निर्माण क्षेत्र में एचडीपीई पाइप का उपयोग बड़ा है, भले ही यह इलेक्ट्रिक केबल के लिए हो, सैनिटेशन के लिए या फिर किसी केबल पुल में इस्तेमाल के लिए| एचडीपीई पाइप का उपयोग करने के महत्वपूर्ण फायदों में से एक यह है कि वे कास्ट आयरन और गेलवनाइज़्ड आयरन के पाइप की तुलना में 6-8 गुना हल्के हैं| कठोर और लचीले होने के साथ इन्हें आसानी से वेल्ड भी किया जा सकता है|
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना 23 सितंबर, 1887 में हुई थी तथा यह भारत के चौथे एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। यह संयुक्त प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर, सर विलियम म्योर की देख-रेख में स्थापित किया गया था व भवन का सर विलियम एमर्सन द्वारा डिजाइन किया गया था। इस विश्वविद्यालय की वास्तुकला में मिस्र, इंग्लैंड और भारत वास्तु तत्वों के अंश देखे जा सकते हैं।
वर्ष 1872 में स्थापित इलाहाबाद विश्वविद्यालय का गणित विभाग भारत में शिक्षा के सबसे प्रमुख केंद्रों में से एक है। यह विभाग एक दो मंजिला गॉथिक शैली में निर्मित भवन में मौजूद है जिसकी वास्तुकला में ठेठ इलाहाबादी मेहराब एवं छाया-आकृति देखी जा सकती हैं। इसकी कक्षाओं में ऊँची गुबंद देखी जा सकती हैं तथा दीवार से छत तक पाठ्यपुस्तकों को देखा जा सकता है। विश्वविद्यालय के “पूर्व के ऑक्सफ़ोर्ड” होने के दावे को विभाग स्पष्ट रूप से दर्शाता है। बीजगणित, तरल यांत्रिकी, रेखागणित एवं गणितीय पारिस्थितिकी के कई विश्व प्रसिद्ध विद्वान यहीं से उभरे हैं।
वनस्पति विज्ञान विभाग
वनस्पति विज्ञान विभाग एक औपनिवेशिक युग के भवन में स्थित है जिसकी वास्तुकला में भारत-इस्लामिक शैली के साथ शास्त्रीय समरूपता देखी जा सकती है। यह वर्ष 1923 में स्थापित हुई थी तथा यह चारों ओर से खजूर के पेड़ों से घिरा हुआ है। यह भारत के सबसे पुराने वनस्पति विज्ञान विभागों में से एक है।
कर्नलगंज के समीप कटरा में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कला और विज्ञान संकायों के बीच एक गली के रूप में विश्वविद्यालय रोड स्थित है। इस मार्ग की यात्रा के जरिये विश्वविद्यालय के छात्रों के जीवन की यात्रा का अनुभव किया जा सकता है। यहाँ पर ढेरों फुटपाथ विक्रेता देखे जा सकते हैं जो रोजमर्रा के अनेक पदार्थ विक्रय करते हैं। यहाँ विक्रय होने वाले पदार्थों में स्टेशनरी से लेकर भोजन एवं दैनिक जरूरत की वस्तुएं शामिल हैं। इस स्थान के बारे में दिलचस्प तथ्य यह है कि यहाँ किताबें किलोग्राम में बेची जाती हैं।
प्राचीन इतिहास विभाग
इस विभाग ने भारतीय प्रागितिहास, धर्म, दर्शनशास्र, पुरातत्त्व एवं मनुष्य जाति के विज्ञान के अध्ययन में बेहद योगदान दिया है। यह प्रोफेसर जी.आर. शर्मा की देख-रेख में स्थापित किया था जिन्होंने पुरातात्विक महत्व एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है की व्यापक खुदाई परियोजनाएं की शुरुआत करी। विभाग द्वारा गंगा घाटी के इतिहास पर प्रकाश डाला गया। जी.आर शर्मा मेमोरियल संग्रहालय में विभाग द्वारा की गई प्राचीन वस्तुओं की खोज संग्रहित है।
स्कॉटिश, बरोनियल, अवधी, मुगल एवं ब्रिटिश वास्तुकला शैली के मिश्रण से केंद्रीय पुस्तकालय का निर्माण किया गया है जिसके वास्तुकार सर स्विन्टन जैकब थे। वर्तमान संरचना का निर्माण वर्ष 1973 में किया गया था। पुस्तकालय के सामने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की एक प्रतिमा स्थापित है जो हिन्दी साहित्य के एक प्रख्यापित हस्ती हैं।
प से शुरू होने वाले लडकियों के नाम
नाम का पहला अक्षर लड़की के जीवन को काफी प्रभावित करता है। पहला अक्षर यानी प अक्षर उसके स्वभाव को भी दर्शाता है। नाम का पहला अक्षर लड़की के जीवन पर सिर्फ नकारात्मक ही नहीं सकारात्मक प्रभाव भी डालता है। लड़की में क्या खासियत हैं और क्या गलतियां हैं, यह सब नाम के पहले अक्षर पर ही निर्भर करता है। जिंदगी के हर पहलू पर नाम के पहले अक्षर का असर दिखता है जो कि अच्छा या बुरा हो सकता है। इसी वजह से बच्चे का नाम रखने से पहले माता-पिता काफी सतर्क रहते हैं। लड़की के नाम के पहले अक्षर के सम्बन्ध में अच्छी तरह विचार-विमर्श करते हैं और नामकरण करवाते हैं। हालांकि, एक नाम में मौजूद सभी अक्षरों का खास महत्व होता है लेकिन माना जाता है कि नाम के शुरुआती अक्षर में सबसे ज्यादा ऊर्जा बसी होती है। कहने का मतलब है कि व्यक्तित्व की सारी प्रेरक क्षमताएं लड़की के नाम के पहले अक्षर यानी प में होती हैं। नाम के पहले अक्षर यानी प से लड़की की क्षमता, प्रतिभा और जीवन में प्राप्त होने वाली सफलताओं का पता लगाया जा सकता है। नाम के प्रथम अक्षर से यह भी जाना जा सकता है कि लड़की के जीवन में क्या मुश्किलें, चुनौतियां और अवसर मिलेंगें। कई भविष्यविद् लड़की के भविष्य के बारे में जानने के लिए नाम के प्रथम अक्षर का ही अध्ययन करते हैं एवं वह आपके नाम के प्रथम अक्षर यानि प को देखते हैं। इसी से साबित होता है कि आपके पूरे नाम में पहला अक्षर ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। लड़की के नाम के पहले अक्षर से उनके व्यक्तित्व के विषय में संकेत मिल सकते हैं। अब आप कैसे हैं या आपमें क्या अच्छा या बुरा है, ये सब नाम के पहले अक्षर प से पता लगाया जा सकता है। प अक्षर वाली लड़की दूसरों के साथ किस तरह बात करती हैं, अपनी सोशल लाइफ में कैसी हैं, ज्यादा गुस्सा करती हैं या कम, बड़बोली हैं या कम बोलती हैं, आलसी हैं या मेहनती - इस सबके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है, वो भी केवल प अक्षर के आधार पर। जीवन में सफलता और असफलता का पता भी नाम के पहले अक्षर से चल सकता है। इसके अलावा आपके नाम के प्रथम अक्षर से आपके करियर, प्रेम, वैवाहिक एवं पारिवारिक जीवन के बारे में जान सकते हैं।
प्राचीन इतिहास विभाग
इस विभाग ने भारतीय प्रागितिहास, धर्म, दर्शनशास्र, पुरातत्त्व एवं मनुष्य जाति के विज्ञान के अध्ययन में बेहद योगदान दिया है। यह प्रोफेसर जी.आर. शर्मा की देख-रेख में स्थापित किया था जिन्होंने पुरातात्विक महत्व की व्यापक खुदाई परियोजनाएं की शुरुआत करी। विभाग द्वारा गंगा घाटी के इतिहास पर प्रकाश डाला गया। जी.आर शर्मा मेमोरियल संग्रहालय में विभाग द्वारा की गई प्राचीन वस्तुओं की खोज संग्रहित है।
स्कॉटिश, बरोनियल, अवधी, मुगल एवं ब्रिटिश वास्तुकला शैली के मिश्रण से केंद्रीय पुस्तकालय का निर्माण किया गया है जिसके वास्तुकार सर स्विन्टन जैकब थे। वर्तमान संरचना का निर्माण वर्ष 1973 में किया गया था। पुस्तकालय के सामने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की एक प्रतिमा स्थापित है जो हिन्दी साहित्य के एक प्रख्यापित हस्ती हैं।
सीनेट हॉल
सीनेट हॉल का निर्माण सर स्विन्टन जैकब द्वारा वर्ष 1910-1915 में कराया गया था। यह अनेक छतरी एवं झरोखों द्वारा सजा हुआ है साथ ही इसमें ठेठ इलाहाबादी मेहराब देखे जा सकते हैं।
यह महाविद्यालय वर्ष 1951 में स्थापित हुआ था। यह कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट द्वारा अनुरक्षित है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ग्यारह घटक और चौदह हॉस्टल कॉलेज हैं।
HDPE Plastic क्या होता एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है है | HDPE Full Form
What is HDPE: एच.डी.पी.ई आज मैन्युफैक्चरिंग में उपयोग की जाने वाली सबसे लोकप्रिय सामग्रियों में से एक है| एच.डी.पी.ई का उपयोग कई अलग-अलग प्रकार के उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है, और अक्सर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में कम्पोजिट सामग्री बनाने के लिए इसे रिसाइकिल भी किया जाता है| आइये जानते हैं एचडीपीई क्या होता है (What is HDPE) और इसके फायदे (HDPE Full Form):
एच.डी.पी.ई का फुल फॉर्म (HDPE Full Form)
HDPE Full Form: High Density Polyethylene
हाई डेंसिटी पॉली एथिलीन (एचडीपीई) पेट्रोलियम से बना एक थर्मोप्लास्टिक पॉलीमर होता है| ज्ञात हो कि थर्मोप्लास्टिक उन पदार्थों (विशेष रूप से सिंथेटिक रेजिन) को दर्शाता है जो हीटिंग करने पर पिघल जाते हैं और ठंडा होने पर कठोर हो जाते हैं, और इस प्रक्रिया को दोहराने में सक्षम होते हैं| एचडीपीई प्लास्टिक का उपयोग विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट बनाने में किया जाता है, जिसमें प्लास्टिक की बोतलें, दूध के जग, शैम्पू की बोतलें, ब्लीच बोतलें, कटिंग बोर्ड और पाइपिंग आदि शामिल हैं|
HDPE प्लास्टिक के फायदे
हाई डेंसिटी पॉली एथिलीन (एचडीपीई) शीट को कम रखरखाव, सुरक्षित और लंबे समय तक चलने के लिए इंजीनियर किया जाता है| एचडीपीई की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- आसानी से पिघलने योग्य और मोल्ड करने योग्य
इस प्लास्टिक सामग्री के प्राथमिक लाभों में से एक है एचडीपीई का शीट आकार में आसानी से मोल्ड हो जाना| इसके हाई मेल्टिंग पॉइंट के कारण यह उच्च तापमान तक भी कठोर रहता है| हालांकि, एक बार जब यह अपने मेल्टिंग पॉइंट तक पहुंच जाता है, तो प्लास्टिक सामग्री को कटिंग बोर्डों, डिटर्जेंट बोतलों, दूध के जग, खाद्य भंडारण कंटेनरों, जंग-प्रतिरोधी पाइपिंग, जियोमेम्ब्रेन सहित विभिन्न उपयोग के लिए जल्दी और कुशलता से ढाला जा सकता है|
- अधिक स्ट्रेंथ - डेंसिटी अनुपात
एचडीपीई की डेंसिटी 0.93 से 0.97 ग्राम तक हो सकती है, हालांकि एचडीपीई की डेंसिटी एलडीपीई (कम घनत्व वाले पॉली एथिलीन) की तुलना में केवल मामूली रूप से अधिक होती है, लेकिन माइक्रोस्कोपिक लेवल पर देखा जाए तो, एचडीपीई की लीनियर संरचना में थोड़ी शाखाएं भी मौजूद होती हैं, जो इसे एलडीपीई की तुलना में मजबूत इंटरमॉलिक्युलर बल और टेंसाइल स्ट्रेंथ प्रदान करती है|
प से शुरू होने वाले लडकियों के नाम
नाम का पहला अक्षर लड़की के जीवन को काफी प्रभावित करता है। पहला अक्षर यानी प अक्षर उसके स्वभाव को भी दर्शाता है। नाम का पहला अक्षर लड़की के जीवन पर सिर्फ नकारात्मक ही नहीं सकारात्मक प्रभाव भी डालता है। लड़की में क्या खासियत हैं और क्या गलतियां हैं, यह सब नाम के पहले अक्षर पर ही निर्भर करता है। जिंदगी के हर पहलू पर नाम के पहले अक्षर का असर दिखता है जो कि अच्छा या बुरा हो सकता है। इसी वजह से बच्चे का नाम रखने से पहले माता-पिता काफी सतर्क रहते हैं। लड़की के नाम के पहले अक्षर के सम्बन्ध में अच्छी तरह विचार-विमर्श करते हैं और नामकरण करवाते हैं। हालांकि, एक नाम में मौजूद सभी अक्षरों का खास महत्व होता है लेकिन माना जाता है कि नाम के शुरुआती अक्षर में सबसे ज्यादा ऊर्जा बसी होती है। कहने का मतलब है कि व्यक्तित्व की सारी प्रेरक क्षमताएं लड़की के नाम के पहले अक्षर यानी प में होती हैं। नाम के पहले अक्षर यानी प से लड़की की क्षमता, प्रतिभा और जीवन में प्राप्त होने वाली सफलताओं का पता लगाया जा सकता है। नाम के प्रथम अक्षर से यह भी जाना जा सकता है कि लड़की के जीवन में क्या मुश्किलें, चुनौतियां और अवसर मिलेंगें। कई भविष्यविद् लड़की के भविष्य के बारे में जानने के लिए नाम के प्रथम अक्षर का ही अध्ययन करते हैं एवं वह आपके नाम के प्रथम अक्षर यानि प को देखते हैं। इसी से साबित होता है कि आपके पूरे नाम में पहला अक्षर ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। लड़की के नाम के पहले अक्षर से उनके व्यक्तित्व के विषय में संकेत मिल सकते हैं। अब आप कैसे हैं या आपमें क्या अच्छा या बुरा है, ये सब नाम के पहले अक्षर प से पता लगाया जा सकता है। प अक्षर वाली लड़की दूसरों के साथ किस तरह बात करती हैं, अपनी सोशल लाइफ में कैसी हैं, ज्यादा गुस्सा करती हैं या कम, बड़बोली हैं या कम बोलती हैं, आलसी हैं या मेहनती - इस सबके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है, वो भी केवल प अक्षर के आधार पर। जीवन में सफलता और असफलता का पता भी नाम के पहले अक्षर से चल सकता है। इसके अलावा आपके नाम के प्रथम अक्षर से आपके करियर, प्रेम, वैवाहिक एवं पारिवारिक जीवन के बारे में जान सकते हैं।
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