टिक वॉल्यूम किसी भी समय अंतराल के दौरान होने वाली मात्रा की परवाह किए बिना कीमत में परिवर्तन की संख्या है।
तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है?
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (आईसेक) ने भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 के चार्ट पर एक खास संरचना बनने के चलते बाजार में अच्छी तेजी की संभावना जतायी है।
आनंद राठी सिक्योरिटीज (Anand Rathi Securities) ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में कहा है कि निफ्टी (Nifty) ने उम्मीद के मुताबिक अपनी त्रिकोणीय संरचना में चले ठहराव से ऊपर की ओर नयी चाल पकड़ी है, जो यह संकेत देती है कि ऊपर की ओर पाँचवीं तरंग (वेव) शुरू हो चुकी है।
बाजार का छोटी अवधि का रुझान तेज हुआ : इडेलवाइज
कल निफ्टी ने 1.54% की जोरदार तेजी दर्ज की और चार सत्रों के ऊपरी स्तर पर आते हुए इसने 7600 के स्तर को फिर से हासिल कर लिया।
इडेलवाइज सिक्योरिटीज ने आज अपनी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि निफ्टी छोटी अवधि में 7400 की ओर जा सकता है, हालाँकि फिलहाल तेजड़िये 7600 के स्तर को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
टेक्निकल एनालिसिस क्या है?
टेक्निकल एनालिसिस एक निवेश विश्लेषण तकनीक है जिसमें मूल्य के संभावित भविष्य के रूझानों की भविष्यवाणी करने के लिए एसेट के पिछले मूल्य और रूझानों का अध्ययन करते हैं। यह ऐतिहासिक जानकारी का उपयोग करके आने वाले भविष्य का अनुमान लगाने की कोशिश करता है, ताकि ट्रेडर संभावित रूझानों का इस्तेमाल कर मुनाफ़ा कमा सकें।
जैसा कि आप देख सकते हैं कि इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य ऐतिहासिक मूल्य रूझानों का विश्लेषण करके भविष्य की कीमत के रूझान का अनुमान लगाना है। यह दृष्टिकोण फंडामेंटल एनालिसिस से बहुत अलग है, जो हर दिशा से निवेश का मूल्यांकन करने और एक एसेट को प्रभावित करने वाले मात्रात्ममक और गुणात्मक कारकों का विश्लेषण करने पर केंद्रित है। वास्तव में यह अंतर ही शेयरों और दूसरे एसेट के टेक्निकल एनालिसिस को बहुमुखी बनाता है।
बहुमुखी प्रयोग
चलिए रोज़मर्रा की दो गतिविधियां लेते हैं जैसे, खाना बनाना और ड्राइविंग। अब खाना पकाने के लिए प्रत्येक व्यंजन की रेसिपी अलग है। आप एक ही रेसिपी से दो अलग अलग व्यंजन बनाकर, अलग अलग स्वाद की उम्मीद नहीं कर सकते। दूसरे शब्दों में, हर बार जब आप नया व्यंजन बनाते हैं तो आपको अलग सामग्री का उपयोग करने और इसके लिए अलग विधि का पालन करने की आवश्यकता होती है।
फंडामेंटल एनालिसिस कुछ ऐसा ही है। जैसे, हर एसेट के तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है? फंडामेंटल पूरी तरह से अलग होते हैं, इसलिए उन मूल सिद्धांतों के विश्लेषण की प्रक्रिया भी हर निवेश विकल्प के लिए बदलती है। उदाहरण के तौर पर, हमने पहले के एक मॉड्यूल में देखा कि इक्विटी शेयरों का फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए आपको उद्योग का मूल्यांकन करने, कंपनी का आकलन करने और फिर उसके फाइनेंशियल्स का विश्लेषण करने के बाद शेयर के मूल्य पर पहुँचना होता है। अब अगर आप एक अलग एसेट, जैसे कृषि उत्पाद का फंडामेंटल एनालिसिस कर रहे हैं, तो ये दृष्टिकोण उस पर काम नहीं करेगा।
टेक्निकल एनालिसिस की मूल धारणाएँ
अब आप जानते हैं कि जब विश्लेषण के मैट्रिक्स की बात आती है, तो टेक्निकल एनालिसिस बहुत सीधा और सरल है। यह तकनीक केवल पिछले मूल्य और एसेट के व्यापार की मात्रा पर केंद्रित है और इस जानकारी के सहारे भविष्य के रूझानों का अनुमान लगाया जाता है।
इसलिए पिछले डाटा और संभावित भविष्य रूझानों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए कुछ धारणाओं या अनुमानों की आवश्यकता होती है। यहां टेक्निकल एनालिसिस की तीन मुख्य धारणाएं हैं:
बाज़ार सब जानता है
कुशल बाज़ार परिकल्पना याद है? जो मानती है कि बाज़ार हर तरह की जानकारी का हिसाब लगाकर उसके प्रभाव को शेयरों की कीमत में शामिल कर लेता है, चाहे वो जानकारी सार्वजनिक हो या निजी या ऐतिहासिक। शेयर और अन्य एसेट्स का टेक्निकल एनालिसिस भी कुछ इसी लाइन पर काम करता है। यह तकनीक इस धारणा पर आधारित है कि कोई भी जानकारी जो किसी एसेट के लिए अहम है वह पहले से ही उस एसेटकी कीमत में शामिल है। दूसरे शब्दों में, बाज़ार पहले से ही सभी उपलब्ध और अफ़वाह जैसी जानकारियों को एसेट की कीमत में शामिल कर लेता है।
निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना क्यों तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है? जरूरी है (Why it is important to do technical analysis before investing)
- एक सफल निवेशक बनने के लिए टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) करना बेहद जरूरी है। क्योंकि आप स्टॉक का जितना टेक्निकल एनालिसिस करेगे उतना ही सफल निवेशक बनेंगे।
- शॉर्ट टर्म में स्टॉक कितना बेहतरीन प्रदर्शन करेगा इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस (technical analysis) करना जरूरी होता है। ऐसे में स्टॉक, इंडेक्स, इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट, में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस जरूरी करे।
- शेयर बाज़ार में तुक्का काम नहीं करता। शेयर मार्केट में बिना टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) किए निवेश करना शराब पीकर गाड़ी चलाने के बराबर है। इसलिए शेयर बाज़ार में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना आवश्यक होता है।
- बगैर जानकारी के शेयर बाज़ार में निवेश करना, घाटे का सौदा होता है। इसलिए शेयर मार्केट (Share market) में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस अवश्य करना चाहिए। ताकि आपको शेयर मार्केट के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल सके और आप अपने निवेश पर अच्छा लाभ प्राप्त कर सके।
अंतिम शब्द
दोस्तों हमने इस आर्टिकल (What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए) के माध्यम बताया है कि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) क्या होता है शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए। इसके फायदे क्या है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा।
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एवरेज ट्रू रेंज के साथ ट्रेडिंग करना
ATR इंडिकेटर को RSI इंडिकेटर के निर्माता वेल्स वाइल्डर द्वारा विकसित किया गया था। ट्रू रेंज ATR की गणना में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इंडिकेटर की अवधारणा इस प्रकार है: जब अस्थिरता बढ़ती है, तो ATR भी बढ़ता है। जब अस्थिरता कम होती है, तो ATR भी कम होता है।
यदि ट्रेंड मजबूत है, तो ट्रेंड की ताकत की पुष्टि करते हुए एवरेज ट्रू तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है? रेंज इंडिकेटर बढ़ेगा।
जब ट्रेंड कमजोर हो रहा होता है, ATR गिर जाता है।
इस प्रकार, एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर अप या डाउन ट्रेडों को खोलने के लिए सटीक संकेत नहीं देता है। इसलिए कोई विशिष्ट एवरेज ट्रू रेंज रणनीति नहीं है। हालांकि, ATR तकनीकी इंडिकेटर मौजूदा ट्रेंड की ताकत की पुष्टि करने में बहुत उपयोगी है।
एवरेज ट्रू रेंज के साथ ट्रेडिंग पद्धति का चयन
ATR का इस्तेमाल ट्रेडिंग गतिशीलता को समझने और उसके आधार पर ट्रेंड या काउंटर-ट्रेंड ट्रेडिंग पद्धति का चयन करने के लिए भी किया जा सकता है।
ATR की वृद्धि ट्रेंड के मजबूत होने का संकेत देती है। इसलिए, इस मामले में, ट्रेंड में शामिल होना और ट्रेंड इंडिकेटर का उपयोग करना सबसे बेहतर होता है।
जब ATR घटता है, आमतौर पर ट्रेंड सुस्त हो जाता है। इस मामले में, काउंटर-ट्रेंड रणनीतियों और ऑसिलेटर का उपयोग करना सबसे उपयुक्त है।
चुनने के लिए कई इंडिकेटर
Olymp Trade प्लेटफॉर्म कई तकनीकी साधन और इंडिकेटर उपलब्ध कराता है जो ATR के समान और आपके अनुभव के स्तर के बावजूद आपकी ट्रेडिंग को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं। उन्हें देखें और अपने ट्रेडिंग परिणामों में सुधार लाएँ!
जोखिम चेतावनी: लेख की सामग्री में निवेश की सलाह निहित नहीं है और आप अपनी ट्रेडिंग गतिविधि और/या ट्रेडिंग के परिणामों के लिए पूरी तरह से स्वयं जिम्मेदार हैं।
Tick volume is the number of changes in price regardless of volume that occurs during any given time interval.
Volatility is a metric that measures the magnitude of the change in prices in a security.
The relative strength index, or RSI, is a momentum तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है? indicator used in technical analysis to measure the magnitude of recent price changes. It evaluates overbought or oversold conditions in the price of a stock or other asset.
Technical Analysis कैसे करें|How to do Technical Analysis
टेक्निकल एनालिसिस शेयर का हिस्टोरिकल ट्रेडिंग डाटा को चार्ट के माध्यम से समझता हैं और यह डाटा आगे आने वाले समय के बारे में क्या संकेत देता है।यहां Technical Analysis Study में उपयोग किए जाने वाले बुनियादी उपकरण हैं जैसे कैंडलस्टिक चार्ट, वॉल्यूम, ट्रेंडलाइन, मूविंग एवरेज आदि। मुख्य पैरामीटर स्टॉक की प्रवृत्ति और मूल्य व्यवहार की पहचान करना है।
Technical Analysis study (तकनीकी अध्ययन) में Price और Volume दो महत्वपूर्ण कारक हैं क्योंकि तकनीकी अध्ययन में Price सर्वोच्च है और वॉल्यूम मूल्य पैटर्न का समर्थन करती है या मूल्य व्यवहार को प्रभावित करती है।टेक्निकल एनालिसिस में आप चार्ट को analyse कर सकते हैं क्यूंकि एक चार्ट ट्रेंड के बारे में काफी कुछ बताता हैं उसमे प्राइस और वॉल्यूम के पैटर्न्स को ध्यान में रखना चाहिए क्यूंकि प्राइस ही सबसे ऊपर क्यूंकि जितने इंडिकेटर और टेक्निकल उपयोग केवल ट्रेंड और प्राइस का मूवमेंट देखने के लिए होते हैं
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