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Budget 2023: ब्रोकर्स की बजट को लेकर लंबी चौड़ी विशलिस्ट, जानिए क्या-क्या हैं उम्मीदें

Budget 2023: ब्रोकर संगठनों की बजट में वित्त मंत्री से 7 कमोडिटी पर लगी पाबंदी हटाने की मांग की है. उनका कहा है कि मांग कि सौदे करने की लागत को घटाया जाए. सौदा करना महंगा होने पर मार्केट शिफ्ट होने का डर है.

सेबी रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज के लिए इंडस्ट्री का दर्जा. (File Photo)

Budget 2023: हर साल की तरह इस साल भी ब्रोकर्स (Brokers) की बजट को लेकर लंबी चौडी विशलिस्ट है. ब्रोकर्स की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से मांगों में सेबी रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज के लिए इंडस्ट्री का दर्जा, इनकम क्लासिफिकेशन घटाया जाए, शामिल हैं. और क्या-क्या उम्मीदें हैं और इससे क्या फायदे होंगे? इस पर ज़ी मीडिया संवाददाता ब्रजेश कुमार ने ANMI के प्रेसिडेंट कमलेश शाह और CPAI के प्रेसिडेंट नरिंदर वाधवा से बात की.

1 साल का यह कोर्स कर आप भी कमा सकते हैं लाखों रुपये, जानिए- Course के बारे में

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नई दिल्ली, जेएनएन। आज के युग में मार्केटिंग, बैंकिंग, स्टॉक ब्रोकिंग, अकाउंटेंसी के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन प्रगति हो रही है। साथ ही इन क्षेत्रों में करियर के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए स्टॉक ब्रोकर एक आकर्षक करियर मना जाता है। अगर आप यह समझते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी कैसे काम करता है और आपको इन सब क्षेत्रों में रुचि है, तो स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र का चयन करना आपके करियर के लिए यकीनन सही होगा. ।

फाइनेंशियल शब्दों में स्टॉक्स और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रॉसेस को ‘स्टॉक ब्रोकिंग’ कहा जाता है। हमारे देश में स्टॉक मार्केट के फील्ड में स्टूडेंट्स के लिए अभी बहुत अच्छे करियर ऑप्शंस उपलब्ध हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट (प्राइम ब्रोकर क्या है पिछले वर्ष की मॉडरेट ग्रोथ रेट) 5 से 10 फीसदी से ज्यादा है और एस्टीमेटेड रेवेन्यू 19 से 20 हजार करोड़ के आसपास रहेगा। इसलिए, भारत में स्टॉक ब्रोकिंग के फील्ड में कैंडिडेट्स का भविष्य आशाजनक है और कुछ वर्षों के वर्क एक्सपीरियंस के बाद इन प्रोफेशनल्स को काफी अच्छा सालाना सैलरी पैकेज भी मिलता है।

Property Broker कभी नहीं देते ये 5 जरूरी जानकारी, Flat बुक करने से पहले खुद से करें पता

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: August 03, 2022 16:48 IST

Property buying tips - India TV Hindi

Photo:INDIA TV Property buying tips

Property Broker से हम सभी फ्लैट, दुकान या ऑफिस स्पेस की खरीदारी में मदद लेते हैं। ऐसा इसलिए की प्रॉपर्टी की खरीदारी में जितनी जटिलता है उसको ब्रोकर के बिना पूरा करना संभव नहीं होता है। इसके चलते अधिकांश लोग ब्रोकर की मदद लेते ही हैं। लेकिन अक्‍सर ये ब्रोकर खरीदार को प्रॉपर्टी की पूरी या सही जानकारी नहीं देते। कई मामलों में तो ब्रोकर सही राह दिखाने के प्राइम ब्रोकर क्या है बजाय खरीदारों को गुमराह करने का काम करते हैं। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदते वक्‍त खरीदार को ज्‍यादा समझदार और सतर्क होने की जरूरत है। सही जानकारी नहीं मिलने के अभाव में कई बार खरीदार प्रॉपर्टी का सौदा करने के बाद ठगा महसूस करते हैं। आइए जानते हैं ऐसी बातें जो अक्‍सर ब्रोकर खरीदारों को छिपा जाते हैं ।

1. बिल्डर बायर एग्रीमेंट

बिल्डर- बायर एग्रीमेंट की बारीकियों की जानकारी आमतौर पर ब्रोकर खरीदार को नहीं देते हैं। इस एग्रीमेंट में बिल्डर ने कौन से नियम व शर्तें डाल दी हैं? खरीदार को क्‍या अधिकार हैं ऐसे बहुत सी बातों की जानकारी ब्रोकर खरीदारों से छिपा जाते हैं। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने से पहले सौदे के नियम व शर्तों को किसी वकील से मिलकर समझ लेना चाहिए।

घर खरीदने वाले के लिए सबसे अहम सवाल होता है कि वह जिस प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक रहा हैए उसका पजेशन कब मिलेगा। समय पर निर्माण पूरा न होना और पजेशन में देरी रियलिटी मार्केट की बड़ी समस्‍या है। प्रॉपर्टी बेचते वक्‍त बिल्‍डर और ब्रोकर जल्‍द निर्माण पूरा होने और तमाम सुविधाएं मुहैया कराने के सब्‍जबाग दिखाते हैं जबकि असल में इन वादों पर बहुत कम लोग खरा उतरते हैं। समय पर पजेशन नहीं देने के लिए बिल्डर कई तरह के कारण गिनाते हैं। इसलिए निवेश से पहले बिल्डर का रिकॉर्ड देखना जरूरी है। प्राइम ब्रोकर क्या है उसके पुराने प्रोजेक्‍ट में रह रहे लोगों से इस बारे में जानकारी लेनी चाहिए।

3. सैंपल फ्लैट और असलियत में फर्क

खरीदारों को आकर्षित करने के लिए बिल्‍डर आकर्षक सैंपल फ्लैट तैयार करते हैं। जबकि कई बार सैंपल फ्लैट और बेचे गए फ्लैट की कंस्‍ट्रक्‍शन क्‍वालिटी और इंटीरियल प्राइम ब्रोकर क्या है में काफी फर्क होता है। सैंपल फ्लैट को स्‍पेसियस दिखाने के लिए दीवार की मोटाई रियल फ्लैट की तुलना में पतली होती है। सैंपल फ्लैट को कांच से विभाजन किया गया हैए फर्नीचर का छोटा है इसके चलते स्‍पेसियस दिखता है। इसलिए सैंपल फ्लैट पर आंख.मूंदकर विश्‍वास न करें।

प्रॉपर्टी बाजार में कई बार असल मालिक कोई और होता है जबकि उसकी सौदे बाजी या मार्केटिंग कोई दूसरा व्‍यक्ति या कंपनी करती है। इस बारे में भी ब्रोकर सही जानकारी छिपा जाते हैं। इसलिए प्रॉपर्टी की डील फाइनल करने से पहले असली मालिक से मिलना जरूरी है। कई बार एक ही प्रॉपर्टी के लिए कई कमीशन एजेंट या ब्रोकर खरीदार तलाशते रहते हैं। इसलिए कीमत के मोलभाव के लिहाज से भी प्रॉपर्टी के असली मालिक से संपर्क करना उचित रहता है।

एनएसई ने प्राइम सिक्योरिटीज का पेमेंट रोका

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