What is Demat Account | डीमैट अकाउंट क्या है ?
Demat का फुल फॉर्म Dematerrialised है | Demat account का इस्तेमाल स्टॉक मार्केट में अकाउंट और locker के रूप में किया जाता है जहाँ खरीदें गए शेयर्स को जमा किया जाता है | जब हम शेयर्स को खरीदते और बेचते है , तो वो शेयर एक demat account से दुसरे demat account में जमा कर दिए जाते है |
डीमैट खाता भी बैंक खाते की तरह काम करता है | यहां भी बैंक बैलेंस की केवल पासबुक में एंटी कराई जा सकती है , इसे भौतिक रूप में नही रख सकते | इसमें बैंक खाते की तरह डेबिट और क्रेडिट कार्ड नहीं होता है |
Demat Account कैसे काम करता है
जब हम शेयर खरीदते है तो ब्रोकर हमारे demat account में क्रेडिट कर देता है , खरीदे हुए शेयर demat account की होल्डिंग में ऑनलाइन देख सकते है | ब्रोकर शेयरों को T +2 पर क्रेडिट कर देता है जो ट्रेडिंग डे +2 दिन बाद होता है | जब शेयर बेचते है तो अपने ब्रोकर को डिलेवरी निर्देश देने होते है , जिसमे बिके हुए स्टॉक का विवरण भरना होता है |
भारत में दो डिपॉजिटरी है –
- नेशनल सिक्योरिटीज लिमिटेड (NSDL )
- सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL )
Demat account की जरूरत क्यों पड़ती है ?
सबसे पहले तो ये जान ले की सेविंग अकाउंट होने के बावजूद भी हमको डीमैट अकाउंट की जरूरत क्यों है | किसी बैंक में अपना सेविंग अकाउंट होता है उसमे पैसा जमा और निकाल सकते है , सेविंग अकाउंट में केवल पैसे जमा करा सकते है लेकिनं डीमैट अकाउंट में हम शेयर या बांड जमा किये जाते है | डीमैट अकाउंट में शेयर जमा होने से , शेयर की खरीद और ब्रिकी तेजी से कर सकते है | तीस साल पहले जब डीमैट अकाउंट नही होते थे तो शेयर घर पहुचते थे और इस काम को महीनों लग जाते थे | अब शेयर सीधे demat account में 1 दिन में आ जाते है |
Demat Account के प्रकार
demat account दो प्रकार के होते है –
- बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट (BSDA ) – यह अकाउंट उन निवेशकों के लिए है जिनके सिक्योरिटी का होल्डिंग मूल्य कुछ लाख रुपयों से अधिक नहीं है | इसलिए , इसका वार्षिक मेंटेनेस शुल्क कम होता है |
- रेग्युलर डीमैट अकाउंट – इस अकाउंट और BSDA के बीच एकमात्र अंतर शुल्क की शर्तो का होता है | रेगुलर डीमैट अकाउंट के लिए शुल्क अधिक होते है | हालांकि , शुल्क के एवज में यह अकाउंट सुविधाजनक और कई सेवाएँ भी देते है |
Demat account के फायदे
वैसे तो आज-कल demat account के बिना शेयरों की खरीद-बिक्री नहीं होती है | फिर भी इसके फायदे जान लेना अच्छा है |
चोरी होने का डर नहीं
डीमैट अकाउंट आपके शेयरों को डिजिटल फोर्मेट में सुरक्षित रखता है | इसका मतलब ये है कोई आप के शेयरों को कोई चुरा भी सकता है | नकली शेयर के जरिये धोखाधड़ी भी ख़त्म हो गई है |
तेज ट्रांसफर
demat account के जरिए शेयरों की खरीद बिक्री बहुत आसान हो गई है | आज हम शेयर खरीदते है और शाम तक शेयर हमारे demat अकाउंट में आ जाते है | वैसे तो आमतौर पर शेयर तुरंत डीमैट अकाउंट में आ सकते है लेकिन stock exchange की सेटलमेंट प्रकिया का इंतजार किया जाता है | शेयर बाजार बंद होने के करीब आधा घंटे तक stock exchange में सेटलमेंट की प्रकिया चलती है |
मामूली खर्च
शेयरों की फिजिकल ट्रेडिंग में काफी खर्च आता था | नकली शेयरों की प्रिटिंग , हैंडलिंग और भेजने में काफी पैसा खर्च होता था | अब फिजिकल शेयरों के स्टोरेज और लेनदेन से जुड़े सभी खर्च भी ख़त्म हो गए है | हालांकि अभी भी demat account रखने के लिए एक फ़ीस तो देनी ही पड़ती है |
पता बदलना आसान
जब हम किसी कंपनी का शेयर खरीदते है तो उस कंपनी के आंशिक मालिक भी बन जाते है | इसलिए ये कंपनी की जिम्मेदारी है की वो आपको महत्वपूर्ण जानकारी दे | इसलिए कंपनीयां अपने शेयरहोल्डर को जरूरी सूचनाएं भेजती है | ये सुचना भेजने के लिए शेयरहोल्डर का पता चाहिए | जब हम शेयर खरीदते है तो नए शेयरहोल्डर का पता कंपनीयों तक भेज दिया जाता है , लेकिन अगर अपना पता बदल दिया जाता है तो ये हमारी जिम्मेदारी है की कंपनीयों को नए पते की जानकारी हो |
पहले ये काम काफी झझंट वाला वाला था क्योंकी हर कंपनी को इसकी अलग-अलग सुचना देनी होती थी | लेकिन अब demat account के होने के कारण ये काम काफी आसान हो गया है , बस हमे अपने demat account में पता बदलना होता है | इसके बाद कंपनीयों तक नए पते की जानकारी खुद-ब-खुद भेज दी जाती है |
बोनस शेयर
कंपनीया कभी-कभी अपने शेयरों को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँट देती है या फिर अपने निवेशको को बोनस भी देती है | इस corporate action चलते डीमैट अकाउंट में शेयरों की संख्या बढ़ जाती है | डीमैट अकाउंट की वजह से ये पूरा काम अपने आप हो जाता है जब कोई कंपनी बोनस शेयर देती है तो वो अपने आप डीमैट अकाउंट में जुड़ जाते है , इसके लिए कोई फ़िक्र की जरूरत नहीं है |
Demat और Trading account खोलने के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स की जरूरत होगी
पैन कार्ड – किसी भी डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड की बहुत जरूरत है क्योंकी पैन कार्ड के बिना कोई भी अकाउंट नही खोल सकते है , इसलिए पैन कार्ड सबसे पहला जरूरी डाक्यूमेंट्स है |
एड्रेस प्रूफ –आपके निवास स्थान का प्रूफ देने के लिए आप का आधार कार्ड प्रयोग कर सकते है |
कैंसिल चैक – आपके पास आपके नाम लिखा हुआ कैंसिल चैक होना चाहिए | आप के पास कैंसिल चैक नही है तो , पिछले 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट से भी समस्या हल हो सकती है |
Demat account के खर्चे
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कुछ फीस देनी होती है , जो अलग-अलग बैंक और स्टॉक ब्रोकर के द्वारा अलग-अलग रूप में चार्ज किया जाता है , और साथ ही साथ डीमैट अकाउंट खोलने के बाद उसका सालाना रखरखाव चार्ज (annual maintenance charge )डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? भी होती है , जो demat अकाउंट की सेवा के बदले हर साल एक फीस के तौर पर ब्रोकर को देना होता है |
किसी भी बैंक या स्टॉक ब्रोकर कर के पास डीमैट अकाउंट खोलने से पहले उसकी फीस के बारे में जरुर जान लेना चाहिए , ताकि बेवजह एक्स्ट्रा चार्ज नही देना पड़े |
By Suresh Kumar
Suresh Kumar, Intra Day Share के संस्थापक और Senior Editor हैं. इन्हें लोगों को नयी नयी इन्वेस्टमेंट की रिसर्च बेस्ड जानकारी पहुँचाने में बहुत ख़ुशी मिलती है. शेयर मार्केट से सम्बंधित सभी जानकारियां इनके द्वारा नियमित तौर पर इस वेबसाइट पर पब्लिश की जाती है | इन्हें मार्केट में कार्य करने का पिछले 6 वर्षों का अनुभव है और इसी अनुभव को इस वेबसाइट के माध्यम से आम जन तक पहुंचा रहें है |
BANK खाते कितने प्रकार के होते हैं – हिंदी में जानिए
चालू खाता मुख्य रूप से उद्द्यमी, फर्म, कम्पनी आदि के लिए होता है. जिनके अकाउंट में पैसा का फ्लो बहुत होता है…बहुत से मतलब…कि लाखों रुपये उनके अकाउंट में आते हैं और निकाल भी लिए जाते हैं….तो ऐसे लोग चालू खाता में डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? अपने पैसे रखते हैं. ऐसे अमीर लोगों या फर्म को इन्वेस्टमेंट या अपने पैसे में इंटरेस्ट (interest) मिलने में कोई इंटरेस्ट नहीं रहता. चालू खाता की खूबी यह है कि इसमें deposit (जमा करने) या withdrawal (पैसे निकालने) की कोई सीमा नहीं है. चालू खाते में धारक को इंटरेस्ट नहीं मिलता. हाँ, बैंक उनसे सर्विस चार्ज जरुर लेती है.
2. बचत खाता- Savings Account
नाम से ही स्पस्ट है कि सेविंग अकाउंट सेविंग करने के लिए बनी है. हम-आप जैसे लोग चाहते हैं कि हमें हमारे जमे पैसे पर सूद (interest) मिले और कम-से-कम अपने अकाउंट से पैसे निकाले. जितना जमा उतना अच्छा. कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी कंपनी में काम करता हो, सरकारी नौकर हो, पेन्शनर हो, छात्र हो….वह सेविंग अकाउंट में अपना अकाउंट खोल सकता है. जैसा मैंने बताया कि सेविंग अकाउंट में धारक को जमे पैसे पर इंटरेस्ट भी मिलता है. बचत खाता के धारक कभी भी अपने जमा धन को बैंक से निकाल सकते हैं और डाल सकते हैं. पैसे जमा करने की संख्या में restriction तो नहीं पर पैसे बाहर निकालने की संख्या में कुछ restrictions जरुर हैं. जैसे आप Rs. 50 से कम पैसे नहीं निकाल सकते या ATM से ६ महीने के अन्दर 30 से ज्यादा बार पैसे नहीं निकाल सकते (this policy changes time to time by banks). चालू खाते की तरह आप कभी भी, कहीं भी, जितना भी….पैसे नहीं निकाल सकते. अधिकांश बैंक अपने ग्राहक को अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि बनाए रखने के लिए बाध्य करती है.
3. आवर्ती जमा खाता- Recurring Deposit Account
आवर्ती जमा खाता या Recurring Deposit Account या RD account में वे लोग खाता खोलते हैं जो एक निश्चित राशि नियमित रूप से जमा करना चाहते हैं जिससे कि उन्हें अधिक ऊँची दर पर सूद/ब्याज/इंटरेस्ट मिले. RD अकाउंट में एक ख़ास राशि एक तय अवधि के लिए हर महीने जमा की जाती है और तय की गयी अवधि के समाप्त हो जाने पर सूद के साथ कुल राशि डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? का भुगतान कर दिया जाता है. जमा करने की न्यूनतम अवधि 1 साल और अधिकतम 10 साल की होती है. सूद की दर जमा पैसे और जमा की अवधि के हिसाब से अलग-अलग प्लान में अलग-अलग होती है. जैसे आप 10 हज़ार हर महीने जमा कर रहे हैं, तो आपको ज्यादा इंटरेस्ट मिलेगा….किसकी तुलना में? जो केवल 4 हज़ार हर महीने जमा कर रहा है उसे कम इंटरेस्ट मिलेगा. वहीं आप अधिक अवधि के लिए पैसे जमा करने वाले हैं तो आपको अधिक इंटरेस्ट मिलेगा और कम अवधि के लिए कम इंटरेस्ट. RD अकाउंट में समय से पहले निकासी (पैसा निकालने) की सुविधा नहीं है. वैसे, बैंक चाहे तो maturity (खाता की अवधि पूरा होने) के पहले उसे बंद करने की अनुमति दे सकता है. आवर्ती जमा खाता में single या joint account खोला जा सकता है.
4. सावधि जमा खाता- Fixed Deposit Account
सावधि जमा खाता या FD account में एक ख़ास अवधि के लिए एक विशेष राशि रखी जाती है. यहाँ एक बार ही पैसा जमा कर सकते हैं और एक बार ही निकाल सकते हैं. RD अकाउंट की ही तरह इस खाते से भी आप समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते. तय की गई अवधि के पहले पैसे निकालने से आपको बैंक को penalty देनी पड़ती है (हर बैंक द्वारा तय की डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? गयी penalty amount अलग-अलग होती है) और अकाउंट को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है. फिक्स्ड डिपाजिट में उपभोक्ता को हाई इंटरेस्ट रेट दिया जाता है. इंटरेस्ट रेट जमा पैसे (deposited money) और जमा की अवधि (deposit period) के आधार पर तय की जाती है जो अधिकतम 10 साल तक लिए होती है.
कैसी लगी आपको ये Bank Account se Related पोस्ट हमें कमेन्ट के माध्यम से अवश्य बताये और आपको किस विषय की नोट्स चाहिए या किसी अन्य प्रकार की दिक्कत जिससे आपकी तैयारी पूर्ण न हो पा रही हो हमे बताये हम जल्द से जल्द वो आपके लिए लेकर आयेगे|
बैंकों में खाते कितने प्रकार के होते हैं?
बैंक में कितने पैसे जमा करने पर टैक्स लगता है 2021?
इसे सुनेंरोकेंटैक्स डिपार्टमेंट को देना होगा जवाब बता दें बैंक कंपनियों को हर साल टैक्स डिपार्टमेंट (Tax Department) को बैंक से ग्राहकों द्वारा 10 लाख या उससे अधिक अमाउंट निकालने पर जवाब देना होता है. टैक्स कानून के तहत बैंक को करंट फाइनेंशियल ईयर के दौरान उन अकाउंट्स की जानकारी देनी होती है.
बैंक बचत खाते से क्या लाभ डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? है?
इसे सुनेंरोकेंसेविंग बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कोई व्यक्ति अपने कैश मैनेजमेंट सिस्टम की तरह कर सकता है. इसकी मदद से बिजली-पानी के बिलों का भुगतान, टैक्स का पेमेंट, लोन की ईएमाआई और इंश्योरेंस का प्रीमियम आसानी से दिया जा सकता है. कई इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल ग्राहकों को स्नैपशॉट मुहैया कराते हैं
लेखाशास्त्र में खाते कितने प्रकार के होते हैं?
खाते (Accounts) के तीन प्रकार होते हैं।
- व्यक्तिगत खाता (Personal Account)
- वस्तुगत या वास्तविक खाता (Real Account)
- अवस्तुगत या आय व्यय से संबंधित या नाम मात्र का खाता (Nominal Account)
खाते कितने प्रकार के होते हैं विस्तार से समझाइए?
भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के खाते खोले जाते हैं?
- बैंक खातों के प्रकार निम्न हैं:-
- बचत खाता
- चालू खाता
- सावधि जमा खाता
- आवर्ती जमा खाता
- नो-फ़्रिल अकाउंट या बुनियादी बचत खाता
- बचत बैंक खाता (Savings Bank Account)
- चालू जमा खाता (Current Deposit Account)
बचत खाते से क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकेंबचत खाते (सेविंग्स अकाउंट), खुदरा वित्तीय संस्थाओं द्वारा बनाये रखे जाने वाले खातों को कहते हैं जो ब्याज तो प्रदान करते हैं लेकिन जिन्हें सीधे तौर पर धन के रूप में (उदाहरण के लिए, एक चेक लिखकर) इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
रेगुलर सेविंग अकाउंट का मतलब क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंरेगुलर सेविंग्स अकाउंट (Regular savings account)ये कुछ बेसिक शर्तों पर खोला जाता है. इस तरह के अकाउंट में किसी तय रकम का रेगुलर डिपॉजिट नहीं होता है, इसका इस्तेमाल एक सेफ हाउस की तरह होता है, जहां पर आप अपना पैसा बस रख सकते हैं. इसमें मिनिमम बैलेंस डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? की शर्त भी होती है
बैंक के मुकाबले पोस्ट ऑफिस में अब भी बेहतरीन रिटर्न, TD पर डबल ब्याज!
बैंक में ब्याज कम मिल रहा है. पिछले कुछ वर्षों में लगातार सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें घटी हैं. ऐसे में जो लोग सुरक्षित निवेश के साथ-साथ बेहतर रिटर्न चाहते हैं वो पोस्ट ऑफिस (Post Office) में निवेश कर सकते हैं.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 04 अक्टूबर 2021,
- (अपडेटेड 04 अक्टूबर 2021, 4:26 PM IST)
- पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट महज 500 रुपये में खुलवाएं
- टाइम डिपॉजिट अकाउंट में अभी भी बेहतरीन ब्याज
बैंक में ब्याज कम मिल रहा है. पिछले कुछ वर्षों में लगातार सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें घटी हैं. ऐसे में जो लोग सुरक्षित निवेश के साथ-साथ बेहतर रिटर्न चाहते हैं वो पोस्ट ऑफिस (Post Office) में निवेश कर सकते हैं. पोस्ट ऑफिस में कई ऐसी स्कीम्स हैं जिसमें बैंक के मुकाबले बहुत ज्यादा ब्याज मिल रहा है. जबकि महज 500 रुपये में आप पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खुलवा सकते हैं.
बैंक में ब्याज
दरअसल, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक (SBI) में बचत खातों पर सालाना महज 2.70 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. जबकि 5 साल और उससे ज्यादा समय के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर यह सरकारी बैंक 5.4 फीसदी ब्याज ऑफर कर रहा है. सीनियर सिटीजन को फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर 6.20 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है.
टाइम डिपॉजिट अकाउंट के बारे में
पोस्ट ऑफिस में निवेश पर किसी प्रकार का जोखिम नहीं होता है. बैंक के मुकाबले पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज मिलता है. फिलहाल पोस्ट ऑफिस में टाइम डिपॉजिट अकाउंट (Time Deposit Account) पर 6.7 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है. जबकि सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में 7.4 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है.
आप पोस्ट ऑफिस में महज 1000 रुपये में टाइम डिपॉजिट (TD) अकाउंट में निवेश कर सकते हैं. यह खाता खुलवाना बेहद आसान है. इसमें आप एक साल से 5 साल तक के लिए पैसे डिपॉजिट कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाना होगा. इसमें अधिकतम निवेश की सीमा नहीं है.
क्या है स्कीम
पोस्ट ऑफिस में टाइम डिपॉजिट अकाउंट के तहत 1 से 3 साल तक के लिए एफडी पर 5.5% ब्याज और 5 साल के लिए निवेश पर 6.7% ब्याज मिलेगा. यह ब्याज हर तिमाही के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है. हालांकि इसका भुगतान सालाना स्तर पर किया जाता है. बैंक के बचत खातों के मुकाबले इस स्कीम में ब्याज करीब डबल मिल रहा है.
बच्चे का भी खोल सकते हैं खाता
वैसे तो माता-पिता अपने बच्चों के नाम पर खाता खोल सकते हैं. लेकिन अगर बच्चे की उम्र 10 साल से ज्यादा है, तो वह खुद ही अकाउंट ऑपरेट भी कर सकता है. इसके अलावा आप इस स्कीम के तहत जितने चाहें उतने खाते खुलवा सकते हैं.
ज्वॉइंट अकाउंट की भी सुविधा
इस स्कीम के तहत आप न सिर्फ सिंगल अकाउंट खोल सकते हैं, बल्कि ज्वॉइंट अकाउंट खोलने की सुविधा भी मौजूद है. आप जब चाहें अपने ज्वॉइंट अकाउंट को सिंगल अकाउंट में कनवर्ट भी कर सकते हैं.
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)
इसके अलावा पोस्ट ऑफिस में 5 साल के नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) पर 6.8 फीसदी रिटर्न मिलता है. इसमें किए गए निवेश पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. हालांकि निवेश पर 5 साल का लॉकइन पीरियड रहता है यानी 5 साल से पहले आप इस पैसे को नहीं निकाल सकते हैं.
124 महीने में पैसे डबल
इसके अलावा किसान विकास पत्र में निवेश करने पर 124 महीने में रकम डबल हो जाएगी. दूसरी तिमाही यानी 30 सितंबर तक इसमें इंट्रेस्ट रेट 6.9 फीसदी तय किया गया है. पोस्ट ऑफिस की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, इस स्कीम का मेच्योरिटी पीरियड 124 महीने यानी 10 साल 4 महीने है.
डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?
शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट.
- Connect@ Money9.com
- Updated On - July 28, 2022 / 10:41 AM IST
शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट. हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है, लेकिन ट्रांजैक्शन (लेन-देन) को पूरा करने के लिए तीनों एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए.
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है. डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है. ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैट रूप में स्टोर (संग्रहित) करते हैं. फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया (प्रोसेस) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है. जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है.
डीमैट अकाउंट के प्रकार (टाइप)
डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव काफी सावधानी से करना चाहिए. कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है. निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. 5पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं.
1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट
एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा (डिपॉजिट) करना चाहते हैं. जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं. इसी तरह जब आप शेयर खरीदते हैं तो वो आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं. यदि आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है.
2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट
यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है, जिसे बाजार नियामक (मार्केट रेगुलेटर) सेबी ने पेश किया है. छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है. 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज (रखरखाव शुल्क) नहीं देना होगा. 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगता है.
3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)
प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता NRI (अनिवासी भारतीयों) के लिए है. इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेशों में भी पैसा भेज सकते हैं. हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट खाते को NRI (Non-Resident External) खाते से जोड़ा जाना चाहिए.
4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-repatriable Demat Account)
अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता भी है. हालांकि इस खाते के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है.
डीमैट अकाउंट के फायदे
डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है. शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखे जाते हैं. ऐसे में इनके चोरी, जालसाजी और नुकसान की संभावना बहुत कम होती है. ट्रेडिंग एक्टिविटी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. डीमैट खातों को कभी भी और कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है. बोनस स्टॉक, राइट्स इश्यू, स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं.
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट खाता खोलना अनिवार्य है. आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के माध्यम से डीमैट खाता (अकाउंट) खोल सकते हैं. सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) चुनना होगा. यह एक वित्तीय संस्थान, ऑथराइज बैंक या ब्रोकर कोई भी हो सकता है. आप उनके साथ एक डीमैट खाता खोल सकते हैं. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को ब्रोकरेज चार्ज, सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए. DP सिलेक्ट करने के बाद आपको खाता खोलने का फॉर्म, KYC फॉर्म भरना होगा और फिर जमा करना होगा. इसके साथ आपको कुछ डॉक्युमेंट भी देने होंगे.
इनमें पैन कार्ड, रेजिडेंस प्रूफ, आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं. वेरिफिकेशन प्रोसेस (सत्यापन प्रक्रिया) के लिए ओरिजनल कॉपी (मूल प्रति) अपने पास रखें. इसके अलावा आपको बैंक डिटेल देने के लिए एक कैंसिल चेक (रद्द चेक) जमा करना होगा. इसके बाद आपको एग्रीमेंट साइन करना होगा जिसमें रूल और रेगुलेशन के साथ-साथ आपके अधिकारों के बारे में सभी जानकारी होगी. आपको रूल और रेगुलेशन (नियमों और विनियमों) को ध्यान से पढ़ना चाहिए. आजकल कई प्लेटफॉर्म ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने की सुविधा देते हैं. अपने डीमैट की सरल प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आप अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं.
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