उन्होंने कहा, "दुनिया स्वच्छ ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रही है। इथेनॉल उत्पादन और उपयोग पर अधिक शोध की आवश्यकता है। कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक हाइड्रोजन हरित ऊर्जा के एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभर रहा है। देश में लगभग 43 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन कर्नाटक में किया जा रहा है।

कर्नाटक में होगा एथेनॉल का उत्पादक : मुख्यमंत्री बोम्मई

भारत में इंजीनियरिंग उद्योग

सूती वस्त्र और लौह और इस्पात उद्योग के बाद इंजीनियरिंग उद्योग भारत के कुछ सबसे महत्वपूर्ण उद्योग हैं। भारत ने देश की स्वतंत्रता के बाद से विभिन्न प्रकार के मशीनरी और उपकरणों के निर्माण में काफी विकास किया है। इंजीनियरिंग उद्योग बुनियादी कच्चे माल जैसे फाउंड्री-ग्रेड आयरन स्पेशल स्टील्स और मिश्र धातु का निर्माण मशीन टूल्स, उपकरण और मशीनरी का निर्माण करते हैं। उदाहरण के लिए कोलकाता, दुर्गापुर और भद्रावती में फोर्जिंग उद्योग के लिए विशेष मिश्र धातु स्टील्स बनाए जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश इंजीनियरिंग सामान, औद्योगिक उपकरण और मशीनरी भारत में प्रतिष्ठित विदेशी फर्मों और कंसोर्टियम के सहयोग से निर्मित किए जा रहे हैं। एक निश्चित बिंदु पर भारत सभी प्रकार के परिष्कृत सामानों के लिए अन्य देशों पर पूरी तरह से निर्भर था। भारत को विदेशों से कुल मशीनरी का आयात करना पड़ा। लेकिन अब स्थिति बड़े पैमाने पर बदल गई है। देश अब कपड़ा, चीनी, कागज, चाय, सीमेंट, खनन और पेट्रोकेमिकल संयंत्रों के लिए पूरी मशीनरी का निर्माण करता है। रांची में भारी इंजीनियरिंग संयंत्र लोहे और इस्पात उद्योग के लिए आवश्यक विशाल मशीनों को डिजाइन और निर्माण कर कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक रहा है। न केवल घरेलू बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए भी इंजीनियरिंग सामानों की विशाल रेंज का उत्पादन किया जाता है। उद्योग कठिन विदेशी मुद्रा अर्जित करता है। हिंदुस्तान मशीन टूल्स (HMT) मशीनों और सटीक उपकरणों की एक विस्तृत विविधता का उत्पादन करता है। इंजीनियरिंग में देश विकासशील दुनिया में सबसे ऊपर है। इसने कई एफ्रो-एशियाई देशों में भी ‘औद्योगिक संपदा’ स्थापित की है। भारत के इंजीनियरिंग उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं का निर्यात अन्य देशों द्वारा किया जाता है। इस उद्योग के प्रमुख उत्पादन में मशीन कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक टूल्स शामिल हैं जो औद्योगिक मशीनरी, ऑटोमोबाइल, रक्षा उपकरण, रेलवे इंजन और इलेक्ट्रिकल मशीनरी के निर्माण का आधार बनाते हैं। भारत में आजादी के बाद आधुनिक मशीन उपकरण निर्माण कारखाने शुरू हुए। पहले बड़े पैमाने पर आधुनिक उद्योग भारत सरकार द्वारा बेंगलुरु में स्थापित किया गया था। बेंगलुरु देश का प्रमुख मशीन टूल्स विनिर्माण केंद्र है, जिसके बाद कोलकाता, मुंबई, लुधियाना और रांची जैसे अन्य केंद्र हैं। विशाखापट्टनम में भारी प्लेट और पोत उपकरण निर्मित किए जाते हैं। भारी प्लेटों का उपयोग आसवन कॉलम, टैंक और विभिन्न अन्य प्रकार के जहाजों के निर्माण में किया जाता है। सामान्य मैकेनिकल इंजीनियरिंग उद्योगों में डीजल इंजन, पंप, नट, बोल्ट, नाखून, रेजर ब्लेड, साइकिल, लिफ्ट, धातु कैप्सूल, सिलाई मशीन, रेजर ब्लेड आदि का उत्पादन शामिल है। इसमें औद्योगिक मशीनरी और भारी विद्युत उपकरण का निर्माण भी शामिल है। इसके अलावा, ट्रांसफार्मर, स्विचगियर और मोटर नियंत्रण गियर उपकरण, घरेलू विद्युत मशीनों कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक और उपकरणों, तारों, केबलों, बिजली की मोटरों और अधिक का निर्माण इंजीनियरिंग उद्योगों का एक हिस्सा है।

Metro Rail Coach: यूपी में होगा मेट्रो कोच कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक का निर्माण, दिल्ली-NCR के युवाओं को मिलेगा रोजगार

Metro Rail Coach: यूपी में होगा मेट्रो कोच का निर्माण, दिल्ली-NCR के युवाओं को मिलेगा रोजगार

ग्रेटर नोएडा [अरविंद मिश्रा]। Metro Rail Coach: दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर के जेवर क्षेत्र में बनने जा रहा जेवर इंटरनेशनल हवाई अड्डा (Jewar Inter National Airport) निवेश के कई और नए रास्ते भी खोलने जा रहा है। सबकुछ ठीक रहा और योजना फलीभूत हुई तो आने वाले समय में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेट्रो कोच का निर्माण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में मेट्रो कोच निर्माण का यह पहला कारखाना होगा, इससे यूपी की पूरे देश में धाक जमेगी। मेट्रो कोच का निर्माण शुरू करने के बाबत फैक्ट्री शुरू करने के लिए पहल करते हुए पीपीसीआई कंपनी ने यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) से 50 एकड़ जमीन मांगी है। इस बाबत कंपनी की ओर से प्रस्ताव भी बनाकर YEIDA के पास भेजा जा चुका है। इस पर अंतिम निर्णय प्राधिकरण अधिकारियों को लेना है। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलना तय है, क्योंकि इससे यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश के रूप में एक और बड़ी कंपनी मिलने जा रही है। इस कंपनी के बाद संभव है कि तेजी से और कंपनियां यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताएं। यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर-32 में कारखाने के लिए भूमि आवंटन पर सहमति जताई है। मेट्रो कोच कारखाना प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित होने से निवेश के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र में अधिकतर औद्योगिक भूखंड इलेक्ट्रॉनिक्स या हल्के उद्योगों के लिए आवंटित किए गए हैं। भारी उद्योग स्थापित होने से प्राधिकरण क्षेत्र में इसके लिए संभावनाओं के नए दरवाजे खुलेंगे। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि आवेदन की प्रक्रिया कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक पूरी होने पर भूखंड आवंटन पर फैसला लिया जाएगा।

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