BSE से शेयर बाजार की तरह खरीद सकेंगे सोना, दीपावली तक शुरू हो सकती है ट्रेडिंग
इलेक्ट्रानिक गोल्ड रिसीट के रूप में होगी खरीद-फरोख्त निवेशकों को सोने को फिजिकल फार्म में भी लेने की मिलेगी सुविधा -फिजिकल फार्म में सोने की डिलीवरी के लिए ब्रिक्स इंडिया और सिक्वेल लाजिस्टिक के साथ बांबे स्टाक एक्सचेंज का समझौता
नई दिल्ली, राजीव कुमार। बांबे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) से अब सिर्फ शेयर ही नहीं, सोने की भी खरीदारी की जा सकेगी। इस साल दिवाली तक बीएसई के प्लेटफार्म से सोने की खरीद-फरोख्त की सुविधा शुरू हो सकती है। हाल ही में बाजार नियामक सेबी ने बीएसई को सोने की ट्रेडिंग की मंजूरी दी है और उसके बाद से बीएसई प्लेटफार्म पर सोने के कारोबार की शुरुआत की प्रक्रिया तेज हो गई है।
सोने के सिक्के और बार के आकार का सोना
यह खरीद-फरोख्त इलेक्ट्रानिक गोल्ड रिसीट (ईजीआर) के रूप में होगी, लेकिन निवेशक अपने सोने को फिजिकल फार्म में लेना चाहे तो इसकी सुविधा भी दी जाएगी। सोने के सिक्के और बार के आकार में फिजिकल सोना दिया जाएगा। वैसे ही, घर में रखे सोने को भी बीएसई पर बेचा जा सकेगा।
बीएसई प्लेटफार्म पर सोने की खरीदारी
बीएसई प्लेटफार्म पर सोने की खरीदारी बिल्कुल शेयर की खरीदारी की तरह होगी। अलग से कोई खाता नहीं खुलवाना होगा।निवेशक के पास सिर्फ डीमैट अकाउंट होना चाहिए। अभी किसी कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए डीमैट अकाउंट के जरिये बीएसई के प्लेटफार्म पर जाते हैं और उस कंपनी के उस दिन के शेयर भाव को सर्च कर उसकी खरीद-बिक्री करते हैं। वैसे ही, बीएसई पर उस दिन का सोने का भाव दिखेगा और निवेशक अपनी इच्छानुसार सोने की खरीदारी कर सकेंगे।
अगर निवेशक ने 50 ग्राम सोना खरीदा है तो शेयर की तरह सोने का निवेश भी उसके डीमैट में दिखता रहेगा। मान लीजिए एक माह बाद निवेशक सोना बेचना चाहता है तो वह सिर्फ बीएसई पर जाकर सोना की बिक्री के लिए सेल का बटन दबाएगा और उस दिन की सोने की दर के हिसाब से उसके खाते में पैसा आ जाएगा। अगर वह निवेशक अपने खाते में जमा सोने को फिजिकल रूप में लेना चाहता है तो उसे बीएसई के डिलीवरी सेंटर में जाना होगा।
ब्रिक्स इंडिया और सिक्वेल लाजिस्टिक
फिजिकल रूप में निवेशक को सोना देने या उनसे लेने के लिए दो कंपनियां ब्रिक्स इंडिया और सिक्वेल लाजिस्टिक के साथ समझौता किया गया है। जो ग्राहक फिजिकल रूप में सोना देना या लेना चाहते हैं, वे इन दोनों कंपनियों की अधिकृत शाखा में जाकर ऐसा कर सकेंगे। अगर कोई निवेशक घर में रखे सोना को ईजीआर के रूप में अपने डीमैट में रखना चाहता है तो उसे इन दोनों कंपनियों की शाखा में जाकर फिजिकल रूप से सोना जमा करना होगा और वह जानकारी उनके डीमैट खाते में चढ़ जाएगी। सोने की इस ट्रेडिंग के लिए बीएसई आयातक, बैंक जैसे माध्यम से सोने की खरीदारी भी करेगा।- समीर पाटील, मुख्य बिजनेस अधिकारी, बीएसई
काम की बात: लोगों को बरगला रहे अनधिकृत फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, कमाई गंवा रहे निवेशक
रिजर्व बैंक ने विदेशी करेंसी में पैसा लगाने वाले निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। खास तौर पर ऐसे अनधिकृत फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के प्रति चेताया है, जो हाल के महीनों में बड़े पैमाने पर उभरे हैं और लोगों से ऊंचे रिटर्न का वादा कर रहे हैं।
आरबीआई ने एक बयान जारी करके कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉम्स, सर्च इंजन्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और गेमिंग एप्स पर अनधिकृत ईटीपी के ढेर सारे भ्रामक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है विज्ञापन आ रहे हैं। अनधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स लोगों को निजी तौर पर संपर्क कर उन्हें फॉरेक्स में ट्रेड कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दे रहे हैं। इसमें ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है फ्रॉड की शिकायतें आ रही हैं, और इनमें निवेश करने वाले अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं।
अथॉराइज्ड पर्सन्स के साथ ही हो लेनदेन
आरबीआई ने कहा है कि देश ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है में इलेक्ट्रॉनिकली फॉरेक्स ट्रांजैक्शंस किए जा सकते हैं, लेकिन सिर्फ ऐसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए जो आरबीआई की तरफ से निश्चित उद्देश्यों के लिए अधिकृत हैं। लोगों को सिर्फ अधिकृत (अथॉराइज्ड पर्सन्स) लोगों के साथ विदेशी मुद्रा में लेनदेन करना चाहिए। ये लेनदेन भी केवल विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत तय उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए। केंद्रीय बैंक के बयान में कहा गया है, ‘आरबीआई लोगों को चेताता है कि वे गैर-अधिकृत ईटीपी (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) पर फॉरेक्स ट्रांजेक्शंस न करें।’
भरना पड़ सकता है जुर्माना
आरबीआई के बयान में कहा गया है कि (फेमा) के तहत तय उद्देश्यों से इतर अन्य जरूरतों के लिए विदेशी मुद्रा में लेनदेन या अनधिकृत ईटीपी के माध्यम से ट्रांजैक्शन करने पर फॉरेन एक्सचेंज एक्ट के प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है।
गाइडलाइन: आरबीआई से अधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से ही कर सकते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग
अथॉराइज्ड पर्सन्स कौन हैं?
ये वो लोग या संस्थाएं हैं, जिन्हें आरबीआई ने फॉरेक्स में डील की अनुमति दी हुई है। ये अथॉराइज्ड डीलर, मनी चेंजर या विदेशी बैंक की यूनिट हो सकती हैं। इनकी लिस्ट आरबीआई की वेबसाइट पर है।
क्या कोई भारतीय ट्रेडिंग पोर्टल पर विदेशी मुद्रा में लेनदेन कर सकता है?
हां, लेकिन सिर्फ फेमा के तहत तय उद्देश्यों के लिए अधिकृत ईटीपी के से। इसके अलावा एनएसई, बीएसई और मेट्रोपोलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया के जरिये भी फॉरेक्स ट्रांजैक्शंस किए जा सकते हैं।
ईटीपी क्या हैं? क्या इन्हें आरबीआई से अनुमति लेनी पड़ती है?
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म स्टॉक एक्सचेंजों से इतर ऐसे इलेक्ट्रॉनिक् सिस्टम हैं, जहां शेयर, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स या विदेशी मुद्रा की ट्रेडिंग की जा सकती है। आरबीआई से अनुमति लिए बगैर ये भारत में ऑपरेट नहीं कर सकते।
Paytm Money ने शुरू की F&O में निवेश की सुविधा, हर ट्रेड पर शुल्क महज 10 रुपये
Paytm Money ने F&O में निवेश की सुविधा शुरू की है, जिसमें हर ट्रेड पर महज 10 रुपये शुल्क वसूला लिया जाएगा.
Published: February 18, 2021 5:00 PM IST
भारत के घरेलू डिजिटल वित्तीय सेवा प्लेटफॉर्म पेटीएम (Paytm) ने गुरुवार को घोषणा की कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पेटीएम मनी (Paytm Money) ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग को सभी के लिए खोल दिया है. इसका उद्देश्य एक महत्वपूर्ण धन प्रबंधन उत्पाद (Wealth Management Product) के रूप में एफ एंड ओ ट्रेडिंग के साथ लोगों को सशक्त बनाना है.
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कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसे अपने अर्ली एक्सेस प्रोग्राम के लिए 1 लाख से अधिक अनुरोधों के साथ अपने प्लेटफॉर्म पर एफएंडओ ट्रेडिंग के लिए जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. ट्रेडिंग अब सभी के लिए पेटीएम मनी एप और वेबसाइट पर लाइव है.
कंपनी ने दावा किया है कि वह फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए 10 रुपये में सबसे कम और सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी ब्रोकरेज की सुविधा यूजर्स को दे रही है. कंपनी ने डिलीवरी के लिए शून्य और इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए प्रति ट्रांजैक्शन ट्रेडिंग फीस केवल 10 रुपये रखी है, जो कि काफी कम है. पेटीएम मनी द्वारा लिया जाने वाला यह शुल्क ग्राहकों को अन्य प्लेटफॉर्म्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है की तुलना में काफी कम पड़ेगा.
मूल्य कम होने के साथ-साथ यह अनुभवी से लेकर पहली बार ट्रेडिंग कर रहे व्यापारियों को उनके मोबाइल पर एक सुरक्षित वातावरण ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है में बेस्ट-इन-क्लास उत्पाद के साथ फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में व्यापार करने का लाभ मिलेगा.
एफएंडओ प्लेटफॉर्म में सहज यूआई और आसान ऑनबोर्डिग है, जो एफ एंड ओ ट्रेडिंग को हर भारतीय के लिए सुलभ और संभव बनाता है.
पेटीएम मनी ने अपने बयान में कहा है कि अर्ली ऐक्सेस प्रोग्राम के दौरान कंपनी ने टियर-3, टियर-4 और शेष भारत के अन्य शहरों से एफ एंड ओ ट्रेड में बड़े पैमाने पर दिलचस्पी देखी है. कंपनी ने 30 वर्ष से कम आयु के उपयोगकर्ता आधार और महिला निवेशकों में धन उत्पादों के प्रति भी रुचि में वृद्धि दर्ज की है.
पेटीएम मनी का उद्देश्य सभी भारतीयों के लिए स्टॉक ट्रेडिंग को सरल बनाना ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है है, चाहे वे अनुभवी व्यापारी हों या पहले से बाजार में निवेश करने वाले व्यापारी हों. यही वजह है कि कंपनी ने अपनी एप और वेबसाइट दोनों के माध्यम से निवेश और व्यापार करने की सुविधा दी है, जिसे संचालित करना बेहद सरल है.
पेटीएम मनी के सीईओ वरुण श्रीधर ने कहा, “हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जनवरी के अर्ली एक्सेस लॉन्च के बाद एफ एंड ओ के शुरुआती कुछ हफ्तों के दौरान 1 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं को एक्सेस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है की अनुमति दी गई है. प्लेटफार्म पर टीयर 1 शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, पुणे, हैदराबाद और कोलकाता के यूजर्स ज्यादा हैं. छोटे शहरों में पटना, कोटा और गुंटूर के यूजर्स रुचि दिखा रहे हैं. इसके अलावा 50 प्रतिशत से अधिक यूजर्स की उम्र 20 से 30 साल के बीच हैं.”
उन्होंने कहा, “बिना किसी कॉन्ट्रैक्ट या कमिटमेंट के 10 रुपये प्रति ऑर्डर की हमारी कीमत ट्रेडिंग की समग्र लागत को काफी कम कर देती है और इसे सुपर पारदर्शी भी बनाती है. इसके साथ ही पेटीएम मनी भारत के सबसे व्यापक और शीर्ष डिजिटल धन प्रबंधन प्लेटफॉर्म बनने के लिए एक कदम आगे ले जा रहा है.”
भारत में एफ एंड ओ ट्रेडिंग एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी क्षेत्र है, जो कई पुराने और युवा दिग्गजों को होस्ट करता है. इतने कम समय में पेटीएम मनी पर एफएंडओ ट्रेडिंग का यह व्यापक रूप से अपनाया जाना हमारे लिए काफी महत्व रखता है और प्रत्येक भारतीय के लिए डिजिटल ट्रेडिंग को लोकतांत्रिक बनाने के हमारे प्रयासों के लिए मान्यता को इंगित करता है. फ्यूचर्स और ऑप्शंस सेगमेंट में सरलीकृत ट्रेडिंग के साथ, प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता को बाजारों पर शोध करने, बाजार मूवर्स का पता लगाने, अनुकूलन वॉचलिस्ट बनाने और 50 से अधिक शेयरों के लिए मूल्य अलर्ट सेट करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करता है.
इसके अलावा, बिल्ट-इन ब्रोकरेज कैलकुलेटर के साथ निवेशक लेन-देन शुल्क की खोज कर सकता है और शेयरों को लाभकारी रूप से बेचने के लिए सटीक निवारक मूल्य जान सकता है. इसके अलावा स्टॉक ट्रेडिंग के अनुभव को और अधिक फायदेमंद बनाने के लिए एडवांस्ड चार्ट और कवर ऑर्डर और ब्रैकेट ऑर्डर जैसे अन्य विकल्प जोड़े गए हैं. यह सब बैंक-स्तरीय सुरक्षा के साथ निवेशकों के व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखने के लिए पूर्ण डेटा गोपनीयता के साथ उपलब्ध होगा. इसके अलावा, कंपनी अधिक मूल्यवर्धक सुविधाओं के साथ आने की योजना बना रही है और बहुत जल्द अपने मंच पर कुछ और रोमांचक उत्पादों को लॉन्च करने का इरादा रखती है.
पेटीएम मनी वन97 कम्युनिकेशंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो पेटीएम की मालिक है और इसका संचालन करती है. यह देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन निवेश मंच है और अब अपने उपयोगकर्ताओं के लिए स्टॉक, ईटीएफ, आईपीओ, डिजिटल गोल्ड, डायरेक्ट म्यूचुअल फंड और एनपीएस की वर्तमान सुविधा के साथ ही एफ एंड ओ की सुविधा भी लेकर आ गया है.
इसका उद्देश्य पूर्ण-स्टैक निवेश और धन प्रबंधन मंच बनने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है के साथ ही करोड़ों भारतीयों के लिए धन सृजन के अवसरों को सामने लाना है. इसका मुख्यालय और संचालन बेंगलुरु से होता है, जिसकी टीम में 300 से अधिक सदस्य हैं.
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काम की बात: लोगों को बरगला रहे अनधिकृत फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, कमाई गंवा रहे निवेशक
रिजर्व बैंक ने विदेशी करेंसी में पैसा लगाने वाले निवेशकों ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। खास तौर पर ऐसे अनधिकृत फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के प्रति चेताया है, जो हाल के महीनों में बड़े पैमाने पर उभरे हैं और लोगों से ऊंचे रिटर्न का वादा कर रहे हैं।
आरबीआई ने एक बयान जारी करके कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉम्स, सर्च इंजन्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और गेमिंग एप्स पर अनधिकृत ईटीपी के ढेर सारे भ्रामक विज्ञापन आ रहे हैं। अनधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स लोगों को निजी तौर पर संपर्क कर उन्हें फॉरेक्स में ट्रेड कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दे रहे हैं। इसमें फ्रॉड की शिकायतें आ रही हैं, और इनमें निवेश करने वाले अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं।
अथॉराइज्ड पर्सन्स के साथ ही हो लेनदेन
आरबीआई ने कहा है कि देश में इलेक्ट्रॉनिकली फॉरेक्स ट्रांजैक्शंस किए जा सकते हैं, लेकिन सिर्फ ऐसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए जो आरबीआई की तरफ से निश्चित उद्देश्यों के लिए अधिकृत हैं। लोगों को सिर्फ अधिकृत (अथॉराइज्ड पर्सन्स) लोगों के साथ विदेशी मुद्रा में लेनदेन करना चाहिए। ये लेनदेन भी केवल विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत तय उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए। केंद्रीय बैंक के बयान में कहा गया है, ‘आरबीआई लोगों को चेताता है कि वे गैर-अधिकृत ईटीपी (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) पर फॉरेक्स ट्रांजेक्शंस न करें।’
भरना पड़ सकता है जुर्माना
आरबीआई के बयान में कहा गया है कि (फेमा) के तहत तय उद्देश्यों से इतर अन्य जरूरतों के लिए विदेशी मुद्रा में लेनदेन या अनधिकृत ईटीपी के माध्यम से ट्रांजैक्शन करने पर फॉरेन एक्सचेंज एक्ट के प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है।
गाइडलाइन: आरबीआई से अधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से ही कर सकते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग
अथॉराइज्ड पर्सन्स कौन हैं?
ये वो लोग या संस्थाएं हैं, जिन्हें आरबीआई ने फॉरेक्स में डील की अनुमति दी हुई है। ये अथॉराइज्ड डीलर, मनी चेंजर या विदेशी बैंक की यूनिट हो सकती हैं। इनकी लिस्ट आरबीआई की वेबसाइट पर है।
क्या कोई भारतीय ट्रेडिंग पोर्टल पर विदेशी मुद्रा में लेनदेन कर सकता है?
हां, लेकिन सिर्फ फेमा के तहत तय उद्देश्यों के लिए अधिकृत ईटीपी के से। इसके अलावा एनएसई, बीएसई और मेट्रोपोलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया के जरिये भी फॉरेक्स ट्रांजैक्शंस किए जा सकते हैं।
ईटीपी क्या हैं? क्या इन्हें आरबीआई से अनुमति लेनी पड़ती है?
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म स्टॉक एक्सचेंजों से इतर ऐसे इलेक्ट्रॉनिक् सिस्टम हैं, जहां शेयर, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स या विदेशी मुद्रा की ट्रेडिंग की जा सकती है। आरबीआई से अनुमति लिए बगैर ये भारत में ऑपरेट नहीं कर सकते।
अब आप BSE पर भी कर सकेंगे सोने की खरीद-बिक्री, मिलेंगी ये खास सुविधाएं
बीएसई को अपने प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (Electronic Gold Receipt (EGR)) की शुरुआत करने की अनुमति मिल चुकी है.
Gold Trading on BSE : अब आप BSE ने अपने प्लेटफ्रॉम पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट (Electronic Gold Receipt) की शुरूआत कर दी है. जिससे अब आप आसानी से बीएसई पर सोने की खरीद-बिक्री कर सकेंगे. क्योंकि इसके लिए पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से बीएसई को अपने प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (Electronic Gold Receipt (EGR)) की शुरुआत करने की अनुमति मिल चुकी है. बता दें कि देश के प्रमुख शेयर बाजार बीएसई ने अपने मंच पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट (ईजीआर) की पेशकश की है, जिससे इस बहुमूल्य धातु की प्रभावी और पारदर्शी कीमत का पता लगाने में मदद मिलेगी. एक्सचेंज ने एक बयान में कहा कि उसने दिवाली पर मुहूर्त कारोबार के दौरान 995 और 999 शुद्धता के दो नए उत्पाद पेश किए हैं. इसके तहत कारोबार एक ग्राम के गुणकों में और आपूर्ति 10 ग्राम तथा 100 ग्राम के गुणकों में होगी.
बता दें कि पिछले महीने एक्सचेंज को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ईजीआर पेश करने की अंतिम मंजूरी दी थी. इसके बाद यह घोषणा की गई. बीएसई इसके लिए कई बार मॉक ट्रेडिंग भी कर चुका है ताकि इसकी क्षमता का आंकलन किया जा सके. ईजीआर के जरिये सोने में ट्रेडिंग दिवाली से शुरू हो गई. यहां आप शेयरों की तरह ही सोने की खरीद बिक्री कर सकेंगे. इसके लिए आपके पास डीमैट अकाउंट (Demat Account) होना जरूरी है, इसके लिए अलग से कोई खाता खुलवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ईजीआर के जरिये हर तरह के बाजार प्रतिभागी (Market Participants) जैसे व्यक्तिगत निवेशक, आयातक, बैंक, रिफाइनर्स, सर्राफा कारोबारी, आभूषण बनाने वाले और खुदरा विक्रेता सोने की खरीद बिक्री कर सकेंगे. शेयरों की तरह ही बीएसई पर किसी खास समय पर सोने की कीमत दिखेगी. अगर आप सोना खरीदना या बेचना चाहते हैं तो अपनी मर्जी से आप गोल्ड की खरीद-बिक्री कर सकेंगे. खरीदा गया सोना आपके डीमैट खाते में जमा हो जाएगा.
बीएसई पर बेच सकेंगे घर में रखा सोना
अगर आप सोना खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बीएसई के डिलीवरी सेंटर पर जाना होगा. फिर, इस भौतिक सोने (Physical Gold) से आप आभूषण बनवाएं या इसे बार या क्वाइन के तौर रखें, यह आपकी अपनी मर्जी होगी. आप अपने घर में रखा सोना भी बीएसई पर बेच सकेंगे. बीएसई ने इसके लिए ब्रिंक्स इंडिया और सिक्वेल लॉजिस्टिक्स के साथ समझौता किया है. आपको इसकी शाखा में जाकर फिजिकल गोल्ड जमा करवाना होगा जो ईजीआर के रूप में आपके डीमैट खाते में आ जाएगा.
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क्या होता है ईजीआर?
EGR यानी इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट अन्य प्रतिभूतियों जैसा ही होगा. इसकी ट्रेडिंग क्लियरिंग और सेट्लमेंट भी दूसरी प्रतिभूतियों (Securities) की तरह किया जा सकेगा. अभी भारत में सिर्फ गोल्ड डेरिवेटिव्स (Gold Derivatives) और गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) का कारोबार होता है जबकि दूसरे देशों में गोल्ड में भौतिक कारोबार के लिए स्पॉट एक्सचेंज हैं. सेबी ने भी भारत में गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज का रास्ता साफ कर दिया है. गोल्ड की खपत (Gold Consumption) के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे देश है.
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