दुनियाभर में बिटक्वाइन का 40 प्रतिशत सिर्फ 1000 लोगों के पास है। जरा सी निगेटिव खबर से इस क्रिप्टोकरेंसी में लोगों के करोड़ों-अरबों डूब सकते हैं। दरअसल ये 1000 लोग जब चाहें मार्केट में खलबली मचाने और मुनाफा कमाने के लिए कभी भी यह गेम खेल सकते हैं।

बिटक्‍वाइन की दीवानगी से अमिताभ के 1.6 करोड़ हो गए 110 करोड़,क्रिप्‍टो करेंसी खरीदना आसान लेकिन बेचना लगभग असंभव

बहुत पेचीदा और ख़तरनाक़ भी है क्रिप्टकरेंसी का खेल !

क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की टेक्नोलॉजी पर काम करने वाला सिस्टम है तो यह भी साफ है कि इसमें सेंध लगाई जा सकती है। इसे हैक किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल गैरक़ानूनी कामों के लिए किया जा सकने की पूरी संभावना है।

चार मार्च, 2020 को सुप्रीम कोर्ट का वर्चुअल करेंसी यानी आभासी मुद्रा से जुड़ा अहम फैसला आया। फैसला यह था कि भारत में अब वर्चुअल करेंसी के जरिये व्यापार किया जा सकेगा। पहले आरबीआई ने इस पर प्रतिबंध लगाया था। आरबीआई ने साल 2018 में वर्चुअल करेंसी को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था। इस सर्कुलर के तहत यह आदेश था कि कोई भी बैंक और संस्था वर्चुअल करेंसी के जरिये लेन देन न करे।

वर्चुअल करेंसी के तहत किसी भी तरह की सेवा या सामान के लेन-देन का काम न किया जाए। इस सर्कुलर के बाद वर्चुअल करेंसी पर एक इंटर पार्लियामेंट्री कमेटी भी बैठी थी। इस कमेटी का भी सुझाव था कि वर्चुअल करेंसी को बैन कर दिया जाए। इसकी जगह पर भारत सरकार की तरफ से ऑफिसियल डिजिटल करेंसी यानी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी की जाए।

बिटक्‍वाइन की दीवानगी से अमिताभ के 1.6 करोड़ हो गए 110 करोड़, क्रिप्‍टो करेंसी खरीदना आसान लेकिन बेचना लगभग असंभव

बिटक्‍वाइन की दीवानगी से अमिताभ के 1.6 करोड़ हो गए 110 करोड़, क्रिप्‍टो करेंसी खरीदना आसान लेकिन बेचना लगभग असंभव

बिटक्‍वाइन की दीवानगी के कारण सदी के महानायक के 1.6 करोड़ रुपये का निवेश से 110 करोड़ रुपये हो चुका है। बच्‍चन परिवार ने यह निवेश ढाई साल पहले एक स्‍टॉक में किया था। इसका मतलब यह नहीं कि आप भी बिटक्‍वाइन में अपनी गाढ़ी कमाई निवेश कर दें। आपको बता दें कि बिटक्‍वाइन खरीदना तो आसान है लेकिन उसे बेचना लगभग नामुमकिन। यह हम नहीं बल्कि गूगल के एक इंजीनियर ने ट्वीट करके दी है। आइए जानते हैं बिटक्‍वाइन की आसान खरीद जानें कैसा है बाकी क्रिप्‍टोकरेंसी का हाल और जटिल बिक्री के प्रोसीजर।

बिटक्वाइन ने अमिताभ के निवेश को ढाई साल में कर दिया 68 गुना

एजुकेशन सेक्टर के ऐड्स पर मिले सबसे ज्यादा एतराज, लेटेस्ट रिपोर्ट में खुलासा, सही फोटो न देना सबसे बड़ी दिक्कत

Objectional Advertisement: ASCI के मुताबिक 39% विज्ञापनों जानें कैसा है बाकी क्रिप्‍टोकरेंसी का हाल को एडवर्टाइजर ने कंटेस्ट नहीं किया. यानि आपत्तियों पर कोई एतराज नहीं किया. जबकि 55% विज्ञापनों पर उठाए गए सवाल जायज पाए गए.

विज्ञापनों पर निगरानी रखने वाली संस्था एडवर्टाइजिंग एंड स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया ASCI ने शिकायतों पर साल 2021-22 की रिपोर्ट जारी की है. ASCI के मुताबिक सबसे बड़ी समस्या विज्ञापन में सही तस्वीर न देने की रही है. जबकि सबसे ज्यादा आपत्ति वाले विज्ञापन 33% शिक्षा क्षेत्र से मिले. बाकी आपत्ति वाले विज्ञापनों में हेल्थकेयर की 16% और पर्सनल केयर की 11% हिस्सेदारी रही. क्रिप्टो का 8-8% हिस्सा वर्चुअल डिजिटल असेट कंपनियों, ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग और फूड एंड बेवरेज कंपनियों के आपत्तिजनक विज्ञापनों का रहा.

क्या होते हैं क्रिप्टोकरेंसी व्हेल? कैसे डालते हैं बाजार में कीमतों पर असर?

बिज़नस न्यूज़ डेस्क- हाल के दिनों में, क्रिप्टोकरेंसी लोगों के बीच एक निवेश विकल्प के रूप में उभरा है। लोग, खासकर युवा लोग, क्रिप्टोकरेंसी में भारी निवेश कर रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी में उतार-चढ़ाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में आप एक बार में निवेश करके काफी पैसा कमा सकते हैं। लेकिन, इससे बड़ा नुकसान भी हो सकता है। क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने से पहले, इसके बारे में कुछ बातें जानना जरूरी है। उनकी जानकारी के बिना क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना आपके लिए एक बड़ा जोखिम हो सकता है। तो क्रिप्टोक्यूरेंसी से जुड़ी कुछ बातें अच्छी तरह से जानी चाहिए। उनमें से एक क्रिप्टोक्यूरेंसी व्हेल है। यह क्रिप्टोकरेंसी के मूल्यांकन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए इसे समझने की जरूरत है। जिन लोगों के पास बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकुरेंसी जानें कैसा है बाकी क्रिप्‍टोकरेंसी का हाल है उन्हें क्रिप्टोकुरेंसी व्हेल कहा जाता है। चूंकि उनके पास बड़ी मात्रा में सिक्के हैं, वे क्रिप्टोकरेंसी के मूल्यांकन पर एक बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। जैसा कि हाल के दिनों में बिटकॉइन में देखा गया है, इससे अक्सर कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है।

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?

डिजिटल मुद्राओं की एक केंद्रीकृत संरचना होती है क्योंकि वे राज्यों के केंद्रीय बैंकों द्वारा बनाई गई डिजिटल मुद्राएं होती हैं। डिजिटल मुद्राओं का उत्पादन या पर्यवेक्षण एक केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी में एक विकेंद्रीकृत प्रणाली है, विशेष रूप से बिटकॉइन, जो सबसे पहले बनाया गया था और इसका बाजार मूल्य उच्चतम है।

ब्लॉकचेन के विकेंद्रीकरण का मतलब है कि यह जानें कैसा है बाकी क्रिप्‍टोकरेंसी का हाल सीधे सरकार, कंपनी, व्यक्ति या संगठन जैसे केंद्रीय तत्व से जुड़ा नहीं है, और निर्णय लेने और नियंत्रण तंत्र एक नेटवर्क पर वितरित किया जाता है। इस तरह, नेटवर्क का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के नेटवर्क और लेनदेन पर किसी का अधिकार और नियंत्रण नहीं होता है।

ब्लॉकचेन तकनीक के बारे में तकनीकी विवरण। ब्लॉकचेन तकनीक क्या है? और विकेंद्रीकरण क्या है और यह कैसे काम करता है, इसके बारे में जानकारी। विकेंद्रीकरण क्या है? यह क्या प्रदान करता है? आप लेखों तक पहुँच सकते हैं।

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