मुक्त व्यापार नीति इंग्लैंड
मुक्त व्यापार क्षेत्र ( : फ्री ट्रेड एरिया; एफटीए) को परिवर्तित कर मुक्त व्यापार संधि का सृजन हुआ है। विश्व के दो राष्ट्रों के बीच व्यापार को और उदार बनाने के लिए मुक्त व्यापार संधि की जाती है। इसके तहत एक दूसरे के यहां से आयात-निर्यात होने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क, सब्सिडी, नियामक कानून, ड्यूटी, कोटा और कर को सरल बनाया जाता है। इस संधि से दो देशों में उत्पादन लागत बाकी के देशों की तुलना में काफ़ी सस्ती होती है। में पहली बार और के देशों के बीच मुक्त व्यापार संधि की आवश्यकता महसूस हुई थी। आज दुनिया भर के कई देश मुक्त व्यापार संधि कर रहे हैं। यह समझौता वैश्विक मुक्त बाजार के एकीकरण में मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है। इन समझौतों से वहां की सरकार को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण में मदद मिलती है। सरल शब्दों में यह कारोबार पर सभी प्रतिबंधों को हटा देता है।
इस समझौते के बहुत से लाभ हैं। हाल में भारत ने 10 दक्षिण एशियाई देशों के समूह के साथ छह वर्षो की लंबी वार्ता के बाद में मुक्त व्यापार समझौता किया है। इसके तहत अगले आठ वर्षों के लिए भारत और आसियान देशों के बीच होने वाली 80 प्रतिशत उत्पादों के व्यापार पर शुल्क समाप्त हो जाएगा। इससे पूर्व भी भारत के कई देशों और यूरोपियन संघ के साथ मुक्त व्यापार समजौते हो चुके हैं। यह समझौता गरीबी दूर करने, रोजगार पैदा करने और लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में काफी सहायक हो रहा है। मुक्त व्यापार संधि न सिर्फ व्यापार बल्कि दो देशों के बीच राजनैतिक संबंध के बीच कड़ी का काम भी करती है। कुल मिलाकर यह संधि व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करने और दोतरफा व्यापार को सुचारू रूप से चलाने में सहायक सिद्ध होती है। इस दिशा में में भी मुक्त क्षेत्र की स्थापना की गई है। देशों और शेष में भी साफ्टा मुक्त व्यापार समझौता , से प्रभाव में है। इस समझौते के तहत अधिक विकसित देश- , और अपनी उत्पाद शुल्क को घटाकर 2013 तक 0 से 5 प्रतिशत के बीच ले आएंगे। कम विकसित देश- , , और को भी 2018 तक ऐसा ही करना होगा। भारत और के बीच भी प्रयास जारी हैं।
समस्याएँ और सीमाएँ
मुक्त व्यापार क्षेत्र में कंपनियों को मानवाधिकार एवं श्रम संबंधी कानूनों से मुक्ति मिल जाती है। इसका अर्थ होता है श्रमिकों के बुनियादी अधिकारों का हनन और शोषण। वास्तव में मुक्त व्यापार समाप्त होता है? मुक्त व्यापार क्षेत्र की अवधारणा का विकास बहुराष्ट्रीय औद्योगिक घरानों द्वारा श्रम कानूनों एवं सामाजिक और पर्यावरणिय दायित्व संबंधी कानूनों से मुक्त रहकर अपने अधिकाधिक लाभ अर्जित करने की कोशिशों का परिणाम है। इसलिए मुक्त व्यापार क्षेत्र का मानवाधिकार संगठनों, पर्यावरणवादियों एवं श्रम संगठनों द्वारा प्रायः विरोध किया जाता है।
मुक्त व्यापार क्षेत्र ( : फ्री ट्रेड एरिया; एफटीए) को परिवर्तित कर मुक्त व्यापार संधि का सृजन हुआ है। विश्व के दो राष्ट्रों के बीच व्यापार को और उदार बनाने के लिए मुक्त व्यापार संधि की जाती है। इसके तहत एक दूसरे के यहां से आयात-निर्यात होने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क, सब्सिडी, नियामक कानून, ड्यूटी, कोटा और कर को सरल बनाया जाता है। इस संधि से दो देशों में उत्पादन लागत बाकी के देशों की तुलना में काफ़ी सस्ती होती है। में पहली बार और के देशों के बीच मुक्त व्यापार संधि की आवश्यकता महसूस हुई थी। आज दुनिया भर के कई देश मुक्त व्यापार संधि कर रहे हैं। यह समझौता वैश्विक मुक्त बाजार के एकीकरण में मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है। इन समझौतों से वहां की सरकार को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण में मदद मिलती है। सरल शब्दों में यह कारोबार पर सभी प्रतिबंधों को हटा देता है।
इस समझौते के बहुत से लाभ हैं। हाल में भारत ने 10 दक्षिण एशियाई देशों के समूह के साथ छह वर्षो की लंबी वार्ता के बाद में मुक्त व्यापार समझौता किया है। इसके तहत अगले आठ वर्षों के लिए भारत और आसियान देशों के बीच होने वाली 80 प्रतिशत उत्पादों के व्यापार पर शुल्क समाप्त हो जाएगा। इससे पूर्व भी भारत के कई देशों और यूरोपियन संघ के साथ मुक्त व्यापार समजौते हो चुके हैं। यह समझौता गरीबी दूर करने, रोजगार पैदा करने और लोगों के जीवन मुक्त व्यापार समाप्त होता है? स्तर को सुधारने में काफी सहायक हो रहा है। मुक्त व्यापार संधि न सिर्फ व्यापार बल्कि दो देशों के बीच राजनैतिक संबंध के बीच कड़ी का काम भी करती है। कुल मिलाकर यह संधि व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करने और दोतरफा व्यापार को सुचारू रूप से चलाने में सहायक सिद्ध होती है। इस दिशा में में भी मुक्त क्षेत्र की स्थापना की गई है। देशों और शेष में भी साफ्टा मुक्त व्यापार समझौता , से प्रभाव में है। इस समझौते के तहत अधिक विकसित देश- , और अपनी उत्पाद शुल्क को घटाकर 2013 तक 0 से 5 प्रतिशत के बीच ले आएंगे। कम विकसित देश- , , और को भी 2018 तक ऐसा ही करना होगा। भारत और के बीच भी प्रयास जारी हैं।
समस्याएँ और सीमाएँ
मुक्त व्यापार क्षेत्र में कंपनियों को मानवाधिकार एवं श्रम संबंधी कानूनों से मुक्ति मिल जाती है। इसका अर्थ होता है श्रमिकों के बुनियादी अधिकारों का हनन और शोषण। वास्तव में मुक्त व्यापार क्षेत्र की अवधारणा का विकास बहुराष्ट्रीय औद्योगिक घरानों द्वारा श्रम कानूनों एवं सामाजिक और पर्यावरणिय दायित्व संबंधी कानूनों से मुक्त रहकर अपने अधिकाधिक लाभ अर्जित करने की कोशिशों का परिणाम है। इसलिए मुक्त व्यापार क्षेत्र का मानवाधिकार संगठनों, पर्यावरणवादियों एवं श्रम संगठनों द्वारा प्रायः विरोध किया जाता है।
भारत के साथ मुक्त व्यापार पर ऑस्ट्रेलियाई संसद की मुहर
भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलिया में मिलेगा बाजार दोनों देश जल्द.
भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलिया में मिलेगा बाजार
दोनों देश जल्द तय करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू हो
नई दिल्ली, एजेंसियां
ऑस्ट्रेलियाई संसद ने मंगलवार को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मंजूरी दे दी। अब दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, बड़ी खबर-भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है। इस फैसले से भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में जगह मिलने के संभावना है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (एआई-ईसीटीए) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता थी। भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है। फैसले के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, खुशी है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पारित कर दिया है। हमारी गहरी दोस्ती के चलते, यह हमारे लिए व्यापार संबंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मंच तैयार करता है। गोयल ने बताया कि अब ऑस्ट्रेलियाई सरकार अपनी कार्यकारी परिषद से मंजूरी लेगी। इसके अलावा मंत्रालय को यहां केंद्रीय मंत्रिमंडल से हरी झंडी लेनी होगी। इन मंजूरियों को जल्द से जल्द हासिल करने की जरूरत है।
दोनों देशों को बड़ा लाभ
एफटीए लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी। समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद ऐसे हैं, जिस पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात तथा 16.75 अरब डॉलर का आयात किया था।
क्या है मुक्त व्यापार करार
दो या दो से अधिक देशों के बीच आयात-निर्यात शुल्क को कम करने या समाप्त करने के लिए यह समझौता किया जाता है। इसके तहत संबंधित देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार बहुत कम या बिना किसी टैरिफ बाधाओं के किया जा सकता है। मूल रूप से यह व्यापार को उदार बनाता है मुक्त व्यापार समाप्त होता है? और उद्योग तथा विनिर्माण पर सुरक्षात्मक बाधाओं को दूर करता है। यह तरजीही व्यापार समझौतों से अलग है। तरजीही व्यापार समझौतों में केवल एक निश्चित संख्या में टैरिफ लाइनों पर टैरिफ को कम किया जा सकता है जबकि इसमें ज्यादातर उत्पादों पर शून्य शुल्क भी लागू करना संभव है।
यह क्यों चुनते हैं देश
जानकारों के मुताबिक, मुक्त व्यापार करार के वैसे तो कई फायदे हैं पर टैरिफ खत्म करने का मतलब है कि देशों को अन्य बाजारों तक आसानी से पहुंच मिल जाती है और वे अपना उत्पाद बेच सकते हैं। एफटीए देशों में व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ावा दे सकते हैं। इससे काफी लाभ संभव है।
कितने देशों से करार
-वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, भारत लगभग 54 अलग-अलग देशों के साथ तरजीही पहुंच, आर्थिक सहयोग और मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) कर चुका है। इनमें व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौतों या व्यापक आर्थिक सहयोग समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। वहीं 18 देशों के साथ एफटीए/अधिमानी व्यापार समझौते पर भी दस्तखत हुए हैं।
-ब्रिटेन और भारत भी मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। बीते दिनों ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा था कि हम जल्द इसे पूरा करना चाहते हैं। जानकारों के मुताबिक, अगली दीपावली तक बातचीत पूरी होने के आसार जताए जा रहे हैं। हाल ही में भारत-यूएई सीएपीए पर भी बात पूरी हुई है। कनाडा के साथ बातचीत जारी है।
ब्रिटेन से मुक्त व्यापार करार शीर्ष प्राथमिकता : गोयल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि समझौते के लिए अगले दौर की बातचीत दिसंबर में होने वाली है। चर्चा अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे।
इस्पात उद्योग के एक कार्यक्रम में गोयल ने कहा, हम सभी बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि यह समझौता बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन दूसरे देश में राजनीतिक घटनाक्रमों के कारण हमें थोड़ा झटका लगा। सौभाग्य से अब एक स्थिर सरकार है। मैं पहले से ही अपने समकक्ष के साथ संपर्क में हूं। हम एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं और संभवत जल्द मुक्त व्यापार समाप्त होता है? ही एक व्यक्तिगत बैठक भी करेंगे लेकिन हमारी टीमें पहले से ही लगी हुई हैं। अगले दौर की वार्ता अगले महीने होगी। उन्होंने कहा कि समझौते के लिए उद्योग जगत का समर्थन जरूरी है और यह निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित एफटीए होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि एफटीए के लिए बातचीत पूरी करने की कोई सख्त समयसीमा नहीं होनी चाहिए। ऐसे समझौतों पर विचार करना होता है और सावधानीपूर्वक बातचीत होती है।
जानिए क्या होता है एफटीए और भारत के संदर्भ में इसके मायने क्यों हो गए महत्वपूर्ण
बातचीत के दौर में जिन बातों पर सहमति बन रही है उन्हें एफटीए के ड्राफ्ट के लिए सुरक्षित किया जा मुक्त व्यापार समाप्त होता है? रहा है। दोनों ही पक्षों से तकनीकी विशेषज्ञ इसमें जुटे हैं और दूसरे दौर की बातचीत तक 26 नीतिगत क्षेत्रों पर 64 सत्रों में चर्चा की जा चुकी थी। ।
नई दिल्ली, नेशनल डेस्क। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन की भारत यात्रा में जिस बात की चर्चा सर्वाधिक है, वह है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) यानी मुक्त व्यापार समझौता। भारत और यूनाईटेड किंगडम (यूके) के लिए यह एक अहम व्यापारिक मुद्दा है जिस पर इस वर्ष दिसंबर में समझौता हो जाने की आस मजबूत हुई है। इस रिपोर्ट में समझिए कि क्या होता है एफटीए और भारत के संदर्भ में एफटीए के मायने अतिमहत्वपूर्ण क्यों हो गए हैं:
यह होता है एफटीए
एफटीए एक ऐसा व्यापारिक समझौता है, जिसके अंतर्गत साझीदारों के बीच आयात-निर्यात पर कोई भी टैक्स नहीं लगता है। यह दो या दो से अधिक देशों और समूहों के बीच हो सकता है। भारत ने सबसे पहले पूर्वी एशिया के देशों के साथ एफटीए मुक्त व्यापार समाप्त होता है? किया था। बाद में भारत ने आसियान और सार्क देशों के साथ भी एफटीए किया।
मुक्त व्यापार समाप्त होता है?
Q. India has signed bilateral free trade agreements (FTA) with which of the following:
Select the correct answer using the code given below.
Q. भारत ने निम्नलिखित में से किसके साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं ? निम्नांकित कूटों का प्रयोग करके सही उत्तर चुनें:
मुक्त व्यापार समाप्त होता है?
आज का विचार
ऑस्ट्रेलियाई संसद में भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता पारित
ऑस्ट्रेलियाई संसद में भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता पारित
नई दिल्ली [ महामीडिया] भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच के रिश्तों को और भी मजबूत बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया की संसद में मंगलवार को एक बड़ा फैसला लिया गया। बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई संसद में भारत और ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौता पारित हो गया है।ऑस्ट्रेलिया के प्रधामनंत्री एंथोनी अल्बानीस ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, भारत के साथ हमारा (भारत-ऑस्ट्रेलिया) मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हाथ मिलाते हुए एक तस्वीर भी पोस्ट की है।
मुक्त व्यापार समझौता क्या होता है-
मुक्त व्यापार समझौता या कहें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दो देशों के बीच के व्यापार को सरल बनाने के लिए होता है। एफटीए के मुक्त व्यापार समाप्त होता है? तहत दो देशों के बीच आयात-निर्यात के तहत उत्पादों पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा को कम करने के लिए समझौता किया जाता है। इससे दोनों ही देशों को काफी फायदा पहुंचता है। इस समझौते से बाकी देशों के मुकाबले उत्पादन लागत और भी सस्ती हो जाती है। दो देशों के व्यापार को बढ़ावा मिलता है और दो देशों की अर्थव्यवस्था को तेजी मिलती है।
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