन पीरियड नहीं है. इस स्‍कीम के फंड मैनेजर भूपेश बामेटा (Bhupesh Bameta) हैं. इसका बेंचमार्क इंडेक्‍स CRISIL IBX 60:40 SDL + AAA PSU – April 2026 है.

किसके लिए बेहतर स्‍कीम

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Mutual Fund NFO: म्‍यूचुअल फंड हाउस के मुताबिक, इस स्‍कीम का मकसद CRISIL IBX 60:40 SDL + AAA PSU Index की सिक्‍युरिटीज के कुल रिटर्न के अनुरूप रिटर्न जेनरेट करना है. हालांकि, स्‍कीम में इस तरह को कोई गारंटी नहीं है. यह चूंकि टारगेट मैच्‍योरिटी फंड है, इसलिए इसकी पहले से तय प्री- मैच्‍योरिटी डेट होती है. जिससे निवेशकों को अपने लॉन्‍ग टर्म गोल के मुताबिक निवेश करने में आसानी हो. इसमें निवेशकों को 4 साल का इंडेक्‍सेशन बेनेफिट होगा.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

इमरजेंसी के लिए बेस्ट है ये फंड, परेशानी में तुरंत मिल जाता है कैश

जीवन में किसी अप्रत्याशित घटना की कल्पना करना मुश्किल होता है। यह किसी भी तरह की हो सकती है। अचानक नौकरी जा सकती है या गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। इस तरह की स्थिति का सामना करने के लिए.

इमरजेंसी के लिए बेस्ट है ये फंड, परेशानी में तुरंत मिल जाता है कैश

जीवन में किसी अप्रत्याशित घटना की कल्पना करना मुश्किल होता है। यह किसी भी तरह की हो सकती है। अचानक नौकरी जा सकती है या गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। इस तरह की स्थिति का सामना करने के लिए आपातकालीन कोष जरूरी है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, आपातकालीन कोष के लिए एफडी से बेहतर विकल्प लिक्विड म्यूचुअल फंड है।

टारगेट को पूरा करने में करता है मदद
आपातकालीन कोष बनाने की प्रमुख वजह यह है कि किसी भी स्थिति में निवेश को छेड़ना नहीं पड़े। यानी अगर आपने कोई दूसरा निवेश घर या कार खरीदने के लिए कर रखा है तो उसको तोड़ने की जरूरत नहीं होगी। इस तरह आप अपने वित्तीय लक्ष्य को आसानी से पा लेंगे। वहीं आपातकालीन कोष नहीं होने पर आपको निवेश तोड़ने होंगे।

सावधि जमा के फायदे और नुकसान
आपातकालीन कोष का पैसा अगर आप सावधि जमा (एफडी) में रखना चाहते हैं तो आपको कम से कम सात दिन और अधिक से अधिक 10 साल तक निवेश का विकल्प मिलता है। मौजूदा समय में बैंकों की एफडी पर 5.5% से 7.75% का ब्याज मिल रहा है। इसलिए यह लंबी अवधि के लिए एक अच्छा विकल्प है। हालांकि, अगर आपको मैच्योरिटी से पहले पैसे की जरूरत आ जाती है और एफडी को तोड़ देते हैं तो बैंक लगभग 0.5% से 1% की पेनल्टी लेते हैं। यानी अगर आपको अचानक पैसे की जरूरत आ गई तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।

निवेश पर ज्यादा रिटर्न
लिक्विड म्यूचुअल फंड्स में आपको एफडी की तुलना में अधिक रिटर्न मिल सकता है। लिक्विड फंड्स का रिटर्न आमतौर पर 7% से 8% प्रति वर्ष के आसपास होता है। ऑनलाइन का इस्तेमाल करके, लिक्विड फंड में आसानी से निवेश किया जा सकता है। इसमें निवेश करने का दूसरा फायदा है कि कोई लॉक इन पीरियड नहीं होता है। यानी आपको पैसे की जब जरूरत पड़ी आप आसानी से निकाल सकते हैं।

जोखिम का आकलन
सुरक्षा की दृष्टि से, एफडी और लिक्विड फंड्स दोनों सुरक्षित हैं, लेकिन सुनिश्चित रिटर्न के मामले में एफडी ज्यादा बेहतर है। लिक्विड फंड के मामले में बेहतर टैक्स कुशलता और तरलता मिलती है। यानी जब जरूरत हुई आप पैसे को आसानी से अपने खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि, लिक्विड फंड बाजार से जुड़ा हुआ होता है तो मिलने वाला रिटर्न बाजार की चाल के अनुसार प्रभावित होता है।

यह भी जानें
एफडी में मिलने वाले ब्याज पर, टीडीएस लग सकता है। वहीं लिक्विड फंड्स में ऐसा नहीं होता है। एफडी से होने वाले आय पर निवेशक के कर स्लैब के हिसाब से टैक्स लिया जाता है। लिक्विड फंड पर तीन साल से कम समय के लिए निवेश करने पर, निवेशक के कर स्लैब के हिसाब से टैक्स लिया जाता है। अगर निवेश तीन साल से अधिक है तो इंडेक्सेशन के साथ 20% की दर से टैक्स लिया जाता है।

- 5.5% से 7.5% सालना ब्याज मिल रहा है एफडी पर

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म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कैसे करे | Mutual Fund in Hindi

दोस्तों, आज के लेख में हम आपको Mutual Funds kya hai in Hindi, Mutual Fund in Hindi के बारे मे पूरी जानकारी देंगे. इस म्यूच्यूअल फण्ड से भी मुनाफा कमाया जा सकता है. इस बजह से बहुत से निवेशक म्यूच्यूअल फाउंड में निवेश करने लगे है.

SIP फुल फॉर्म हिंदी में “सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान” है. जिसके जरिये निवेश करने वालों की जनसंख्या बढती जा रही है. जिन लोगों को शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी नही है और सीखना भी नहीं चाहते है तो उन लोगों के लिए म्यूच्यूअल फण्ड बेहतरीन तरीका है. इसमें कम रिस्क में कम मुनाफा और नुक्सान होता है.

इसके जरिये आप बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी निवेश कर सकते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के बारे में अधिक जानकारी ना होने पर किसी अच्छे एक्सपर्ट की मदद ले सकते है. बेहतर मुनाफा कमाने के लिए बेहतर शेयर को चुनना होता है.

Mutual Fund क्या है | Mutual Funds Kya Hai in Hindi

म्यूच्यूअल फण्ड सामूहिक निवेश होता है. कई निवेशकों का एक समूह मिलकर स्टॉक में निवेश करते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशकों के फण्ड के फायदा और नुक्सान का हिसाब रखने के लिए एक फंड मैनेजर होता है. (1)

इस तरह से निवेश में जो भी नुक्सान या फायदा होता है वह निवेशकों में बांट दिया जाता है. म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी में उन सभी निवशकों के निवेश पैसों को टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? इकट्ठे करती है. ऐसा करने पर कंपनी थोड़ा सर्विस चार्ज काटती है.

और म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के द्वारा इकट्ठा किया गया पैसा शेयर मार्किट में निवेश करती है. म्यूच्यूअल फण्ड में एक काफी बड़ा फायदा है की उसमे यह सोचने की जरूरत नहीं होती है की कब शेयर को खरीदना और बेचना होता है, क्योकि ये सारा काम फण्ड मैनेजर का होता है.

म्यूचुअल फण्ड में निवेश करने के फायदा यह है की आप इसमें 500, 1000 रूपए से निवेश करना सुरु कर सकते है. मासिक निवेश के लिए SIP लेना होता है. इसका मतलब होता है की आपके द्वारा तय की गई राशी अपने आप प्रतेक महीने खाते से से कटकर सीधे फण्ड में ट्रान्सफर होती रहगी. (2)

भारत की सबसे बड़ी और पुरानी UTI Mutual Fund Company है. म्यूचुअल फंड की इक्विटी योजना में आपको मिड-कैप स्कीम, इंडेक्स फंड, लार्ज-कैप फंड, डायवर्सिफाइड फंड और टैक्स सेविंग स्कीम आदि इस तरह के विकल्प होते हैं.

म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से पहले ये जान लें की इसमें अपने टारगेट को हासिल करने के लिए लम्बे समय ले लिए निवेश करना होगा. बेहतर मुनाफा कमाने के लिए अधिक पैसा निवेशा करना होगा. 1 या 2 वर्ष के निवेशकों को कोई ज्यादा लाभ नहीं होगा. Mutual Fund in Hindi के बारे में समझे.

Mutual Fund कितने प्रकार के होते है?

अब हम mutual fund के प्रकार के बारे में समझेंगे कि mutual fund कितने प्रकार के होते है. ये एसेट्स (Asset Class) और संरचना यानी स्ट्रैक्चर (structure) 2 प्रकार के होते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किये गय पैसों को कई जगहों में निवेश किया जाता है. आप म्यूचु्अल फंड को और भी कई हिस्सों में बांट सकते है.

इक्विटी फण्ड (Equity Fund) Mutual Fund in Hindi

इक्विटी फण्ड काफी महसूर फण्ड है. इसमें बेहतरीन निवेशक अधिक रिस्क लेकर अधिक मुनाफा भी लेते है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस इक्विटी म्यूचुअल फंड के मैनेजर सभी पैसा स्टॉक मार्किट में निवेश करता है.

इस इक्विटी म्यूचुअल फंड को मल्टी कैपिटल, लार्ज कैपिटल, स्मॉल कैपिटल, मिड कैपिटल में बांटा गया है.

लार्ज कैप फण्ड | Large Cap Funds

लार्ज कैप फण्ड mutual fund वह होते है जो आपकी राशी को बड़ी कैपिटल वाली कंपनी में निवेश करते है. लार्ज कैप कंपनी की काफी ग्रोथ है. इसलिए return तो कम मिलता है लेकिन लगातर मिलता है. लार्ज कैप फण्ड के मुकालबे स्माल और मिडकैप में अधिक रिस्क होता है.

डेट फण्ड | Debts Funds

ये ऐसे फण्ड है जिनको कमर्शियल पेपर, कॉर्पोरेट बांड्स, ट्रेजरी बिल और कई तरह के मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में भी निवेश करते हैं. जो निश्चित ही अच्छा रिटर्न देते हैं.

गिल्ट फण्ड | Gilt Fund

इसमें निवेश किया गया पैसा सिर्फ गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में जाता है. सरकार को पैसे देने की बजह से डेब्ट फंड में कम मात्रा में रिस्क होता है.

लिक्विड फंड्स | Liquid Funds

लिक्विड फंड ऐसे होते है जिसे कभी भी रीडीम करवा सकते है. आवेदन करते ही 24 घंटे के अन्दर आपके खाते में पैसे आ जाते है. लेकिन लिक्विड फंड में सबसे कम return मिलता है.

इसमें आप 3 या 4 दिन के लिए भी निवेश कर सकते है. ये उन सिक्योरिटीज में निवेश होते है जिनकी मैच्योरिटी 91 दिन तक की होती है. इसलिए लिक्विड फंड बैंक एफडी और सेविंग अकाउंट में निवेश करने का अच्छा विकल्प होता है.

मिड कैप फण्डस | Mid Cap Fund

यह वह कंपनिया होती है जिन्होंने अपना बिज़नस स्थापित कर दिया है. लेकिन अब ये तरक्की कर रही है. इतना ही नहीं बल्कि ये मिड कैप फंड और लार्ज कैप फंड से ज्यादा return देती है.

स्मॉल कैप फंड्स | Small Cap Fund

स्माल कैपिटल फण्ड कंपनियां वह होती है जो अपना कारोबार मार्किट में स्थापित करने का प्रयास करती है. इसमें जितना ज्यादा return मिलता है उतना ही ज्यादा रिस्क भी होता है. Mutual Funds Kya Hai in Hindi, Mutual Fund in Hindi

मल्टी कैप फंड्स | Multi Cap Funds

म्यूच्यूअल फण्ड की ये सबसे पॉपुलर है क्योकि इसमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में तय किये गय रेश्यो में करना होता है. इसमें आपको हाईब्रिड फंड्स, फ्लैक्सी कैप फंड्स और इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम आदि शामिल है.

इस लेख मैंने आपको म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कैसे करे, Mutual Fund in Hindi,Mutual Fund कितने प्रकार के होते है आदि के बारे में अच्छे से बताया है. यदि इस पोस्ट से सम्बंधित कोई आपका सवाल है तो हमें कमेंट के जरिये बताये हम आपके सवाल का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे.

इमरजेंसी के लिए बेस्ट है ये फंड, परेशानी में तुरंत मिल जाता है कैश

जीवन में किसी अप्रत्याशित घटना की कल्पना करना मुश्किल होता है। यह किसी भी तरह की हो सकती है। अचानक नौकरी जा सकती है या गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। इस तरह की स्थिति का सामना करने के लिए.

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जीवन में किसी अप्रत्याशित घटना की कल्पना करना मुश्किल होता है। यह किसी भी तरह की हो सकती है। अचानक नौकरी जा सकती है या गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। इस तरह की स्थिति का सामना करने के लिए आपातकालीन कोष जरूरी है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, आपातकालीन कोष के लिए एफडी से बेहतर विकल्प लिक्विड म्यूचुअल फंड है।

टारगेट को पूरा करने में करता है मदद
आपातकालीन कोष बनाने की प्रमुख वजह यह है कि किसी भी स्थिति में निवेश को छेड़ना नहीं पड़े। यानी अगर आपने कोई दूसरा निवेश घर या कार खरीदने के लिए कर रखा है तो उसको तोड़ने की जरूरत नहीं होगी। इस तरह आप अपने वित्तीय लक्ष्य को आसानी से पा लेंगे। वहीं आपातकालीन कोष नहीं होने पर आपको निवेश तोड़ने होंगे।

सावधि जमा के फायदे और नुकसान
आपातकालीन कोष का पैसा अगर आप सावधि जमा (एफडी) में रखना चाहते हैं तो आपको कम से कम सात दिन और अधिक से अधिक 10 साल तक निवेश का विकल्प मिलता है। मौजूदा समय में बैंकों की एफडी पर 5.5% से 7.75% का ब्याज मिल रहा है। इसलिए यह लंबी अवधि के लिए एक अच्छा विकल्प है। हालांकि, अगर आपको मैच्योरिटी से पहले पैसे की जरूरत आ जाती है और एफडी को तोड़ देते हैं तो बैंक लगभग 0.5% से 1% की पेनल्टी लेते हैं। यानी अगर आपको अचानक पैसे की जरूरत आ गई तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।

निवेश पर ज्यादा रिटर्न
लिक्विड म्यूचुअल फंड्स में आपको एफडी की तुलना में अधिक रिटर्न मिल सकता है। लिक्विड फंड्स का रिटर्न आमतौर पर 7% से 8% प्रति वर्ष के आसपास होता है। ऑनलाइन का इस्तेमाल करके, लिक्विड फंड में आसानी से निवेश किया जा सकता है। इसमें निवेश करने का दूसरा फायदा टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? है कि कोई लॉक इन पीरियड नहीं होता है। यानी आपको पैसे की जब जरूरत पड़ी आप आसानी से निकाल सकते हैं।

जोखिम का आकलन
सुरक्षा की दृष्टि से, एफडी और लिक्विड फंड्स दोनों सुरक्षित हैं, लेकिन सुनिश्चित रिटर्न के मामले में एफडी ज्यादा बेहतर है। लिक्विड फंड के मामले में बेहतर टैक्स कुशलता और तरलता मिलती है। यानी जब जरूरत हुई आप पैसे को आसानी से अपने खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि, लिक्विड फंड बाजार से जुड़ा हुआ होता है तो मिलने वाला रिटर्न बाजार की चाल के अनुसार प्रभावित होता है।

यह भी जानें
एफडी में मिलने वाले ब्याज पर, टीडीएस लग सकता है। वहीं लिक्विड फंड्स में ऐसा नहीं होता है। एफडी से होने वाले आय पर निवेशक के कर स्लैब के हिसाब से टैक्स लिया जाता है। लिक्विड फंड पर तीन साल से कम समय के लिए निवेश करने पर, निवेशक के कर स्लैब के हिसाब से टैक्स लिया जाता है। अगर निवेश तीन साल से अधिक है तो इंडेक्सेशन के साथ 20% की दर से टैक्स लिया जाता है।

- 5.5% से 7.5% सालना ब्याज मिल रहा है एफडी पर

अगले 2 दिन में SBI चलाएगा आपके बचत खाते पर कैंची, करोड़ों ग्राहकों को लगेगा झटका

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