1962 में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के विवाद ने भारत का विदेशी मुद्रा का खजाना खाली कर दिया। इसके बाद सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए पहली गोल्ड बांड स्कीम शुरू की गई।

क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है?

Gold-Silver Price: गुरुवार (1 द‍िसंबर) सुबह सर्राफा बाजार में सोने का भाव 320 रुपये प्रत‍ि 10 ग्राम की तेजी के साथ 53120 रुपये पर पहुंच गया. इस पर 3 प्रत‍िशत जीएसटी अलग से देनी होगी. वहीं, चांदी भी 1783 रुपये प्रत‍ि क‍िलो की जबरदस्‍त तेजी के साथ 63683 रुपये पर पहुंच गई.

Gold-Silver Price Today: करीब सवा महीने क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है? पहले द‍िवाली और धनतेरस के मौके पर सोने-चांदी की र‍िकॉर्ड ब‍िक्री हुई थी. जानकारों की तरफ से उसी उम्‍मीद जताई गई थी क‍ि आने वाले शाद‍ियों के सीजन में दोनों कीमती धातुओं के रेट फ‍िर से र‍िकॉर्ड स्‍तर पर जा सकते हैं. जानकारों का अंदाजा सही साब‍ित हुआ और सोने में करीब 5 प्रत‍िशत और चांदी में करीब 10 प्रत‍िशत का उछाल आया है. आने वाले महीनों में सोने के रेट और ऊपर जाने की संभावना है. जानकारों की क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है? तरफ से इसका स्‍पष्‍ट कारण भी बताया गया है.

भारत की स्वर्ण नीतियों पर एक नजर

भारत की सोना सम्बन्धी नीतियों और नियमों क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है? में समय के साथ कई बदलाव आए हैं। आज एक विकासशील और पारदर्शी रवैये पर अधिक जोर है। फरवरी 2018 में वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट के अपने भाषण में कहा कि सरकार सोने के व्यापार को एक परिसम्पत्ति के रूप में विकसित करने के लिए एक समग्र नीति तैयार करेगी। इसका अर्थ है कि शेयरों, बोंडों, संपत्ति और उपभोक्ता वस्तुओं की तरह सोने में किए गए निवेशों को भी एक छत्र के नीचे ले आया जाएगा।

भारत स्वर्ण मुद्रा जारी किए जाने या हॉलमार्किंग नियामकों को लागू किए जाने का प्रस्ताव जैसी हाल की घटनाओं से भारत में सोने की खरीद-फरोख्त के लिए भरोसेमंद मापदंड बनाने में मदद मिलेगी। चलिए, आजादी के बाद से भारत की स्वर्ण नीतियों में आने वाले बदलावों पर क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है? एक नजर डालते हैं।

प्रतिबंधों का चरण (1947 - 1962)

इस अवधि में सोने की आपूर्ति और इसके घरेलू मूल्य पर नियंत्रण रखने और साथ ही तस्करी पर लगाम लगाने वाली नीतियां बनाने पर जोर दिया गया।

भारत के भुगतान संतुलन की स्थिति को लेकर निश्चिंत होकर बैठ जाना सही नहीं होगा

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा-ख़ासा है, लेकिन बीते कुछ सप्ताह से इसमें धीरे-धीरे गिरावट आती जा रही है. 9 अप्रैल को ख़त्म हुए हफ्ते में भारत के रिज़र्व बैंक के मुद्रा भंडार में 11 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी आई और यह गिरकर 606 अरब डॉलर का रह गया. The post भारत के भुगतान संतुलन की स्थिति को लेकर निश्चिंत होकर बैठ जाना सही नहीं होगा appeared first on The Wire - Hindi.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा-ख़ासा है, लेकिन बीते कुछ सप्ताह से इसमें धीरे-धीरे गिरावट आती जा रही है. 9 अप्रैल को ख़त्म हुए हफ्ते में भारत के रिज़र्व बैंक के मुद्रा भंडार में 11 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी आई और यह गिरकर 606 अरब डॉलर का रह गया.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

कोरोना महामारी के बाद वैश्विक उत्पादन के धीरे-धीरे सामान्य होने की कोशिशों को बढ़ क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है? रही खाद्य और ऊर्जा मुद्रास्फीति का तगड़ा झटका लगा है. खाद्य और ऊर्जा मुद्रास्फीति को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख ने विश्व अर्थव्यवस्था के लिए स्पष्ट और साक्षात खतरा करार दिया है.

यूक्रेन संघर्ष से हुए नुकसान का पूरा आकलन किया जाना अभी बाकी है. सच यह है कि भारत समेत ज्यादातर अर्थव्यवस्थाएं संघर्ष के समाधान से ऊर्जा और खाद्य कीमतों में नरमी आने की उम्मीद के आसरे बैठी हैं.

Xiaomi की ढुलाई के बाद चीन के क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है? बदले सुर,बोला सारी बातें मानूंगा

चीन चाबुक की भाषा समझता है और ये बात मोदी सरकार को समझ में आ गयी है। अगर चाबुक का प्रयोग ना किया जाये तो चीन किसी भी राष्ट्र के साथ अपने सम्बन्धों के हर आयाम में धूर्तता और धौंस दिखाने लगेगा चाहे वो आर्थिक क्षेत्र हो या फिर सामरिक। इस धौस से आप जितना डरेंगे चीन उतना डराएगा, दबाएगा और एक दिन आप पर आधिपत्य जमा लेगा। कूटनीतिक भाषा में चीन के इस सिद्धान्त को “ड्रैगन पॉलिसी” कहते हैं। लेकिन, भारतीय शेरों ने ऐसा करारा प्रहार किया कि ड्रैगन को दुम दबाने के लिए विवश होना पड़ा। चीन को सामरिक और सैन्य स्तर पर हमारे देश के जवानों ने मुहतोड़ जवाब दिया और अब मोदी सरकार उसे आर्थिक तथा व्यापारिक स्तर पर सबक सीखा रही है।

चीनी मोबाइल फोन निर्माता Xiaomi विदेशी मुद्रा में घपले को लेकर भारत सरकार के रेडार पर आ गयी। सरकार ने जांच भी शुरू कर दी है। चीन की धमकाने वाली प्रतिक्रिया के बावजूद मोदी सरकार ने यह साफ कर दिया कि अगर भारत में व्यापार करना है तो भारतीय कानून की सर्वोच्चता तथा भारत की एकता और अखंडता को सर-माथे पर बिठाते हुए उसका अक्षरश: पालन करना होगा।

चीनी मोबाइल कंपनी Xiaomi पर सरकार का चाबुक

चीनी मोबाइल कंपनी Xiaomi पर भारत सरकार का चाबुक चलते ही चीन की अक्ल ठिकाने पर आ गयी है। आपको बता दें की भारतीय स्मार्टफोन बाजार में शिपमेंट के मामले में शीर्ष पांच में चार चीनी ब्रांड हैं – Xiaomi, Redmi, OPPO और vivo। भारतीय कर अधिकारियों ने सीमा शुल्क अधिनियम के कथित उल्लंघन के लिए Xiaomi Technology India Pvt को 653 करोड़ की मांग की है। सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के तहत 1 अप्रैल 2017 से 30 जून 2020 की अवधि के बीच तीन कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए। कारण- कंपनी ने अपने आयात के मूल्य में रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क शामिल नहीं किया था। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लेनदेन मूल्य में “रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क” नहीं जोड़कर, Xiaomi India कथित तौर पर ऐसे आयातित मोबाइल फोन के सीमा शुल्क से बच रहा था।

होश ठिकाने आने के बाद

होश ठिकाने आने के बाद एक उच्च-स्तरीय सरकारी अधिकारियों की बैठक में द्विपक्षीय तनाव को कम करने के लिए चीन ने भारतीय अधिकारियों से चीनी मोबाइल फोन कंपनियों के साथ एक स्तर पर व्यवहार करने का आग्रह किया। जांच न केवल Xiaomi बल्कि भारत में परिचालन वाली कई अन्य चीनी फर्मों को भी लक्षित कर रही है।

भारत में सुचारू व्यवसाय संचालन को बेहतर ढंग से सुनिश्चित करने के लिए चीन ने भारत में चीनी-वित्त पोषित फर्मों से भारतीय कर कानूनों से परिचित होने का आग्रह किया, विशेष रूप से आयातित सामग्रीपूर्ण मशीन असेंबली, बिक्री, स्क्रैपिंग और राइट-ऑफ के पहलुओं में। चाइनीज चैंबर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया के हैरिस लियू ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि चैंबर भारत में चीनी-वित्त पोषित उद्यमों के लिए जोखिम की रोकथाम, नियंत्रण और आत्मपरीक्षा के क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है? साथ-साथ आत्मसुधार को बढ़ावा दे रहा है।

क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है?

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