शेयर बाजार में निवेश करने के लिए जरूरी हैं ये दो अकाउंट, जानिये डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?

ब्रोकिंग फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account दूसरा Trading Account और तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है

नई दिल्‍ली, ब्रांड डेस्‍क। आज के माहौल में सिर्फ पारंपरिक निवेश के विकल्पों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर निर्भर रहना बेवकूफी है। बढ़ती महंगाई ना सिर्फ आपका मुनाफा खा रहा है बल्कि आपकी बचत में सेंध लगा रहा है। ऐसे में निवेशक को निवेश का ऐसा विकल्प चुनना चाहिए जो ना सिर्फ महंगाई को मात दे सके बल्कि आपको भविष्य को भी सुरक्षित कर सके। निवेश का यह विकल्प है स्टॉक मार्केट। तकनीक के इस दौर में शेयर बाजार में निवेश बहुत आसान हो गया। एक डीमैट अकाउंट खोलकर आप बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। बैंक खाते की तरह इसमें आपके शेयर जमा होते हैं।

Stock Market Investment: what is stop loss order

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कैसे होती है सिक्योरिटी की खरीद और बिक्री

ब्रोकिंग फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account, दूसरा Trading Account और तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है। निवेश काफी अहम प्रक्रिया होती है और उसमें बड़े पैमाने पर कैश का इस्तेमाल होता है इसलिए तीनों चरणों को अलग अलग रखा गया है। जब कोई निवेशक कारोबार करना चाहता है तो पहले वो कैश को बैंक खाते से रिलीज करता है, जिसके बाद इस रिलीज की गई रकम के आधार पर ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। ऑर्डर पूरा होने पर खरीदी गई सिक्योरिटी को Demat Account में सुरक्षित कर लिया जाता है। वहीं बिक्री की स्थिति में पहले निवेशक डीमैट अकाउंट में उन सिक्योरिटी को चुनता है जिसे उसे बेचना हो, इसका बाद Trading Account में ऑर्डर का विकल्प दिखता है। शेयर की बिक्री का ऑर्डर ट्रेडिंग अकाउंट से दिया जाता है। डील पूरी होने पर डीमैट अकाउंट से सिक्योरिटी रिलीज कर उस अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है जिसने इन सिक्योरिटी को खरीदा है और वहां से मिला पैसा सिक्योरिटी बेचने वाले निवेशक के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है। देखने में ये काम काफी पेचीदा लगता है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी ब्रोकर्स और डिपॉजिटरी के हाथ में होती है। निवेशक सिर्फ कुछ जानकारी भर कर और कुछ विकल्पों का चुनाव कर ये प्रक्रिया मिनटों में पूरी कर सकता है।

डीमैट अकाउंट क्या है

जहां आपके शेयर और निवेश कागजात डिजिटल रूप में रखे जाते हैं

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है

इसके जरिए आप ट्रेडिंग कर सकते हैं, सिक्योरिटी खरीद सकते हैं, निवेश कर सकते हैं और ये डीमैट अकाउंट से लिंक होता है।

डिपॉजिटरी क्या होते हैं

डिपॉजिटरी वो संस्थाएं होती हैं जहां निवेशकों के सभी निवेश डॉक्यूमेंट सुरक्षित होते हैं। देश में दो डिपॉजिटरी हैं जिन्हें एनएसडीएल और सीडीएसएल के रूप में जाना जाता है। इन संस्थाओं के साथ डिपॉजिरी पार्टिसिपेंट यानि डीपी जुड़े होते हैं जिन्हें हम शेयर ब्रोकर के रूप में भी जानते हैं। ये ग्राहकों को सेवाएं देते हैं और एनएसडील या सीडीएसएल और आम निवेशकों के बीच लिंक का काम करते हैं। उदाहरण के लिए एनएसडील के जुड़े डीपी या Broking फर्म अपने ग्राहकों के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं और इन ग्राहकों के निवेश डिजिटल रूप में NSDL में डिपॉजिट होते हैं। वहीं CDSL के साथ जुड़े डीपी अपने ग्राहकों को डीमैट की सुविधा देते हैं और इन निवेश दस्तावेजों को सीडीएसएल के पास सुरक्षित रखते हैं। ध्यान रखें कि डीमैट खाते डिपॉजटरी खोलती है, ब्रोकिंग फर्म या डीपी इसके लिए एक माध्यम होते हैं। जो कि आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की सुविधा देते हैं। 5paisa भी आपके लिए बिना शुल्क, बेहद कम समय में Demat Account खोलता है और साथ ही ब्रोकरेज के लिए आकर्षक दरें भी ऑफर करता है। तो आज ही 5paisa।com पर अपना Demat Account खोलें!

Trading Account Kya hai? | ट्रेडिंग एकाउंट कैसे खोले? | Trading Account Kaise Khole?

Trading Account in Hindi: बहुत से लोग डीमैट एकाउंट और (Demat Account) और ट्रेडिंग एकाउंट (Trading Account) को एक ही समझते है। लेकिन दोनों में अंतर है। इस लेख में आप जनेंगे कि Trading Account Kya Hai? (What is Trading Account in Hindi) और Trading Account Kaise Khole? (How To Open a Trading Account in Hindi)

Trading Account in Hindi: अगर आप शेयर मार्केट से जुड़े हैं तो आपने ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) के बारे में तो सुना ही होगा। अक्सर एक ट्रेडिंग एकाउंट डे ट्रेडर का मुख्य खाता होता है। Trading Account का उपयोग नियमित रूप से इक्विटी शेयर खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है। जैसे-जैसे इंटरनेट दुनिया के हर पहलू पर कब्जा कर रहा है, वैसे ही स्टॉक एक्सचेंज सिस्टम भी अब ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में बदल गई है। तो स्टॉक का ऑर्डर देने के लिए, आप एक ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं, और एक रजिस्टर्ड स्टॉक मार्केट ब्रोकर की मदद से, आप आसानी से ट्रेडिंग कर सकते है।

अब बहुत से लोग डीमैट एकाउंट और (Demat Account) और ट्रेडिंग एकाउंट (Trading Account) को एक ही समझते है। लेकिन दोनों में अंतर है। इस लेख में हम यह समझेंगे कि दोनों के बीच क्या अंतर है। यह भी जनेंगे कि Trading Account Kya Hai? (What is Trading Account in Hindi) और Trading Account Kaise Khole? (How To Open a Trading Account in Hindi)

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? | Trading Account Kya Hai? | What is Trading Account in Hindi

Trading Account in Hindi: ट्रेडिंग एकाउंट अनिवार्य रूप से एक ऐसा खाता है जिसका उपयोग आप सिक्योरिटीज में ट्रांजेक्शन करते समय कर सकते हैं। अगर आपके पास ऐसे एसेट है जिसे आप बेचना या खरीदना चाहते हैं, तो आप एक Trading Account के साथ बहुत आसानी से ऐसा कर सकते हैं। यह प्रक्रिया न केवल सुविधाजनक है बल्कि सुरक्षित भी है और बिना किसी परेशानी के शेयर मार्केट में निवेश करने में मदद करती है।

डिजिटल युग आने से पहले निवेशकों सिस्टम के माध्यम से व्यापार किया करते थे जहां वे वर्बल कम्युनिकेशन या हाथ के इशारों का उपयोग करते थे, लेकिन अब इंटरनेट के आ जाने से यह सुविधा बहुत ही आसान और सुलभ हो गई हैं।

डीमैट बनाम ट्रेडिंग अकाउंट | Demat vs trading Account

डीमैट एकाउंट (Demat Account) आपको अपने शेयर, बांड, ईटीएफ आदि को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर करने की अनुमति देते हैं, जबकि एक ट्रेडिंग खाता आपको सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने के लिए इंटरफेस प्रदान करता है।

Demat आपको किसी भी पॉइंट पर आपके शेयरों और सिक्योरिटीज का पूरा अधिकार दिखाता है, जबकि Trading Account आपके कुल ट्रांजेक्शन को दर्शाता हैं।

निवेशकों के लिए एक Trading Account आपके Demat और बैंक खाते के बीच एक ब्रिज का काम करता है। अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं, तो आप अपने Trading Account के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं। यह ट्रांजेक्शन स्टॉक एक्सचेंज में प्रोसेस्ड हो जाता है।

यह हो जाने के बाद, आपके डीमैट खाते में आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों की संख्या क्रेडिट हो जाएगी और आपके बैंक एकाउंट से राशि काट ली जाएगी। जब आप कुछ बेचना चाहते हैं, तो इस प्रक्रिया का उल्टा होता है। आप उन शेयरों की संख्या चुनते हैं जिन्हें आप बेचना चाहते हैं और अपने ट्रेडिंग एकाउंट के माध्यम से बिक्री काआदेश पोस्ट करें। जब स्टॉक एक्सचेंज में लेन-देन पूरा हो जाएगा, तो आपके डीमैट एकाउंट से उतने ही शेयर काट लिए जाएंगे। फिर उन शेयरों के लिए आनुपातिक राशि आपके बैंक एकाउंट में जमा हो जाएगी।

ट्रेडिंग एकाउंट के प्रकार | Types of Trading Account in Hindi

मुख्य रूप से ट्रेडिंग एकाउंट दो प्रकार के होते हैं। आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार किसी एक को चुन सकते हैं -

2) मानक ट्रेडिंग खाता (Standard Trading Account)

इसे सिक्योरिटीज ट्रेडिंग अकाउंट के रूप में भी जाना जाता है। इसके माध्यम से आप इक्विटी, EFT, म्यूचुअल फंड, F&O, करेंसी फ्यूचर्स और इंट्राडे ट्रेडिंग प्लस डिलीवरी का व्यापार करने में सक्षम होंगे। अगर आप एक शार्ट टर्म इन्वेस्टर हैं तो आप इस Trading Account का उपयोग अपने फंड को अधिक बार निवेश करने के लिए कर सकते हैं।

2) कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट (Commodity Trading Account)

अगर आप कच्चे तेल, सोना, चांदी या तांबे ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? जैसी वस्तुओं का व्यापार करने की योजना बनाते हैं, तो आपको एक कमोडिटी ट्रेडिंग एकाउंट (Commodity Trading Account) खोलना होगा। कमोडिटी ट्रेडिंग एकाउंट खोलने के लिए आपको कमोडिटी ब्रोकर की आवश्यकता होगी। ब्रोकर की मदद से आप कमोडिटी फ्यूचर्स में ट्रेड करने के लिए अपने कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल कर पाएंगे। इस एकाउंट को डीमैट एकाउंट से जोड़ने की जरूरत नहीं है।

याद रखें कि एक इन्वेस्टर ब्रोकर के माध्यम से केवल एक ट्रेडिंग एकाउंट खोल सकता है। कई ट्रेडिंग एकाउंट खोलने के लिए आपको कई ब्रोकर्स की भी जरूरत होगी।

ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? ट्रेडिंग एकाउंट के लाभ | Benefits of Trading Account in Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट के कई फायदे हैं, जो नीचे बताएं गए है -

  • एक ट्रेडिंग एकाउंट आपके सभी इन्वेस्टमेंट को एक ही मंच पर लाएगा। आप इस एक एकाउंट के माध्यम से अपने सभी एक्सचेंजों तक पहुंच सकते हैं। प्रक्रिया तेज और टेंशन फ्री हो जाती है।
  • ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अपने ग्राहकों को महत्व देते हैं और इस प्रकार 24 घंटे सहायता प्रदान करते हैं। आप इन्क्वारी के लिए हमेशा उनकी टीम से संपर्क कर सकते है।
  • स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए आपको उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। आप इसे अपने घर में आराम से कर सकते हैं।
  • एक ट्रेडिंग एकाउंट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग आपके दरवाजे पर आती है। सभी ऐप-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म यह सुनिश्चित करते हैं कि आप अपनी पसंद के किसी भी डिवाइस के माध्यम से अपने एकाउंट तक पहुंच सकते हैं।

ट्रेडिंग एकाउंट कैसे खोले? | Trading Account Kaise Khole?

How to Open Trading Account in Hindi: अगर आप नियमित रूप से सिक्योरिटीज में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको अपने डीमैट एकाउंट के साथ एक Trading Account की जरूरत होगी। भारत में आपको पहचान, पते और आय के प्रमाण की आवश्यकता होगी। उसके बाद, आपको अपनी निवेश आवश्यकताओं के अनुसार ब्रोकर ढूंढना होगा।

आपको एक स्मूथ और यूजर फ्रेंडली इंटरफेस वाला एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म खोजने की भी जरूरत होगी, ताकि आप इस प्रक्रिया में आसानी कर सकें। इसके बाद आपको डीमैट एकाउंट खोलने के लिए एक फॉर्म भरना होगा और एक KYC फॉर्म भी भरना होगा। आप अपनी सुविधा के अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों काम कर सकते हैं।

डेटा वेरिफिकेशन हो जाने के बाद और सभी दस्तावेज़ीकरण प्रक्रियाएं पूरी हो जाने के बाद, आपको अपने ट्रेडिंग एकाउंट के बारे में सभी डिटेल प्राप्त होंगे। उसके समाप्त होने के साथ, आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने में सक्षम होंगे।

Demat Account Update: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए जरूरी खबर, SEBI ने डीमैट अकाउंट को लेकर किया बड़ा ऐलान

Demat Account Update: अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल, सेबी ने इन्वेस्टर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद निवेशकों को बड़ा फायदा हुआ है.

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Demat Account Update: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए जरूरी खबर, SEBI ने डीमैट अकाउंट को लेकर किया बड़ा ऐलान

Demat Account: अगर आप भी शेयर बाजार के निवेशक हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. सेबी ने इन्वेस्टर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है. पैन कार्ड और ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? आधार ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? लिंक (Aadhaar-PAN Link) से लेकर ट्रेडिंग-डीमैट खाते (Demat Account) में नॉमिनी का नाम दर्ज करना अनिवार्य है. पहले सेबी ने नॉमिनेशन (Nomination) के लिए भी 31 मार्च 2022 को डेडलाइन घोषित किया था, लेकिन अब सेबी ने इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया है. अब निवेशक 31 मार्च 2023 तक इस काम को कर सकते हैं.

सेबी का बड़ा ऐलान

गौरतलब है कि सेबी के नियम के अनुसार, जिन लोगों के पास डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट है, उनके लिए सेबी ने 31 मार्च तक नॉमिनी का नाम दर्ज करने का नियम बनाया है. जिन्होंने अब तक डीमैट या ट्रेडिंग खाते में नॉमिनेशन नहीं किया है वे 31 मार्च, 2023 तक कर सकते हैं. पहले इसकी अंतिम तारीख 31 मार्च, 2022 थी. अब इसे साल भर के लिए बढ़ा दिया गया है, यानी अब अगले साल 31 मार्च तक इस काम को किया जा सकता है.

सेबी ने जारी किया आदेश

सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने इसके लिए एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें सेबी ने कहा है, 'नॉमिनी बनाने के लिए किसी गवाह की जरूरत नहीं है. नॉमिनी के फॉर्म पर अकाउंट होल्डर को दस्तखत करना जरूरी होगा. इसके अलावा, ई-साइन सुविधा का उपयोग करके ऑनलाइन दाखिल किए गए नामांकन/घोषणा पत्र में भी गवाह की जरूरत नहीं होगी. हालांकि, अगर खाताधारक हस्ताक्षर के बजाय अंगूठे के निशान का उपयोग करता है, तो फॉर्म पर एक गवाह के हस्ताक्षर भी होने चाहिए.'

कैसे करें डीमैट में नॉमिनेशन?

- अगर आप भी अपने खाते में नॉमिनी का नाम जोड़ना चाहते हैं तो सबसे पहले आप नामांकन फॉर्म भर कर उस पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और हेड ऑफिस (जिस ब्रोकर कंपनी से डीमैट खाता खोला है. जैसे जेरोधा.) के पते पर कुरियर कर सकते हैं.
- नॉमिनेशन आपके ट्रेडिंग और डीमैट खाते पर लागू होगा, इस नॉमिनी को आपके डीमैट खाते में जोड़ा जाएगा, वही नॉमिनेशन आपके कॉइन (म्यूचुअल फंड) होल्डिंग्स के लिए भी लागू होगा.
- आपको नॉमिनेशन फॉर्म के साथ नॉमिनी का आईडी प्रूफ भेजना होगा.
- इसके लिए आप कोई भी आईडी प्रूफ जैसे आधार, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि भेज सकते हैं.
- यदि आप अपना खाता खोलने और किसी को नॉमिनी बनाने के बाद नॉमिनी को बदलना चाहते हैं, तो आपको 25+18% जीएसटी शुल्क देना होगा.
- इसके लिए आपको अकाउंट मॉडिफिकेशन फॉर्म के साथ नॉमिनेशन फॉर्म की हार्ड कॉपी भेजनी होगी.

क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया

वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।

लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।

10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?

दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार

मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।

दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:

क्रमांक कितने तरह के चार्जेज कितना चार्ज रकम
1 ब्रोकरेज 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो 0
2 सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.1% 100/-
3 ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.00325% 3.25/-
4 GST ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज 0.585/-
5 SEBI चार्ज 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर 0.1/-
कुल 103.93/-

तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।

उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी फीस की जानकारी उसमें होती है।

दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार

जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।

अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।

इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।

दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार

तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।

अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।

इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।

10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?

जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।

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