ब्रेक-ईवन पॉइंट कम होने के क्या फायदे हैं?

कौन सा ब्रेक-ईवन पॉइंट के लिए सबसे अच्छा परिभाषित करता है?

ब्रेक-ईवन बिंदु उत्पादन का वह स्तर है जिस पर उत्पादन की लागत किसी उत्पाद के राजस्व के बराबर होती है। निवेश में, ब्रेक-ईवन बिंदु तब प्राप्त होता है जब किसी परिसंपत्ति का बाजार मूल्य उसकी मूल लागत के समान होता है।

यदि आप अपने ब्रेक-ईवन पॉइंट से अधिक थे तो इसका क्या मतलब है?

यदि आपके व्यवसाय का राजस्व ब्रेक-ईवन बिंदु से नीचे है, तो आपको नुकसान होता है। लेकिन अगर आपका राजस्व इस बिंदु से ऊपर है, तो आपको लाभ होता है। लागतों को कवर करने या लाभ कमाने के लिए आपको कितना बेचने की आवश्यकता है, यह निर्धारित करने के लिए अपने ब्रेक-ईवन बिंदु का उपयोग करें।

ब्रेक-ईवन पॉइंट के क्या नुकसान हैं?

हालाँकि, ब्रेक-ईवन विश्लेषण में कुछ कमियाँ हैं:

  • ब्रेक-ईवन मानता है कि एक व्यवसाय एक ही कीमत पर सभी स्टॉक (किसी विशेष उत्पाद का) बेच देगा।
  • व्यवसाय उनकी गणना में अवास्तविक हो सकते हैं।
  • परिवर्तनीय लागत नियमित रूप से बदल सकती है, जिसका अर्थ है कि विश्लेषण गलत हो सकता है।

कॉल ब्रेक-ईवन मूल्य क्या है?

एक विकल्प अनुबंध के लिए, जैसे कॉल या पुट, ब्रेक-ईवन मूल्य अंतर्निहित सुरक्षा में वह स्तर है जो विकल्प के प्रीमियम (या लागत) को पूरी तरह से कवर करता है। BEPcall = स्ट्राइक प्राइस + प्रीमियम का भुगतान। बीईपीपुट = स्ट्राइक प्राइस – भुगतान किया गया प्रीमियम।

ब्रेक भी महत्वपूर्ण क्यों है?

ब्रेक-ईवन बिंदु को जानना कीमतों को तय करने, बिक्री बजट निर्धारित करने और व्यवसाय योजना तैयार करने में सहायक होता है। बिक्री की मात्रा, औसत उत्पादन लागत और औसत बिक्री मूल्य सहित आपके व्यवसाय के महत्वपूर्ण लाभ ड्राइवरों का विश्लेषण करने के लिए ब्रेक-ईवन पॉइंट गणना एक उपयोगी उपकरण है।

यह दिखाता है कि व्यवसाय उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर कितना राजस्व कमाएगा। यह दर्शाता है कि क्या बीईपी को कम करने के लिए लागत कम करने की आवश्यकता है। इसका उपयोग निवेशकों या बैंकों को क्यों जरूरी है स्ट्राइक प्राइस? किसी व्यवसाय को वित्तपोषित करने के लिए मनाने के लिए किया जा सकता है।

कंपनी के लिए कम बीईपी क्यों फायदेमंद है और बीईपी कम करने के तरीके क्या हैं?

कम बीईपी अनिश्चितता को प्रबंधित करने और मापनीयता में मदद कैसे करता है? कम बीईपी कंपनियां राजस्व से संबंधित सभी निश्चित लागतों को स्वयं वहन न करके जोखिम को कम करती हैं और भागीदारों के साथ साझा करती हैं। ऐसी कंपनियों को कम पूंजीगत व्यय और बढ़ी हुई विशेषज्ञता का लाभ भी मिलता है।

ब्रेक-ईवन पॉइंट की मान्यताएँ क्या हैं?

(i) कुल लागतों को निश्चित और परिवर्तनीय लागतों में वर्गीकृत किया जा सकता है। यह अर्ध-परिवर्तनीय लागत की उपेक्षा करता है। (ii) लागत और राजस्व कार्य रैखिक रहते हैं। (iii) उत्पाद की कीमत स्थिर मानी जाती है।

क्या उच्च या निम्न ब्रेक-ईवन पॉइंट बेहतर है?

एक कम ब्रेकईवन पॉइंट का मतलब है कि व्यवसाय जल्द ही लाभ कमाना शुरू कर देगा, जबकि एक उच्च ब्रेकईवन पॉइंट का मतलब है कि उस बिंदु तक पहुंचने के लिए अधिक उत्पादों या सेवाओं को बेचने की आवश्यकता है। इसलिए, यदि आपका ब्रेक-ईवन विश्लेषण एक उच्च ब्रेक-ईवन बिंदु का खुलासा करता है, तो आप इस पर विचार करना चाहेंगे: यदि किसी भी लागत को कम किया जा सकता है।

आप क्यों जानते हैं कि आपका ब्रेक ईवन पॉइंट इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

उदाहरण के लिए, यदि कम अंशदान मार्जिन उत्पादों (विक्रय मूल्य में परिवर्तनशील व्यय) का एक बड़ा हिस्सा बेचा जाता है, तो ब्रेक-ईवन बिंदु के लिए अधिक मार्जिन वाले क्यों जरूरी है स्ट्राइक प्राइस? उत्पादों या सेवाओं को बेचने की तुलना में अधिक संख्या में इकाइयों की बिक्री की आवश्यकता होगी। बिक्री के संदर्भ में आप ब्रेक-ईवन पॉइंट की गणना कैसे करते हैं?

निम्न ब्रेक ईवन पॉइंट का उदाहरण कौन सा है?

उदाहरण के लिए, बीएमडब्ल्यू बहुत अधिक विशिष्ट और स्टाइलिश उत्पादों का उत्पादन कर सकता है, जो उपभोक्ताओं के एक संकीर्ण स्थान के लिए अपील करता है, क्योंकि उनके पास इतनी कम ब्रेक-ईवन वॉल्यूम है। नतीजतन, उन्होंने भारी ब्रांड इक्विटी बनाई है। ब्रेक-ईवन वॉल्यूम की गणना निम्नानुसार की जाती है: प्रत्येक व्यवसाय के पास अपने ब्रेक-ईवन वॉल्यूम पॉइंट को कम करने के अवसर होते हैं।

किसी संगठन के ब्रेक ईवन पॉइंट को क्या कम कर सकता है?

कारक जो किसी संगठन के ब्रेक-ईवन बिंदु को कम कर सकते हैं और उच्च लाभ उत्पन्न कर सकते हैं, वे इस प्रकार हैं- # 1। उत्पाद की कीमतों में वृद्धि उत्पाद की कीमतें बढ़ाना ब्रेक-ईवन बिंदु को कम करने का एक निश्चित तरीका है, हालांकि अधिकांश कंपनियां ऐसा करने में झिझक रही हैं क्योंकि उन्हें ग्राहकों के नुकसान का डर है # 2।

ब्रेक ईवन पॉइंट और प्रॉफिट में क्या अंतर है?

ब्रेक ईवन पॉइंट का अर्थ है बिक्री की एक राशि जो संपूर्ण निश्चित और परिवर्तनीय लागत को कवर करती है। बीईपी से कम बिक्री से नुकसान होगा, जबकि बीईपी से ऊपर की बिक्री सभी लागतों पर विचार करने के बाद लाभ उत्पन्न करेगी।

देश की खबरें | महाराष्ट्र: चिकित्सकों के संगठन ने दो जनवरी से हड़ताल पर जाने की धमकी दी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र स्टेट एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने रिक्त पदों को भरने और 2018 से लंबित बकाया राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।

देश की खबरें | महाराष्ट्र: चिकित्सकों के संगठन ने दो जनवरी से हड़ताल पर जाने की धमकी दी

मुंबई, 27 दिसंबर महाराष्ट्र स्टेट एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने रिक्त पदों को भरने और 2018 से लंबित बकाया राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।

राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन को सोमवार को लिखे पत्र में एमएआरडी के अध्यक्ष डॉ. अविनाश दहिफले ने सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के 1,432 पद सृजित करने और 16 अक्टूबर 2018 से लंबित महंगाई भत्ते के भुगतान की मांग की है।

पत्र में कहा गया है, ‘‘ सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के 1,432 पद सृजित करना हमारी पहली मांग है। अगर इसका प्रस्ताव राज्य सरकार के पास अब भी लंबित है, तो सरकारी कॉलेज से उत्तीर्ण रेजिडेंट चिकित्सकों के लिए अनुबंध की नीति क्यों बनाई गई?’’

पत्र में एमएआरडी ने 16 अक्टूबर 2018 से लंबित मंहगाई भत्ते के भुगतान की मांग भी की।

पत्र में कहा गया, ‘‘ राज्य में सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के वेतन में समानता नहीं है। राज्य को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए और वेतन में समानता लानी चाहिए।’’

एमएआरडी ने दावा किया कि अधिकतर मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के पद खाली हैं और छात्रों पर इसका प्रभाव नहीं पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए रिक्त पदों को भरने की जरूरत है।

एमएआरडी ने चेतावनी दी, ‘‘ अगर नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र में कोई ठोस फैसला नहीं किया गया तो एमएआरडी के सदस्य दो जनवरी से हड़ताल पर चले जाएंगे।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

18 करोड़ 50 लाख रूपए में पंजाब ने क्यों खरीदे सैम करन? वजह जानकर उड़ जाएंगे आपके होश

18 करोड़ 50 लाख रूपए में पंजाब ने क्यों खरीदे सैम करन? वजह जानकर उड़ जाएंगे आपके होश

23 दिसंबर 2022 को कोच्चि में IPL 2023 के लिए मिनी ऑक्शन हुआ, कई खिलाड़ियों पर करोड़ों की बोली लगी, लेकिन इंग्लैंड के युवा ऑलराउंडर सैम करन के नाम इस ऑक्शन में इतिहास बन गया। सैम करन IPL यानी इंडियन प्रेमियर लीग के अब तक खरीदे जाने वाले सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए। करन का बेस प्राइस तो 2 करोड़ था मगर काफी टीमों की नजर उन पर थी जिस कारण ये बोली 2 करोड़ से उठकर 18 करोड़ 50 लाख तक पहुंच गई और आखिरकार पंजाब किंग्स ने 18 करोड़ 50 लाख रूपए में सैम करन को अपने खेमे में शामिल किया, पंजाब की टीम ने ऑक्शन से पहले कप्तान मयंक अग्रवाल सहित 9 खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया था और पंजाब ने सैम करन सहित इस ऑक्शन में 6 खिलाड़ी खरीदे।

सैम करन की चमकी किस्मत

2022 IPL में सैम करन नहीं खेले थे इससे पहले 2021 में सैम करन चेन्नई सुपर किंग्स की टीम का हिस्सा थे वहां उन्हें 5.5 करोड़ रूपए में खरीदा गया था। 2023 IPL में उनकी वापसी ने उनकी किस्मत चमका दी इस बार करन को पंजाब किंग्स ने 18.5 करोड़ रूपए में खरीदा यानी उनकी कीमत में पूरे 13 करोड़ का इजाफा हो गया।

सैम करन ने रचा इतिहास

2022 के मिनी ऑक्शन में सैम करन ने इतिहास रच दिया और वे IPL के अब तक के सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए, बता दें उनसे पहले IPL के सबसे महंगे खिलाडी दक्षिण अफ्रीका के क्रिस मॉरिस थे जिन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 2021 में 16.25 करोड़ रूपए में खरीदा था।

आखिर क्यों पंजाब ने सैम करन पर खेला इतना बड़ा दांव

सैम करन एक बहुत ही अच्छे ऑलराउंडर हैं, गेंदबाजी के साथ-साथ वे अच्छी खासी बल्लेबाजी भी कर लेते हैं। अगर हम आंकड़ो की बात करें तो गेंदबाजी में उन्होने अबतक IPL में 32 मैचों में 108 ओवर गेंदबाजी की है जिनमें उन्होने 995 रन देकर 32 विकेट लिए हैं उनकी पूरे IPL की इकॉनॉमी 9.21 की है, साथ ही IPL में उनका बेस्ट प्रदर्शन 11 रन देकर 4 विकेट लेने का है।

सैम करन अपनी टीम को बल्लेबाजी में भी मदद करते हैं IPL में उन्होने 32 मौचों में करीब 150 के स्ट्राइक रेट के साथ 337 रन बनाए हैं और IPL में नाबाद 55 रन उनका अधिकतम स्कोर है।

IPL में तो करन एक ऑलराउंडर के तौर पर अच्छा करते ही रहे हैं लेकिन उन्हें 2023 के सीजन में सबसे महंगा बनाया 2022 के टी20 विश्व कप ने। इस साल ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 वर्ल्ड कप इंग्लैंड ने ही जीता जिसमें सैम करन की अहम भूमिका रही थी। इतना ही नहीं टी20 विश्व कप के इस सीजन में सैम करन ने 13 विकेट लिए थे और अपने ओवरऑल प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया था। लिहाजा सैम करन की इस फॉर्म और टीम में जरूरत को देखते हुए पंजाब ने 18.5 करोड़ में ये डील मुनासिब समझी होगी।

इन 5 बातों में सबकी Big Daddy है स्कॉर्पियो-N, लेकिन ये 2 कमियां कर देगीं परेशान

आपमें से बहुत से लोग हैं जो इस गाड़ी को खरीदने की सोच रहे हैं या ऐसी ख्वाहिश रखते हैं. ऐसे में हम आपको इसकी 2 ऐसी कमियां बताएंगे जिन्हें जानकर आप थोड़ा सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. लेकिन उससे पहले इसकी 5 ऐसी खूबियों को जानते हैं, जो बताती है कि यह एसयूवी क्यों कर रही दिलों पर राज

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Newz Fast, New Delhi स्कॉर्पियो-एन महिंद्रा के लिए साल 2022 की सबसे चर्चा में रहने वाली एसयूवी है. इस गाड़ी लॉन्चिंग के दौरान कंपनी ने इसे Big Daddy of SUV बताया था.

ग्राहकों को भी यह एसयूवी इतनी पसंद आई कि बुकिंग शुरु होने के आधे घंटे में ही इसे 1 लाख बुकिंग्स मिल गई. इसकी कीमत 11.99 लाख रुपये से शुरू होती है और करीब 24 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) तक जाती हैं.

आपमें से बहुत से लोग हैं जो इस गाड़ी को खरीदने की सोच रहे हैं या ऐसी ख्वाहिश रखते हैं. ऐसे में हम आपको इसकी 2 ऐसी कमियां बताएंगे जिन्हें क्यों जरूरी है स्ट्राइक प्राइस? जानकर आप थोड़ा सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. लेकिन उससे पहले इसकी 5 ऐसी खूबियों को जानते हैं, जो बताती है कि यह एसयूवी क्यों कर रही क्यों जरूरी है स्ट्राइक प्राइस? दिलों पर राज

1. दमदार रोड-प्रजेंस:
महिंद्रा स्कार्पियो एन देखने से ही एक दमदार एसयूवी लगती है और आपको बढ़िया रोड प्रजेंस देती है. यह इतनी बड़ी है कि टोयोटा फॉर्च्यूनर से भी चौड़ी और ऊंची है. इसके अलावा यह अपनी डायरेक्ट Rival टाटा सफारी से हर डायमेंशन में बड़ी है.

इसमें आपको एलईडी प्रोजेक्टर हेडलाइट्स और फॉगलैंप्स, क्रोम एलिमेंट वाला बड़ा ग्रिल और बड़े डायमंड कट अलॉय व्हील मिलते हैं. इसके अलावा इलेक्ट्रिक सनरूफ, पीछे की तरफ खूबसूरत टेल लैंप्स और रियर कैमरा मिलता है. इसकी लंबाई 4662mm, चौड़ाई 1917mm, ऊंचाई 1857mm और व्हीलबेस 2750mm का है. यानी कुल मिलाकर यह साइज और डिजाइन में तो बिग डैडी है.

2. फीचर लोडेड:
Scorpio-N सिर्फ बाहर ही नहीं, अंदर से भी फीचर लोडेड है. इसमें आपको 8 इंच का टचस्क्रीन डिस्प्ले मिलता है जो GPS navigation, Apple CarPlay, और Android Auto सपोर्ट करता है. इसमें 12 स्पीकर्स वाला 3D साउंड सिस्टम और 7 इंच का ड्राइवर डिस्प्ले दिया गया है. इसके अलावा क्रूज़ कंट्रोल, लेदर अपहोल्स्ट्री, वायरलेस चार्जिंग, डुअल जोन क्लाइमेट कंट्रोल, एलेक्सा और एड्रेनॉक्स कनेक्ट की भी सुविधा है.

3. ढेर सारे इंजन ऑप्शन:
महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन कस्टमर्स की जरूरत क्यों जरूरी है स्ट्राइक प्राइस? के हिसाब से कुल 4 पावरट्रेन ऑप्शन ऑफर करती है. इसमें 2.0 लीटर टर्बो पेट्रोल और 2.2 लीटर टर्बो डीजल इंजन का विकल्प मिलता है. इन दोनों इंजन के साथ मैनुअल या ऑटोमैटिक गियरबॉक्स में से चुनने की आजादी दी गई है. इस गाड़ी का डीजल वेरिएंट, पेट्रोल से सिर्फ 50 हजार रुपये महंगा है.

4. 4 व्हील ड्राइव:
स्कॉर्पियो एन अपने सेगमेंट में अकेली SUV है लो-रेंज गियरबॉक्स के साथ 4-व्हील-ड्राइव ऑफर कर रही है. इसमें 4-व्हील-ड्राइव को मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों गियरबॉक्स के साथ ऑफर किया गया है. इसमें ऑफ रोडिंग के लिए 4 अलग-अलग ड्राइव मोड्स भी मिलते हैं, जिन्हें आप सिर्फ एक क्यों जरूरी है स्ट्राइक प्राइस? बटन से बदल पाते हैं. स्कॉर्पियो एन के अलावा सिर्फ XUV700 में 4 व्हील-ड्राइव का फीचर है, हालांकि उसमें सिर्फ ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ उपलब्ध है.

5 Star Safety Rating:
स्कॉर्पियो एन ने हाल ही में Global NCAP क्रैश टेस्ट में 5 स्टार रेटिंग हासिल की है. इस तरह यह भारत की सबसे सुरक्षित SUV में से एक साबित हुई है. इसे एडल्ट सेफ्टी में 5 और चाइल्ड सेफ्टी में 3 स्टार मिले हैं. सेफ्टी के लिए इसमें 6 एयरबैग्स, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, ABS के साथ EBD और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल जैसे फीचर्स हैं.

ये 2 कमियां कर देगीं परेशान
1. कई जरूरी फीचर्स नहीं
इसमें फीचर्स की एक लंबी लिस्ट जरूर है, लेकिन फिर भी कई जरूरी फीचर्स की कमी नजर आथी है. इसमें ऑटोमैटिक IRVM, फ्रंट वेंटिलेटेड सीट और तीसरी रॉ में क्यों जरूरी है स्ट्राइक प्राइस? चार्जिंग पोर्ट्स की कमी नजर आती है. ये ऐसे छोटे फीचर्स हैं जो ग्राहकों के कंफर्ट और ड्राइविंग एक्सपीरियंस को बेहतर बना देते हैं.

2. बूट स्पेस
दूसरी कमी इसमें बूट स्पेस की है. अगर आप थर्ड-रॉ की सीट का इस्तेमाल कर रहे होते हैं, तो इसमें ना के बराबर बूट स्पेस मिलता है. आप इसमें छोटे बैग्स ही रख पाते हैं.

अगर आपको ज्यादा सामान रखना है तो आपको सबसे पीछे वाली सीटों को फोल्ड करना होगा. लेकिन अगर आप ज्यादा पैसेंजर हैं तो यह भी संभव नहीं है. इसके अलावा, थर्ड-रॉ में आपको स्पेस की कमी भी लग सकती है. इसमें एडल्ट के लिए बैठना और लंबे सफर पर जाना थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है.

Maharashtra News : महाराष्ट्र के डॉक्टरों ने धमकाया, कहा— मांगें पूरी नहीं हुई तो 2 जनवरी से हड़ताल

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पत्र में कहा गया है कि सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के 1,432 पद सृजित करना हमारी पहली मांग है। अगर इसका प्रस्ताव राज्य सरकार के पास अब भी क्यों जरूरी है स्ट्राइक प्राइस? लंबित है, तो सरकारी कॉलेज से उत्तीर्ण रेजिडेंट चिकित्सकों के लिए अनुबंध की नीति क्यों बनाई गई? पत्र में एमएआरडी ने 16 अक्टूबर 2018 से लंबित मंहगाई भत्ते के भुगतान की मांग भी की।

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