So my 12 yr old Anya has raised 70,000 rs in 5 days, by sketching ur pets for a 1000 rs a sketch.. All the money is being used to feed strays n needy .. thank u all the kind hearted people who hav ordered sketches n donated♥️ pic.twitter.com/nRvGMW5acE— Farah Khan (@TheFarahKhan) April 12, 2020

भास्कर एक्सप्लेनर: एक साल में भारतीयों ने इम्यूनिटी बूस्टर दवाओं पर खर्च किए 15 हजार करोड़; जानिए ये क्या हैं और आपकी सेहत पर इनका क्या असर होता है

कोरोना काल में इम्यूनिटी शब्द का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हुआ है। इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता। हमारे शरीर की वो शक्ति, जो हमें किसी भी वायरस से लड़ने की ताकत देती है। कोरोना के इस दौर में लोगों ने इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह के जतन किए।

कोई रोजाना कसरत करने लगा तो किसी ने सुबह-शाम काढ़ा पीना शुरू कर दिया। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्टे्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) की रिपोर्ट में एक और खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीयों ने साल 2020 में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन सप्लीमेंट्स और इम्यूनिटी बूस्टर्स पर करीब 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। ये साल 2019 के मुकाबले लगभग 5 गुना ज्यादा है।

इम्यूनिटी बूस्टर्स क्या होते हैं? इनके क्या फायदे और नुकसान हैं? कोरोना ने किस तरह इनकी बिक्री को बढ़ाया है? आइए समझते हैं.

इम्यूनिटी बूस्टर्स क्या होते हैं?

इम्यूनिटी बूस्टर यानी वो दवाएं जो आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने का दावा करती हैं। इनमें मल्टी विटामिन, मिनरल्स, एमीनो एसिड और इसी तरह के बाकी पोषक तत्व आते हैं। ये दवाएं आपको टैबलेट, कैप्सूल, लिक्विड या पाउडर फॉर्म में दी जाती हैं। इन दवाओं के जरिए आपको विटामिन, मिनरल्स, जिंक और बाकी पोषक तत्व दिए जाते हैं।

कोरोना ने इन सप्लीमेंट्स की बिक्री को किस तरह बढ़ाया?

कोरोना ने पूरी दुनिया में स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा प्रायोरिटी वाले मुद्दे में शामिल कर दिया है। लोग अपनी हेल्थ पर ज्यादा ध्यान देने लगे है। कोरोना के फैलने का सीधा संबंध शरीर के इम्यून सिस्टम से है। इम्यून सिस्टम जितना कमजोर होगा, वायरस के फैलने का खतरा उतना ज्यादा होगा। लोगों ने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए जमकर इन ड्रग्स की खरीदारी की। लोगों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और डर दोनों बढ़ा है। इससे भी इन सप्लीमेंट्स की मांग बढ़ी क्वोरा से पैसे कैसे कमाए? है।

कोरोना ने बढ़ाई फार्मा कंपनियों की कमाई

  • जून 2020 में ग्लेनमार्क फार्मा ने एंटीवायरल ड्रग फेविपिराविर लॉन्च की थी। कंपनी ने केवल इस दवा से पिछले एक साल में 975 करोड़ रुपए कमाए हैं। कुल 1220 करोड़ रुपए की इस दवा की बिक्री हुई है।
  • पिछले एक साल में रेमडेसिविर की 833 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है। इस दवा से सिप्ला ने 309 करोड़ और कैडिला ने 215 करोड़ रुपए कमाए।
  • एंटीबायोटिक ड्रग एजिथ्रोमाइसिन की 992 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। पिछले एक साल में इस दवा की बिक्री में 38% का इजाफा हुआ है।
  • हेल्थ सप्लीमेंट रिवाइटल और प्रोटिनेक्स की बिक्री में भी 52% और 64% का उछाल दिखा।

फार्मा कंपनियों ने जो दवाएं सीधे हॉस्पिटल्स को बेची हैं, उसे इस रिपोर्ट में नहीं जोड़ा गया है। वो जोड़ने के बाद ये आंकड़ा और ज्यादा हो सकता है।

कितना बड़ा है इम्यूनिटी बूस्टर ड्रग्स का मार्केट?

फार्च्यून मैग्जीन के मुताबिक, 2020 में ग्लोबल इम्यून हेल्थ सप्लीमेंट मार्केट 1.47 लाख करोड़ रुपए का था। 2028 तक इसके 2.3 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। इस दौरान ये मार्केट सालाना 6.6% की दर से बढ़ सकता है। इन ड्रग्स के लिए सबसे बड़ा मार्केट नॉर्थ अमेरिका है। दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाली कुल इम्यूनिटी बूस्टर ड्रग्स का 36% कंज्म्प्शन केवल नॉर्थ अमेरिका में होता है।

कोरोना के डर ने और किन प्रोडक्ट्स की बिक्री बढ़ाई?

आयुष मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़े का इस्तेमाल करने को कहा था। रिसर्च कंपनी Kantar की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर में 91% भारतीयों ने काढ़े या इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया है। इससे बाजार में रेडीमेड काढ़े की बिक्री जबर्दस्त बढ़ी। आयुर्वेदिक उत्पाद बना रही हिमालय और डाबर जैसी कई कंपनियों ने इस दौरान शहद, अश्वगंधा, गिलोय, च्यवनप्राश की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की है। 2019 में जहां च्यवनप्राश की बिक्री में 5% की गिरावट आ गई थी, वहीं 2020 में 132% का उछाल दिखा। सिर्फ अप्रैल में ही शहद, ग्रीन टी, नीम, तुलसी से बने पेय पदार्थ और साबुन की बिक्री 60% से लेकर 157% तक बढ़ी है।

डाइटीशियन डॉक्टर विनीता जायसवाल से समझते हैं, इन सप्लीमेंट्स के नुकसान क्या-क्या हैं और कैसे आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं

इन सप्लीमेंट्स के क्या नुकसान है?

  • लोगों ने कोरोना के डर से हर तरह की इम्यूनिटी बूस्टर दवाओं का इस्तेमाल किया। इस वजह से शरीर में इन दवाओं का ओवरडोज हो गया और ये दवाएं इम्यूनिटी बढ़ाने की बजाय बीमारियां बढ़ाने लगीं। इन दवाओं के ओवरडोज से खुजली, अनिद्रा, डिप्रेशन और किडनी स्टोन तक हो सकता है।
  • ज्यादातर मल्टी विटामिन वॉटर सॉल्यूबल होते हैं, उनका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। वॉटर सॉल्यूबल यानी शरीर की जरूरत पूरी होने पर बाकी मल्टी विटामिन को हमारा शरीर खुद ही पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देता है, लेकिन जो मल्टी विटामिन वॉटर सॉल्यूबल नहीं होते, वो शरीर में इकट्ठा होकर टॉक्सीसिटी बढ़ाते हैं।
  • शरीर की बनावट और शारीरिक गतिविधियों के हिसाब से सबकी इम्यूनिटी और डाइट अलग-अलग होती है। अगर आप खुद से ही इम्यूनिटी बूस्टर दवाएं लेंगे तो ये आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं।

कैसे बढ़ाई जा सकती है इम्यूनिटी?

इम्यूनिटी बैलेंस रखने का सबसे बढ़िया तरीका खुद के खानपान पर ध्यान देना है। न ज्यादा खाएं, न कम खाएं। घी-तेल का प्रयोग कम करें। खाने में मीठी चीजों का इस्तेमाल कम से कम करें। सूखे मेवे, मौसमी फल-सब्जी और लिक्विड डाइट ज्यादा लें।

इससे आपके शरीर की इम्यूनिटी नेचुरल तरीके से ही बनी रहेगी और आपको इन सप्लीमेंट्स को लेने की जरूरत नहीं होगी। यहां पर ध्यान रखने वाली बात ये है कि शरीर की इम्यूनिटी एक-दो दिन में नहीं सुधर सकती। इसका सीधा-सीधा संबंध आपकी डाइट और लाइफस्टाइल से है। किसी परिचित या दोस्त की सलाह पर या गूगल सर्च कर कोई भी सप्लीमेंट लेना शुरू न करें। डाइटीशियन से सलाह लें, उसके आधार पर ही इन सप्लीमेंट्स को लेना चाहिए।

Corona Kab Tak Khatam Hoga 2022

हम अपने इस लेख Coronavirus Kab Khatm Hoga मे आपको उस संभावना के बारे में बताना चाहते कि, जानिए कोरोना महामारी संकट कब खत्म होगा इसके बारे में अभी तक कुछ भी कहा नहीं जा सकता हैं और तस्वीर भी साफ नही हैं इसलिए हमे कुछ समय तक इंतजार करना होगा और अपनी-अपनी सरकारो की मदद करनी होगी ताकि हम सब मिलकर कोरोना महामारी खत्म कर सकें।

साथ ही हम अपने इस लेख में आपको कोरोना वायरस की जानकारी, उसके फैलने के तरीके और उससे बचाव के कुछ रास्ते भी बतायेगे ताकि आप अपने स्तर तक कोरोना को हरा सकें।

Coronavirus Kab Khatm Hoga

जानिए कोरोना महामारी संकट कब खत्म होगा

हम अपने पाठको को बताना चाहते है कि, हालांकि, यह भी साफ है कि सब कुछ बंद करने की नीति बड़े तबके के लिए लंबे समय तक संभव नहीं है। सामाजिक और आर्थिक नुकसान तो विध्वंसकारी हैं ही। दुनिया के देश अब ‘एग्ज़िट स्ट्रेटेजी’ चाहते हैं ताकि प्रतिबंध हटाए जाएं और सब सामान्य हो सके। लेकिन यह भी सच है कि कोरोना वायरस गायब नहीं होने जा रहा है। अगर आप प्रतिबंध हटाते हैं तो वायरस लौटेगा और मामले तेजी से बढ़ेंगे।

कोरोना के संबंध मे ये कहत हैं प्रो. मार्क वूलहाउस

हम अपने पाठको के समाने कोरोना के संबंध में प्रो. मार्क वूलहाउस के विचारो को रख रहे है जो कि, इस प्रकार हैं –

एडिनब्रा विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग महामारी विज्ञान के प्रोफेसर मार्क वूलहाउस कहते हैं, “हमारी सबसे बड़ी समस्या इससे बाहर निकलने की नीति को लेकर है कि हम इससे कैसे पार पाएंगे। एग्जिट स्ट्रेटेजी सिर्फ ब्रिटेन के पास ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के किसी देश के पास नहीं है।”

कोरोना से संबंधित कुछ जानकारी

हम अपने पाठको को कोरोना से संबंधित कुछ जानकारी प्रदान कर रहे हैं ताकि वे अपने स्तर पर जागरुकता फैला सके और कोरोना को हराने में हमारी, आपकी और पूरे विश्व की मदद कर सकें। ये जानकारी इस प्रकार इन बिंदुओँ के माध्यम से हैं-

  • Corona e Pass Online Apply
  • Bihar Corona Tatkal Sahayata Yojana 2022
  • Corona Helpline Number, Emergency
  • Corona Relief Fund: सभी लाभार्थी क्वोरा से पैसे कैसे कमाए? को 2,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता
  • जानिए कोरोना वायरस के लक्षण, बचाव

आशा करते हैं हमारे द्वारा बताई गई जानकारी आपको लाभदायक साबित हुई होगी इसी प्रकार की और जानकारी के लिए आप हमसे ऐसे ही जुड़े रहिये और अपनी राय हमें कमेंट करके ज़रूर बताइये इससे हमें भविष्य में और बेहतर कंटेंट लाने में सहायता मिलेगी , धंन्यवाद।

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धन्यवाद

coronavirus ke lakshan hindi

हालात को देखते हुए बहुत ज़ादा ज़रूरी भी हो गया था इस video को लाना, 👉ताकी एक जमीनी हकीकत से आपको रूबरू करवा सकू.

कोरोना के real लक्षण (coronavirus ke lakshan) क्या होते है कैसा फील हो रहा होता है. ये शायद एक डॉक्टर से भी ज़ादा बेहतर वहीं बता सकता है जिसको कोरोना हो चुका है. तो मेरे पिता जी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थीं.

coronavirus-ke-lakshan

Table of Contents

covid-19 के नए लक्षण |coronavirus ke lakshan hindi

पहले तो आपको ये बता दू की मेरे पिता जी heart और शुगर के मरीज है. पिता जी को स्टंट भी डला हुआ है जिसकी दवाइयां चल रही है और पूरी जिंदगी चलती रहेगी.

18 अक्टूबर 2020, मेरे पिता जी की तबियत मे कुछ बदलाव आया. हालांकि उनके लिए और हमारे लिए ये कोई नई बात नहीं थीं.

शुगर लेवल कभी कभी ऊपर नीचे होने की वजह से आए दिन उनके शरीर मे दर्द, बुखार और उलझन जैस लक्षण देखने को मिलते थे.

तबियत दिन पर दिन बिगड़ने लगी दवाई ज़ब तक तक खाते तब तक ही असर रहता. बाद मे फिर वैसा ही

. पापा की छाती मे कफ जमने लग गया जिस वजह से बार बार खासी आती बुखार भी हो गया और सांस लेने मे भी दिक्क़त होती.

पिता जी बताते थे की उनका सर लगातार दुखता है, उल्टी होने का मन रहता है और सबसे बड़ी बात सांस लेने मे दिक्क़त होती. है कमज़ोरी बहुत फील होती. कुछ भी खाने का मन नहीं करता था स्वाद ही नहीं आता था.

korona-ke-lakshan

तब उनको लेकर पहले प्राइवेट hospitel जाना पड़ा. पहले प्राइवेट गए तो वो बोले पहले कोरोना रिपोर्ट लें कर आओ तब एडमिट करेंगे. ऊपर से खर्चा भी एक दिन का 15 हज़ार. चार्ज.

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फिर हम लोग सरकारी अस्पताल गए वहाँ हालत को देखते हुए पापा का तुरंत repid test हुआ. जिसमे 2 घंटे बाद ही एक लेबोरटरी रिपोर्ट आई, उन दिनों सेम्पल रिपोर्ट आने मे दो से तीन दिन का वक़्त लगता था.

इसलिए इस repid test रिपोर्ट के आधार पर ही हमें ये बताते हुए पिता जी को तुरंत कोरन्टाइन करवाया गया की इनमे कोरोना के हल्के लक्षण पाए गए है.

इसलिए हम इन्हे कोरन्टाइन कर रहे है आप लोग इन्हे आज रात तक जो जरुरी समान देना चाहे दे सकते है. उसके बाद से आप लोग यहां इनके पास नहीं जा सकते.

डॉक्टर ने बोला की आप सब मे से जो भी इनके सम्पर्क मे रहा है वो test करवा लें. वैसे तो हमें ऐसा कुछ फील नहीं हो रहा रहा थीं हमें भी कोरोना के लक्षण हो सकते है.

लेकिन फिर भी शक दूर करने के लिए हम लोगो ने भी test करवा लिया. दो दिन बाद हम सब की मोबाइल पर कोरोना रिपोर्ट आई जिसमे पापा को छोड़ कर हम सब का रिपोर्ट नेगेटिव ही आया.

पिता जी को हल्के लक्षण थे और समय रहते हमने उन्हें कोरन्टाइन भी करवा दिया इसी वजह से शायद हम लोगो इस वायरस के सम्पर्क मे नहीं आए. लेकिन फिर भी ताज्जुब की बात थी की एचएम लोगो को क्यो नहीं हुआ |क्योकि यह तो छुआ छूत वाइरस है |

तो ये सवाल ज़ब हमने डॉक्टर से किया तो वो बोले की उन्होने रिपोर्ट देख केआर ये बात बताई को जो तुम्हारे पिता जी को कोरोना हुआ है ये covid-t-24 है वो बहुत ही हल्के लक्षण का है यानि 24 घंटे मे कोरोना वाइरस अपना असर दिखाना शुरू करता है|

तो एसे मे छुआ छूत से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे इस वाइरस के फैलने की संभावना बहुत कम होती है |आप लोगो ने समय रहते इनको कोरंटाइन करवा दिया |

coronavirus ke lakshan

तो जिस दिन पापा एडमिट हुए उस दिन रात 8 बजे हम लोग पापा के लिए सब जरुरी समान लेकर हॉस्पिटल पहुचे. हम लोग वार्ड नंबर 203 के पास पहुचे जहाँ से कुछ ही दूर पिता जी को कोरन्टाइन किया हुआ था.

नर्स और सिक्योरिटी ने हमें वहीं रोक लिया आगे नहीं जाने दिया. वो बोले की आप मे से कोई एक ही जा सकता है.

वो भी सिर्फ आज के लिए, इसके बाद से आपको जो कुछ भी देना हुआ आप हमें दे देना हम उन तक पंहुचा देंगे.

कोरन्टाइन जोन के अंदर किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं है. Plz कोपरेट करें.

तो ज़ब मैं समान लेकर पिता जी के रूम मे दाखिल हुआ तो वहाँ और भी कई कोरोना मरीज दाखिल थे और वेंटिलेटर पर था.

पापा को भी ऑक्सीजन लगा रखी थीं.

तो में पापा के पास जरुरु समान यानी पूरा बैग वहीं बेड के पास रख कर चला गया.

वहाँ से आते समय आँखो मे आंसू लिए बस नर्स से इतना ही बोला कर वहाँ से चला गया की पिता जी heart और शुगर के मरीज है plz खास ध्यान रखना.

क्योंकि ज़ादा देर वहाँ किसी को रुकने नहीं दिया जाता. इसलिए चला गया.

बाक़ी मेरी डॉक्टर और उन नर्स से भी बराबर फोन पर बात होती थीं.

जिसमे उन्होंने हमें ये विश्वास दिलाया की आप लोग चिंता ना करें यहां हम लोग अच्छे से कोरोना मरीजों का ख्याल रख रहे है.

खाने पीने की भी चिंता ना करें यहां सब कुछ इन्हे ताज़ा समय से दिया जाता है.

सिर्फ यही नहीं हम लोग हर 2 घंटे की ऑक्सीजन लेवल और heart प्लस रिपोर्ट नर्स से call पर लेते रहते थे.

इस परेशानी को लेकर ज़ब तक पिता जी घर पर थे 2 दिन वो एक घंटे की भी नींद सो नहीं पाए थे.

. लेकिन एडमिट करवाने के 24 घंटे बाद ज़ब पापा से सुबह बात हुई तो उन्होंने बताया की की 3 से 4 घंटे.नींद आई थीं.

. तब जाकर जान मे जान आई हम सब मे.

9 दिन के अंदर पिता जी ठीक हो गए. तब डॉक्टर पिता जो को डिस्चार्ज करते हुए ये हिदायत देते हुए हमें बोले की इन्हे वहाँ पर एक महीना अलग रूम मे ही रखना.

तब कुछ hospitel की कागज़ी फॉर्मेलिटी और दवाइयां थीं जिसे पूरी करके हम लोग पिता जी को लेकर घर पहुचे.

दोस्तों ये 9 दिन हमारे परिवार के किस तरह बीते एक्सप्लेन नहीं कर सकता.. बस ईश्वर का लाख लाख शुक्र है की पिता जी ठीक हो कर घर आगए.

तो दोस्तों ऐसे दिन किसी की जिंदगी मे ना आए. इसलिए plz कोरोना को लेकर जो हिदायते दी गई है उनका ईमानदारी से पालन करें. लापरवाह ना करें. आपकी एक छोटी सि गलती से क्या हो सकता है आप लोग खुद समझते हो.

यकीन मानो इस महामारी की चेन तोड़ कर कोरोना को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है अगर हम लोग छोटी छोटी लापरवाही करना बंद करके ईमानदारी से नियमों का पालन करें. लोकडाउन का पालन करें तो ये सम्भव हो सकता है.

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Coronavirus Crisis में लोगों की मदद के लिए फराह ख़ान की 12 साल की बेटी ने दिए 70 हजार रुपये, जानें कैसे

Coronavirus Crisis में लोगों की मदद के लिए फराह ख़ान की 12 साल की बेटी ने दिए 70 हजार रुपये, जानें कैसे

नई दिल्ली, जेएनएन। Coronavirus Crisis: कोरोना वायरस का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ क्वोरा से पैसे कैसे कमाए? रहा है। लोगों की नौकरियां जा रही हैं। लोग बेघर हो रहे हैं। भारत भी कोविड -19 के प्रकोप से प्रभावित है। देश में 24 अप्रैल लॉकडाउन लागू है। कई राज्यों में उससे पहले से भी लगभग सब कुछ बंद है। ऐसे में बॉलीवुड सेलेब्स जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए सामने आए हैं। बॉलीवुड सेलेब्स के साथ ही साथ स्टार किड्स भी इस मुहिम में शामिल हो गए हैं।

फ़िल्ममेकर फराह ख़ान की बेटी भी आन्या कुंदर ने भी ऐसे लोगों की मदद की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने पांच दिन में जानवरों के स्केच बनाकर करीब 70 हजार रुपये कमाए। उन्होंने ये सारे पैसे जरूरतमंद लोगों को दान कर दिए। इस बात की जानकारी ख़ुद फराह ख़ान ने ट्वीट करके दी है।

फराह ने रविवार को ट्वीट करके बताया- 'मेरी 12 साल की बेटी आन्या ने पांच दिनों में 70 हजार रुपये कमाए हैं। आपके पैट के स्केच बनाकर, हर स्केच का एक हजार रुपये। सारे पैसे जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए डोनेट कर दिए। उन सभी दयालु लोगों का धन्यवाद, जिन्होंने स्केच ऑर्डर किये और इस काम में डोनेट किया।'

So my 12 yr old Anya has raised 70,000 rs in 5 days, by sketching ur pets for a 1000 rs a sketch.. All the money is being used to feed strays n needy .. thank u all the kind hearted people who hav ordered sketches n donated♥️ pic.twitter.com/nRvGMW5acE

— Farah Khan (@TheFarahKhan) April 12, 2020

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के इस क्राइसस में बॉलीवुड सेलेब्स लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं। हाल ही में एक्टर सोनू सूद ने 'शक्तिअन्नदानम्' नाम से पहले शुरू की है। इसके जरिए वह रोज करीब 45 हजार लोगों को ख़ान खिलाएंग। वहीं, गायक शान ने भी भूखे लोगों की मदद की बात कही है। उन्होंने भूखे लोगों को खाना खिलाने के लिए क्राउड फंडिंग कर रहे हैं। वहीं, सलमान ख़ान और वरुण धवन भी लोगों के खाने की व्यवस्था कर रहे हैं। सलमान बॉलीवुड के डेली वेज वर्कर्स की मदद कर रहे हैं। इन सबके अलावा कई एक्टर पीएम केयर फंड के जरिए भी योगदान दे रहे हैं।

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