शेयर बाजार में निवेश का एक आसान तरीका जो सामान्य लोगों के भी आएगा काम

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कोई एक ही तरीका नहीं है लेकिन यहां आपको एक ऐसा विकल्प बताया जा रहा है जिससे सामान्य जनता भी स्टॉक मार्केट में निवेश करने के बारे में आसानी से विचार कर सकती है.

By: एबीपी न्यूज, वेब डेस्क | Updated at : 23 May 2021 03:53 PM (IST)

यदि आपको नदी पार करनी हो और आपको तैरना ना आता हो तो क्या हुआ.. आप नाव में बैठ कर चले जाइए. बस नाव की ही तरह म्यूचुअल फंड भी उन निवेशकों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में मदद करता है जिन्हें पूंजी बाज़ार की सीमित जानकारी है. म्यूचुअल फंडको प्रोफेशनल्स मैनेज करते हैं और वो रिसर्च करके सही शेयर्स का पोर्टफोलियो शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका बनाते हैं. म्यूचुअल फंडके परफॉरमेंस मूल्यांकन करने के लिए उस की तुलना किसी इंडेक्स से की जाती है और उस इंडेक्स की परफॉरमेंस को बेंचमार्क माना जाता है. ऐसे म्यूचुअल फंड जिनका पोर्टफोलियो फंड मैनेजर तय करते हैं उन्हे एक्टिव फंड कहते हैं. फंड मैनेजर की हमेशा कोशिश रहती है कि वो निवेशकों को अधिक से अधिक रिटर्न दिला सकें लेकिन कई बार ऐसा संभव नहीं हो पाता क्योंकि शेयरों के चुनाव में एक भावनात्मक दृष्टिकोण भी होता है. अब यदि आप चाहते हैं कि आपकी स्कीम वैसा ही प्रदर्शन करे जैसा कि वो इंडेक्स जिसे वो स्कीम ट्रैक कर रही है तो इसका तरीका है एक इंडेक्स फंड में निवेश. इंडेक्स फंड एक तरह का म्यूचुअल फंड ही है लेकिन इसके पोर्टफोलियो में शेयर फंड मैनेजर तय नहीं करते बल्कि उस इंडेक्स के पोर्टफोलियो को कॉपी करते हैं जिस पर ये फंड आधारित होता है. यानि कि एक इंडेक्स फंड पूरी तरह से पैसिव या निष्क्रिय फंड होता है.

क्या है निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स
निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स एनएसई का एक इंडेक्स है जो कि 50 दिग्गज कंपनियों के संयोजन से बना है. ये कम्पनियां सभी मुख्य सेक्टर्स से ली गई हैं. निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स में वही 50 कंपनियों के शेयर हैं जो कि एनएसई के फ़्लैगशिप इंडेक्स निफ्टी 50 में हैं लेकिन इक्वल वेट इंडेक्स की खास बात यह है कि इसमें सभी कम्पनियों की हिस्सेदारी एक समान है. इंडेक्स में किसी कम्पनी की हिस्सेदारी बहुत कम होने से नुकसान यह होता है कि यदि उस कम्पनी का प्रदर्शन अच्छा भी हो तो उसकी हिस्सेदारी कम होने की वजह से इंडेक्स शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका को उसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता. कोई भी टीम तभी जीतती है जब सभी खिलाड़ियों के कंधों पर ज़िम्मेदारी हो. यदि पिछले प्रदर्शन पर एक नजर डालें तो देखा जा सकता है कि निफ्टी 50 के मुकाबले निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स का प्रदर्शन बेहतर रहा है. 2001-2002 के डॉट कॉम क्रैश के बाद 2002- 2003 की रिकवरी हो, 2008 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसेस के बाद 2009 की रिकवरी हो या 2020- 2021 में कोरोना पेंडेमिक की वजह से शेयर बाज़ार में तेज गिरावट के बाद की रिकवरी हो. हर एक स्थिति में निफ्टी इक्वल वेट इंडेक्स का प्रदर्शन निफ्टी 50 के मुकाबले बेहतर रहा है. यानि कि जब जब शेयर बाजार में तेज गिरावट आयी है या फिर उस गिरावट के बाद रिकवरी में निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स निफ्टी 50 इंडेक्स के मुकाबले बेहतर साबित हुआ है.

इंडेक्स फंड में निवेश के फायदे
इंडेक्स शोध के आधार पर एक बेहद वैज्ञानिक तरीके से तैयार किये जाते हैं. विशेष तौर पर यदि निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स की बात करें तो यह एक डाइवर्सिफाइड इंडेक्स है यानि कि इस इंडेक्स के शेयरों में विविधता है. इसलिए जोखिम कम हो जाता है. हर 6 महीने में एक बार इसके पोर्टफोलियो का पुनर्गठन होता है और हर तीन महीने रि-बैलेंसिंग होती है. क्योंकि इस शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका इंडेक्स में हर एक कम्पनी की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत रखनी होती है इसलिए यदि किसी कम्पनी की विशेष परफॉरमेंस के कारण यदि इसकी हिस्सेदारी 2 प्रतिशत से कम या अधिक हो जाती है तो उसे कम कर दिया जाता है. इस प्रकार से प्रॉफिट बुकिंग भी हो जाती है. लो टर्न ओवर व लो एक्सपेंस रेश्यो किसी भी इंडेक्स फंड की विशेषता होती है. निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स के जरिये आप सीमित रकम में एक साथ 50 कंपनियों में निवेश कर सकते हैं जबकि यदि आप निफ्टी 50 में जो शेयर हैं उनमें से हर एक शेयर स्वयं खरीदना चाहें तो आपको करीब 1.50 लाख रुपए निवेश करने होंगे. हाल ही में आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने ऐसे ही निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स पर आधारित एक फंड लॉन्च किया है जिसमें कम से कम 500 रुपये से निवेश की शुरुआत की जा सकती है. आप इस फंड में एकमुश्त राशि या एसआईपी के जरिए निवेश शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका कर सकते हैं लेकिन मेरे हिसाब से ऐसे वक्त पर जब शेयर बाज़ार अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर है ऐसे मे एसआईपी या एसटीपी के शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका जरिये निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है. साथ ही किसी भी इक्विटी फंड की तरह इस फंड में भी पांच साल या उससे अधिक अवधि के नजरिए से निवेश किया जाना चाहिए.

इस आर्टिकल के लेखक पंकज मठपाल सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर हैं और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ हैं.

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Published at : 23 May 2021 03:53 PM (IST) Tags: NSE Investment Stock Market sensex nifty bse Stocks Index fund हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका in Hindi

शेयर बाजार में पैसे कमाने के 7 गोल्‍डेन टिप्‍स, देखते-देखते बन जाएंगे मालामाल

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how to make money from stock market: शेयर बाजार एक ऐसी जगह है, जहां निवेशकों को लगता है कि रातोंरात कमाई की जा सकती है. कई बार ऐसा होता है कि कुछ घंटे में ही शेयर से मोटा मुनाफा हो जाता है. बावजूद इसके यह ध्‍यान रखना चाहिए कि इक्विटी में ट्रेडिंग हमेशा से आसान नहीं है. बाजार में आपको अनुशासन और धैर्य की जरूरत पड़ती है. मार्केट शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका में निवेश से पहले अच्‍छी तरह रिसर्च कर लेनी चाहिए. आइए जानते हैं 7 ऐसे गोल्‍डेन टिप्‍स, जिनका अगर ध्‍यान रखा जाए तो शेयर बाजार से जमकर कमाई की जा सकती है.

शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के 5 महत्‍वपूर्ण चरण, जिसे अपना कर कमा सकते हैं मुनाफा

Five Steps to Invest In Equity Market to Earn Money

हमारा सुझाव है कि आप जल्दी से निवेश करना शुरू कर दें क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करता है। इससे आपके द्वारा निवेश किया गया पैसा बढ़कर एक धनराशि बन जाता है जिससे आप अपने वित्तीय उद्देश्यों को पूरा कर सकते हैं।

नई दिल्‍ली, पुनीत माहेश्वरी। मिलेनियल्स को व्यापक रूप से निवेशकों की सबसे शिक्षित, तकनीकी रूप से जानकार और चतुर पीढ़ी के रूप में माना जाता है। अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, अधिकाधिक मिलेनियल्स वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक आय और/या निवेश की तलाश कर रहे हैं। कई लोगों को इक्विटी में निवेश से डर लगता प्रतीत होता है। हालांकि, इक्विटी खरीदना उतना ही सरल है जितना कि आपके कुछ बुनियादी दैनिक कार्य करना। तो, यहां हम 5 आसान चरणों में भारत में शेयर बाजार में निवेश करने का तरीका बताते हैं:

Investment lesson for investors from football (Jagran File Photo)

1. डीमैट खाता खोलें: हमारा सुझाव है कि आप जल्दी से निवेश करना शुरू कर दें, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करता है। इससे आपके द्वारा निवेश किया गया पैसा बढ़कर एक धनराशि बन जाता है जिससे आप अपने वित्तीय उद्देश्यों को पूरा कर सकते हैं। इन दिनों टेक्नोलॉजी-फर्स्ट ब्रोकिंग फर्मों ने डीमैट खाते खोलने की प्रक्रिया को बहुत सुविधाजनक बना दिया है। यह कुछ ही क्लिक में किया जा सकता है और पूरी तरह से पेपरलेस है।

2. अपना खुद का शोध करें (डीवाईओआर): मिलेनियल और जेनरेशन जेड के लिए, डीआईवाई (या डू-इट-योरसेल्फ) उनकी स्वाभाविक प्रकृति है। इसे इक्विटी बाजारों (स्टॉक, डेरिवेटिव, म्यूचुअल फंड, ईटीएफ, आदि) में निवेश साधनों का चयन करते समय लागू किया जा सकता है। मिलेनियल्स लगभग पूर्ण डिजिटल वातावरण में पले-बढ़े हैं, जो उन्हें पिछली पीढ़ियों से अलग करता है।

अधिकांश मिलेनियल्स के पास स्मार्टफोन हैं और इंटरनेट उपलब्धता के साथ-साथ, महज कुछ बटन दबाते ही उनके लिए बहुत सारी जानकारी उपलब्ध है। इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के कारण आज का युवा फर्स्ट-टाइमर बाजारों के बारे में अधिक तैयार और जानकार है। नई पीढ़ी में इक्विटी बाजार के बारे में समग्र जागरूकता काफी तेजी से बढ़ी है और वह भी बहुत तेज गति से।

3. आधुनिक जानकारी से परिपूर्ण होना: एक निवेशक के रूप में, सभी प्रासंगिक समाचारों से अवगत होना महत्वपूर्ण है। जब वित्तीय और निवेश संबंधी जानकारी की बात आती है, तो आपको इस बारे में अधिक चयनात्मक होना चाहिए कि आप किन वेबसाइटों पर भरोसा करते हैं ताकि आप सोच-विचार कर वित्तीय निर्णय ले सकें।

4. अपने निवेश में विविधता लाएं: विविधीकरण किसी एक प्रकार की संपत्ति के जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करने की रणनीति है। इस पद्धति का उद्देश्य समय के साथ पोर्टफोलियो की अस्थिरता को कम करने में मदद करना है। किसी के निवेश में विविधता लाते समय निवेश अवधि, जोखिम लेने की क्षमता, वित्तीय लक्ष्यों आदि पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

5. योजना बनाएं और उस पर टिके रहें: निवेश की दीर्घकालिक योजना के बारे में सोचें। लक्ष्य अर्थात-वित्तीय स्वतंत्रता- को हर समय ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए, किसी को भी निवेश शुरू करने से पहले लक्ष्य-आधारित निवेश योजना की आवश्यकता होती है। वित्तीय लक्ष्यों को अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक में विभाजित किया जा सकता है। अल्पकालिक लक्ष्य वे हो सकते हैं जो एक या दो साल में पूरे किए जा सकते हैं, मध्यम अवधि के लक्ष्य तीन से पांच साल में प्राप्त किए जा सकते हैं, जबकि दीर्घकालिक लक्ष्य 10 साल या उससे अधिक में प्राप्त किए जा सकते हैं। कोई भी इन अवधियों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित और परिभाषित कर सकता है।

निष्कर्ष

इन चरणों का पालन करने और अपने निवेश लक्ष्य पर टिके रहने से किसी की ट्रेडिंग और निवेश के पैटर्न को उस उद्देश्य के अनुरूप बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसलिए अब और इंतजार न करें और अपने इक्विटी निवेश को तुरंत गति प्रदान करें।

(लेखक अपस्‍टॉक्‍स के निदेशक हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं। निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्‍य लें।)

क्या आप भी करना चाहते हैं शेयर बाजार से कमाई, स्टेप बाई स्टेप जानिए क्या है पूरा प्रोसेस

शेयर बाजार ( Share Market ) में निवेश तो कई लोग करना चाहते हैं लेकिन इस बाजार की टेक्निकल बातों और बाजार के जोखिम के चलते लोग यहां निवेश करने से घबरातें हैं. लेकिन सही रणनीति और सुझबुझ से यहां पैसा बनाया जा सकता है.

क्या आप भी करना चाहते हैं शेयर बाजार से कमाई, स्टेप बाई स्टेप जानिए क्या है पूरा प्रोसेस

शेयर बाजार ने 21 जनवरी को नया रिकॉर्ड बनाया. बीएसई के सेंसेक्स ने गुरुवार को 50,000 का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर गया. इस दौरान केवल कुछ ही मिनटों में शेयर बाजार से निवेशकों 1.40 लाख करोड़ रुपए की कमाई कर डाली. बुधवार को बीएसई लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 1,97,70,572.57 करोड़ रुपए था, जो गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 1,35,552 करोड़ रुपए बढ़कर 1,99,06,124.57 करोड़ रुपए हो गया. दरअसल जनवरी का महीना निवेशको के लिए काफी शुभ रहा है. केवल जनवरी महीने में बीएसई का कुल मार्केट कैप 11 लाख करोड़ रुपए बढ़ गया है.

शेयर बाजार में निवेश कई लोग करना चाहते हैं लेकिन इस बाजार की टेक्निकल बातों और बाजार के जोखिम के चलते लोग यहां निवेश करने से कतराते हैं. इसलिए टीवी 9 हिन्दी आज आपको इस बाजार की कठिन से कठिन चीज आसान भाषा में समझाने जा रहा है. बाजार में निवेश की शुरूआत से लेकर इसके कठिन पहलुओं पर टीवी9 हिन्दी ने फिनोलॉजी के सीईओ प्रांजल कामरा से बातचीत की. आइए जानते हैं क्या है बाजार और कैसे शुरू कर सकते हैं इसमें निवेश.

सबसे पहले तय करें रणनीति

किसी भी निवेश से पहले आपको यह जानना जरुरी है कि आखिर आप निवेश करना क्यों चाहते हैं. अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने के तरीके को जानना सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जिसे आप अपने लिए कर सकते हैं. और, आपको ऐसा करने के लिए एक विशेषज्ञ होने की जरूरत नहीं है. आपको केवल कुछ मूल बातें जानने की जरूरत है, एक योजना बनाएं और उसका पालन करने के लिए पर्याप्त अनुशासित रहें.

क्यों करना चाहते हैं निवेश

अपने आप से पूछें कि आप क्या चाहते हैं और अपने सबसे शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्यों को लिस्ट बना लें कि आप इस बाजार में निवेश किस लक्ष्य को हासिल करने के लिए करना चाहते है. आपको यह तय करना होगा कि आप शादी के लिए निवेश कर रहे हैं, अपने बच्चे के कॉलेज फंड, सेवानिवृत्ति, या कुछ और. फिर, तय करें कि आपको अपने लक्ष्य को शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका कितने वर्षों में पूरा करना है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आप निवेश करते हैं, तो यह आपके लिए सबसे जरुरी ये जानना होता है कि इसमें आपको प्रवेश कब करना है और निकलना कब है. डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स खोलें

निवेश शुरू करने के लिए, आपको डीमैट और ट्रेडिंग खातों की जरुरत होता है. इसकी शुरूआत आप इन 3 आसान स्टेप में कर सकते हैं.

स्टेप 1: एक स्टॉक ब्रोकर चुनें जहां डीमैट और ट्रेडिंग खाता खुलवाया जा सकें स्टेप 2: केवाईसी के नियमों को पूरा करें. चरण 3: केवाईसी की सत्यापन प्रक्रिया पूरा होते ही आप बाजार से कमाई करने के लिए आप रजिस्टर्ड हैं.

अब निवेश के लिए बजट निर्धारित करें

बजट तय करना निवेश का महत्वपूर्ण हिस्सा है. आपको यह पता लगाने की आवश्यकता है कि शेयरों में निवेश शुरू करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए. इसके अलावा, विश्लेषण करें कि क्या वार्षिक एकमुश्त निवेश करना आपके लिए अनुकूल होगा या यह मासिक आधार पर अधिक आकर्षक होगा. यह बजट अंततः आपके निवेश लक्ष्यों और उन्हें कैसे प्राप्त किया जा सकता है, हालांकि इसमें सबसे ज्यादा ध्यान देने वाले बात यह है कि आप कोई ऐसा लक्ष्य तुरंत के लिए न बना लें जिसमें सीधे 50 फीसदी का मुनाफा हो.

निफ्टी में निवेश : जब आप यह सब पता लगा लेते हैं, तो आप निफ्टी जैसे सूचकांकों के लिए तैयार हैं. ऐसा करने के कई तरीके हैं:

1. स्पॉट ट्रेडिंग और डेरिवेटिव ट्रेडिंग

निफ्टी में निवेश करने का सबसे सरल तरीका किसी कंपनी के स्टॉक्स को खरीदना. जब आप किसी कंपनी का स्टॉर खऱीदते हैं तो आप उनकी कीमत बढ़ने पर पूंजीगत लाभ का फायदा उठा सकते हैं. वहीं डेरिवेटिव्स एक तरह वित्तीय अनुबंध हैं ये स्टॉक, कमोडिटीज, मुद्राएं आदि हो सकते हैं. इस पद्धति के साथ, पार्टियां भविष्य की तारीख में अनुबंध का निपटान करने के लिए सहमत होती हैं और अंतर्निहित परिसंपत्ति के भविष्य के मूल्य पर दांव लगाकर लाभ कमाती हैं. निफ्टी इंडेक्स में ट्रेडिंग के लिए, आपके पास दो डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स हैं:

● निफ्टी फ्यूचर्सः

आसान शब्दों में, फ्यूचर्स कॉन्ट्रेक्ट खरीदार और विक्रेता के बीच भविष्य की तारीख पर निफ्टी लॉट के ट्रेडिंग का एक समझौता है. अनुबंध की अवधि के दौरान, यदि कीमत बढ़ जाती है, तो आप स्टॉक बेच सकते हैं और यील्ड शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका कमा सकते हैं. यदि कीमत कम हो जाती है, तो आप सेटलमेंट डेट तक इंतजार कर सकते हैं ताकि कीमत कम हो सकें.

● निफ्टी ऑप्शंसः

एक ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट वह है जो खरीदार और विक्रेता के बीच निफ्टी लॉट को एक विशिष्ट मूल्य पर भविष्य की तारीख में व्यापार करने के लिए निर्धारित किया जाता है. ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट का खरीदार प्रीमियम का भुगतान करके कानूनी अधिकार प्राप्त करता है. हालांकि, अगर भविष्य में कीमत लाभ दे रही है तो भविष्य में निफ्टी को खरीदने / बेचने का दायित्व उनका नहीं है.

इंडेक्स फंड्स

यह एक पोर्टफोलियो (स्टॉक, बॉन्ड, इंडेक्स, मुद्राएं, आदि) के साथ म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है, जो मार्केट इंडेक्स (स्टॉक और उनकी कीमत में उतार-चढ़ाव) के घटकों को मैच या ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो व्यापक बाजार प्रदर्शन प्रदान करता है. ये फंड निफ्टी सहित विभिन्न सूचकांकों में निवेश करते हैं.

हाल के वर्षों में निफ्टी इंडेक्स और शेयर बाजार में बड़े पैमाने शेयर बाजार में निवेश करने का कोई अन्य तरीका पर वृद्धि ने खुदरा निवेशकों, संस्थागत निवेशकों और विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है, जो सीधे या इंडेक्स फंड के माध्यम से अपने पैसे को इंडेक्स में डालते हैं. निवेश करते समय बस ऊपर दिए गए बातों को ध्यान में रखेंगे तो आप बाजार से भी बिना ज्यादा जोखिम अच्छा मुनाफा कमा सकते है.

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