सही रणनीति के तहत निवेश कर अच्छा खासा रिटर्न जनरेट किया जा सकता है.

Sula Vineyards के शेयर पहले दिन 5% लुढ़के, निवेशक कड़वा घूंट लेकर निवेशकों को क्या जानना चाहिए निकलें या लंबी अवधि में चीयर्स का करें इंतजार?

देश की सबसे बड़ी वाइन कंपनी Sula Vineyards के शेयर आज 22 दिसंबर को बिना कोई धूम मचाए स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट हुए। एनालिस्ट्स का कहना है कि केवल लंबी अवधि में मुनाफे की उम्मीद करने वाले निवेशकों को ही स्टॉक में बने रखना चाहिए, जबकि बाकी लोगों को एक कड़वा घूंट लेकर इससे निकल जाना चाहिए

Sula Vineyards Share: देश की सबसे बड़ी वाइन कंपनी सुला वाइनयार्ड्स (Sula Vineyards) के शेयर बिना कोई धूमधाम मचाए आज 22 दिसंबर को स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट हुए। एनालिस्ट्स का कहना है कि केवल लंबी अवधि में मुनाफे की उम्मीद करने वाले निवेशकों को ही स्टॉक में बने रखना चाहिए, जबकि अलॉटमेंट पाने वाले बाकी लोगों को एक कड़वा घूंट लेकर इससे निकल जाना चाहिए। सुला वाइनयार्ड्स के शेयर आज अपने IPO प्राइस से 1 फीसदी की बढ़त के साथ लिस्ट हुए, लेकिन दिन का कारोबार आगे बढ़ने के साथ ही ये फिसल गए। दोपहर 2 बजे के करीब स्टॉक बीएसई पर, करीब 5.25% की गिरावट के साथ 339.20 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था।

Mehta Equities के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत ताप्से ने कहा, "बाजार के मिजाज को देखते हुए, हम अलॉटमेंट पाने वाले निवेशकों को लिस्टिंग के दिन बाहर निकलने की सलाह देते हैं। लोगों को लिस्टिंग के बाद इसमें बेहतर और कम वैल्यूएशन पर खरीदारी का मौका बनने का इंतजार करना चाहिए। अगर लिस्टिंग के दिन निवेशक इसमें खरीदारी करना चाहते हैं, तो रुढ़िवादी निवेशकों को हमारी कुछ समय और इंतजार करने की सलाह है। वहीं जोखिम लेने वाले निवेशक लंबी अवधि के लिए इसे अपने पोर्टफोलियो में जोड़े रख सकते हैं।"

Sula Vineyards का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) 12 से 14 दिसंबर के बीच खुला था और इसे कुल 2.33 गुना अधिक बोली मिली था। सभी कैटेगरी के निवेशकों ने इसे पूरा सब्सक्राइब किया था, लेकिन फिर भी सब्सक्रिप्शन का आंकड़ा एनालिस्ट्स की उम्मीदों से कम था। यह IPO पूरी तरफ से कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों की तरफ से ऑफर-फॉर-सेल (OFS) था, जिसका मतलब है कि कंपनी को IPO से कोई पैसा नहीं मिला।

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

महंगाई और केंद्रीय बैंकों के सख्त रूख से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. बाजार में दबाव के बीच छोटे निवेशक ऐसी गलतियां कर देते हैं जिनका उन्हे हमेशा पछतावा रहता है. जानिये बाजार में गिरावट के समय किन गलतियों से दूर रहें

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों की वजह से घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिल रही है. शुक्रवार को ही बाजार में निवेशकों ने 6 लाख करोड़ रुपये गंवा दिये है. वहीं बाजार के जानकार आगे भी अनिश्चितता के बीच बाजार में दबाव बने रहने की बात कर रहे हैं. ऐसे में आम लोगों के बीच डर और लालच दोनों ही बढ़ने की आशंका बन गई है. बाजार के अधिकांश जानकार आम निवेशकों से हर स्थिति में सोचसमझ कर फैसला लेने की बात निवेशकों को क्या जानना चाहिए करते हैं. लेकिन डर या लालच हावी होने पर आम निवेशक अक्सर ऐसा फैसला ले लेतें हैं जिससे उनका नुकसान होना तय हो जाता है. जानिए अगर बाजार में गिरावट हावी हो रही हो तो आपको किन गलतियों से दूर रहने की जरूरत है.

घबराहट में बिकवाली करना

शेयर बाजार में गिरावट आने पर बिना सोचे समझे शेयर बेचने से बड़ी गलती कोई नहीं है. हालांकि ये भी सही नहीं है कि हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें. अगर आपने सिर्फ स्टॉक के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं निवेश किया है तो तुरंत निवेश की समीक्षा करें और तेजी के साथ फैसला लें . हालांकि अगर आपने किसी कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर सोच समझकर निवेश किया है तो शांत रहें, मजबूत कंपनियों में संभावना होती है कि वो रिकवरी के संकेत दिखते ही न केवल अपने नुकसान की भरपाई करती हैं वहीं इस गति के साथ वो और बढ़त भी दर्ज करती हैं. सलाह दी जाती है कि निवेश सोचसमझ कर करें फिर अपने इस फैसले पर भरोसा बनाए रखें..

बाजार में निवेश बंद करना

छोटे निवेशकों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो बाजार में गिरावट आते ही उसको लेकर नकारात्मक छवि गढ़ लेते हैं. ध्यान रखें की बाजार एक ऐसी जगह है जहां कई लोग तब भी कमा रहे होते हैं जब बाजार गिर रहा होता है…हालांकि इसके लिए बाजार की काफी अच्छी जानकारी होनी चाहिए. छोटे निवेशकों को चाहिए कि वो किसी भरोसे के मार्केट एक्सपर्ट के संपर्क में बने रहें. और गिरावट के बीच उनसे निवेशक के विकल्प के बारे में सलाह ले सकते हैं. सलाह है कि बाजार को लेकर सकारात्मक या नकारात्मक कोई राय न बनाएं. बेहतर है कि बाजार को समझने की कोशिश करें, जानकारों से बात करें उनसे सलाह लें और निवेश के विकल्प हमेशा खुले रखें

एसआईपी को बंद करना

बाजार में गिरावट के बीच ये एक और बड़ी गलती है जिसे छोटे निवेशक करते है. बाजार अगर गिरता है तो कई स्कीम के रिटर्न निगेटिव दिखने लगते हैं. ऐसे में कई लोग एसआईपी बंद करा देते हैं. हालांकि वो नहीं समझ पाते कि उन्होने दोगुना नुकसान उठाया है. पहला वो निवेश का चक्र तोड़ देते हैं वहीं निचले स्तरों पर पहुंचे स्टॉक्स की खरीद का फायदा गंवा देते हैं. साल 2008 में आए क्रैश के दौरान कई लोगों ने अपनी एसआईपी बंद कर दी थी. हालांकि जिन लोगो ने निवेश जारी रखा उन्हें बाजार में रिकवरी के साथ तगड़ा मुनाफा मिला. बाजार में एसआईपी के जरिए निवेश किसी भी छोटे निवेशक के लिए सबसे कारगर तरीका होता है हर महीने छोटी रकम के साथ निवेशक बाजार के एक्सपर्ट्स की रणनीतियों का फायदा उठाते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि आप स्कीम पर नजर रखना ही छोड़ दें. आपको अपने निवेश की जानकारी होनी जरूरी है. ध्यान रखें कि एसआईपी समय से पहले बंद करने के नुकसान होते हैं इसलिए सोचसमझ कर ही इस पर निर्णय लिया जाना जरूरी है.

बड़ी मात्रा में निवेश करना

शेयर बाजार के लुढ़कने के दौरान एक शब्द काफी चलन में आ जाता है. वो है buying at dip यानि गिरावट पर खरीदारी. अधिकांश छोटे निवेशक भी इसके फेर में आ जाते हैं क्योंकि उन्हें भी ये गणित काफी सीधा लगता है जिसमें कम कीमत पर खरीदना और ज्यादा कीमत पर बेचने की सोच होती है. लेकिन ये उतना सीधा नहीं है जितना ये लगता है.

पहला छोटे निवेशक नहीं जानते कि किसी स्टॉक में आई गिरावट के मायने क्या हैं. क्या वो अपने सही कीमत से गिर कर नीचे आया है या फिर वो गिरावट के बाद अपनी सही कीमत पर पहुंचा है. दूसरा छोटे निवेशकों को पता नहीं होता कि स्टॉक कितना गिरेगा और इसमें रिकवरी कब तक आएगी. इन सभी सवालों के बीच बाजार में बड़ी मात्रा में निवेश करना गलत कदम साबित हो सकता है.

Stock Market Investment: बाजार में आ चुकी है बड़ी गिरावट, क्या निवेशकों के लिए ‘लालची’ बन जाने का है मौका

Stock Market: बाजार में आई बड़ी गिरावट के बीच क्या निवेशकों के लिए यह निवेश का सही मौका है? यहां हमने बताया है कि ऐसे समय में निवेशकों की सही स्ट्रेटेजी क्या होनी चाहिए.

Stock Market Investment: बाजार में आ चुकी है बड़ी गिरावट, क्या निवेशकों के लिए ‘लालची’ बन जाने का है मौका

सही रणनीति के तहत निवेश कर अच्छा खासा रिटर्न जनरेट किया जा सकता है.

Stock Market Investment: बाजार में लगातार गिरावट का दौर जारी है. बाजार किस ओर जाएगा इसका सटीक अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. हालांकि, सही रणनीति के तहत निवेश कर बाजार से अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. निवेशकों को बाजार में गिरावट के समय घबराकर किसी भी तरह के फैसले लेने से बचना चाहिए. महामारी के चलते लोगों में बचत करने की आदत बढ़ी है. लोगों ने अपने खर्चों में कटौती की, जिसके चलते कच्चे माल और वस्तुओं की आपूर्ति गिर गई व सप्लाई चेन प्रभावित हुआ. इससे कीमतों में उछाल आया और महंगाई बढ़ गई. साथ ही, रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते भी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है. कोरोना महामारी समेत कई अन्य कारणों के चलते भी निवेशकों में डर लगातार बढ़ रहा है.

बाजार में आई इस बड़ी गिरावट के बीच क्या निवेशकों के लिए यह निवेश का सही मौका है? आइए जानते हैं कि ऐसे समय में निवेशकों को क्या करना चाहिए और उनकी सही स्ट्रेटेजी क्या होनी चाहिए.

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इतिहास से ले सकते हैं सीख

हार्टफोर्ड फंड्स के अनुसार, 1928 के बाद से 26 बियर मार्केट रहे हैं. वहीं, बुल मार्केट 27 रहा है. बियर मार्केट में स्टॉक औसतन 36% गिर जाता है, लेकिन बुल मार्केट के दौरान यह औसतन 114% चढ़ता है. हर बियर मार्केट के बाद एक बुल मार्केट होता है. एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि बियर मार्केट औसतन 289 दिनों तक चलते हैं, जबकि बुल मार्केट 991 दिनों से ऊपर चल सकते हैं.

निवेशकों को मंदी का डर है. लेकिन इतिहास यह भी बताता है कि हर बियर मार्केट के चलते मंदी नहीं आई. यह इकनॉमिक स्लोडाउन भी हो सकता है. 1929 के बाद से दुनिया में 26 बियर मार्केट और केवल 15 बार मंदी आई है. इस तरह, इतिहास से पता चलता है कि बियर मार्केट टेंपररी है. बुल मार्केट की तुलना में एक बियर मार्केट अल्पकालिक होता है. और हर बियर बाजार के बाद शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आता है.

बियर मार्केट के दौरान क्या हो निवेश की स्ट्रेटेजी

सबसे अहम बात यह है कि शांत रहें और घबराएं नहीं. कहीं भी निवेश करने के बजाए सही स्ट्रेटेजी अपनाएं. लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करें न कि शॉर्ट टर्म के लिए. विश्लेषण के आधार पर निर्णय लें न कि भावनाओं के आधार पर. और हां, एक्सपर्ट की मदद जरूर लें.

लंबी अवधि के लिए निवेशकों को क्या जानना चाहिए निवेश करें

वारेन बफेट कहते हैं, “जब दूसरे लालची हों तो डर जाएं और जब दूसरे भयभीत हों तो लालची बनें.” ज्यादातर निवेशक ऐसे शेयरों में निवेश करते हैं जो सुरक्षित लग सकते हैं. लेकिन यह शॉर्ट टर्म मानसिकता उनके पोर्टफोलियो को कमजोर करती है, और जब बाजार में वापसी होती है तो वे बड़े फायदे से चूक जाते हैं. कई बड़ी कंपनियां हैं जिनके शेयर की कीमतें बाजार में डर के कारण गिरती हैं, भले ही उनका लॉन्ग टर्म में प्रदर्शन कुछ भी निवेशकों को क्या जानना चाहिए हो. अगर आप जानते हैं कि उन कंपनियों को कैसे चुनना है, जिनमें उछाल की संभावना है तो आप उनके शेयर कम कीमतों पर खरीद सकते हैं. और बाद में अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.

अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाएं

बियर मार्केट हो या न हो, अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाना और शेयरों का मिश्रण रखना हमेशा एक बेहतरीन रणनीति होती है. हर कंपनी के शेयर की कीमतें समान मात्रा में नहीं गिरती हैं. अगर आपके पास नुकसान वाली कंपनियों की तुलना में मुनाफे वाली कंपनियां अधिक हैं तो आप हमेशा फायदे में रहेंगे. यही कारण है कि आपको पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन के लिए एक्सपर्ट्स की मदद लेनी चाहिए. ऐसी कंपनियां हैं जिनके शेयर की कीमतें काफी ज्यादा हैं लेकिन वे कर्ज में डूबी हुई हैं और उनका प्रदर्शन भी अच्छा नहीं है. ऐसी कंपनियों को अपने निवेशकों को क्या जानना चाहिए पोर्टफोलियो से हटा दें.

ऐसी कंपनियों में निवेश करें जिनका फंडामेंटल मजबूत हो. इसके साथ ही, हेल्दी बैलेंस शीट और लंबे समय तक प्रदर्शन करने वाली हों. एक इंडेक्स फंड और ईटीएफ आपको एक स्टॉक में निवेश करने के बजाय कई कंपनियों में अपने फंड में विविधता लाने की अनुमति देता है.

एसेट एलोकेशन पर दें ध्यान

अपने गोल्स, इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव और रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर अलग-अलग इन्वेस्टमेंट एसेट्स का एक पोर्टफोलियो रखें. सही रणनीति यह है कि आपके पोर्टफोलियो का एक हिस्सा बाजार की स्थिति के आधार पर आगे और पीछे निवेश किया जाए.

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में कर सकते हैं निवेश

SIP के ज़रिए आप नियमित रूप से एक निश्चित राशि का निवेश कर सकते हैं. आप एक म्यूचुअल फंड स्कीम में एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड बाजार के साधन हैं जो स्टॉक, बॉन्ड, कमोडिटी आदि में फंड निवेश करते हैं. एकमुश्त निवेश करने के बजाय, आप अलग अलग जगह समान रूप से निवेश कर सकते हैं. यह बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम को और कम करता है.

मोमेंटम इन्वेस्टिंग क्या होता है? इसके क्या फायदे हैं और कब इस ट्रिक का इस्तेमाल करना चाहिए

मोमेंटम इन्वेस्टर्स का नजरिया शॉर्ट और फोकस हाई रिटर्न पर होता है. ऐसे में उनके लिए फंडामेंटल बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता है.

मोमेंटम इन्वेस्टिंग क्या होता है? इसके क्या फायदे हैं और कब इस ट्रिक का इस्तेमाल करना चाहिए

अगर आप शेयर बाजार में निवेश (Share market investment) करते हैं या इसके बारे में जानते हैं तो मोमेंटम इन्वेस्टिंग (Momentum Investing) टर्म से वाकिफ जरूर होंगे. निवेश का परंपरागत तरीका कहता है कि जब स्टॉक में गिरावट आए तब खरीदारी करें और जब इसमें तेजी आए तो बेच दें. मोमेंटम इन्वेस्टिंग निवेश का वह तरीका है जिसमें एक स्टॉक को तब खरीदा जाता है जब इसमें तेजी हो. जब तेजी का ग्राफ और ऊपर जाता है तो बेचने की सलाह दी जाती है. कई निवेशकों के लिए मोमेंटम इन्वेस्टिंग बड़ा ही सटीक और कारगर टेक्निक लगती है. मोमेंटम इन्वेस्टिंग में उन स्टॉक्स का चयन किया जाता है जिसका पिछले 3-12 महीने में रिटर्न शानदार निवेशकों को क्या जानना चाहिए रहा हो. उन स्टॉक्स से निवेशकों को निकलने की सलाह दी जाती है जिन्हों इस दौरान कमजोर रिटर्न दिया हो.

मोमेंटम इन्वेस्टिंग के तहत बाजार की वोलाटिलिटी निवेशकों को क्या जानना चाहिए के साथ तालमेल बिठाना होता है. निवेशकों को यह पता होना चाहिए कि किस स्टॉक में बुल रन की शुरुआत हो चुकी है ताकि सही समय पर खरीदारी की जा सके. स्टॉक के पीक पर पहुंचने के बाद उसे बेच दिया जाता है. निवेशक इसमें शॉर्ट टर्म में निवेश करते हैं और रिटर्न लेकर बाजार से निकल जाते हैं.

निवेश का नजरिया शॉर्ट होता है

निवेशक एक स्टॉक से खरीदारी करने के बाद दूसरे स्टॉक की तलाश करता है. कुल मिलाकर निवेशक का नजरिया शॉर्ट टर्म के लिए होता है. हालांकि, यह स्किल्ड ट्रेडर्स के लिए कारगर तरीका है. अगर आप नए निवेशक हैं तो मोमेंटम इन्वेस्टिंग से बचना चाहिए. जानकारी के अभाव में भारी नुकसान भी हो सकता है. मोमेंटम इन्वेस्टिंग उन निवेशकों के लिए है जो बाजार में एंट्री और एग्जिट के बारे में सही अनुभव रखते हैं. वे नुकसान को भी लिमिटेड करना जानते हैं.

मुझे निवेश कब शुरू करना चाहिए? अभी या रुको?

बहुत सारे निवेशक इस दुविधा का सामना करते हैं कि "कब शुरू करें"निवेशक्या मुझे इंतजार करना चाहिए aमंडी सुधार? समाचार और बहुत से लोग कह रहे हैं कि बाजार "उच्च", "ओवरवैल्यूड", "विस्तारित", आदि है। प्रतीक्षा निवेशकों को क्या जानना चाहिए करना और इसे ठंडा होने देना और फिर निवेश करना बुद्धिमानी हो सकती है। जाहिर है, शुरुआती बिंदु बहुत मायने रखता है!

जब बाजार तेजी पर होता है, तो कोई भी वास्तव में चिंता नहीं करता है, हालांकि जब बाजार कुछ समय के लिए ऊपर जा रहा है, तो यही वह जगह है जहां अधिकांश प्रश्न आते हैं। साथ ही जब बाजार में मंदी होती है, तब भी, क्योंकि अधिकांश निवेशक उम्मीद करते हैं। बाजार और नीचे जाएंगे।

तो, क्या मार्किंग-टाइमिंग इतना महत्वपूर्ण है? क्या इंतजार करना, देखना और निवेश करना समझ में आता है?

आइए ऊपर दिए गए कुछ सवालों के जवाब जानें।

नीचे दिए गए ग्राफ को देखें.

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इक्विटी मार्केट में उतरने का यह सबसे खराब दौर था!इन्वेस्टर जिसे सितंबर 1994 के आसपास मिला था, उसे खोई हुई कीमत हासिल करने के लिए लगभग 5 साल निवेशकों को क्या जानना चाहिए इंतजार करना पड़ा! लेकिन हम जानते हैं कि स्मार्ट निवेशकों की औसत लागत होती है, वे वही होते हैं जो नियमित रूप से निवेश करते रहते हैं।

इसलिए, हमने उन निवेशकों का विश्लेषण किया जिन्होंने a . में निवेश किया थासिप 15 साल की अवधि के लिए सबसे खराब समय (सितंबर '94) से शुरू। हमने उन निवेशकों को भी लिया जिन्होंने इस बेहद खराब दौर में निवेश करना शुरू किया, एक साल अलग।

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उपरोक्त 5 निवेशक थे जिन्होंने सबसे खराब अवधि में अपना एसआईपी शुरू किया, एक निवेशक ने सबसे खराब अवधि के अंत में संयोग से शुरुआत की!

तो, उनका रिटर्न कैसा था? नीचे पर एक नजर डालें:

प्रारंभिक अवधि वार्षिक रिटर्न
निवेशक 1 सितम्बर-94 15-6%
निवेशक 2 सितम्बर-95 16.7%
निवेशक 3 सितम्बर-96 13.4%
निवेशक 4 सितम्बर-97 13.9%
निवेशक 5 सितम्बर-98 13.2%

तो, सबसे खराब समय पर शुरू करने वाले निवेशक ने वास्तव में उन सभी के बीच दूसरा सबसे ज्यादा रिटर्न अर्जित किया! जो सबसे लंबे समय तक दूर रहा उसने सबसे कम कमाया!

तो, हम इससे क्या सीखते हैं? जाहिर है, जो सबसे महत्वपूर्ण है वह है बाजार में समय बिताना, दूसरी बात, बाजार को समय न देना! लंबे समय में, नियमित रूप से निवेश करना और निवेशित रहना महत्वपूर्ण है, इससे आपको रिटर्न मिलेगा!

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