नया घर बनाम पुनर्विक्रय घर: वर्तमान बाजार में कौन सा बेहतर विकल्प है?
एक घर एक ठोस, विवेकपूर्ण और अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश साधन के रूप में माना जाता है जो महत्वपूर्ण सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करता है देश में बड़ी आवास की कमी, परमाणु परिवारों की बढ़ती संख्या और बढ़ती आबादी का मतलब है कि नए गुणों की मांग बढ़ती रहेगी। इसके अलावा, ब्याज दरों में नरम होने के साथ, घर वालों को खरीददारी करने के लिए इसे और अधिक किफायती लगता है।
“प्रमुख बाजारों और स्वस्थों के बीच मजबूत अंत-उपयोगकर्ता की मांगमौजूदा, और हाल ही में लॉन्च किए गए दोनों परियोजनाओं में बिकवाली की बिक्री से पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना चाहिए और निकट भविष्य में उपभोक्ता विश्वास को बहाल करना चाहिए। आने वाले वर्षों में ब्याज दरों को कम करने के लिए आवासीय अचल संपत्ति की मांग को और बढ़ावा देना चाहिए। सुनील शर्मा, वीपी-सीआरएम और मार्केटिंग, महिंद्रा लाइफस्पेस डेवेलपर्स लिमिटेड कहते हैं, इन सभी कारकों, वर्तमान मांग-आपूर्ति के अंतराल के साथ, अचल संपत्ति के लिए एक निवेश संपत्ति के रूप में अच्छी तरह से काम करती हैं।
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2020 में निवेश के 5 बेहतर विकल्प, स्मार्ट स्ट्रैटजी से मिलेगा शानदार रिटर्न
2020 में निवेश के लिए आप किन विकल्पों को चुन सकते हैं.भविष्य बनाम विकल्प
आइए जानते हैं कि 2020 में आप निवेश के लिए किन विकल्पों को चुन सकते हैं.
Smart Investment Choices in 2020: हर व्यक्ति अपने भविष्य बनाम विकल्प सुरक्षित भविष्य के लिए निवेश करता है. भविष्य में ज्यादा वित्तीय परेशानी या चिंता न हो, इसके लिए हर व्यक्ति निवेश के सही विकल्प ढूंढ़ता है. मजबूत फाइनेंशियल पोर्टफोलियो बनाना बहुत जटिल और मुश्किल हो सकता है. अच्छे मुनाफे के लिए व्यक्ति को कई चीजों जैसे वित्तीय लक्ष्य, जोखिम, निवेश के रिटर्न और फंड की उपलब्धता को ध्यान में रखना चाहिए. आइए जानते हैं कि 2020 में निवेश के लिए आप किन विकल्पों को चुन सकते हैं.
इक्विटी (Equity)
इक्विटी आपके निवेश के पोर्टफोलियो में सबसे जरूरी एसेट क्लास में से एक है. इसकी वजह है कि इसमें आप SIP के जरिए निवेश से दौलत बना सकते हैं. इससे आपके भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी जिसके लिए कॉर्पस जमा करने की जरूरत होती है. अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करते हैं, तो आप इक्विटी म्यूचुअल फंड से बेहतरीन रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं. इक्विटी मार्केट के वैल्युएशन को देखते हुए, निवेशकों को SIP/STP मोड से नियमित तौर पर पैसा लगाना चाहिए.
अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म स्कीम्स
कुछ निवेशक अपने फंड को लंबे समय के लिए नहीं रखना चाहते और निवेश करने पर लिक्विडिटी चाहते हैं. ऐसे निवेशकों के लिए सेबी ने अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म और कम अवधि की भविष्य बनाम विकल्प स्कीम्स को रेगुलेट किया है जो विश्वसनीय हैं. यह छोटी अवधि में रिटर्न देती हैं और इनमें ज्यादा लिक्विडिटी है. अपने नजदीकी भविष्य के लक्ष्यों के लिए अल्ट्रा शॉर्ट टर्म और कम अवधि वाले फिक्स्ड इनकम स्कीम्स को चुनें. ये टैक्स बचत के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा बेहतर हैं. खासकर जो लोग ज्यादा टैक्स स्लैब में हैं और अगर तीन साल से ज्यादा तक होल्ड किया है, तो उन्हें टैक्स में फायदा है.
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सोना (Gold)
आप निजी इमरजेंसी के लिए सोने में भविष्य बनाम विकल्प निवेश कर सकते हैं. वित्तीय संकट में यह आपको बचाएगा. मुद्रास्फीति और बाजार की अस्थिरता से आपको बचाने के लिए यह बेहतरीन एसेट क्लास है. अगर व्यक्ति फिजिकल फॉर्म में सोना नहीं खरीदना चाहते तो वे सोने में निवेश गोल्ड फंड या गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के जरिए कर सकता है.
अगर आपके पास डीमैट अकाउंट है, तो आप गोल्ड ETF में निवेश कर सकते हैं, जिससे 99.5 फीसदी शुद्ध सोने में निवेश होता है. हालांकि, गोल्ड ETF में SIP के जरिए निवेश की इजाजत नहीं है. अगर आप सोने में पीरियोडिक निवेश करना चाहते हैं, तो आप गोल्ड फंड्स में निवेश कर सकते हैं, जो गोल्ड ETF के यूनिट्स खरीदता है और व्यक्ति को नियमित अंतराल पर फंड में निवेश करने की इजाजत देता है.
गोल्ड फंड्स में फिजिकल और दूसरे सोने से जुड़े निवेश जैसे ETF के मुकाबले से ज्यादा लिक्विडिटी और सुरक्षा भी मिलती है. गोल्ड फंड्स के जरिए सोने में अपने पोर्टफोलियो का 5 से 15 फीसदी रखने की कोशिश करें.
छोटी बचत योजनाएं (Small Savings Schemes)
सरकार ने कई बचत योजनाओं को रेगुलेट किया है जैसे PPF, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम्स आदि जिनमें व्यक्ति अपनी वित्तीय जरूरतों के हिसाब से निवेश कर सकता है. यह स्कीम्स शादी, शिक्षा, हेल्थकेयर आदि के लिए पैसों की जरूरत को पूरा करती हैं और इसके साथ ही टैक्स की बचत भी होती है.
रिटायरमेंट के लिए NPS
नेशनल पेंशन स्कीम सरकारी पेंशन स्कीम है, लेकिन यह बाजार से जुड़ी है. इसमें निवेशक नियमित तौर पर योगदान से रिटायरमेंट के लिए फंड तैयार कर सकते हैं. क्योंकि यह मार्केट से जुड़ा प्रोडक्ट है, इसलिए इसमें रिटर्न चुने गए फंड के प्रदर्शन से सीधे जुड़े हैं. यह स्कीम एक सैलरी पाने व्यक्ति के लिए उपयुक्त है जो 80CCD(1) और 80CCD के भीतर डिडक्शन चाहते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि इसमें निवेश की मेच्योरिटी रिटायर होने पर ही होगी, इसलिए लिक्विडिटी चिंता का विषय हो सकता है.
By: नवीन कुकरेजा, सीईओ एवं को-फाउंडर, पैसा बाजार डॉट कॉम
PPF vs VPF vs FD: जानिए कौन-सा निवेश विकल्प रहेगा आपके लिए बेहतर
पीपीएफ वित्त मंत्रालय के राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा सन् 1968 में एक सेविंग इंस्ट्रूमेंट के रूप में लाया गया था। यह योजना आयकर लाभों के साथ आती है। पीपीएफ में आपको अकाउंट एक्टिव रखने के लिए एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बढ़ती महंगाई और आधुनिक होती जीवन शैली के साथ ही लोग इस समय उन विकल्पों में निवेश के लिए देख रहे हैं, जो अच्छा रिटर्न दें और समय के साथ उन्हें एक मोटी राशि जमा करने में मदद करे। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से गारंटीड रिटर्न की पेशकश करने वाले निवेश विकल्पों की ब्याज दरों में गिरावट आई है। वहीं, सरकार सुकन्या भविष्य बनाम विकल्प समृद्धि योजना, पीपीएफ सहित कई ऐसी योजनाओं की पेशकश कर रही है, जो आपको अपने रिटायरमेंट के लिए बचत करने में मदद करती हैं। इन उत्पादों में निवेश कर आप अपनी बचत पर गारंटीड रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
बैंक एफडी की बात करें, तो यह भारत में एक लोकप्रिय निवेश विकल्प माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ समय से एफडी पर ब्याज दरों में काफी गिरावट आई है। हालाकिं, कुछ वर्षों से पीपीएफ और एनपीएस जैसे दूसरे निवेश विकल्पों ने भी लोकप्रियता प्राप्त की है। आठ फीसद से अधिक ब्याज दर के साथ वीपीएफ वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है। वीपीएफ (VPF) कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का ही विस्तार होता है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पीपीएफ वित्त मंत्रालय के राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा सन् 1968 में एक सेविंग इंस्ट्रूमेंट के रूप में लाया गया था। यह योजना आयकर लाभों के साथ आती है। पीपीएफ में आपको अकाउंट एक्टिव रखने के लिए एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होता है। वहीं, आप एक वित्त वर्ष में पीपीएफ में अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हो। पीपीएफ 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है। मार्च 2021 को समाप्त हो रही तिमाही के लिए इस योजना में ब्याज दर 7.1 फीसद है। पीपीएफ आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की आयकर छूट की पेशकश करता है। इस योजना में अर्जित ब्याज भी पूरी तरह कर मुक्त होता है।
स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF)
वीपीएफ एक स्वैच्छिक योगदान है, जो वैधानिक ईपीएफ योगदान के अतिरिक्त होता है। केवल वेतनभोगी कर्मचारी, जो ईपीएफओ के सदस्य हैं, वीपीएफ में निवेश कर सकते हैं। कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी के 12 फीसद से अधिक ईपीएफ में योगदान नहीं दे सकते हैं। अगर कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी के 12 फीसद से अधिक का योगदान देना चाहते हैं, तो वीपीएफ के तहत कर सकते हैं। वीपीएफ पर मौजूदा ब्याज दर 8.50 फीसद है। वीपीएफ में योगदान धारा 80 सी के तहत कर छूट के योग्य होता है। ईपीएफ की तरह ही वीपीएफ भी EEE स्टेटस के साथ आती है। अर्थात इसमें निवेश राशि, ब्याज राशि और मैच्योरिटी की राशि सभी कर मुक्त होती हैं।
बैंक एफडी (Bank FD)
बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) द्वारा एफडी की पेशकश की जाती है। बैंक एफडी सुरक्षित बचत का एक बेहतरीन माध्यम है। इसमें आप अपनी इच्छा के अनुसार निवेश राशि और अवधि का चयन कर सकते हैं। बैंक एफडी को मैच्योरिटी की तारीख से पहले नहीं तोड़ा जा सकता है, लेकिन अत्यधिक जरूरत पड़ जाने पर पेनल्टी भरकर एफडी की राशि निकाली जा सकती है। एफडी पर भिन्न-भिन्न बैंक अलग-अलग ब्याज दरों की पेशकश करते हैं। स्मॉल फाइनेंस बैंक एफडी पर अपेक्षाकृत अधिक ब्याज दर की पेशकश करते हैं।
आप बनेगी भविष्य का विकल्प: नरेश
गुजरात के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को सीटें मिलने को उत्साहवर्धक बताते हुए कार्यकर्ताओं ने हरिद्वार ग्रामीण में ढोल बजाकर एक-दूसरे को बधाई.
गुजरात के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को सीटें मिलने को उत्साहवर्धक बताते हुए कार्यकर्ताओं ने हरिद्वार ग्रामीण में ढोल बजाकर एक-दूसरे को बधाई दी।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश शर्मा ने कहा कि गुजरात की जनता ने आम आदमी पार्टी का खाता खोलकर यह साबित कर दिया कि अब पूरे देश में आम आदमी पार्टी बड़ी राजनैतिक ताकत बनने जा रही है। नरेश शर्मा ने कहा कि गुजरात में बड़ी संख्या में वोट मिलने के कारण आज आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा हासिल कर चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष संजू नारंग ने इसे कार्यकर्ताओं की मेहनत की जीत बताया। इस मौके पर संगठन मंत्री खालिद हसन, मूजत्तजिर अंसारी, उस्मान मालिक, ताजुदीन, सुल्तान राव, टिनकुराम, खलील अहमद आदि मौजूद रहे।
पुराने पड़ चुके हैं गहलोत, कांग्रेस के भविष्य के लिए सही विकल्प नहीं
71 साल के दिग्गज राजनेता ने हाल के दिनों में कई राज्यों में पार्टी के लिए आंतरिक संकट को टालने का काम किया है मगर उनकी प्रमुख छवि एक चतुर, बुद्धिमान और सत्ता के भूखे मुख्यमंत्री की ही है.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत असल में एक क्षेत्रीय राजनीतिक हस्ती ही हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और कांग्रेस आलाकमान के दूत के रूप में 71 साल के दिग्गज राजनेता ने हाल के भविष्य बनाम विकल्प भविष्य बनाम विकल्प दिनों में कई राज्यों में पार्टी के लिए आंतरिक संकट को टालने का काम किया है मगर उनकी प्रमुख छवि एक चतुर, बुद्धिमान और सत्ता के भूखे मुख्यमंत्री की ही है.
सचिन पायलट अधिक लोकप्रिय हैं
जुलाई 2020 में सरकार को गिराने की कोशिश करने पर अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट के खिलाफ उन्होंने जिस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग किया वह उनकी इस छवि को और मजबूत करता है. राजस्थान से बाहर सचिन पायलट निश्चित रूप से अशोक गहलोत से अधिक लोकप्रिय हैं. युवा, सौम्य, शालीन और मुखर सचिन पायलट को कांग्रेस के भविष्य के रूप में देखा जाता है. इसके भविष्य बनाम विकल्प विपरीत गहलोत खुद को बेहतर ढंग से अभिव्यक्त नहीं कर पाते हैं. कांग्रेस पार्टी के सामने भविष्य की चुनौतियों की जगह उनकी छवि कांग्रेस के पूर्व के गौरव से जुड़ी हुई ज्यादा लगती है.
अतीत बनाम भविष्य
आम कांग्रेसी अपने भावी अध्यक्ष में केवल आंतरिक विद्रोह को खत्म करने की भविष्य बनाम विकल्प क्षमता की जगह उनमें नेतृत्व वाला गुण देखना चाहेंगे. गहलोत को सचिन पायलट के विद्रोह को दबाने और हाल के राज्यसभा चुनाव में मीडिया पर्सनालिटी सुभाष चंद्रा को हराने के लिए जाना जाता है.
कांग्रेस अध्यक्ष बनने की कामना नहीं करने वाले उम्मीदवार
गहलोत उस पद को स्वीकार करने के लिए स्पष्ट रूप से अनिच्छुक हैं. उनके मुताबिक यह पद राहुल गांधी के लिए उपयुक्त है जो कांग्रेस के सबसे स्वीकार्य नेता हैं.उनकी अनिच्छा यह जताती है कि वे राहुल गांधी की जगह कांग्रेस के भावी अध्यक्ष के रूप में अपनी सीमाओं को पहचानते हैं. उनका भाव यह भी दर्शाता है कि वे राजस्थान में अपने गढ़ में ही खुश हैं और ज्यादा मेहनत करने की उनकी इच्छा नहीं है. वे तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अगले साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस पद बचाने के लिए उन्हें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.भविष्य बनाम विकल्प
कम्फर्ट जोन
वाजिब तौर पर यह माना जा सकता है कि अशोक गहलोत अगर कांग्रेस अध्यक्ष बन भी जाते हैं तब भी उनका दिन उनके गृह राज्य राजस्थान के लिए ही धड़कता रहेगा. मगर कांग्रेस अध्यक्ष के लिए यह जरूरी है कि वह पूरे देश में पार्टी को मजबूत करे न कि केवल एक विशेष राज्य में. इससे साफ है कि वह केवल राजस्थान के लिए ही ठीक हैं. गहलोत के पास गृह राज्य में ही काम करने का हवाला देने का पहले का एक उदाहरण भी है.
कमलनाथ का उदाहरण
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ को भी कथित तौर पर अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी जगह लेने का प्रस्ताव दिया था. अप्रैल 2017 से पीसीसी प्रमुख कमलनाथ ने इस प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि वह मध्य प्रदेश में पार्टी का नेतृत्व करना चाहेंगे जहां अगले साल नवंबर में राजस्थान और छत्तीसगढ़ के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं.
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