मुद्रा परिवर्तनीयता की अवधारणा अपने मूल रूप में ________ में उत्पन्न की गई थी।
ब्रेटन वुड्स समझौता 1944 में स्थापित मौद्रिक और भारत में मुद्रा की परिवर्तनीयता विनिमय दर प्रबंधन के लिए ऐतिहासिक प्रणाली है। यह 1 जुलाई से 22 जुलाई 1944 तक ब्रेटन वुड्स, न्यू हैम्पशायर में आयोजित संयुक्त भारत में मुद्रा की परिवर्तनीयता राष्ट्र मौद्रिक और वित्तीय सम्मेलन में विकसित की गयी थी। समझौते के तहत, मुद्राओं को सोने की कीमत पर आंका गया था, और अमेरिकी डॉलर को सोने की कीमत से जुड़ी आरक्षित मुद्रा के रूप में देखा गया था।
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Last updated on Dec 2, 2022
IB Security Assistant Notification has been withdrawn due to technical reasons on 5th November 2022! The Intelligence Bureau, Ministry of Home Affairs had released the notification for IB Security Assistant Recruitment 2022. A total of 1521 vacancies had been announced. The selection process comprises an objective type test, a descriptive test, and an interview. Interested candidates could apply online till 25th November 2022. The fresh application dates and vacancies are expected to be released.
रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता का अर्थ है -
रुपये से विदेशी मुद्रा की मुक्त रूप से खरीद आयात के लिए रुपये के रूप में भुगतान ऋण की वापसी रुपये के रूप में मांग और पूर्ति के बाजार बलों द्वारा रुपये और विदेशी मुद्राओं के बीच विनिमय दर का मुक्त रूप से निर्धारण
Solution : परिवर्तनीय मुद्रा वह मुद्रा होती है जो आसानी से खरीदी, बेची और परिवर्तित की जा सकती है, बिना किसी केंद्रीय बैंक या संस्था की अनुमति के रुपये के पूर्ण परिवर्तनीय होने का तात्पर्य यह है कि इसे किसी भी दूसरे देशों में दूसरी मुद्रा के साथ आसानी से परिवर्तित किया जा सकेगा और साथ ही भारत में दूसरी मुद्रा का आसानी से रुपये में हस्तांतरण हो सकेगा।
रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता को भारत अभी तैयार नहीं : रिजर्व बैंक
भारत अभी भी पूंजी खाते में रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता के लिए तैयार नहीं है। देश अभी एक विस्तार करती अर्थव्यवस्था है और बाहरी मोर्चे पर इसे स्थिरता की जरूरत है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एच.आर. खान ने यह बात कही।
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मुंबई : भारत अभी भी पूंजी खाते में रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता के लिए तैयार नहीं है। देश अभी एक विस्तार करती अर्थव्यवस्था है और बाहरी मोर्चे भारत में मुद्रा की परिवर्तनीयता पर इसे स्थिरता की जरूरत है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एच.आर. खान ने यह बात कही।
खान ने कहा कि रुपये को पूंजी खाते में पूरी तरह परिवर्तनीय बनाने के नफे- नुकसान से जुड़ा मुद्दा काफी विवादित मुद्दा है। ‘फिलहाल, इस समय हम इसके लिए तैयार नहीं हैं।’ खान ने कहा कि विदेशी विनिमय बाजार की पृष्ठभूमि 1991 में देश के समक्ष आए भुगतान संतुलन संकट के बाद कई कारणों पर आधारित है। रिजर्व बैंक ने खान द्वारा 17 जनवरी को मुंबई में एक प्रबंधन संस्थान में इस संबंध में दिए भाषण को वेबसाइट पर डाला है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 1994 में रुपये को चालू खाते में पूरी तरह परिवर्तनीय बनाने की अनुमति दी थी। उसके बाद से रुपये को पूंजी खाते में भी परिवर्तनीय बनाया जा रहा है। वर्तमान में भारतीय मुद्रा सिर्फ चालू खाते में ही परिवर्तनीय है। हालांकि, कुछ पूंजी खाते के लेनदेन की भी अनुमति है। चालू खाते की परिवर्तनीयता का मतलब है कि मुद्रा की सीमा पार आवाजाही पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।
विदेशी निवेशक जहां देश में 81 अरब डालर तक के बॉंड खरीद सकते हैं वहीं शेयर बाजार में निवेश की कोई सीमा नहीं है।
भारत रुपए की पूर्ण परिवर्तनीयता के लिए अभी तैयार नहीं: रिजर्व बैंक
मुंबई: भारत अभी भी पूंजी खाते में रुपए की पूर्ण परिवर्तनीयता के लिए तैयार नहीं है। देश अभी एक विस्तार करती अर्थव्यवस्था है और बाहरी मोर्चे पर इसे स्थिरता की जरूरत है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एच.आर. खान ने यह बात कही।
खान ने कहा कि रपये को पूंजी खाते में पूरी तरह परिवर्तनीय बनाने के नफे- नुकसान से जुड़ा मुद्दा काफी विवादित मुद्दा है। ‘‘फिलहाल, इस समय हम इसके लिए तैयार नहीं हैं।’’ खान ने कहा कि विदेशी विनिमय बाजार की पृष्ठभूमि 1991 में देश के समक्ष आए भुगतान संतुलन संकट के बाद कई कारणों पर आधारित है। रिजर्व बैंक ने खान द्वारा 17 जनवरी को मुंबई में एक प्रबंधन संस्थान में इस संबंध में दिए भाषण को वेबसाइट पर डाला है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 1994 में रुपए को चालू खाते में पूरी तरह परिवर्तनीय बनाने की अनुमति दी थी। उसके बाद से रुपए को पूंजी खाते में भी परिवर्तनीय बनाया जा रहा है। वर्तमान में भारतीय मुद्रा सिर्फ चालू खाते में ही परिवर्तनीय है। हालांकि, कुछ पूंजी खाते के लेनदेन की भी अनुमति है। चालू खाते की परिवर्तनीयता का मतलब है कि मुद्रा की सीमापार आवाजाही पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। विदेशी निवेशक जहां देश में 81 अरब डालर तक के बॉंड खरीद सकते हैं वहीं शेयर बाजार में निवेश की कोई सीमा नहीं है।
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रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता को भारत अभी तैयार नहीं : रिजर्व बैंक
भारत अभी भी पूंजी खाते में रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता के लिए तैयार नहीं है। देश अभी एक विस्तार करती अर्थव्यवस्था है और बाहरी मोर्चे पर इसे स्थिरता की जरूरत है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एच.आर. खान ने यह बात कही।
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मुंबई : भारत अभी भी पूंजी खाते में रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता के लिए तैयार नहीं है। देश अभी एक विस्तार करती अर्थव्यवस्था है और बाहरी मोर्चे पर इसे स्थिरता की जरूरत है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एच.आर. खान ने यह बात कही।
खान ने कहा कि रुपये को पूंजी खाते में पूरी तरह परिवर्तनीय बनाने के नफे- नुकसान से जुड़ा मुद्दा काफी विवादित मुद्दा है। ‘फिलहाल, इस समय हम इसके लिए तैयार नहीं हैं।’ खान ने कहा कि विदेशी विनिमय बाजार की पृष्ठभूमि 1991 में देश के समक्ष आए भुगतान संतुलन संकट के बाद कई कारणों पर आधारित है। रिजर्व बैंक ने खान द्वारा 17 जनवरी को मुंबई में एक प्रबंधन संस्थान में इस संबंध में भारत में मुद्रा की परिवर्तनीयता दिए भाषण को वेबसाइट पर डाला है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत में मुद्रा की परिवर्तनीयता भारत में मुद्रा की परिवर्तनीयता 1994 में रुपये को चालू खाते में पूरी तरह परिवर्तनीय बनाने की अनुमति दी थी। उसके बाद से रुपये को पूंजी खाते में भी परिवर्तनीय बनाया जा रहा है। वर्तमान में भारतीय मुद्रा सिर्फ चालू खाते में ही परिवर्तनीय है। हालांकि, कुछ पूंजी खाते के लेनदेन की भी अनुमति है। चालू खाते की परिवर्तनीयता का मतलब है कि मुद्रा की सीमा पार आवाजाही पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं भारत में मुद्रा की परिवर्तनीयता है।
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