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डीमैट अकाउंट डिजिटल मोड पर ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है. यह स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने का पहला कदम है, विशेषकर अगर आप बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में ट्रेड करना चाहते हैं. डीमैट अकाउंट के साथ, आप कमोडिटी, इक्विटी और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करके फाइनेंशियल वेरिएबल के दौरान भी पैसे बना सकते हैं और उसे बढ़ा सकते हैं.
बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड आपको मुफ्त में अकाउंट खोलने की सुविधा देता है और किफायती सब्सक्रिप्शन प्लान में उपलब्ध कई ट्रेडिंग विकल्प प्रदान करता है. बीएफएसएल सुविधाजनक ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए पेपरलेस और आसान अकाउंट रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रदान करता है.
डीमैट अकाउंट में डिजिटल मोड में शेयर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, भारत में ब्रोकरेज चार्ज की पूरी जानकारी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) आदि जैसी फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ होती हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना पहला चरण है. समय के साथ, महंगाई निवेशित पैसे की कीमत को कम करती है. स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से आपको अपने पैसे को काम पर लगाने का और उसे सही तरीके से बढ़ाने का अनुकूल अवसर मिलता है. बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड के साथ आप ऑनलाइन मुफ्त* डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं.
क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया
वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।
लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।
10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?
दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार
मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।
दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:
क्रमांक | कितने तरह के चार्जेज | कितना चार्ज | रकम |
---|---|---|---|
1 | ब्रोकरेज | 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो | 0 |
2 | सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.1% | 100/- |
3 | ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.00325% | 3.25/- |
4 | GST | ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज | 0.585/- |
5 | SEBI चार्ज | 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर | 0.1/- |
कुल | 103.93/- |
तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।
उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी भारत में ब्रोकरेज चार्ज की पूरी जानकारी फीस की जानकारी उसमें होती है।
दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार
जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।
अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।
इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे भारत में ब्रोकरेज चार्ज की पूरी जानकारी और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।
दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार
तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।
अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।
इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।
10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?
जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।
ज़ेरोधा के साथ ट्रेड करना कितना सुरक्षित है?
मुझे उम्मीद है कि उपरोक्त सभी कारक आपको यह दिलासा देता है की आपका धन और निवेश Zerodha के साथ कितना सुरक्षित हैं, इस बारे में आपको कोई भी संदेह हो दूर होजाना चाहिए। हम लगातार मुनाफे के साथ एक ठोस व्यवसाय हैं। आपको किसी बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
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प्रॉपर्टी ब्रोकर और ब्रोकरेज फर्म के बीच मुख्य अंतर
एक विशाल संपत्ति बाजार में, कभी-कभी संपत्ति ब्रोकर, रियल एस्टेट एजेंट या रियल्टी सलाहकार के बिना एक संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए संभव नहीं हो सकता है, जो आपको उसी के साथ मदद करता है। इस मामले में, क्या आपको अपने लिए काम करने के लिए एक व्यक्तिगत एजेंट या ब्रोकरेज फर्म को चुनना चाहिए? हम कुछ उत्तरों को खोजने की कोशिश करते हैं, जो प्रत्येक ऑफ़र के लाभों को देखते हैं।
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डिस्काउंट ब्रोकर क्या है भारत के Best Discount Broker In India Hindi
Discount Broker Kya Hai In Hindi: शेयर मार्केट में सबसे महत्वपूर्ण होता है ब्रोकर जिसके द्वारा कोई भी निवेशक शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर सकता है. ये तो आप सभी लोग जानते होंगे कि शेयर मार्केट में एक निवेशक सीधे तौर पर ट्रेडिंग नहीं कर सकता है. ट्रेडिंग करने के लिए निवेशक को एक इंटरमीडियट की जरुरत होती है, यही इंटरमीडियट स्टॉक ब्रोकर होते हैं.
अपनी सेवाओं के आधार पर स्टॉक ब्रोकर भी अनेक प्रकार के होते हैं, लेकिन जो स्टॉक ब्रोकर आजकल सबसे ज्यादा चर्चा में हैं वह हैं Discount Stock Broker, जिसके बारे में हम आपको आज के इस लेख में बताएँगे.
आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Discount Broker क्या है, डिस्काउंट ब्रोकर कौन से सर्विस अपने कस्टमर को देते हैं और कौन सी सर्विस नहीं देते हैं, डिस्काउंट ब्रोकर के क्या फायदे हैं और भारत के कुछ प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकर के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा.
इसलिए डिस्काउंट ब्रोकर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने हेतु बने रहिये लेख के अंत तक. तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख – डिस्काउंट ब्रोकर क्या है इन हिंदी.
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