जानिए फॉरेक्स ट्रेडिंग से कैसे बना सकते हैं पैसा

फॉरेक्स ट्रेडिंग में अलग-अलग देशों की करेंसी का लेन-देन होता है। इसे ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहते हैं। फॉरेक्स मार्केट में एक करेंसी को दूसरे देश की करेंसी में बदला जाता है।

आजकल के इस अर्थ युग में हर कोई पैसे के लिए परेशान नजर आ रहा है। लोग ऐसे निवेश की तलाश में है, जहां रुपये का पेड़ लगाने पर मनचाहा रिटर्न मिले। ऐसे में अगर आप बेहतर रिटर्न चाहते हैं, तो हम आपको सबसे बढ़िया और सबसे अच्छा उपाय बता रहे हैं। इस उपाय के जरिए आप करोडों, अरबों में खेल सकते हैं। इस उपाय का नाम है फॉरेक्स ट्रेडिंग। जी हां फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए आप मनचाहा पैसा कमा सकते हैं। फॉरेक्स ट्रेडिंग का नाम सुनकर घबराने की जरूरत नहीं है। यह बहुत ही सरल है। एक बार आप इसे सीख गए, तो फिर समझो कि दुनिया की करेंसी जैसे डॉलर, यूरो आपकी मुट्ठी में होगी। तो फिर पहले समझते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग को ही फॉरेक्स करेंसी ट्रेडिंग कहते हैं। इसी को एफएक्स (FX) मार्केट भी कहते हैं। यह शेयर बाजार की तरह काम करता है। जैसे शेयर बाजार में लेन-देन होता है। वैसे ही फॉरेक्स ट्रेडिंग में भी होता है। अंतर इस बात का है कि शेयर बाजार में शेयर का लेन-देन होता है वहीं फॉरेक्स ट्रेडिंग में अलग-अलग देशों की करेंसी का लेन-देन होता है। इसे ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहते हैं। इसे आप भी कर बैठे इंटरनेट के जरिए कर सकते हैं। फॉरेक्स मार्केट में एक करेंसी को दूसरे देश की करेंसी में बदला जाता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात याद रखना है एक्सचेंज रेट का। एक करेंसी को दूसरे देश की करेंसी में बदलने की दर को एक्सेचेंज रेट कहते हैं। यानी आप यूरो से डॉलर में, डॉलर को यूरो में, रुपये को डॉलर में या किसी भी देश की करेंसी को किसी भी देश की करेंसी के साथ बदल सकते हैं।

कैसे करें ट्रेडिंग :-

फॉरेक्स ट्रेडिंग आजकल ट्रेडिंग का सबसे ज्यादा हॉटस्पॉट प्लेस है। यहां एक से बढ़कर एक बिजनेस मैन ट्रेडिंग करते हुए नजर आएंगे। फॉरेक्स कैसे काम करता है अगर आप भी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि ट्रेडिंग कैसे करें और किस तरह से की जाती है। ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपके पास डीमैट एकाउंट होना जरूरी है।

ट्रेडिंग करेंसी ऑनलाइन:-

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग यानी यहां पर आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसके लिए आपका डीमैट एकाउंट होना जरूरी है। एकाउंट ओपने के बाद आपको हर देश की करेंसी के उतार-चढ़ाव पर ध्यान देना है। यानी एक्सचेंज रेट पर ध्यान देना है। इसमें जो एक्सचेंज रेट आपको अच्छा लगे, उसी में लॉक कर देना है। फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए ये सबसे बेहतर उपाय है।

ब्रोकरेज फर्म के जरिए कमाई:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग में अगर आपने महारत हासिल कर ली, तो फिर ब्रोकरेज फर्म उसका अगला स्टेप है। इसमें आप ब्रोकरेज फर्म खल सकते हैं। इसके जरिए आप अन्य निवेशकों से ट्रेडिंग कराएं। इसमें आपको निवेशकों द्वारा खरीदने, बेचने पर कमीशन मिलेगा। इसके अलावा अगर आप निवेशक को बेहतर एक्सचेंज दिलाते हैं। आपकी साख भी बढ़ेगी। जिससे आपके यहां निवेशक बढ़ेंगे। इसमें आप बिना ट्रेडिंग किए हुए करोड़ों, अरबों कमा सकते हैं।

वेबसाइट के जरिए फॉरेक्स ट्रेडिंग:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग में आप वेबसाइट खोलकर भी पैसे कमा सकते हैं। इस वेबसाइट पर आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग करने वालों की जरूरते पूरी करनी होगी। वेबसाइट पर लोगों को फॉरेक्स ट्रेडिंग से संबंधित जानकारी देनी होगी। आप अपने वेबसाइट के जरिए लोगों को को एक से पांच साल की सदस्यता देकर उनको अपना ग्राहक बना सकते हैं। इसमें आपको डीमैट एकाउंट के बारे में जानकारी देनी होगी। फिर आप सलाहकार के रूप में फीस लेकर भी निवेशकों को सुविधा दे सकते हैं। यहां भी आप बिना ट्रेडिंग किए मोटी रकम कमा सकते हैं।

मनी एक्सचेंज एजेंसी खोलना:-

एक्सचेंज रेट के बारे में अच्छी जानकारी रखने वालों के लिए एक्सेचेंज एजेंसी खोलना सबसे बढ़िया उपाय है। इसके जरिए आप लोगों की करेंसी को एक्सचेंज (बदल) सकते हैं। इसमें आपको हर दिन कमाई होती रहेगी। करेंसी को बदलने पर आपको शानदार कमीशन मिलेगा। कुल मिलाकर आप एक्सचेंज एजेंसी के जरिए भी बेहतर कमाई कर सकते हैं।

इस प्रकार से फॉरेक्स ट्रेडिंग की बारीकियों को समझने और एक्सचेंज रेट पर पैनी नजर रखने वाले करोड़ों, अरबों की कमाई कर सकते हैं।

Forex Trading Kya Hai: क्या है फॉरेक्स ट्रेडिंग, जानें यहां कैसे कमा सकते हैं पैसे

What is Forex Trading: फॉरेक्स करंसी ट्रेडिंग के ग्लोबल मार्केट के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला टर्म है। यूरो को डॉलर्स से एक्सचेंज करना हो डॉलर को रुपये से, यह सब फॉरेक्स यानी फॉरेन एक्सचेंज मार्केट का ही हिस्सा है। आज इंटरनेट की मदद से आप भी इसे घर बैठे कर सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं। बस आपको इंटरनेट कनेक्शन के साथ एक कंप्यूटर चाहिए और एक फॉरेक्स ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट।

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हाइलाइट्स

  • फॉरेक्स करंसी ट्रेडिंग के ग्लोबल मार्केट के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला टर्म है
  • 5.3 ट्रिलियन डॉलर के दैनिक लेनदेन के साथ है दुनिया का सबसे बड़ा फाइनैंशल मार्केट
  • फॉरेक्स मार्केट में आप भी पैसे कमा सकते हैं, उसके लिए बस एक ट्रेडिंग अकाउंट चाहिए

आप भी कर सकते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग
फॉरेक्स ट्रेडिंग कोई रॉकेट साइंस नहीं है और आज इंटरनेट की मदद से आप भी इसे घर बैठे कर सकते हैं। बिल्कुल बड़े-बड़े बैंक और फाइनैंशल ऑर्गनाइजेशन्स की तरह। बस आपको इंटरनेट कनेक्शन के साथ एक कंप्यूटर चाहिए और एक फॉरेक्स ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट।

फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐसे करती है काम
फॉरेक्स फॉरेक्स कैसे काम करता है मार्केट में एक करंसी को दूसरी करंसी से बदला जाता है। ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा जरूरी बात होती है एक्सचेंज रेट। मतलब एक करंसी को दूसरी करंसी से एक्सचेंज करने की दर क्या होगी। आपने आमतौर पर देखा होगा कि रुपये की कीमत डॉलर की अपेक्षा इतनी है या डॉलर की कीमत यूरो की अपेक्षा इतनी है। आसान भाषा में कहें तो इस वक्त 16 नवंबर को रुपये की दर डॉलर की अपेक्षा 71.84 है यानी एक डॉलर खरीदने के लिए आपको 71.84 रुपये चुकाने होंगे।

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फॉरेक्स मार्केट से कैसे कमा सकते हैं पैसे
यहां आपको उदाहरण देते हैं जिसके जरिए आप फॉरेक्स मार्केट से पैसे कमा सकते हैं या ट्रेडिंग कर सकते हैं। आप डॉलर (USD) के बदले 1,000 यूरोज़ (EUR) लेने का मन बनाते हैं। मान लीजिए कि जिस वक्त आपने यूरो खरीदे उस वक्त डॉलर/यूरो का एक्सचेंज रेट 1.45 था यानी आपको 1,000 यूरो खरीदने के लिए 1,450 डॉलर देने पड़े। कुछ समय बाद एक्सचेंज रेट में थोड़ा परिवर्तन हुआ और यह बढ़कर 1.55 हो गया। अब जब आप 1,000 यूरो बेचेंगे तो आपको 1,550 डॉलर मिलेंगे। इस तरह आपको कुल 100 डॉलर का फायदा हुआ। इसी तरह अगर यूरो बेचने के वक्त एक्सचेंज रेट 1.35 रहा, तो आपको उन्हीं 1000 यूरो के बदले 1,350 डॉलर मिलेंगे यानी आपको 100 डॉलर का नुकसान हुआ।

फॉरेक्स मार्केट में बड़े-बड़े प्लेयर्स, एजेंट्स, फाइनैंशल कंपनियां इसी तरह पैसे बनाती हैं।

फॉरेक्स ट्रेडिंग के विभिन्न प्रकारों को समझना

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फॉरेक्स या फॉरेक्स एक्सचेंज वह बाजार है जहां करेंसी का एक-दूसरे के साथ आदान-प्रदान किया जा सकता है। फॉरेक्स ट्रेडिंग प्रमुख रूप से करेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है और यह उन बाजारों में से एक है जहां सबसे भारी ट्रेड होता है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग में करेंसी जोड़े में ट्रेडिंग शामिल है।करेंसी के जोड़े तीन प्रकार के होते हैं माइनर, मेजर और एक्जियाटिक जोड़े। मेजर करेंसी जोड़े सबसे अधिक बार ट्रेड की जाने वाली करेंसी हैं, जबकि माइनर जोड़ों में अमेरिकी डॉलर शामिल नहीं होता है। एक्जियाटिक जोड़े वे हैं जिनमें एक करेंसी मेजर है और दूसरी किसी विकासशील अर्थव्यवस्था की करेंसी है।

ट्रेडिंग प्रकार के आधार पर फॉरेक्स ट्रेडिंग और ट्रेडर्स कई प्रकार के हैं। यहाँ गर फॉरेक्स ट्रेडिंग के कुछ प्रकार दिए गए हैं:

फॉरेक्स ट्रेडिंग के ये प्रकार लंबी-अवधि के होते हैं और महीनों के लिए स्थितियों को ले और होल्ड कर सकते हैं। पोजीशन ट्रेडिंग ट्रेड के मौलिक विश्लेषण पर निर्भर करती है। पोजीशन ट्रेडर अपने निर्णय का आधार फॉरेक्स चार्ट विश्लेषण और फॉरेक्स बाजार विश्लेषण को रखते हैं। वे मौलिक और तकनीकी विश्लेषण के संयोजन का उपयोग करते हैं।

पोजीशन ट्रेडिंग में समर्थन और प्रतिरोध ट्रेडिंग और प्रवृत्ति फॉरेक्स ट्रेडिंग जैसी रणनीतियों का उपयोग शामिल है। बाद वाले के लिए, गतिमान औसत जैसे तकनीकी उपकरण का उपयोग किया जाता है। समर्थन और प्रतिरोध फॉरेक्स ट्रेडिंग में फॉरेक्स विश्लेषण चार्ट पर समर्थन और प्रतिरोध क्षेत्र पहचानना शामिल है। ये वे क्षेत्र हैं जहां मूल्य प्रवृत्ति के उल्टा होने या रुकने की संभावना है।

ब्रेकआउट ट्रेडिंग रणनीति भी पोजीशन ट्रेडिंग का एक हिस्सा है, और यह पोजीशन फॉरेक्स ट्रेडर्स को यह समझने के लिए मदद कर सकते हैं कि क्या वहां पर कोई नया प्रवृत्ति संकेत हैं। ब्रेकआउट तब होते हैं जब मूल्य समर्थन/प्रतिरोध के स्तर से से परे या बाहर स्थानांतरित होती है।

पोजीशन ट्रेडिंग का एक अन्य पहलू पुलबैक ट्रेडिंग है जो मौजूदा प्रवृत्ति में एक छोटा सा उलटाव या गिरावट है। इसलिए पुलबैक फॉरेक्स ट्रेडर वर्तमान प्रवृत्ति में ठहराव या गिरावट का लाभ उठाएगा।

स्विंग ट्रेडिंग

जबकि पोजीशन ट्रेडिंग एक लंबी अवधि की शैली है, स्विंग ट्रेडिंग एक मध्यम अवधि फॉरेक्स ट्रेडर्स द्वारा प्रयोग की जाने वाली मध्यम-अवधि शैली है। इस शैली में मूल्य स्विंग और एक बार में कई हफ्तों तक अपनी ट्रेडिंग को होल्ड करना शामिल है। फिर, इस तरह के ट्रेडर एक प्रवृत्ति की पहचान करते हैं जिसमें ट्रेड को गठन और होल्ड रखने की संभावना होती है। यदि आपके पास दिन भर में फॉरेक्स चार्ट विश्लेषण लेने का समय नहीं है तो यह एक आदर्श शैली है, लेकिन इसके बावजूद इस पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए आपके पास अभी भी हर दिन कुछ घंटों का समय है।

जब स्विंग ट्रेडिंग की बात आती है, तो इसमें रिवर्सल, रिट्रेसमेंट, ब्रेकआउट और ब्रेकआउट ट्रेडिंग सहित कुछ व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली रणनीतियां होती हैं।

रिवर्सल ट्रेडिंग मूल्य गति परिवर्तन पर आधारित है। रिट्रेसमेंट ट्रेडिंग पूरी तरह से मूल्य में एक अस्थायी रिवर्स का पता लगाने के बारे में है, जो बड़े ट्रेड के से संबंधित होती है।

ब्रेकआउट ट्रेडिंग में अपट्रेंड(uptrend) की शुरुआत में एक स्थिति लेना और फिर ब्रेकआउट करने के लिए कीमत के लिए इंतजार करना शामिल है।जब कीमत एक महत्वपूर्ण प्रतिरोध स्तर पर टूट गई हो, तो आप एक स्थिति में अपनी प्रविष्टि बनाते हैं।

ब्रेकडाउन ट्रेडिंग विपरीत है; स्थिति एक अपट्रेंड(uptrend)शुरुआत में ली जाती है और आप, एक फॉरेक्स ट्रेडर के रूप में, कीमत के ब्रेकडाउन का इंतजार कर रहे हैं,और कीमत के समर्थन स्तर पर ब्रेकडाउन होने के बाद स्थिति में प्रवेश करते हैं।

एक फॉरेक्स डे ट्रेडर दिन के दौरान ट्रेडिंग खोलता है और बंद कर देता है। यह फॉरेक्स ट्रेडिंग शैली मूल्य संचलनों पर टैप करती है जो एक ही दिन या एक ट्रेडिंग सत्र के भीतर होती है।इस प्रकार की ट्रेडिंग उस समय आदर्श है यदि आपके पास दिन के डेट्रेडिंग की ओपनिंग के समय फॉरेक्स बाजार विश्लेषण करने के लिए और फिर पूरे दिन निगरानी करने का पर्याप्त समय है।

फॉरेक्स डेट्रेडिंग में पूरे दिन के दौरान प्रवृत्ति-ट्रेडिंग और काउंटर-ट्रेंड ट्रेडिंग शामिल है। प्रवृत्ति ट्रेडिंग के साथ, आप एक ऐसे चार्ट से शुरू करते हैं जो लंबे समय को कवर करता है और एक प्रवृत्ति की पहचान करता है। उसके बाद, आप एक छोटी समय-सीमा को कवर करने वाले चार्ट में ले जाएँ। आप इस प्रवृत्ति की दिशा में ट्रेडिंग करने के लिए देखते हैं क्योंकि यह आपकी प्रविष्टि समय में मदद करता है।

काउंटर-ट्रेंड डेट्रेडिंग में एक बड़ी प्रवृत्ति की तलाश,जो लंबे समय तक समय सीमा को कवर करती है और फिर ट्रेड के लिए विपरीत देखना शामिल है। यहां,इसमें एक प्रवृत्ति के अंत को और इसका उल्टा होने को पहचानना शामिल है।

स्कैल्पिंग या स्कैल्प ट्रेडिंग भी फॉरेक्स ट्रेडिंग का फॉरेक्स कैसे काम करता है एक लोकप्रिय प्रकार है जहाँ आप केवल कुछ ही मिनटों के लिए ट्रेडों पर स्कैल्प या पकड़ रखते हैं। यह दिन के दौरान कई बार हो सकता है, लेकिन आप हर बार छोटे ट्रेड कर सकते हैं। एक स्केलपर के रूप में, आप एक दिन में दर्जनों ट्रेड कर सकते हैं। इस प्रकार की ट्रेडिंग तेजी और कार्रवाई से भरा है। कारोबारी दिन के समाप्त होने के साथ सभी स्थितियां बंद हो जाती हैं। स्कैल्पिंग उन लोगों के लिए आदर्श है जो अपने ट्रेडिंग पर बहुत समय खर्च कर सकते हैं क्योंकि इसमें आपको फॉरेक्स चार्ट विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित रखने की आवश्यकता होती है। इसमें आपको अपने दिमाग से सोचने की जरूरत होती है।

आप किस तरह के फॉरेक्स ट्रेडर हैं?

फॉरेक्स ट्रेडिंग का प्रत्येक प्रकार एक व्यक्तित्व प्रकार को सूट करता है और यह समझने में मदद करता है कि क्या आप ट्रेडिंग के उस प्रकार के लिए सही फिट हैं। आप एक स्कैल्पर, एक डे-ट्रेडर, एक स्विंग ट्रेडर, या एक पोजीशन ट्रेडर बन सकता है। एक स्कैल्पर को सतर्क रहने और दिन में कई बार अंक (पिप्स) में प्रतिशत की छोटी मात्रा को पकड़ने की जरूरत होती है, जबकि एक डे-ट्रेडर दिन की शुरुआत में एक पक्ष चुन सकता है और या तो लाभ या हानि प्राप्त करने के साथ दिन समाप्त कर सकता है, और कोई भी ट्रेड रात भर के लिए होल्ड नहीं किया जाता है। स्विंग ट्रेडर्स अपने ट्रेडों को दिनों या सप्ताहों के लिए होल्ड कर सकते हैं। वे अपने ट्रेडिंग निर्णय लेने के लिए चार्ट पर ध्यान केंद्रित करते हैं या दिन में कुछ घंटों के लिए फॉरेक्स बाजार विश्लेषण करते हैं। पोजीशन ट्रेडर अपने निर्णय का आधार मौलिक और तकनीकी विश्लेषण की एक निश्चित मात्रा पर रखते हैं और अपने ट्रेड को महीनों या वर्षों के लिए होल्ड करते हैं।

फॉरेक्स ट्रेडिंग में आपको अनुशासित रहने और मौलिक विश्लेषण के अलावा फॉरेक्स विश्लेषण चार्ट और तकनीकी उपकरणों के तत्वों को जानने की जरूरत होती है। यह आपकी खुद की ट्रेडिंग प्लान को चार्ट करने और उस पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है। एक ट्रेडिंग और डीमैट खाते को ऑनलाइन शुरू करना और बाजार के बारे में वास्तविक समय डेटा तथा फॉरेक्स बाजारों की एक गहरी समझ हासिल करने में मदद के लिए व्यापक रिपोर्ट तक पहुँच प्राप्त करना आसान है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? कैसे शुरू करें।

फॉरेक्स ट्रेडिंग से भले ही आप परिचित हों या नहीं, लेकिन लाभ प्राप्त करने का यानिकी निवेश से कमाई करने का यह भी एक शानदार तरीका है। इसलिए इसे समझने से पहले हमें यह समझना होगा की प्रत्येक देश की अपनी अलग अलग मुद्रा होती है। और प्रत्येक राष्ट्र की मुद्रा एक दुसरे के मुकाबले मूल्य के आधार पर कमजोर एवं मजबूत होती है। कहने का अभिप्राय यह है की इस वैश्वीकरण के युग में पूरी दुनिया में कहीं भी बिजनेस किया जा सकता है और इन्टरनेट ने इसे और आसान बना दिया है।

आज व्यक्ति चाहे तो भारत में बैठे बैठे विदेशी मुद्रा जैसे डॉलर, यूरो, पौंड इत्यादि कमा सकता है यह सब इन्टरनेट के कारण मुमकिन हुआ है। खैर इस लेख में हम केवल फॉरेक्स ट्रेडिंग पर ही अपना ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे। वह इसलिए क्योंकि वर्तमान में फोरेक्स ट्रेडिंग भी कमाई करने का एक माध्यम बन सकता है। लेकिन यह कार्य व्यक्ति केवल किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के माध्यम से ही कर सकता है। हालांकि विभिन्न देशों की मुद्राओं के प्रति हमारा आकर्षण बचपन से ही पैदा हो जाता है।

इसलिए यदि हमारे पास भारत के अलावा किसी अन्य देश की मुद्रा कभी आती है तो हम उसे संग्रहित करना शुरू कर देते हैं। वयस्क होने पर मुद्राओं के प्रति यही आकर्षण हमें फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में और जानने को उत्सुक करता है। लोगों की इसी उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए आज हम फॉरेन करेंसी एक्सचेंज ट्रेडिंग के बारे में जानने का प्रयत्न कर रहे हैं।

फॉरेक्स ट्रेडिंग की जानकारी

फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है (What is Forex Trading in Hindi):

फॉरेक्स ट्रेडिंग में पहला शब्द फ़ॉरेक्स का अर्थ फॉरेन एक्सचेंज होता है। साधारण शब्दों में फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग का अर्थ एक दुसरे के बीच विभिन्न विदेशी मुद्राओं का व्यापार करना है अर्थात इस प्रक्रिया के अंतर्गत विभिन्न देशों की मुद्राओं में उनके मूल्य के घटते बढ़ते रहने के कारण व्यापार होता है। कोई भी व्यक्ति जो विदेशों से किसी भी प्रकार का कोई सौदा करना चाहता है उसे वह सौदा खरीदने के लिए उस देश की मुद्रा की आवश्यकता हो सकती है।

चाहे कोई छुट्टी पर भ्रमण करने के लिए गया हो, या फिर वह विदेश से कुछ खरीदना चाहता हो, या किसी सर्विस के लिए भुगतान कर रहा हो इत्यादि के लिए उसे उस देश की मुद्रा की आवश्यकता होती फॉरेक्स कैसे काम करता है है। उदाहरणार्थ: अमेरिका में स्थित कॉलेज का शुल्क देने के लिए व्यक्ति को US Dollor की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि अमेरिका में स्थित कॉलेज भारतीय रूपये में फीस स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए डॉलर में भुगतान करने के लिए सर्वप्रथम व्यक्ति को US Dollor खरीदने होंगे।

इन्हें खरीदने के लिए व्यक्ति को उस समय निर्धारित डॉलर मूल्य के आधार पर भारतीय रुपयों में भुगतान करना होगा। बस इन्हीं आवश्यकताओं के फॉरेक्स कैसे काम करता है फलस्वरूप फॉरेक्स ट्रेडिंग की शुरुआत होती है जहाँ विदेशी मुद्रा की बिक्री एवं विनिमय किया जाता है। और जहाँ व्यक्ति ने भारतीय रूपये देकर US Dollor की प्राप्ति की उसे Exchange कहा जाता है। इस स्थिति में इस एक्सचेंज द्वारा US Dollor फॉरेन एक्सचेंज मार्किट से खरीदे जायेंगे। साधारण शब्दों में विदेशी मुद्रा की ट्रेडिंग ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहलाती है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे काम करती है ?

फॉरेक्स ट्रेडिंग भी इक्विटी ट्रेडिंग की तरह ही है बस फर्क सिर्फ इतना है की इक्विटी ट्रेडिंग में कमाई या नुकसान के लिए शेयर का मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है। तो वहीँ फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में एक्सचेंज मूल्य फॉरेक्स कैसे काम करता है निर्णायक भूमिका में होता है। फॉरेक्स ट्रेडिंग से कमाई करने के लिए व्यक्ति अपनी अपेक्षा एवं जानकारी के अनुसार कोई भी मुद्रा खरीद सकता है। और अच्छे ढंग से समझने के लिए आप नीचे दिए फॉरेक्स कैसे काम करता है गए उदाहरणों को पढ़ सकते हैं।

उदाहरणार्थ:

माना की प्रमोद नामक व्यक्ति डॉलर की बढती हुई कीमतों का लाभ उठाना चाहता है चूँकि डॉलर आज 70 रूपये पर कारोबार कर रहा है। प्रमोद को अपनी जानकारी एवं अनुभव के आधार पर लगता है की यह तीन महीनों के अन्दर अन्दर 73 रूपये तक जा सकता है। तो इस स्थिति में व्यक्ति USD खरीद सकता है और जब तीन महीने बाद यह 73 रूपये पर पहुँच जाए तो इन्हें बेच सकता है। इस प्रकार व्यक्ति प्रत्येक 1000$ पर 3000 रूपये तक की कमाई कर पाने में सफल होगा।

भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें:

हालांकि भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग आम लोगों की पहुँच से दूर है इसके अनेकों कारण जैसे इस प्रक्रिया में अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता होती है। और दूसरा लोग अक्सर इस बारे में भी भ्रमित रहते हैं की भारत में इस तरह का काम करना कानूनी तौर पर सही है या फिर यह अवैध होता है। इसलिए यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना जरुरी है की भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग को लेकर काफी नियम शर्तें निर्धारित की गई हैं।

इसलिए फॉरेक्स ट्रेडिंग नामक इस प्रक्रिया को सिर्फ वही व्यक्ति कर सकता है जिसके पास किसी SEBI Registered Broker का अकाउंट हो। कहने का आशय यह है की ऐसा कोई भी व्यक्ति जो फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहता हो के पास किसी फ़ॉरेक्स ब्रोकर के साथ अकाउंट होना अति आवश्यक है।

वर्तमान में कानूनी रूप से फ़ॉरेक्स की अनुमति कुछ भारतीय एक्सचेंजों, बीएसई, एनएसई, एमसीएक्स-एसएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) इत्यादि को है। भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए व्यक्ति को किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के साथ ही अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है। और इसी खाते के माध्यम से व्यक्ति फॉरेक्स ट्रेडिंग कर सकता है।

सफल फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए कुछ टिप्स :

यद्यपि जैसे की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की फॉरेक्स ट्रेडिंग भी इक्विटी ट्रेडिंग यानिकी शेयर मार्किट की तर्ज पर ही कार्य करती है। जहाँ शेयर मार्किट में शेयर का मूल्य नफा नुकसान तय करता है वही इसमें एक्सचेंज मूल्य। इसलिए यह जरुरी नहीं है की जो फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करेगा वह लाभ ही प्राप्त करेगा हो सकता है उसे नुकसान भी हो। इसलिए यहाँ नीचे हम कुछ ऐसी बातों का जिक्र कर रहे हैं जिनका अनुसरण करके सफल फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग की जा सकती है।

  • फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें की आपको मार्किट की उचित जानकारी एवं पर्याप्त अनुभव प्राप्त है।
  • यद्यपि फ़ॉरेक्स मार्किट सप्ताह के पांच दिन चौबीस घंटे खुली रहती है लेकिन भारत का बाजार शाम 5 बजे बंद हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को इंट्राडे का चुनाव करना चाहिए।
  • स्कैम इत्यादि से सावधान रहने की आवश्यकता है किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के माध्यम से ही इस तरह की ट्रेडिंग करें।
  • प्रत्येक ट्रेड के लिए स्टॉप लॉस सेट करें अन्यथा विफल हो सकते हैं।
  • फॉरेक्स ट्रेडिंग करने से पहले ट्रेडिंग करने की योजना बना लें और हमेशा उसका अनुसरण करें।
  • ट्रेडिंग से हमेशा अपनी भावनाओं को अलग करके रखें क्योंकि भावनाओं में अक्सर मनुष्य अव्यवहारिक निर्णय ले लेता है।
  • ध्यान रहे अपने नुकसान की पूर्ति के लिए ट्रेड न करें बल्कि तभी ट्रेड करें जब आपको लगता है की यह आपके लिए एकदम सही है।

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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।

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